10 मार्च 2023 को, सऊदी अरब साम्राज्य, इस्लामिक गणराज्य ईरान और चीन जनवादी गणराज्य द्वारा एक संयुक्त त्रिपक्षीय वक्तव्य जारी किया गया था जिसमें सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों को दो महीने में पुनः शुरू करने और अपने दूतावासों व मिशन को फिर से खोलने हेतु एक समझौते की घोषणा की गई थी। दोनों देशों ने एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने की पुष्टि की और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर बल दिया। सऊदी अरब और ईरान इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों के विदेश मंत्री अपने राजदूतों को फिर से नियुक्त करने की व्यवस्था करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। दोनों देश 2001 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग समझौते और 1998 में हस्ताक्षरित अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, संस्कृति, खेल और युवा के क्षेत्र में सहयोग हेतु सामान्य समझौते को लागू करने पर भी सहमत हुए।[i]
चित्र 1: सऊदी अरब साम्राज्य, ईरान इस्लामी गणराज्य और चीन जनवादी गणराज्य का संयुक्त त्रिपक्षीय वक्तव्य
स्रोत: सऊदी अरब साम्राज्य का विदेश मंत्रालय का ट्विटर पर आधिकारिक अकाउंट @KSAmofaEN
अरब स्प्रिंग के दौरान बहरीन में विरोध प्रदर्शनों को भड़काने, क्षेत्र के प्रॉक्सी समूहों का समर्थन करने, क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा देने में सऊदी अरब और ईरान की संदिग्ध भूमिका पर एक-दूसरे पर सवाल उठाते रहे हैं। दूसरी ओर, ईरान सऊदी अरब को ऐसा प्रतिद्वंद्वी मानता है जो इस क्षेत्र में बाहरी ताकतों को बुलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, 2016 में सऊदी शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र की हत्या के बाद तेहरान स्थित सऊदी दूतावास पर ईरानी प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने से द्विपक्षीय राजनयिक संबंध पूरी तरह से खत्म हो गए थे। तब से, ओमान और इराक ने 2021-2022 के दौरान दोनों पक्षों के बीच वार्ता की मेजबानी की है।
निहितार्थ
चीन की मध्यस्थता में हुए इस समझौते का अरब दुनिया के साथ-साथ क्षेत्र के बाहर भी बहुत महत्व है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, समझौते के प्रमुख लाभार्थी द्विपक्षीय साझेदार हैं। इस समझौते से सऊदी अरब को एआरएएमसीओ सहित तेल प्रतिष्ठानों पर सीमा पार से होने वाले हौथी ड्रोन हमलों से राहत मिलेगी। 2015 में यमन में सऊदी के नेतृत्व के अंतर्गत हस्तक्षेप के पश्चात से रियाद हौथी द्वारा कई हमलों का शिकार रहा है।[ii] संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा है कि यह समझौता यमन युद्ध को समाप्त करने में मदद करेगा।[iii] ईरान ने हौथिस को अपना राजनीतिक समर्थन व्यक्त किया है और इसे इजरायल के खिलाफ 'प्रतिरोध की धुरी' का हिस्सा मानता है।[iv] इसी तरह, ईरान को इस समझौते से क्षेत्र में अधिक स्वीकार्यता मिलेगी। तेहरान अमेरिकी प्रतिबंधों से जूझ रहा है और उसे ऐसे पड़ोसी की तलाश है जो द्विपक्षीय साझेदारी विकसित करने को तैयार है।[v] 9 मार्च 2023 को 39 ईरानी संस्थाओं पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों[vi] के बावजूद दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों की बहाली के तुरंत पश्चात ईरान की मुद्रा का मूल्य बढ़ा।[vii] हालाँकि, पिछले दिनों ईरान और अन्य खाड़ी देशों के बीच तल्खी के संकेत मिले थे; लेकिन, सऊदी-ईरान समझौते से विकसित होते संबंधों को नई गति मिलेगी।
दूसरा, यह समझौता इस क्षेत्र में चीन की शांत कूटनीति और पसंदीदा आर्थिक भागीदार से उभरता राजनीतिक सहयोगी बनने का प्रतीक है। यह समझौता चीन के पश्चिम एशियाई मामलों में मजबूत मध्यस्थ के रूप में उभरने का संकेत है; चीन ने 2023 में ईरान-जीसीसी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की भी घोषणा की है।[viii] यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या चीन यहां क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना का हिस्सा हो सकता है, लेकिन अगर यह समझौता भविष्य में सफल रहता है, तो इस क्षेत्र में बीजिंग की राजनीतिक स्थिति को देखना दिलचस्प होगा। समझौते का महत्व इसलिए भी है कि यह क्षेत्र में वैश्विक शक्ति की बदलती भूमिका को इंगित करता है। जमाल खशोगी की हत्या के बाद से, अमेरिका-सऊदी संबंधों में कमी आई है।[ix] अमेरिका और सऊदी अरब के बीच मार्च के मध्य में होने वाला द्विपक्षीय रेड सैंड अभ्यास, जैसा कि कुछ विद्वानों का मानना है कि काउंटर ड्रोन तकनीक में अमेरिकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और रियाद को चीन से समान खरीदने से रोकने के उद्देश्य से किया जाता है।[x] अब तक रूस को एकमात्र ऐसी शक्ति माना जाता था जिसके पास इस क्षेत्र में बाहरी शक्ति के रूप में अमेरिका की भूमिका को बदलने की क्षमता थी; हालाँकि, सऊदी-ईरान समझौता चीन को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति के रूप में पेश करता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस समझौते की घोषणा शी जिनपिंग द्वारा तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति बनने के ठीक बाद की गई थी।[xi]
तीसरा, यह समझौता क्षेत्रीय देशों के लिए महत्वपूर्ण है और इसके यमन तथा सीरिया में अस्थिरता पर दीर्घकालिक प्रभाव होंगे। सऊदी अरब तथा ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली से यमन में संघर्ष पर एक अनुकूल असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि सरकार और हौथी समूह को क्रमशः रियाद और तेहरान से गुप्त राजनीतिक, सैन्य एवं आर्थिक समर्थन मिल रहा है। इस समझौते में सीरिया को अरब में मान्यता देने में तेजी लाने की भी क्षमता है। बशर अल असद के नेतृत्व वाला सीरिया एक दशक लंबे संकट के मद्देनजर अलग-थलग पड़ गया था और नवंबर 2022 में अरब लीग में सीरिया के प्रवेश को खारिज करने वाले सऊदी अरब और मिस्र ही ऐसे देश थे। भूकंप के बाद, अरब नेताओं ने दमिश्क में राजनयिक कार्यालय खोलने की इच्छा दिखाई है। मिस्र ने फरवरी 2023 में अपने विदेश मंत्री की दमिश्क यात्रा के दौरान सीरिया के साथ संबंध बहाल करने की इच्छा जताई थी।[xii] समझौते पर हस्ताक्षर करने से दो दिन पहले, सऊदी के विदेश मंत्री ने कहा कि सीरिया अरब लीग में वापस आ सकता है लेकिन अभी तक नहीं आया है।[xiii] समझौते के आलोक में सऊदी के रुख में बदलाव की उम्मीद की जा सकती है; ईरान और सीरिया के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं और मॉस्को के साथ-साथ, तेहरान संकट की शुरुआत से ही असद सरकार का प्रमुख समर्थक रहा है।
इस समझौते का कई देशों, अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और गैर-राष्ट्र समूहों ने स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, इराक, मिस्र, बहरीन, तुर्की, हौथिस, हिजबुल्ला और फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इस समझौते की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे इस क्षेत्र में शांति कायम होगी। मालदीव ने त्रिपक्षीय बयान का स्वागत किया है और बाद में ईरान के साथ राजनयिक संबंध बहाल करने की घोषणा की है।[xiv] सऊदी-ईरान समझौते के सफल होने पर क्षेत्रीय सुरक्षा पर व्यापक असर होने की संभावना है; हालाँकि, अभी आने वाले समय में प्रतीक्षा करना और इसके प्रभाव को देखना ही, उपयुक्त दृष्टिकोण होगा।
*****
*डॉ. लक्ष्मी प्रिया, शोध अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण : व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i] Joint Trilateral Statement by the People's Republic of China, the Kingdom of Saudi Arabia, and the Islamic Republic of Iran, Embassy of the People’s Republic of China in the Kingdom of Sweden, March 10, 2023, available at http://se.china-embassy.gov.cn/eng/zgxw_0/202303/t20230311_11039241.htm (Accessed on March 12, 2023)
Joint Trilateral Statement by the People's Republic of China, the Kingdom of Saudi Arabia, and the Islamic Republic of Iran, Ministry of Foreign Affairs, Saudi Arabia on tweet from twitter handle @KSAmofaEN https://twitter.com/ksamofaen/status/1634180277764276227
[ii] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[iii] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[iv] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[v] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[vi] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[vii] Timeline of Houthi Attacks on Saudi Arabia, United States Institute of Peace, September 16, 2019, available at https://iranprimer.usip.org/blog/2019/sep/16/timeline-houthi-attacks-saudi-arabia (Accessed on March 12, 2023)
[viii] China to host summit of Persian Gulf Arab Countries and Iran, Iran Press, March 13, 2023, available at https://iranpress.com/content/75006/china-host-summit-persian-gulf-arab-countries-and-iran (Accessed on March 13, 2023)
[ix] China to host summit of Persian Gulf Arab Countries and Iran, Iran Press, March 13, 2023, available at https://iranpress.com/content/75006/china-host-summit-persian-gulf-arab-countries-and-iran (Accessed on March 13, 2023)
[x] China to host summit of Persian Gulf Arab Countries and Iran, Iran Press, March 13, 2023, available at https://iranpress.com/content/75006/china-host-summit-persian-gulf-arab-countries-and-iran (Accessed on March 13, 2023)
[xi] China to host summit of Persian Gulf Arab Countries and Iran, Iran Press, March 13, 2023, available at https://iranpress.com/content/75006/china-host-summit-persian-gulf-arab-countries-and-iran (Accessed on March 13, 2023)
[xii] Kinda Makieh, Firak Makdesi, Egypt's Foreign Minister breaks ice with visits to Syria and Turkey, Reuters, February 28, 2023, available at https://www.reuters.com/world/middle-east/egypts-foreign-minister-visits-syria-first-time-since-war-2023-02-27/ (Accessed on March 13, 2023)
[xiii] Kinda Makieh, Firak Makdesi, Egypt's Foreign Minister breaks ice with visits to Syria and Turkey, Reuters, February 28, 2023, available at https://www.reuters.com/world/middle-east/egypts-foreign-minister-visits-syria-first-time-since-war-2023-02-27/ (Accessed on March 13, 2023)
[xiv] Maldives to resume diplomatic ties with Iran: Statement, Islamic Republic News Agency, March 13, 2023, available at https://en.irna.ir/news/85055842/Maldives-to-resume-diplomatic-ties-with-Iran-Statement (Accessed on March 13, 2023)