22 फरवरी 2022 को, भारत ने भोजन की गंभीर संकट से जूझ रहे देश अफगानिस्तान को किए वादे के मुताबिक गेहूँ की पहली खेप भेजी। यह आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई थी और अफगान ट्रांसपोर्टरों द्वारा एकीकृत चेक–पोस्ट अटारी (भारत) से जलालाबाद (अफगानिस्तान) पहुँचायी गई थी।[i] 26 फरवरी को, भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने ट्वीट किया था कि खेप अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर पहुँच गई है और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) जरूरतमंद परिवारों में इसका वितरण करेगा।[ii]
इस वर्ष के आरंभ में, अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने की संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की अपील का उत्तर देते हुए भारत ने 50,000 मिट्रिक टन गेहूँ भेजने का वादा किया था जिसे पाकिस्तान के रास्ते भेजा जाना था लेकिन 2019 से भारत और पाकिस्तान के बीच पारगमन व्यापार के निलंबन के कारण इस कार्य को पूरा करने के दौरान कुछ समस्याएं आईं। हालांकि, पाकिस्तान के रास्ते अनाज़ को भेजा गया, यह दोनों देशों द्वारा अफगानिस्तान को अनिवार्य मानवीय सहायता करने के लिए अपने गहरे मतभेदों को भूल जाने का उल्लेखनीय उदाहरण है।
22 फरवरी को अमृतसर में आयोजित एक समारोह में, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अटारी–वाघा सीमा पर करीब 2500 टन गेहूँ से लदे 50 अफगानी ट्रक के काफिले जिन पर, “भारत के लोगों की तरफ से अफगानिस्तान के लोगों के लिए उपहार,” का बैनर लगा था, को झंडा दिखा कर रवाना किया।[iii] समारोह में राजदूत फरीद मामुन्दजई और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कंट्री डायरेक्टर बिशॉ परजुली भी मौजूद थे। जलालाबाद में संयुक्त राष्ट्र डब्ल्यूएफपी, जिसके साथ भारत ने अफगानिस्तान में सहायता वितरण करने का समझौता किया था, को गेहूँ सौंप दिया गया था। राजदूत मामुन्दजई ने कहा “ऐसे समय में जब 20 मिलियन से अधिक अफगानी संकट से जूझ रहे हैं या तीन दशकों से भी अधिक समय में खाद्य असुरक्षा के सबसे बुरे स्तर पर हैं, भारत सरकार द्वारा की गई मदद के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ।” उन्होंने कहा कि भारत द्वारा दिया गया गेहूँ “इस कठिन समय में किसी भी देश द्वारा दिए गए सबसे बड़े खाद्य योगदानों में से एक है।”[iv] डब्ल्यूएफपी के परजुली ने ज़ोर देकर कहा कि, “अफगानिस्तान को मिलने वाली सभी मदद बेहद मूल्यवान होगी और इसलिए भारत से मिलने वाली यह मदद वास्तव में सही समय पर की गई मदद है एवं बहुत महत्वपूर्ण भी है।” 8 मार्च को, भारत ने 2000 मिट्रिक टन गेहूं वाली मानवीय सहायता की तीसरी खेप अफगानिस्तान भेजी।[v]
पिछले वर्ष तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के तेज़ी से अधिग्रहण के बाद, भारत, जो देश के प्रमुख विकास साझीदारों में से एक था और जिसने 2001 के बाद अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में मदद की थी, ने काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति को निलंबित कर दिया था। अफगानिस्तान में 15 अगस्त 2021 के बाद के घटनाक्रम भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय रहा है। काबुल के पतन के बाद नई दिल्ली की सबसे प्रमुख प्राथमिकता भारतीय नागरिकों एवं अफगान साझीदारों को वहां से बाहर निकालना था। भारत ने 16 अगस्त 2021 को काबुल से दिल्ली के 40 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर, “ऑपरेशन देवी शक्ति” नाम के कठिन निकास मिशन का आरंभ किया था। इसके बाद अफगानिस्तान से कुल 669 लोगों को निकाला गया जिसमें 448 भारतीय और 206 अफगान (अफगान हिन्दू/ सिख अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों समेत) थे। इन सभी को काबुल में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था एवं विभिन्न देशों द्वारा अपने नागरिकों को बचाने के लिए किए जा रहे संघर्ष के बीच भारत द्वारा वहां से निकाल कर लाया गया था।[vi]
नई दिल्ली ने कहा था कि उसकी “प्राथमिक और तात्कालिक” चिंता तालिबान शासन के अधीन भारत पर अफगानिस्तान से होने वाले किसी भी आतंकवादी खतरे को रोकना था।[vii] विभन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, भारत ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है कि क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर परअफगानिस्तान की ज़मी कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत न बन पाए और इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद एवं नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के सांठ–गांठ का मुकाबला मिल कर करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारत ने अफगानिस्तान में सच्चे ‘समावेशी’ और प्रतिनिधिक प्रशासन का आह्वान किया है– जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक भी आते हैं और जो पिछले बीस वर्षों में हुई उन्नति को बनाए रखने के लिए काम करें। तालिबान के साथ भारत की पहली औपचारिक राजनयिक स्तर की बातचीत 31 अगस्त 2021 को हुई जब क़तर में भारत के राजदूत ने अफगान तालिबान के वरिष्ठ सदस्य और तालिबान की 'अंतरिम' सरकार में विदेश मामलों के उप–मंत्री श़ेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकज़ई से मुलाकात की।[viii] उस बैठक में भारत ने तालिबान के सामने अपनी चिंताओं को रखा एवं उन्हें अपनी अपेक्षाएं भी बताईं।
पिछले छह महीनों में, भारत अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सोच को आकार देने के लिए बहुत काम किया है और यह आंशिक रूप से इसलिए भी था क्योंकि भारत अगस्त के महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना था,और उस समय अफगानिस्तान से संबंधित कई विचार–विमर्श किए गए थे। उस समय यूएनएससी के अध्यक्ष के रूप में भारत की उपलब्धियों में अफगानिस्तान की स्थिति पर एक सशक्त प्रस्ताव 2593 शामिल था जिसमें मांग की गई थी अफगान क्षेत्र का प्रयोग किसी भी देश को धमकाने या आतंकवादियों को शरण देने के लिए नहीं किया जाएगा।[ix] भारत जी20 प्रारूप में अफगानिस्तान से संबंधित चर्चा में शामिल रहा है, प्रधानमंत्री मोदी ने देश में उभरती मानवीय संकट की प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए 12 अक्टूबर 2021 को ‘अफगानिस्तान पर असाधारण नेताओं की बैठक’ में हिस्सा लिया था। 10 नवंबर 2021 को, भारती के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल ने “अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता” की मेज़बानी की थी जिसमें ईरान, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान ने हिस्सा लिया था और अफगानिस्तान के भविष्य एवं वहां की मानवीय स्थिति पर चर्चा की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जनवरी 2022 को पहले भारत– मध्य एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन करवाया, जिसमें मानवीय आपातकाल से निपटने के लिए संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया। नई दिल्ली के लिए, इस प्रकार की वचनबद्धता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्रीय चर्चाओं में सक्रिए सदस्य बनने का प्रयास कर रही है।
जनवरी 2022 में, संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 2022 के लिए अफगानिस्तान के लिए 4.4 बिलियन डॉलर की सहायता की मांग की––किसी भी देश के लिए मानवीय सहायता के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी अपील है। नई दिल्ली ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता तत्काल और निर्बाध तरीके से मिले, अपनी तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगातार इसकी आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। जब पाकिस्तान जानबूझकर भारत से खाद्यान्न के वितरण को रोक रहा था तब ईरान ने सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया था।[x] इससे पहले भारत ने 13 टन आवश्यक दवाओं एवं सर्दियों के कपड़ों के साथ– साथ कोरोनावायरस टीकों की पांच लाख खुराक की खेप भेजी थी– नवीनतम बैच पाकिस्तान के रास्ते से भेजा जा रहा है।[xi] फरवरी की शुरूआत में प्रस्तुत किए गए अपने वार्षिक बज़ट में, भारत ने अफगानिस्तान के लिए लगभग 26.5 मिलियन डॉलर की सहायता देने का निर्धारण किया है[xii] – जिससे पता चलता है कि गंभीर संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों के प्रति भारत कितना चिंतित और प्रतिबद्ध है।
तालिबान के नेताओं ने 7 जनवरी 2022 को दवाओं की मिली नई खेप के बाद भारत से मिलने वाली मानवीय सहायता के लिए भारत की सराहना की थी। उस समय, तालिबान के आधिकारिक मुख्य प्रकवक्ता, ज़बीउल्लाह मुज़ाहिद ने ट्वीट कर कहा था कि “इस्लामिक अमीरात मानवीय सहायता एवं सहयोग के लिए भारत का आभारी है”।[xiii]
अंत में, अफगानिस्तान की स्थिति बहुत अस्थिर है और भारत वहां के घटनाक्रम पर लगातार नज़र रख रहा है। नई दिल्ली ने देश में गंभीर मानवीय स्थिति से निपटने के लिए अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साथ काम करने की आवश्यकता को बार– बार दुहराया है। अफगानिस्तान को भारत की निरंतर मानवीय सहायता केवल अफगानिस्तान की जनता के साथ विशेष संबंधों के प्रति नई दिल्ली की प्रतिबद्धता को दुहराती है और चुनौतियों के बावजूद यह जारी रहेगी। निस्संदेह, भारत की सहायता अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता का महत्वपूर्ण संकेत है; लेकिन पाकिस्तान एवं वहां के आतंकवादी समूहों के साथ तालिबान की निकटता के कारण पैदा होने वाली सुरक्षा संबंधी चिंताएं भारत के लिए चिंता का विषय बनी रहेंगी।
*****
*डॉ. अन्वेषा घोष , शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[i] “Humanitarian Assistance to Afghanistan”. Press Release, MEA, GoI, February 22, 2022. Available at: https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/34885/Humanitarian_Assistance_to_Afghanistan (Accessed on 25.2.2022)
[ii] Farid Mamundzay (Afghan Ambassador to India) via twitter. Available at: https://twitter.com/FMamundzay?ref_src=twsrc%5Egoogle%7Ctwcamp%5Eserp%7Ctwgr%5Eauthor (Accessed on 28.2.2022)
[iii] “Modi govt sends first tranche of 2,500MT wheat to Kabul; India’s ‘Gift for people of Afghanistan’”. The Hindustan Times, Feb 22, 2022. Available at: https://www.youtube.com/watch?v=c7OroY28AgY&t=21s (Accessed on 25.2.2022)
[iv] Ibid.
[v] Arindam Bagchi (MEA Spokesperson)Twitter handle @MEAIndia, March , 2022. Available at: https://twitter.com/MEAIndia/status/1501200196297904131?ref_src=twsrc%5Egoogle%7Ctwcamp%5Eserp%7Ctwgr%5Etweet (Accessed on 9.3.2022)
[vi] “Evacuation of Indians and Afghans under ‘Operation Devi Shakti’ and shipment of humanitarian assistance for the people of Afghanistan”. MEA Press Release, GoI. December 11. 2021. Available at: https://mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/34643/Evacuation+of+Indians+and+Afghans+under+Operation+Devi+Shakti+and+shipment+of+humanitarian+assistance+for+the+people+of+Afghanistan (Accessed on 25.2.2022)
[vii] “Afghan-origin terror prime concern: India”. The Hindu, September 2, 2021. Available at: https://www.thehindu.com/news/national/main-concern-is-curbing-terror-threat-from-afghanistan-india/article61422760.ece(Accessed on 25.2.2022)
[viii] “Taliban Leader Who Met Indian Envoy in Doha Trained With Indian Army”. NDTV, September 1, 2021. Available at: https://www.ndtv.com/india-news/sher-mohammad-abbas-stanikzai-the-taliban-man-india-spoke-to-today-in-doha-trained-with-indian-army-2525224 (Accessed on 25.2.2022)
[ix] “Adopting Resolution 2593 (2021), Security Council Condemns Deadly Attacks in Afghanistan, Calls for Combating Terrorism, Upholding Human Rights”. United Nation Security Council, August 30, 2021. Available at: https://www.un.org/press/en/2021/sc14620.doc.htm (Accessed on 25.2.2022)
[x] “Iran offers to assist India in transporting aid to Afghanistan,” The Indian Express, Jan 10, 2022. Available at: https://indianexpress.com/article/india/iran-offers-to-assist-india-in-transporting-aid-to-afghanistan-7714968/(Accessed on 25.2.2022)
[xi] “India Sends Wheat to Afghanistan through Pakistan.” Voice of America, February 22, 2022. Available at: https://www.voanews.com/a/india-sends-wheat-to-afghanistan-through-pakistan/6454082.html (Accessed on 25. 2.2022)
[xii] India’s Annual Budget 2022. Available at: https://prsindia.org/files/budget/budget_parliament/2022/Union%20Budget%20Analysis%20-%202022-23.pdf (Accessed on 25. 2.2022)
[xiii] Zabiullah Mujahid (Taliban’s official central spokesman) on twitter, Jan 7, 2022 Available athttps://twitter.com/Zabehulah_M33,