मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़तह अल-सीसी ने चीन की तीन दिवसीय यात्रा (3 फरवरी से 5 फरवरी, 2022) की। फ़तह अल-सीसी ने 4 फरवरी, 2022 को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति अल-सीसी और कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा सऊदी अरब के नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया तथा इसके पश्चात् चीनी नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों को वैश्विक मीडिया द्वारा 'मिनी-समिट' कहा गया। चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की वजह से संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके) तथा जर्मनी सहित कई देशों द्वारा शीतकालीन ओलंपिक के बढ़ते राजनयिक बहिष्कार के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस 'मिनी-समिट' का आयोजन किया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 5 फरवरी, 2022 को अल-सीसी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। अल-सीसी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी)[i] के तहत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई)[ii] तथा मिस्र के विजन 2030[iii] के बीच सहयोग को सुदृढ़ करना था। यह शोध-पत्र भू-रणनीति में होते बदलाव तथा बीआरआई एवं मिस्र के विजन 2030 के बीच तालमेल के संदर्भ में मिस्र तथा चीन के बीच संबंधों पर एक अवलोकन प्रस्तुत करता है।
मिस्र-चीन संबंधों का आधुनिक इतिहास मई 1956 का है, जब मिस्र चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला अरब तथा अफ्रीकी देश बना था। चीनी सांस्कृतिक क्रांति[iv] (1966-1969) के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ खटास आई, लेकिन 1973 में योम किप्पूर युद्ध[v] के दौरान चीन द्वारा मिस्र को सैन्य उपकरण तथा आर्थिक सहायता पहुंचाने से इसके बीच के संबंध पुनः अच्छे हो गए। इसके पश्चात, दोनों देशों के संबंध लगातार बढ़े तथा इसमें आर्थिक, सुरक्षा, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र भी शामिल हैं। अप्रैल 1999 में, राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने चीन का दौरा किया, और तब दोनों पक्षों ने सामरिक सहयोग संबंध स्थापित करने का निर्णय लिया था।[vi] 2011 में अरब स्प्रिंग[vii] के दौरान, मिस्र द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान नहीं दे सका क्योंकि वह उस दौरान आंतरिक राजनीतिक संकट से निपट रहा था। 2014 में फ़तह अल-सीसी के मिस्र के राष्ट्रपति बनने के बाद ही संबंधों को और गति मिली, तथा उसी वर्ष, मिस्र ने चीन के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी)[viii] पर हस्ताक्षर किए। अपने राष्ट्रपति पद के आठ वर्षों में अब तक अल-सीसी ने चीन की सात यात्राएं की हैं।
बीजिंग में मिनी-समिट
सीएसपी के तहत बीआरआई तथा मिस्र के विजन 2030 के बीच तालमेल बढ़ाने हेतु राष्ट्रपति शी ने राष्ट्रपति अल-सीसी के साथ 'मिनी-समिट' का आयोजन किया। सीएसपी बीआरआई तथा मिस्र के विजन 2030 के बीच सहयोग को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण मंच बन गया है, और यह मिस्र को अपनी औद्योगीकरण की गति में तेजी लाने, अपनी वैज्ञानिक व तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने, अपने विकास के स्तर को बढ़ाने तथा दोनों देशों की साझा सुरक्षा हेतु कानून प्रवर्तन एवं सुरक्षा सहयोग को गहरा करने में मदद करता है।[ix] शिखर सम्मेलन में, शी ने बीआरआई को मिस्र के विजन 2030 के साथ जोड़ने पर बल दिया, जबकि अल-सिसी ने कहा कि "मिस्र बीआरआई में सक्रिय भागीदार बनने तथा औद्योगिक विकास, द्विपक्षीय व्यापार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्षेत्रों चीन के साथ व्यापक सहयोग को बढ़ाकर मिस्र के विकास में तेजी लाने हेतु तैयार है।"[x] मिस्र के विज़न 2030 के मुख्य घटकों में से एक राष्ट्रपति अल-सिसी की 'डीसेंट लाइफ इनिशिएटिव' (2019) है जिसका उद्देश्य मानव पूंजी में अवसंरचना तथा निवेश के विकास के ज़रिए आधे से अधिक मिस्रवासियों के जीवन को विकसित करना और सुधारना है।[xi] यह पहल बेरोजगार युवाओं के बीच नौकरियों की संभावनाओं को बढ़ाने तथा पुनः राजनीतिक अस्थिरता आने से रोकने हेतु आबादी के कमजोर वर्गों के जीवन यापन की स्थिति में सुधार करने हेतु है।
स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र (एससीईजेड)[xii] मिस्र में बीआरआई की परियोजनाओं का प्राथमिक केंद्र बिंदु है। इसकी वजह से, दोनों नेता आर्थिक तथा व्यापार सहयोग के लिए मिस्र-चीन क्षेत्र के विस्तार में एससीईजेड की अहम भूमिका पर सहमत हुए। इस रणनीति से स्वेज नहर को वैश्विक रसद तथा आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की उम्मीद है। इसके अलावा, उन्होंने मिस्र के उपग्रह, स्वास्थ्य उद्योग, पोर्ट अवसंरचना तथा नई प्रशासनिक राजधानी को काहिरा तथा सलाम शहर से जोड़ने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेनों और कारों का विकास जैसी परियोजनाओं को पूरा करने हेतु संयुक्त विकास सहयोग, संचार को मजबूत करने तथा राजनीतिक परामर्श को अधिकतम करने के लिए वैश्विक विकास पहल[xiii] के कार्यान्वयन को मंजूरी दी।[xiv] नई प्रशासनिक राजधानी एक 'मेगाप्रोजेक्ट' है, जिसे काहिरा के पूर्व में लगभग 45 किलोमीटर दूर रेगिस्तान के एक इलाके में बनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति शी ने घोषणा की कि मिस्र के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) चीन की विकासशील विश्व एकजुटता को सुदृढ़ करने हेतु अन्य अरब तथा अफ्रीकी देशों के साथ समान तौर-तरीकों को आगे बढ़ाने का एक साधन बन सकती है।[xv] इसी संदर्भ में, अपने राजनीतिक सहयोग को बढ़ाने के लिए, अल-सिसी तथा शी ने सामान्य हित के कई क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें ग्रैंड इथियोपियाई रेनेसां बांध[xvi] का मुद्दा भी शामिल है, जिसमें चीन ने न केवल धन का निवेश किया है, बल्कि नील नदी के पानी के समान आवंटन के मुद्दे पर इथियोपिया तथा मिस्र के बीच मध्यस्थ के रूप में गहरी रुचि भी दिखाई है।[xvii] उन्होंने लीबिया, सीरिया और यमन में जारी राजनीतिक संकट पर भी अपने विचार साझा किए।[xviii] इसके अलावा, अपने सांस्कृतिक सहयोग को गति देने के लिए, काहिरा तथा बीजिंग इस बात पर सहमत हुए कि मिस्र लोगों-से-लोगों के बीच सहयोग को बढ़ाने में चीन-अरब तथा चीन-अफ्रीका सहयोग का नेतृत्व करेगा।[xix]
राष्ट्रपति शी और राष्ट्रपति अल-सीसी ने कोविड -19 महामारी से निपटने हेतु आपसी सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता भी दिखाई। मिस्र 2020 से क्लिनिकल ट्रायल में चीनी कोविड -19 वैक्सीन निर्माता सिनोवैक के साथ सहयोग कर रहा है। सिनोवैक मिस्र को स्वचालित रेफ्रिजरेशन स्टोरेज बनाने में मदद कर रहा है जिसमें 150 मिलियन शॉट्स स्टोर किया जा सकता है, जो बन जाने के बाद अफ्रीका में सबसे बड़ा रेफ्रिजरेशन स्टोरेज होगा।[xx]
संक्षेप में, बीआरआई तथा मिस्र के विजन 2030 के बीच उभरता तालमेल चीन तथा मिस्र के बीच बढ़ती आर्थिक पूरकताओं एवं भू-राजनीतिक अभिसरण के कारण है, जो दोनों देशों के पारस्परिक दृष्टिकोण से प्रेरित हैं। चीन के दृष्टिकोण से, पश्चिम एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका (डब्ल्यूएएनए) में, मिस्र अपने सबसे शक्तिशाली सशस्त्र बलों[xxi] और भू-रणनीतिक एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण अंतरमहाद्वीपीय स्थिति के कारण क्षेत्र में अग्रणी है जो चीन के बीआरआई को बढ़ावा देने एवं संरक्षित करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके ऊर्जा संसाधन संपन्न देशों जैसे सऊदी अरब तथा यूएई के साथ मजबूत संबंध हैं, जो बीजिंग के भी महत्वपूर्ण भागीदार हैं।[xxii] इसलिए, मिस्र के साथ गहरे संबंध बढ़ाने का चीन का मकसद इस क्षेत्र में अपने प्रभाव तथा शक्ति को मजबूत करने का प्रयास प्रतीत होता है। मिस्र के दृष्टिकोण से, अरब स्प्रिंग के पश्चात, काहिरा को कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर देश में लगातार हो रहे पश्चिमी हस्तक्षेप के कारण देश के हितों की रक्षा हेतु एक संप्रभु विदेश नीति की आवश्यकता है। इसके अलावा, इसने पश्चिमी निवेश से जुड़ी कड़ी शर्तों से बचने के लिए भी सक्रिय रूप से चीन से निवेश की मांग की है।[xxiii]
निष्कर्ष
राष्ट्रपति अल-सीसी की राष्ट्रपति शी के साथ बैठक प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह बीजिंग की मानवाधिकार को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बीच चीन को राजनयिक समर्थन देने को दर्शाती है। अल-सीसी के चीन के लगातार दौरे से ज्ञात होता है कि काहिरा तथा बीजिंग अपनी क्षमताएं बढ़ा रहे हैं तथा अपने भू-राजनीतिक, आर्थिक एवं रणनीतिक हितों को हासिल करने में अपने सहयोग को सुदृढ़ कर रहे हैं। इसके अलावा, शीतकालीन ओलंपिक के अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार के बीच अल-सीसी की चीन यात्रा ने साबित कर दिया कि मिस्र अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता को पश्चिमी देशों से हटाकर चीन की ओर स्थानांतरित कर रहा है।
हालाँकि, अमेरिका के नेतृत्व वाले अब्राहम समझौते के तहत अरब देशों तथा इज़राइल के बीच उभरते क्षेत्रीय गठबंधन और इस क्षेत्र में अपनी महाशक्ति की स्थिति निर्धारित करने में अमेरिका की भूमिका को देखते हुए आने वाले समय में यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि चीन मिस्र तथा इस क्षेत्र में अपने पैर कैसे जमा पाता है।
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*डॉ. अरशद, शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[i] President Xi Jinping announced the BRI in 2013. BRI is a “global infrastructure strategy” to promote connectivity of Asia, Europe, and Africa and their adjacent seas by recognizing economic and trade passages.
[ii] President Xi Jinping announced the BRI in 2013. BRI is a “global infrastructure strategy” to promote connectivity of Asia, Europe, and Africa and their adjacent seas by recognizing economic and trade passages.
[iii] President Xi Jinping announced the BRI in 2013. BRI is a “global infrastructure strategy” to promote connectivity of Asia, Europe, and Africa and their adjacent seas by recognizing economic and trade passages.
[iv] It was a socio-political movement in China under the leadership of Mao Zedong.
[v] It was a socio-political movement in China under the leadership of Mao Zedong.
[vi] It was a socio-political movement in China under the leadership of Mao Zedong.
[vii] It was a socio-political movement in China under the leadership of Mao Zedong.
[viii] It was a socio-political movement in China under the leadership of Mao Zedong.
[ix] ‘Decent Life’ Presidential Initiative, accessed https://mcit.gov.eg/en/decent_life, March 4, 2022
[x] ‘Decent Life’ Presidential Initiative, accessed https://mcit.gov.eg/en/decent_life, March 4, 2022
[xi] ‘Decent Life’ Presidential Initiative, accessed https://mcit.gov.eg/en/decent_life, March 4, 2022
[xii] Xi announced at Mini-Summit to establish a vocational training center at Suez Canal Economic Zone.
[xiii] Xi announced at Mini-Summit to establish a vocational training center at Suez Canal Economic Zone.
[xiv] Xi announced at Mini-Summit to establish a vocational training center at Suez Canal Economic Zone.
[xv] Xi says China, Egypt hold similar visions and strategies, Macau Daily Times, February 7, 2022, accessed https://bit.ly/3rYzBa4, February 15, 2022.
[xvi] Xi says China, Egypt hold similar visions and strategies, Macau Daily Times, February 7, 2022, accessed https://bit.ly/3rYzBa4, February 15, 2022.
[xvii] Xi says China, Egypt hold similar visions and strategies, Macau Daily Times, February 7, 2022, accessed https://bit.ly/3rYzBa4, February 15, 2022.
[xviii] Xi says China, Egypt hold similar visions and strategies, Macau Daily Times, February 7, 2022, accessed https://bit.ly/3rYzBa4, February 15, 2022.
[xix] Xi says China, Egypt hold similar visions and strategies, Macau Daily Times, February 7, 2022, accessed https://bit.ly/3rYzBa4, February 15, 2022.
[xx] Xi meets with Egyptian president, calls bilateral ties example of win-win cooperation, Global Times, February 5, 2022, accessed https://bit.ly/3vdmEeA, February 18, 2022.
[xxi] Mordechai, Chaziza (2016). Comprehensive Strategic Partnership: a new stage in China-Egypt relations, Middle East Review of International Affairs (Online), Vol.20, No.3, 41-50. p.42
[xxii] Mordechai, Chaziza (2016). Comprehensive Strategic Partnership: a new stage in China-Egypt relations, Middle East Review of International Affairs (Online), Vol.20, No.3, 41-50. p.42
[xxiii] Mordechai, Chaziza (2016). Comprehensive Strategic Partnership: a new stage in China-Egypt relations, Middle East Review of International Affairs (Online), Vol.20, No.3, 41-50. p.42