01 नवंबर, 2021 को 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, जिसे सीओपी26 के नाम से भी जाना जाता है, को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम (सी.वी.एफ.) और वल्नरेबल 20 ग्रुप (वी20) का अध्यक्ष होने के नाते, बांग्लादेश ने 2041 तक अपनी 40 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन अक्षय स्रोतों से करने हेतु कई निर्णय लिए हैं। बांग्लादेश ने 12 अरब डॉलर के विदेशी निवेश से बनने वाले 10 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के निर्माण को रद्द कर दिया है। बांग्लादेश ने विगत सात वर्षों में अपने जलवायु संबंधी खर्चों को भी दोगुना कर दिया है।[i] आर्थिक तथा सामाजिक विकास के रास्ते पर चलते हुए, बांग्लादेश ऊर्जा उत्पादन में अपनी क्षमता बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहा है। इस क्षेत्र के देशों के साथ साझेदारी करते हुए, बांग्लादेश ने विशेष रूप से प्राकृतिक गैस उत्पादन तथा परमाणु ऊर्जा में ऊर्जा सहयोग पर रूस के साथ साझेदारी की है।
बांग्लादेश में ऊर्जा क्षेत्र
बांग्लादेश में ज्यादातर विद्युत उत्पादन गैस व तेल क्षेत्रों से होता है। इसमें कुछ विद्युत उत्पादन कोयला, जल एवं नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से होता है। बांग्लादेश अपना पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कुछ ऊर्जा पड़ोसी देशों से आयात की जाती है या तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के रूप में होती है।[ii] सरकार ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह कोयले से होने वाले विद्युत उत्पादन को बंद कर देगी।[iii] 27 जून, 2021 को, बांग्लादेश सरकार ने अक्षय ऊर्जा संसाधनों से अपने विद्युत उत्पादन को बढ़ाने हेतु कोयले से चलने वाले 10 प्रमुख बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया था। देश की बिजली का लगभग 3.5% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से आता है, जिसे बांग्लादेश 2041 तक 40% तक बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।[iv]
निम्न तालिका वर्तमान विद्युत उत्पादन तथा 2030 तक सरकार द्वारा अनुमानित विद्युत उत्पादन का विवरण दर्शाती है।[v]
|
2021 |
2030 |
स्थापित क्षमता (मेगावाट) |
25227 |
40000 |
उपभोक्ता (लाखों में) |
40 |
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ट्रांसमिशन लाइन्स (सर्किट किलोमीटर) |
12744 |
28320 |
वितरण लाइनें (किमी) |
612000 |
660000 |
ग्रिड सब-स्टेशन |
26000 |
59000 (2024) |
वितरण में क्षति |
8.73% |
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प्रति व्यक्ति उत्पादन |
514 किलोवाट |
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बिजली तक पहुंच |
95% |
|
(विद्युत प्रकोष्ठ: विद्युत, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन मंत्रालय (एम.पी.ई.एम.आर.), बांग्लादेश सरकार)
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के पुराने तथा खराब पड़े बिजली संयंत्रों की पहचान की जा रही है और उन्हें चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है। अभी, वहां 14,115 मेगावाट की क्षमता के 38 विद्युत संयंत्र निर्माणाधीन हैं तथा 2,961 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 20 अन्य बिजली संयंत्रों के निर्माण हेतु अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।[vi]
वर्तमान में, देश की 3,500 मिलियन क्यूबिक फीट गैस प्रति दिन की मांग की तुलना में बांग्लादेश में 2,300 मिलियन क्यूबिक फीट गैस प्रति दिन की आपूर्ति क्षमता वाले 20 गैस फील्ड मौजूद में है, और यही कारण है कि सरकार को 600-800 मिलियन क्यूबिक फीट गैस प्रति दिन के तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एल.एन.जी.) आयात करना पड़ा।[vii] हालांकि, पूरे देश में समय-समय पर नए गैस फील्ड मिलते रहते हैं, लेकिन ऐसे उदाहरण हैं, जहां कुप्रबंधन की वजह से कुछ गैस फील्ड से भंडार खत्म हो गया है। गैस फील्ड से या तो स्वयं या सहयोग के ज़रिए अन्वेषण तथा ड्रिलिंग की जिम्मेदारी बांग्लादेश पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (बी.ए.पी.ई.एक्स.) को सौंपी गई है।
बांग्लादेश-रूस ऊर्जा सहयोग
रूस ने प्राकृतिक गैसों की खोज और ड्रिलिंग में बांग्लादेश के साथ कई सहयोग किये हैं। 2012 तथा 2015 में, रूसी कंपनी "गज़प्रोम ईपी इंटरनेशनल" और बांग्लादेश ऑयल एंड गैस कॉर्पोरेशन "पेट्रोबांग्ला" ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिसमें बांग्लादेश में मौजूद गैस फील्ड में कई कुओं के डिजाइन व निर्माण शामिल है। 2017 में, बांग्लादेश के दक्षिण में स्थित भोला द्वीप पर दो पूर्वेक्षण एवं अन्वेषण कुओं के निर्माण हेतु गज़प्रोम ईपी इंटरनेशनल और पेट्रोबांग्ला की सहायक कंपनी बी.ए.पी.ई.एक्स. के बीच एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।[viii] अब तक, कंपनी ने आठ गैस फील्ड में कुओं की खोज[ix] तथा डिजाइन से जुड़े 17 आंकलन किये हैं।[x]
जब गज़प्रोम को 2012 में पूरे देश में 10 कुओं को ड्रिल करने का काम सौंपा गया था, तो ड्रिलिंग के दौरान रेत तथा पानी के अत्यधिक बहाव की वजह से पांच कुएँ बंद हो गये थे। इस घटना के तुरंत बाद, बी.ए.पी.ई.एक्स. ने ड्रिलिंग का कार्य अपने हाथ में ले लिया। गज़प्रोम को फिर से पांच और कुएँ खोदने का काम सौंपा गया और उसने इन्हें सफलतापूर्वक पूरा भी किया। गज़प्रोम ने बाद में बी.ए.पी.ई.एक्स. के साथ मिलकर, भोला में गैस भंडार का पता लगाने हेतु संयुक्त सर्वेक्षण किया। गज़प्रोम ने पुनर्मूल्यांकन के पूरा होने के पश्चात गैस की खोज व निष्कर्षण हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया।[xi] आखिरी समझौता ज्ञापन 28 जनवरी, 2020 को शाहबाजपुर तथा उत्तरी भोला में गैस अन्वेषण हेतु गज़प्रोम और बी.ए.पी.ई.एक्स. के बीच किया गया था। इस समझौता ज्ञापन पर प्रधानमंत्री के ऊर्जा सलाहकार तौफीक-ए-इलाही चौधरी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए, जिन्होंने इसके बाद कहा कि हालांकि बी.ए.पी.ई.एक्स. अकेले ही तेल क्षेत्रों की खोज तथा निष्कर्षण में सक्षम रहा है, लेकिन रूसी ऊर्जा कंपनी के साथ सहयोग से तेल क्षेत्रों की खोज में लगने वाले समय में कमी आयेगी।[xii]
रूस वर्तमान में बांग्लादेश के पबना जिले के रूपपुर में दो-यूनिट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण भी कर रहा है। बांग्लादेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण से संबंधित सहयोग पर बांग्लादेश के जनवादी गणराज्य की सरकार तथा रूसी संघ की सरकार के बीच पहली बार 02 नवंबर, 2011 को अंतर-सरकारी समझौते (आई.जी.ए.) पर हस्ताक्षर किए गए थे।[xiii] इसके पश्चात्, रूसी राज्य परमाणु निगम रोसाटॉम, बांग्लादेश जनवादी गणराज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारत गणराज्य की सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने 1 मार्च,2018 को बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एन.पी.पी.) निर्माण परियोजना के कार्यान्वयन में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन परियोजना से संबंधित कार्यों के कार्यान्वयन हेतु रूसी ठेकेदार, भारतीय तथा बांग्लादेशी विशेषज्ञों के बीच जुड़ाव की रूपरेखा तय करता है। इससे जुड़े पक्ष, विशेष रूप से, कामगारों के प्रशिक्षण, अनुभव के आदान-प्रदान तथा परामर्श समर्थन के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। भारतीय कंपनियां परियोजना को ठीक से पूरा करने हेतु निर्माण व स्थापना से जुड़े कार्यों, गैर-महत्वपूर्ण श्रेणी की सामग्री व उपकरणों की आपूर्ति में शामिल हो सकती हैं।[xiv]
संयंत्र में, रूस द्वारा डिज़ाइन (वाटर-वाटर एनर्जेटिक रिएक्टर) डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई.आर. रिएक्टरों[xv] वाली दो बिजली इकाइयाँ शामिल होंगी, जिसमें से हर एक की क्षमता 1,200 मेगावाट होगी। इस परियोजना के अनुसार, बनाई गई ये इकाइयाँ उन्नत तकनीकी तथा आर्थिक संकेतक और आधुनिक विश्वसनीयता व सुरक्षा आवश्यकता के साथ "3+" पीढ़ी की परमाणु इकाइयां हैं।[xvi]
17 मार्च, 2020 को रूसी राज्य परमाणु निगम रोसाटॉम के महानिदेशक, एलेक्सी लिकचेव तथा प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता, लंबे समय तक रूपपुर संयंत्र की यूनिट 1 तथा यूनिट 2 के संचालन, रखरखाव व मरम्मत के साथ-साथ साथ ही उपकरण, नष्ट होने योग्य सामग्री, स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति करने व संयंत्र के संचालन के दौरान रखरखाव से जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायता करेगा। रोसाटॉम के अनुसार, इस समझौते से रूपपुर संयंत्र के पूरे जीवन-चक्र के दौरान रखरखाव, परिचालन सहायता तथा मरम्मत में मदद मिलेगी।[xvii]
उक्त समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही परमाणु ईंधन की आपूर्ति हेतु रूसी ईंधन कंपनी तवेल तथा बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग के बीच एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों परमाणु ऊर्जा इकाइयों के जीवन-काल के पूरा होने तक वैध रहेगा।[xviii]
महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान भी इन दो इकाइयों का निर्माणकार्य जारी रहा और उम्मीद है कि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 10 अक्टूबर, 2021 को संयंत्र के रिएक्टर प्रेशर वेसल के इंस्टालेशन कार्य का उद्घाटन किया।[xix] पहली 1,200-मेगावाट परियोजना की इकाई 2023 में तथा दूसरी 2024 में लॉन्च की जाएंगी।[xx] हालांकि, रोसाटॉम के महानिदेशक लिकचेव ने हाल ही में कहा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो परियोजना की समय-सीमा में बदलाव किया जा सकता है। परियोजना में 20,000 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक काम कर रहे हैं, जबकि स्थानीय कंपनियों को उप-अनुबंध के तहत काम दिया गया है।[xxi]
एन.पी.पी. उन 10 मेगा परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें सरकार ने अपने विज़न 2041 को हासिल करने हेतु तय किया है,[xxii] और ऐसा अनुमान है कि इससे बांग्लादेश की जीडीपी में 4 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिसकी वजह से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तथा लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।[xxiii] अगर इन परियोजनाओं का ठीक से प्रबंधन किया जाता है, तो इससे बांग्लादेश की अवसंरचना संबंधी कमियों, परिवहन संकटों व बिजली की कमी को स्थायी रूप से दूर करने में मदद मिलेगी।[xxiv]
विज़न 2041 दस्तावेज़ में, बांग्लादेश के दक्षिण में एक अन्य परमाणु संयंत्र के निर्माण का जिक्र किया गया है। 11 अक्टूबर, 2021 को ढाका में गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) में रोसाटॉम स्टेट एटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन के महानिदेशक (डीजी) एलेक्सी लिकचेव से मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में दूसरे एन.पी.पी. के निर्माण हेतु रूस के समर्थन का अनुरोध किया था, जिस पर रोसाटॉम ने सहमति और बांग्लादेश के उर्जा क्षेत्र का समर्थन करते रहने की इच्छा व्यक्त की थी।[xxv]प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोसाटॉम से बांग्लादेश के तकनीशियनों को उचित प्रशिक्षण देने का भी अनुरोध किया ताकि वे रूपपुर एन.पी.पी. में सुरक्षा से जुड़े उचित उपाय कर सकें।
बांग्लादेश में गैस की खोज व ड्रिलिंग तथा एनपीपी के निर्माण में रूस की भूमिका ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती दी है। यह उल्लेखनीय है कि रूसी कंपनियां ऐसी पहली विदेशी कंपनियां थीं जिन्हें बांग्लादेशी गैस अन्वेषण एवं ड्रिलिंग एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अनुमति दी गई थी। दोनों देश 25 जनवरी, 2022 को अपने राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे, और इन विगत पांच दशकों में दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य, सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बने हैं, तथा ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग से सहयोग, विकास और साझेदारी के नए रास्ते खुले हैं।
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*डॉ. ध्रुबज्योति भट्टाचार्जी, अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।.
अस्वीकरण: व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i] “COP 26: National Statement by Prime Minister Sheikh Hasina”, Dhaka Tribune, November 2, 2021, https://www.dhakatribune.com/bangladesh/2021/11/02/cop-26-national-statement-by-prime-minister-sheikh-hasina accessed on November 12, 2021
[ii]Bangladesh imports LNG from Indonesia, Nigeria, Oman along with other LNG rich countries, Robert F. Ichord Jr., “Transforming the Power Sector in Developing Countries: Geopolitics, Poverty, and Climate Change in Bangladesh”, Atlantic Council, Global Energy Center, January 2020, p. 5, https://www.atlanticcouncil.org/wp-content/uploads/2020/01/Power-Transformation-Bangladesh-final-web-version.pdf accessed on October 28, 2021
[iii]Though no specific timeline has been mentioned, the plan to scrap coal based power generation is due to the rising price of coal and due to the effects it makes on the climate. Khondaker Golam Moazzem, “CPD Webinar on The Power Sector in the National Budget for FY2022: Perspectives on Allocative Priorities & Reform Agenda”, Center for Policy Dialogue, Dhaka, June 20, 2021
[iv]Naimul Karim, “Bangladesh scraps plans to build 10 coal-fired power plants”, Reuters, June 28, 2021, https://www.reuters.com/article/us-bangladesh-energy-climate-change-coal-idUSKCN2E410Haccessed on October 28, 2021
[v]Khondaker Golam Moazzem, “CPD Webinar on The Power Sector in the National Budget for FY2022: Perspectives on Allocative Priorities & Reform Agenda”, Center for Policy Dialogue, Dhaka, June 20, 2021
[vi]Khondaker Golam Moazzem, “CPD Webinar on The Power Sector in the National Budget for FY2022: Perspectives on Allocative Priorities & Reform Agenda”, Center for Policy Dialogue, Dhaka, June 20, 2021
[vii]“Energy-starved Bangladesh discovers new gas field worth over $148 mn”, Business Standard, August 10, 2021, https://www.business-standard.com/article/international/energy-starved-bangladesh-discovers-new-gas-field-worth-over-148-mn-121081001811_1.html accessed on October 26, 2021
[viii]“Gazprom and Petrobangla sign Memorandum of Understanding”, Gazprom, January 29, 2020, https://www.gazprom.com/press/news/2020/january/article498760/accessed on October 26, 2021; “Bangladesh, Gazprom Ink Gas Pact”, Energy Intelligence, January 29, 2020, https://www.energyintel.com/0000017b-a7d9-de4c-a17b-e7dbc6460000 accessed on October 26, 2021
[ix] Role of appraisal is to provide cost-effective information that will be used for subsequent decisions (development). During appraisal, wells are drilled to collect information and samples from the reservoir and other seismic survey be acquired in order to better delineate the reservoir.
[x] Bangladesh-Russia Bilateral Relations, Embassy of the People’s Republic of Bangladesh, Moscow, Russia, https://bangladeshembassy.ru/bilateral-relations/ accessed on October 26, 2021
[xi] Md. Saidun Nabi, “Gazprom tasked with exploring gas from Bhola”, Dhaka Tribune, February 15, 2020, https://www.dhakatribune.com/bangladesh/dhaka/2020/02/15/controversy-as-gazprom-tasked-with-exploring-gas-from-bhola accessed on October 28, 2021
[xii] Md. Saidun Nabi, “Gazprom tasked with exploring gas from Bhola”, Dhaka Tribune, February 15, 2020, https://www.dhakatribune.com/bangladesh/dhaka/2020/02/15/controversy-as-gazprom-tasked-with-exploring-gas-from-bhola accessed on October 28, 2021
[xiii] “Bangladesh-Russia Bilateral Relations, Embassy of the People’s Republic of Bangladesh, Moscow, Russia, https://bangladeshembassy.ru/bilateral-relations/ accessed on October 26, 2021
[xiv]“Russia, Bangladesh and India sign memorandum on trilateral cooperation in the implementation of the Rooppur NPP construction project”, Rosatom, March 01, 2018, https://www.rosatom.ru/en/press-centre/news/russia-bangladesh-and-india-sign-memorandum-on-trilateral-cooperation-in-the-implementation-of-the-r/ accessed on October 27, 2021
[xv] Water-water energetic reactor (WWER) is a series of pressurized water reactor designs originally developed in the Soviet Union, and now Russia. WWER is associated with a wide variety of reactor designs spanning from generation I reactors to modern generation III+ reactor designs.
[xvi] “Russia, Bangladesh and India sign memorandum on trilateral cooperation in the implementation of the Rooppur NPP construction project”, Rosatom, March 01, 2018, https://www.rosatom.ru/en/press-centre/news/russia-bangladesh-and-india-sign-memorandum-on-trilateral-cooperation-in-the-implementation-of-the-r/ accessed on October 27, 2021
[xvii] “Russia and Bangladesh expand nuclear cooperation”, World Nuclear News, March 18, 2020, https://world-nuclear-news.org/Articles/Russia-and-Bangladesh-expand-nuclear-cooperation accessed on October 26, 2021
[xviii] “Russia increases support for Bangladesh's Rooppur nuclear plant”, Nuclear Engineering International, March 19, 2020, https://www.neimagazine.com/news/newsrussia-increases-support-for-bangladeshs-rooppur-nuclear-plant-7830228 accessed on October 26, 2021
[xix] “PM Hasina seeks Russia’s support for building a second nuclear power plant”, Dhaka Tribune, October 11, 2021 https://www.dhakatribune.com/bangladesh/2021/10/11/pm-hasina-seeks-russia-s-support-for-building-a-second-nuclear-power-plant accessed on October 27, 2021
[xx] Pathik Hasan, “Bangladesh Benefits From Nuclear Cooperation With Russia – OpEd”, Eurasian Review, October 12, 2021, https://www.eurasiareview.com/12102021-bangladesh-benefits-from-nuclear-cooperation-with-russia-oped/ accessed on October 27, 2021
[xxi] “PM Hasina seeks Russia’s support for building a second nuclear power plant”, Dhaka Tribune, October 11, 2021 https://www.dhakatribune.com/bangladesh/2021/10/11/pm-hasina-seeks-russia-s-support-for-building-a-second-nuclear-power-plant accessed on October 27, 2021
[xxii]Making Vision 2041 A Reality: Perspective Plan of Bangladesh 2021-2041, General Economics Division (GED), Bangladesh Planning Commission, Ministry of Planning, Government of the People’s Republic of Bangladesh, March 2020, http://oldweb.lged.gov.bd/UploadedDocument/UnitPublication/1/1049/vision%202021-2041.pdf accessed on October 27, 2021
[xxiii]Some of the mega projects amongst the 10 mega projects are Padma Bridge and Rail Link, Metro Rail, Chattogram-Cox’s Bazar Rail Link, Rooppur Nuclear Power Plant, the Coal-Fired Power Plant of Matarbari and Rampal, and the Payra Sea Port. Rejaul Karim Byron, Dwaipayan Barua, “Total debt to GDP hit a 13-yr high at the end of FY2020-21”, The Daily Star, October 13, 2021, https://www.thedailystar.net/news/bangladesh/news/borrowing-send-economy-roaring-2197081 accessed on October 27, 2021
[xxiv]Kazi Mohammad Jamshed, “Making Sense of Bangladesh's Investment on Megaprojects: Development or Delusion?”, Sri Lanka Guardian, October 6, 2021, http://www.slguardian.org/2021/10/making-sense-of-bangladeshs-investment.html accessed on October 27, 2021
[xxv]“PM Hasina seeks Russia’s support for building a second nuclear power plant”, Dhaka Tribune, October 11, 2021 https://www.dhakatribune.com/bangladesh/2021/10/11/pm-hasina-seeks-russia-s-support-for-building-a-second-nuclear-power-plant accessed on October 27, 2021