ताइवान का भू–रणनीतिक महत्व बहुत अधिक है और इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और चीन के बीच वैश्विक शक्ति बनने के संघर्ष को वास्तव में सैन्य संघर्ष में बदलने की क्षमता है।.[i] चीन– ताइवान के संबंधों में बहुत सुधार हुआ है जिसके कारण ताइवान अब भारत– प्रशांत क्षेत्र की भू–राजनीति में सबसे आगे आ गया है। विशेष रूप से अमेरिका– ताइवान और यूरोपीय संघ (ईयू) – ताइवान के संबंधों में सुधार महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ ताइवान की बढ़ती नज़दीकी ने चीन– ताइवान के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है।
यह शोधपत्र अमेरिका– ताइवान और यूरोपीय संघ– ताइवान के बीच अनौपचारिक संबंधों में हुई प्रगति का विश्लेषण करने का प्रयास करता है जिसके कारण चीन– ताइवान के संबंधों में खटास आई है।
अमेरिका– ताइवान संबंध
अमेरिका– ताइवान संबंधों का मूल ताइवान संबंध अधिनियम (टीआरए)[ii] और अमेरिका एवं चीन के बीच हस्ताक्षरित तीन आधिकारिक निवेदिकाओं: शंघाई आधिकारिक निवेदिका (1972), पीआरसी के साथ संबंधों के सामान्यीकरण पर आधिकारिक निवेदिका (1979) और ताइवान को हथियार बेचने पर 17 अगस्त की आधिकारिक निवेदिका(1982), पर आधारित है। 1982 की आधिकारिक निवेदिका अमेरिका से ताइवान को हथियार बेचने का आधार है।[iii] अमेरिका– ताइवान संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू हथियारों की बिक्री है।
5 अगस्त 2021 को, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 40 पैलाडिन M109A6 स्वचालित हॉवित्ज़र और युद्धक सामग्रियों में प्रच्छन्न प्रक्षेप्य को अधिक सटीक जीपीएस–निर्देशित बनाने हेतु 1700 किटों की बिक्री को मंजूरी दी। जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर वाला यह पहला सैन्य सौदा है। हथियारों की बिक्री “प्राप्तकर्ता के स्वचालित हॉवित्ज़र बेड़े को आधुनिक बनाने में मदद करेगी, वर्तमान और भविष्य के खतरों का सामना करने की क्षमता बढ़ाएगी…जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ परस्पर संबंधों में सुधार लाएगी।”[iv] प्रस्तावित बिक्री ताइवान के एम109 (M109) स्वचालित हथियारों को अपग्रेड करेगी और चीन की घुसपैठ का सामना करने की इसकी क्षमता में सुधार लाएगी। सटीक मार्गदर्शन किट बेहतर लक्ष्य भेदन हेतु जीपीएस नेविगेशन के साथ 155मी प्रोजेक्टाइल में बदल जाएगी।[v]
ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ज़ेवियर चांग ने फिर कहा कि हथियारों की यह खरीद अमेरिकी सरकार द्वारा ताइवान की रक्षा क्षमताओं को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है।[vi] इस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका को एक– चीन सिद्धांत का पालन करने की चेतावनी दी और कहा कि ऐसा न करने की स्थिति में अमेरिका– चीन के संबंध खराब हो सकते हैं।[vii]
इससे पहले, ट्रंप शासन में साल 2020 में, अमेरिका ने 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियारों की बिक्री की घोषणा की थी।[viii] कुल मिलाकर, ट्रंप प्रशासन ने 8 वर्षों तक रहे ओबामा प्रशासन के तहत ताइवान के साथ हथियारों की बिक्री संबंधी किए गए 17 सौदों के मुकाबले 18 बिक्री सौदों को मंजूरी दी थी।[ix] डोनाल्ड ट्रंप शासन में अमेरिका– ताइवान संबंध अपने चरम पर था। ट्रंप के बाद की अवधि में, अमेरिका– ताइवान संबंधों के भविष्य पर आशंका के बादल छा गए। वर्ष 2020 में; जो बाइडेन ने वर्ल्ड जर्नल में ताइवान के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए एक लेख प्रकाशित करवाया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका और ताइवान प्रशांत क्षेत्र की शक्तियां हैं और इस क्षेत्र की समृद्धि को बढ़ाने के लिए दोनों को मिल कर काम करना चाहिए। कोविड-19 का अद्भुत तरीके से सामना करने के लिए उन्होंने ताइवान को बधाई भी दी थी।[x] फाइनेंशियल टाइम्स रिपोर्ट,[xi] के अनुसार ताइवान वाशिंगटन में “ताइपे आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधि कार्यालय” (टीईसीआरओ) का नाम बदलकर “ताइवान प्रतिनिधि कार्यालय” रखना चाहता है।[xii] ऐसा लग रहा है कि बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका– ताइवान संबंध बेहतर हो रहे हैं।
यूरोपीय संघ– ताइवान संबंध
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है। यूरोपीय संघ एक–चीन नीति का पालन करता है। हालांकि वे बहुपक्षीय मंचों पर ताइवान की सक्रिए भागीदारी का भी समर्थन करते हैं।[xiii] ताइपे में यूरोपीय संघ के करीब 17 प्रतिनिधिक कार्यालय हैं। ताइवान में यूरोपीय आर्थिक एवं व्यापार कार्यालय यूरोपीय संघ के प्रतिनिधित्व का आधिकारिक केंद्र बिन्दु है।[xiv] वर्ष 2020 में, ताइवान और यूरोपीय संघ के बीच 51.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। ताइवान से यूरोपीय संघ को 22.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात और यूरोपीय संघ से 28.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया गया। यूरोपीय संघ ताइवान का पांचवां सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है।[xv]
जुलाई 2021 में, ताइवान ने लिथुआनिया में “ताइवानी प्रतिनिधिक कार्यालय” नाम से नया राजनयिक कार्यालय खोलने में दिलचस्पी दिखाई। यह पहला कार्यालय होगा जिसके नाम में ‘ताइवान’ होगा न कि “ताइपे प्रतिनिधिक कार्यालय”।[xvi] इसके बाद लिथुआनिया ने भी घोषणा की कि वह भी ताइवान में एक प्रतिनिधि कार्यालय खोलने की मंशा रखता है।
संबंधित कार्यालय “आर्थिक और कारोबारी आदान–प्रदान, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के साथ–साथ लोगों के बीच मैत्री” संबंधों में सुधार लाएगा। चीन ने इस पर अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि “यह एक–चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है।”[xvii] नतीजतन, चीन ने अपना राजदूत वापस बुला लिया और लिथुआनिया को भी बीजिंग से अपना राजदूत वापस बुलाने को कहा। लिथुआनिया की घटना उल्लेखनीय है क्योंकि यूरोपीय संघ की स्थापना के बाद से, यह पहली बार है जब चीन ने यूरोपीय संघ के किसी देश से अपना राजदूत वापस बुलाया हो।
ताइवान के नज़र से, त्साई– वेन ने कार्यालय के उद्घाटन को “सफलता” माना है क्योंकि यह ताइवान के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाशिए पर पहुँच जाने की प्रवृत्ति के विपरीत है।[xviii]
यूरोपीय संघ– ताइवान संबंधों में एक और विकास द्वपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर प्रस्तावित हस्ताक्षर है। 1 सितंबर 2021 को, यूरोपीय संसद के विदेश मामलों की समिति ने यूरोपीय संघ– ताइवान संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक रिपोर्ट और संबंधित संशोधनों को मंजूरी दी है। रिपोर्ट, यूरोपीय संघ के लिए ताइवान के साथ बीआईए पर हस्ताक्षर करने और ताइपे में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि कार्यालय का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरु करने का समर्थन करता है। रिपोर्ट के मसौदे को 60 मतों से अनुमोदित किया गया, इसके खिलाफ चार वोट पड़े और छह सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। इसमें ताइवान के खिलाफ चीन द्वारा हाल ही में किए गए सैन्य हमले पर भी एक खंड है और इस बात पर जोर दिया गया है कि यूरोपीय संघ को “ताइवान के लोकतंत्र और यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में द्वीप की स्थिति की रक्षा करने के लिए”, सक्रिए होना चाहिए।[xix] यूरोपीय संघ में चीन के मिशन प्रवक्ता ने रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि “यह एक– चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन हैं और चीन एवं यूरोपीय संघ के बीच आपसी विश्वास एवं सहयोग को कम करता है।”[xx]
क्षेत्र के निहितार्थ
चूंकि भारत– प्रशांत क्षेत्र में ताइवान का मुद्दा महत्वपूर्ण है, चीन–ताइवान संबंधों में बढ़ते तनाव के साथ इस क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ी है। इस क्षेत्र में होने वाली कोई भी उथल– पुथल आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर देगी। चूंकि चीन अधिकांश देशों का कारोबारी साझीदार है, इसके कारण आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।[xxi]
चीन की प्रतिक्रिया
कठोर बयान जारी करने के अलावा चीन ने अपने सैन्य बल के माध्यम से तीखी प्रतिक्रिया दी है। 5 सितंबर 2021 को ,19 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के विमानों ने ताइवान के दक्षिणपश्चिम वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड़) में उड़ान भरी।[xxii] ताइवान के साथ हथियारों की बिक्री के सौदे की घोषणा के तुरंत बाद चीन ने ताइवान की सीमा के पास सैन्य अभ्यास किया और ताइवान के एडीआईजेड का उल्लंघन करने के लिए उसके नौसेना और हवाई क्षेत्र का प्रयोग किया। इसके अलावा, पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमांड ने बताया कि ताइवान के दक्षिण समुद्री तटों और हवाई क्षेत्र में किया गया सैन्य अभ्यास ताइवान और अमेरिका की “मिलीभगत और उकसावे” पर हमारी प्रतिक्रिया थी।[xxiii]
ताइवान के हवाई क्षेत्र में अभ्यास और उसका उल्लंघन पहली बार नहीं हुआ है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2020 तक, ताइवान के एडीआईजेड में पीएलए ने 1700 उड़ानें भरीं।[xxiv] वर्ष 2021 के पहले पांच महीनों में, करीब 300 बार धावा बोला गया। वर्ष 2021 के मार्च और अप्रैल के महीने में ऐसी ही घुसपैठ की गई थी।[xxv] बीजिंग के विश्लेषकों के अनुसार, इस प्रकार का सैन्य अभ्यास और एडीआईजेड का उल्लंघन चुनौती देने और परेशानी पैदा करने का प्रयास करने वाली विदेशी ताकतों और ताइवान के अलगाववादियों के लिए एक प्रकार की चेतावनी है।[xxvi]
अफगानिस्तान की अस्थिरता के बीच चीन ने ताइवान की तुलना अफगानिस्तान से करने के अवसर का प्रयोग किया। चाइना डेली के संपादकीय में, लेखक ने विस्तार से बताया कि, “द्वीप पर बढ़े तनाव के बावजूद डीपीपी जागने को तैयार नहीं। स्वतंत्रता– समर्थक पार्टी जानती है कि इलाके में अपने संकीर्ण भू–राजनतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वाशिंगटन बीजिंग के खिलाफ उन्हें मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।”[xxvii]
इसका जवाब देते हुए ताइवान के कहा कि “ताइवान की तुलना अफगानिस्तान से नहीं की जा सकती।”[xxviii] इसके अलावा एबीसी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक साक्षात्कार में, जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान मूल रूप से अफगानिस्तान से अलग है। ताइवान की रक्षा करने में अमेरिका की स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि: “हमने वादा किया और हर बार अपना वादा निभाया है। हमने अनुच्छेद 5 के प्रति एक वादा किया है कि अगर वास्तव में कोई हमारे नाटो सहयोगियों पर आक्रमण करता है तो हम उसका जवाब देंगे। जापान के साथ भी ऐसा ही है, दक्षिण कोरिया के साथ भी और ताइवान के साथ भी। इसके बारे में बात करना उचित नहीं है।”[xxix]
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, अमेरिका और यूरोपीय संघ ताइवान में लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, साझा– मूल्यों का समर्थन करना अमेरिका– ताइवान संबंधों का अभिन्न अंग है।[xxx] यूरोपीय संघ की ताइवान की उदार लोकतांत्रिक सरकार एवं आर्थिक संबंधों में गहरी दिलचस्पी है।[xxxi] अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा किए गए सभी प्रयासों के बावजूद, 2016 में त्साई इंग– वेन के नेतृत्व वाली डीपीपी के सत्ता में आने के बाद से, चीन– ताइवान के बीच संबंध तनावपूर्ण हुए हैं। बीते पांच वर्षों में, चीन किरिबाती, सोलोमन द्वीप, अल सल्वाडोर, बुर्किना फासो, डोमिनिकन रिपब्लिक, पनामा, जाम्बिया और साओ टोम जैसे देशों को प्रभावित करने और ताइवान के साथ इनके राजनयिक संबंधों को समाप्त करने के लिए अपने आर्थिक एवं राजनीतिक दबदबे का उपयोग कर रहा है। ताइवान के केवल 15 देशों के साथ राजनयिक एवं राजनीतिक संबंध हैं।
शी जिनपिंग ने अपने शताब्दी वर्ष समारोह के भाषण में ताइवान के प्रति चीन का नज़रिया स्पष्ट करने के लिए पहली बार “स्मैश” शब्द का प्रयोग किया था।[xxxii] उनका इरादा इस बात पर जोर देने का था कि पार्टी का ऐतिहासिक लक्ष्य ताइवान का एकीकरण बना हुआ है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कहा कि “ताइवान की स्वतंत्रता का अर्थ है युद्ध”। चीन– ताइवान संबंधों का एक और पहलू है उच्च आर्थिक अन्योन्याश्रयता। ताइवान का लगभग 40 प्रतिशत निवेश चीन में है। वर्ष 2020 में, ताइवान ने चीन को लगभग 102.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया था। चीन की कंपनियां ताइवान में बनाई जाने वाली चिपों पर निर्भर है।
संक्षेप में कहें तो पूर्ण– युद्ध/ संघर्ष की संभावना बहुत कम है। चीन– ताइवान के संबंधों में टकराव और विरोध बना रहेगा।
*****
*डॉ तेशु सिंह, रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
संदर्भ:
[i] Michael Crowly, Biden Backs Taiwan, but some call for clearer warning to China, The New York Times, 25 May 2021, https://www.nytimes.com/2021/04/08/us/politics/biden-china-taiwan.html accessed on 10 August, 2021
[ii] Taiwan Relations Act (Public Law 96-8, 22 U.S.C. 3301 et seq.)
https://www.ait.org.tw/our-relationship/policy-history/key-u-s-foreign-policy-documents-region/taiwan-relations-act/ accessed on 20 August 2021
[iii] The “Six Assurances” to Taiwan
http://www.taiwandocuments.org/assurances.htm accessed on 20 August 2021
[iv]Su Yung-yao, Wu Su-wei and Kayleigh Madjar ,Taiwan thanks US as arms approved, 06 August 2021, Taipei Times,https://www.taipeitimes.com/News/front/archives/2021/08/06/2003762118accessed on 25 August 2021
[v]Anthony Capaccio, First Taiwan Arms Sale in Biden Administration Is Approved,Bloomberg, 5 August 2021, https://www.bloomberg.com/news/articles/2021-08-04/first-arms-sale-to-taiwan-by-biden-administration-is-approved accessed on 20 August 2021
[vi] Presidential Office thanks US government for announcing arms sale to Taiwan, 8 August 2021,https://english.president.gov.tw/NEWS/6146accessed on 20 August 2021
[vii]Foreign Ministry spokesperson's Remarks on the US State Department's Approval of Arms Sale to Taiwan,5 August 2021, https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/xwfw_665399/s2510_665401/2535_665405/t1897525.shtmlaccessed on 20 August 2021
[viii]Timeline: U.S. Arms Sales to Taiwan in 2020 Total $5 Billion Amid China Tensions, 7 December 2020, https://www.usnews.com/news/world/articles/2020-12-07/timeline-us-arms-sales-to-taiwan-in-2020-total-5-billion-amid-china-tensionsaccessed on 22 August 2021
[ix]Minnie Chan, US-China relations: Biden expected to keep Taiwan card in play against Beijing, 6 November 2020,
accessed athttps://www.scmp.com/news/china/diplomacy/article/3110016/us-china-relations-biden-expected-keep-taiwan-card-playaccessed on 22 August 2021
[x] Biden Book World Journal : A more prosperous future for us, World Journal,22 October 2020,
https://www.worldjournal.com/wj/story/121468/4955258?from=wj_maintab_index accessed on 21 August 2021
[xi] Demetri Sevastopulo in Washington and Kathrin Hille, Washington risks Beijing ire over proposal to rename Taiwan’s US office, The Financial Times,
10 September 2021, https://www.ft.com/content/07810ece-b35b-47e7-a6d2-c876b7b40444
accessed on 13 September 2021
[xii] Teach the US, Taiwan island a real lesson if they call for it: Global Times editorial, Global Times, 12 September 2021,https://www.globaltimes.cn/page/202109/1234046.shtml
accessed on 13 September 2021
[xiii]Countries and region, Taiwan, https://ec.europa.eu/trade/policy/countries-and-regions/countries/taiwan/ accessed on 6 September 2021
[xiv]Paulina Uznańska, As EU-China Relations Sour, Will Taiwan Find an Opening?, 8 October 2020,https://chinaobservers.eu/as-eu-china-relations-turn-sour-will-taiwan-get-an-opening/ accessed on 6 September 2021
[xv]Taiwan-EU Economic Relations, https://www.trade.gov.tw/english/Pages/Detail.aspx?nodeID=2912&pid=655621&dl_DateRange=all&txt_SD=&txt_ED=&txt_Keyword=&Pageid=0 accessed on 6 September 2021
[xvi] Lin Chia-nan, ‘Taiwanese’ office to open in Lithuania, 21 Jul, 2021,https://www.taipeitimes.com/News/front/archives/2021/07/21/2003761201
accessed on 25 August 2021
[xvii]Foreign Ministry Spokesperson Hua Chunying's Remarks on China's Recall of Its Ambassador to Lithuania,
https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/xwfw_665399/s2510_665401/t1898809.shtml accessed on 5 September 2021
[xviii]Brian Hioe, What’s Behind Lithuania’s Outreach to Taiwan?, The Diplomat, August 13, 2021, https://thediplomat.com/2021/08/whats-behind-lithuanias-outreach-to-taiwan/accessed on 7 September 2021
[xix]European Parliament passes report on enhancing Taiwan-EU relations, https://focustaiwan.tw/politics/202109020006 accessed on 7 September 2021
[xx] Spokesperson of the Chinese Mission to the EU Speaks on a Question Concerning the European Parliament's Committee on Foreign Affairs Report on Taiwan, http://www.chinamission.be/eng/fyrjh/t1903869.htm
accessed on 7 September 2021
[xxi] Philip Anstrén, The case for greater US-EU collaboration on Taiwan, Atlantic Council, 30 June 2021, https://www.atlanticcouncil.org/blogs/new-atlanticist/the-case-for-greater-us-eu-collaboration-on-taiwan/ accessed on 7 September 2021
[xxii]Taiwan’s ADIZ invaded by 19 more PLA jets, 6 September 2021,
https://www.taipeitimes.com/News/taiwan/archives/2021/09/06/2003763887accessed on 7 September 2021
[xxiii]11 Chinese warplanes enter Taiwan's ADIZ as both sides stage drills, 17 August 2021,
https://focustaiwan.tw/cross-strait/202108170029 accessed on 7 September 2021
[xxiv] Thomas J. Shattuck, Assessing the pattern of PLA air incursions into Taiwan's ADIZ, 7April, 2021,https://www.fpri.org/article/2021/04/assessing-the-patterns-of-pla-air-incursions-into-taiwans-adiz/accessed on 15 September 2021
[xxv] Taiwan reports largest ever incursion by Chinese air force, Reuters, 26 March 2021,
https://www.reuters.com/article/us-taiwna-china-security-idUSKBN2BI24D accessed on 7 September 2021
[xxvi] PLA exercises help ensure sovereignty, 31 August 2021,
http://en.people.cn/n3/2021/0831/c90000-9890054.html accessed on 7 September 2021
[xxvii] Li Zhenguang, US retreat from Kabul a lesson for Taiwan, China Daily, 8 September 2021,
https://www.chinadaily.com.cn/a/202109/08/WS6137f533a310efa1bd66dfbd.html, accessed on 9 September 2021
[xxviii] Chen Yu-fu, Jason Pan and Kayleigh Madjar, Afghanistan not a parallel with Taiwan: academics, Taipei Times, 17 August 2021, https://www.taipeitimes.com/News/taiwan/archives/2021/08/17/2003762746 accessed on 9 September 2021
[xxix]White House backtracks after Biden appears to say US would defend Taiwan against China,The Guardian, 20 August 2021, https://www.theguardian.com/world/2021/aug/20/biden-taiwan-china-us-defence, accessed on 9 September 2021
[xxx] Philip Anstrén, The case for greater US-EU collaboration on Taiwan, Atlantic Council, 30 June 2021, https://www.atlanticcouncil.org/blogs/new-atlanticist/the-case-for-greater-us-eu-collaboration-on-taiwan/ accessed on 7 September 2021
[xxxi] Why the EU should pay more attention to Taiwan, 9 January 2020,
https://www.clingendael.org/publication/why-eu-should-pay-more-attention-taiwan, accessed on 7 September 2021
[xxxii]Zhang Yi, Complete reunification of mainland, Taiwan urged, China Daily,28 August 2021,
https://www.chinadaily.com.cn/a/202108/27/WS61281ee3a310efa1bd66b713.html accessed on 9 September 2021