संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने 10 मई, 2021 को भारत के डिजिटल सेवा कर (डीएसटी) के विरुद्ध अपनी कार्रवाई तय करने के लिए एक जन-सुनवाई आयोजित की थी।[i] पिछले साल धारा 301 के अंतर्गत की गई यूएसटीआर जांच में भारत के डीएसटी को अनुचित, भेदभावपूर्ण और अमेरिकी कारोबारी हित के विरुद्ध पाया गया था। इसके अनुसार, यूएसटीआर ने अमेरिका को 40 चुनिंदा वस्तुओं के भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था।[ii] हालांकि, 02 जून, 2021 को यूएसटीआर ने अगले 180 दिनों के लिए अतिरिक्त टैरिफ निलंबित करने का फैसला किया गया था| इस संदर्भ में, यह लेख भारतीय निर्यात को होने वाले नुकसान का आकलन करने का प्रयास करता है, यदि अमेरिका यह अतिरिक्त शुल्क लगाता है।[iii] इसमें इस बात पर भी चर्चा होगी कि अगर भारत जवाबी कार्रवाई करता है तो क्या यह इसमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र को सबसे आगे रखते हुए व्यापार युद्ध की ओर ले जाएगा?
भारत का डीएसटी डिजिटल सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से किसी भी स्थानीय प्रतिष्ठान के बिना भारतीय बाजार से 20 मिलियन रुपये या उससे अधिक रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित करने वाली विदेशी कंपनियों पर 2 प्रतिशत कर लगाता है। इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म सेवाएं, डिजिटल कंटेंट सेल्स, किसी कंपनी के अपने सामान की डिजिटल बिक्री, डेटा से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं। प्रासंगिक रूप से, भारत 2016 में 6 प्रतिशत समकरण लेवी शुरू करने वाले पहले देशों में से एक है, लेकिन लेवी ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं तक ही सीमित थी। बाद में, वित्त अधिनियम 2020 के अंतर्गत इसे कर के दायरे को व्यापक बनाने और डीएसटी के रूप में संदर्भित करते हुए घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया था।[iv]
अमेरिकी व्यवसायों की चिंता को संबोधित करते हुए, यूएसटीआर ने 2 जून, 2020 को एक जांच शुरू की और डीएसटी को मुख्य रूप से तीन अलग आधारों पर भेदभावपूर्ण पाया। पहले इसमें कहा गया था कि डीएसटी अमेरिकी डिजिटल व्यवसायों के विरुद्ध भेदभाव करता है क्योंकि इसमें स्पष्ट रूप से भारतीय डिजिटल व्यवसायों को शामिल नहीं किया गया है। दूसरा, रिपोर्ट में पाया गया कि डीएसटी अनुचित रूप से अंतरराष्ट्रीय कर सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह लेवी गैर-डिजिटल सेवा प्रदाताओं द्वारा एक ही ग्राहक को प्रदान की जाने वाली समान सेवाओं तक नहीं फैली है। तीसरा, भारत का डीएसटी अमेरिकी वाणिज्य पर भारी बोझ डालता है या उसे प्रतिबंधित/सीमित करता है।[v]
यूएसटीआर के निष्कर्षों का विश्लेषण करते हुए यह देखा जा सकता है कि यह भारत के डीएसटी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को छोड़ता है या अनदेखा करता है। सबसे पहले, डीएसटी न केवल अमेरिकी कंपनियों पर लगाया जाता है; बल्कि यह भारत में डिजिटल सेवाओं की पेशकश करने वाली किसी भी विदेशी कंपनी पर लागू होता है। इसलिए इस तरह के दावे करना अनुचित है। भारतीय फर्में या भारत में स्थायी प्रतिष्ठान रखने वाली विदेशी फर्म कॉर्पोरेट टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है और उन्हें डीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाता है। इसी तरह, गैर-डिजिटल मोड के माध्यम से समान सेवाओं की पेशकश करने वाली कंपनियां भी कॉर्पोरेट कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। इस प्रकार डिजिटल सेवा प्रदाताओं पर कर लगाना बहुत उचित है जो दूर से भारतीय बाजार में अपनी बड़ी सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। हाल के दिनों में डिजिटल सेवाओं (जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो आदि) की घातीय वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, उन पर कर लगाने और घरेलू प्रतिभागियों के लिए समान अवसर पैदा करना अत्यंत आवश्यकता है।
अमेरिका का आरोप है कि डीएसटी अनुचित रूप से अंतरराष्ट्रीय कर सिद्धांतों का उल्लंघन करता है और गंभीर कमियों से ग्रस्त है। यह समझना जरूरी है कि अब तक इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई बहुपक्षीय सहमति नहीं बन पाई है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन में चर्चा चल रही है। इसके अलावा इस तरह का टैक्स लगाना विश्व व्यापार संगठन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप भी है। इसके अलावा, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में डीएसटी के समान कर लगाने की भी पुष्टि की है। अत:, अपने स्वयं के कर ढांचे की रक्षा करते हुए भारतीय कर को अनुचित और भेदभावपूर्ण बताना अमेरिका द्वारा किया गया एक यह अनुचित व्यवहार होगा।[vi]
अब अगर अमेरिका उपरोक्त सभी तर्कों को खारिज करता है और भारतीय निर्यात पर प्रस्तावित अतिरिक्त शुल्क लगाता है तो निश्चित तौर पर इससे भारतीय कारोबार में कुछ हद तक बाधा आएगी। अमेरिका झींगा, परदे का कपड़ा, बांस उत्पादों, सोने के आभूषण और फर्नीचर जैसी वस्तुओं के लिए भारतीय निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है और इन पर अतिरिक्त कर के बोझ का सामना करना पड़ सकता है। चूंकि इन वस्तुओं के लिए प्रतिस्पर्धा काफी अधिक है, इसलिए भारतीय निर्यातक अत्यधिक प्रभावित होंगे। अमेरिका-भारत संबंधों को ध्यान में रखते हुए इस तरह के टैरिफ लगाना भी महत्वपूर्ण है। अमेरिका की इस कार्रवाई से भारत को अमेरिकी निर्यात पर जवाबी शुल्क लगाने के लिए उकसाया जा सकता है। इससे संभवत व्यापार युद्ध जैसी स्थिति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इसमें डिजिटल सेक्टर के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने की क्षमता है। यह न केवल अमेरिका और भारत के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदेह होगा, जो 2018 में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की शुरुआत के बाद से ही बेहद बूरे दौर से गुजर रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविद-19 के प्रकोप के कारण और दुनिया के लगभग हर हिस्से में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सिकुड़ गई है। इसलिए, यूएसटीआर के अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि टैरिफ की अतिरिक्त मात्रा लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा और इसके बजाय यह चीजों को जटिल बना देगा। यूएसटीआर को यह भी समझना चाहिए कि यह भारत ही नहीं, कुछ अन्य देश भी डिजिटल ट्रांजैक्शन पर इस तरह का टैक्स लगा रहे हैं या लगाने कि योजना बना रहे हैं। इसलिए अमेरिका को वैश्विक वार्ता में शामिल होना चाहिए और अमेरिकी कारोबारी हितों की रक्षा करते हुए डिजिटल कराधान पर एक समझौते पर पहुंचना चाहिए। यह न केवल अमेरिकी कारोबार बल्कि वैश्विक कारोबार के हित में है।
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*डॉ. राहुल नाथ चौधरी, अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद्
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियाँ:
[i] USTR Announces Next Steps of Section 301 Digital Services Taxes Investigations. USTR Press release dated 26.3.2021 Available at: https://ustr.gov/about-us/policy-offices/press-office/press-releases/2021/march/ustr-announces-next-steps-section-301-digital-services-taxes-investigations Accessed on 28-4-2021
[ii] USTR Section 301 InvestigationReport on India’s Digital Services Tax. Available at https://ustr.gov/sites/default/files/enforcement/301Investigations/Report%20on%20India%E2%80%99s%20Digital%20Services%20Tax.pdf Accessed on 20-4-2021
[iii] USTR (June 02,2021) USTR Announces, and Immediately Suspends, Tariffs in Section 301 Digital Services Taxes Investigations. Available at: https://ustr.gov/about-us/policy-offices/press-office/press-releases/2021/june/ustr-announces-and-immediately-suspends-tariffs-section-301-digital-services-taxes-investigations Accessed on 15.06.21
[iv] The Finance Act 2020. Ministry of Finance, Government of India. Available at http://egazette.nic.inhttps://www.icwa.in/WriteReadData/2020/218938.pdf Accessed on 21-4-2021
[v] USTR Section 301 InvestigationReport on India’s Digital Services Tax. Available at https://ustr.gov/sites/default/files/enforcement/301Investigations/Report%20on%20India%E2%80%99s%20Digital%20Services%20Tax.pdf Accessed on 20-4-2021
[vi] India’s Response to USTR Notice under S.301. Available at: https://www.medianama.com/wp-content/uploads/Government_of_India_Written_Submission_Section_301_DST.pdfAccessed on 21.04.21