8 अगस्त, 2020 को आसियान की स्थापना के 53 वर्ष पूरे होने के मौके पर, उसके दो सदस्यों के बीच सबा पर अनसुलझे क्षेत्रीय विवाद के कारण अंतर-क्षेत्रीय तनाव को नज़रअंदाज करना मुश्किल रहा। मलेशिया और फिलीपींस के बीच उत्तर बोर्नियो विवाद आसियान की स्थापना से पहले भी था। हालांकि, मलेशियाई फेडरेशन के तहत तेरह राज्यों में से एक सबा पर जारी विवाद अब बेहद परेशानी पैदा करने वाली स्थिति के रूप में उभर रहा है। हाल ही में मुद्दा तब और भड़क गया जब 29 जून, 2020 को ट्विटर पर लिए गए एक पोस्ट में फिलीपींस के विदेश मामलों के सचिव, तियोदोरो लोक्सिन जूनियर ने कहा कि सबा मलेशिया का हिस्सा नहीं है। जवाब में, मलेशिया के विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा कि फिलीपींस के विदेश सचिव द्वारा की गई टिप्पणी ’गैर जिम्मेदाराना है’ और इस मामले पर मनीला के राजदूत को भी तलब किया।[i]
संक्षिप्त में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
सुलु सल्तनत जिसका सबा पर अधिकार था, ने 22 जनवरी, 1878 को ब्रिटिश नॉर्थ बोर्नियो कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार ब्रिटिश नॉर्थ बोर्नियो कंपनी आधे पूर्वी क्षेत्र पर अनिश्चित काल तक कब्जा कर सकता था जब तक कि वह सल्तनत को धन का भुगतान करता रहे। यह 1888 में ब्रिटिश संरक्षित राज्य बन गया और द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में, नार्थ बोर्नियो को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया गया। 1963 में आयोजित जनमत संग्रह के माध्यम से, इसे स्वतंत्रता प्राप्त हुई और इसके लोगों ने मलेशिया में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया। इसके परिणामस्वरूप नार्थ बोर्नियो का नाम बदलकर सबा रख दिया गया।[ii] इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो ने मलेशियाई महासंघ के गठन को नव-उपनिवेशवाद के रूप में देखा, जिसके परिणामस्वरूप ग्यांग मलेशिया (क्रश मलेशिया) अभियान शुरू हुआ। हालांकि, सुहर्तो सरकार के तहत, इंडोनेशिया ने दक्षिण पूर्व एशिया की स्थिरता और सुरक्षा को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानना शुरू कर दिया। इसलिए, इसने नार्थ बोर्नियो / सबा पर अपने रुख को वापस लेने और आसियान के माध्यम से अपने पड़ोसियों के साथ अधिक रचनात्मक संबंध अपनाने और 'क्रश मलेशिया’ अभियान को समाप्त करने के माध्यम से संघर्ष के बजाय क्षेत्रीय सहयोग का मार्ग चुना।[iii] दूसरी ओर फिलीपींस ने सबा पर अपना दावा नहीं छोड़ा - जो एक ऐसी स्थिति जो आज तक बनी हुई है।
जबकि मलेशिया और ब्रिटिश ने 1878 के सुलु सल्तनत के साथ किए गए समझौते को जमीन की बिक्री के रूप में माना, फिलीपींस का तर्क है कि नार्थ बोर्नियो / सबा, सुलु की सल्तनत द्वारा अंग्रेजों को पट्टे पर दिया गया था। 22 जून, 1962 को राष्ट्रपति डिओसैडो मैकापगल के कार्यकाल के दौरान, फिलीपींस सरकार ने मनीला में तैनात ब्रिटिश राजदूत के समक्ष नार्थ बोर्नियो पर संप्रभुता एवं स्वामित्व का दावा दायर किया।[iv] फिलीपींस की सरकार का कहना है कि 1878 के पट्टे को 22 जनवरी, 1958 को वैध रूप से सुलु के सुल्तान द्वारा एक घोषणा करके समाप्त कर दिया गया था, जिसने सबा पर फिलीपींस का अधिकार बहाल हुआ। सितंबर 1962 में, सुलु के सुल्तान, सुल्तान मोहम्मद इस्माइल किरम ने औपचारिक रूप से नार्थ बोर्नियो से संबंधित सभी अधिकार, स्वामित्व, हक, प्रभुत्व और संप्रभुता को फिलीपींस गणराज्य में सौंप दिया। इसी आधार पर फिलीपींस सरकार ने नॉर्थ बोर्नियो पर अपना दावा और पूर्ण नियंत्रण 12 सितंबर, 1962 को शुरु किया।[v]
मनीला में 31 जुलाई, 1963 को राष्ट्रपति सुहर्तो, राष्ट्रपति मैकापागल और तत्कालीन मलाया फेडरेशन के प्रधानमंत्री टुंकू अब्दुल रहमान मनीला समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए।[vi]
आगे के विवाद से बचने के लिए, जून 1963 में मलाया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के नेता मनीला में मिले। मनीला समझौते के तहत यह बैठक 31 जुलाई, 1963 को हुई, जिसके बाद 3 अगस्त, 1963 को मनीला घोषणा पत्र पर और 5 अगस्त, 1963 को एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए। इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस द्वारा मनीला समझौते पर हस्ताक्षर करने से, सबा पर उठे क्षेत्रीय विवाद को शांति से हल करने हेतु एक समझौता किया गया।[vii] हालांकि, 18 सितंबर, 1968 को, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस ने फिलीपींस के क्षेत्रीय समुद्र के सीमांकन हेतु कांग्रेस के बिल पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार सबा के राज्य पर उनका प्रभुत्व था। मलेशियाई सरकार ने इसे अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताते हुए इन दावों को खारिज कर दिया, और इस एकतरफा कार्रवाई को आक्रामक और उत्तेजक बताया। 1970 में प्रकाशित एक शोधपत्र में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में कानून के वरिष्ठ व्याख्याता जेफ्री मारस्टन ने तर्क दिया कि सबा पर फिलिपींस सरकार का दावा जो सुलु सल्तनत से अधिकारों के उत्तराधिकार पर निर्भर करता है, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने पर कथित तथ्यों को सिद्ध करने हेतु आवश्यक सबूत के अभाव में विफल हो जाएगा।[viii] इन दावों और एकतरफा कार्रवाइयों ने किसी भी तरह के समझौते के लिए रास्ता बंद कर दिया और यह मुद्दा आज तक ऐसे ही रहा।
समाधान की ओर बढ़ता वर्तमान गतिरोध
आसियान की स्थापना एक तरह से यह सुनिश्चित करने हेतु भी थी कि किसी भी प्रकार का विस्तारवादी आक्रमण न हो और क्षेत्र शीत युद्ध के प्रभाव से अछूता रहे। आसियान की स्थापना सैन्य टकराव को कम करने हेतु आवश्यक क्षेत्रीय सामंजस्य और मतभेदों को हल करने हेतु अपने सदस्यों द्वारा बातचीत पर जोर देने की आवश्यकता के कारण भी की गई।[ix] इसके अलावा, आसियान के दायरे से सैन्य पहलू को छोड़कर, नवगठित क्षेत्रीय समूह ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास पर अपना ध्यान केंद्रित रखा। आसियान ने अपनी घोषणा में, सभी सदस्यों के बीच उनकी साझा चुनौतियों तथा हितों को स्वीकार किया, जिन्हें समानता पर आधारित साझेदारी के माध्यम से दूर किया जा सकता है।[x]
हालांकि, आसियान की स्थापना से जारी गतिरोध का अंत नहीं हो सका। हालांकि, क्षेत्रीय एकजुटता के हित में इस मुद्दे को हल करने हेतु और इसे आसियान के माध्यम से हल करने हेतु मलेशिया और फिलीपींस के बीच एक समझौता हुआ था, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा।[xi] मलेशिया और फिलीपींस के बीच इस अंतर-आसियान विवाद को हल करने की चुनौती उनमें से प्रत्येक से उठती रही है जिनकी नीति संघ के व्यापक एजेंडे के विपरीत है। यह किसी भी प्रस्ताव के पारित होने पर सर्वसम्मति न बन पाने का कारण रहा है।[xii] हालांकि, आसियान क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर मलेशिया और फिलीपींस के बीच राजनीतिक तनाव को कम करने में सक्षम रहा है, लेकिन सबा पर जारी विवाद को हल करना कभी भी इसकी किसी भी बैठक में महत्वपूर्ण एजेंडा नहीं रहा है, जिसके लिए आसियान की भूमिका तनावों और विवादों को दूर करना था। वर्तमान संवेदनशील भू-राजनीतिक माहौल में, अब यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह मुद्दा क्षेत्र में अस्थिरता का कारण न बने।[xiii]
पहला चित्र: मलेशिया के नक्शे पर सबा राज्य[xiv]
जैसा कि पहले चित्र में दिखाया गया है, सबा 29,000 वर्ग मील क्षेत्र में फैला हुआ है और बोर्नियो द्वीप के उत्तर-पूर्व कोने में स्थित है, जो मलेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई के बीच साझा है। सबी के उत्तर में बैंग्गी द्वीप, फिलीपींस के दक्षिणी बालाबाक द्वीप से 80 किमी से भी कम दूरी पर स्थित है, जिसके परिणामस्वरूप इसे सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें फिलीपीन-आधारित आतंकवादी समूहों जैसे अबू सय्यफ के हमले शामिल हैं। सबा में प्राकृतिक संसाधनों का भी भंडार है, जिसमें अनुमानित 1.5 बिलियन बैरल तेल और 11 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस भंडार है।[xv]
सबा में व्यावसायिक रूप से उपयोज्य लकड़ी के व्यापक भंडार में विशेष रूप से फिलीपींस का रुचि है क्योंकि इससे उत्तरार्द्ध की घटती लकड़ी संसाधनों की क्षतिपूर्ति हो सकती है। इसके अलावा, सबा के विशाल अविकसित भू-भाग भी अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह तेजी से बढ़ते भीड़भाड़ वाले उत्तरी और मध्य फिलीपींस द्वीप समूह की आबादी का पुनर्वास बन सकता है। इसकी 1,000 मील की तटरेखा तीन जल निकायों - पश्चिम में दक्षिण चीन सागर, उत्तर-पूर्व में सुलु सागर और दक्षिण-पूर्व में सेलेब्स सागर से सटी हुई है। सबा के पश्चिमी तटों की प्रकृति में पारंपरिक उभयचर शिल्प के लैंडिंग हेतु उपयुक्त रेतीले समुद्र तट शामिल हैं। इसके अलावा, कोटा किनबालु के उत्तर में गया खाड़ी के किनारे रेतीले समुद्र तट बड़े पैमाने पर उभयचर लैंडिंग हेतु अनुकूल हैं। पूर्वी तट के निचले हिस्सों के साथ पूर्वी सबा में समान रूप से कम रेतीले समुद्र तट हैं, बड़े पैमाने पर उभयचर लैंडिंग और संचालन को सीमित करने वाले अभेद्य मैंग्रोव दलदल द्वारा समर्थित किनारे हैं। सुलु और सेलेब्स सागर के पहुंच मार्ग कोरल रीफ्स, जलमग्न चट्टानों, सैंडबार और ऐसे कई विशेषताएं पेश करते हैं। ये केवल छोटे नौसेना शिल्प के माध्यम से किसी भी संचालन को सीमित करके प्राकृतिक बाधा प्रदान करते हैं।[xvi] इसलिए, इसकी भू-रणनीतिक क्षमता के साथ-साथ संसाधन बहुतायत मलेशिया तथा फिलीपींस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसके कारण उनके बीच छह दशकों से अधिक समय से विवाद चल रहा है।
सबा में वर्तमान आंतरिक परिणामों की संक्षिप्त जानकारी
सबा के ध्वज के साथ मलेशियाई ध्वज[xvii]
आज, सबा में कुछ निवासियों के बीच भी असंतोष बढ़ रहा है जो मानते हैं कि 1976 में मलेशिया समझौते 1963 (एमए63) में संशोधन किया गया था, जिसके कारण सबा की स्थिति मलेशिया संघ के साथ समान साझेदार होने के कारण अन्य देशों की तरह हो गई।[xviii] एमए63, जिसने मलेशियाई संघ का गठन किया, पर यूनाइटेड किंगडम, मलाया, सिंगापुर, नॉर्थ बोर्नियो और सारावाक द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता नार्थ बोर्नियो या सबा और सारावाक राज्यों को 'बीस सूत्रीय' समझौते के तहत उच्च स्वायत्तता प्रदान करता है। इस बीस सूत्रीय समझौते के माध्यम से, सबा और सरावाक के नेताओं ने नए मलेशियाई संघ के गठन का समर्थन करने के बदले में स्वायत्तता हासिल की। एमए63 में संशोधन और नौकरशाही नियमों को शामिल करने के माध्यम से, राज्य के राष्ट्रवादियों को लगता है कि उनकी स्वायत्तता को संघीय सरकार द्वारा प्रभावित किया गया है।[xix] इसके अलावा, मलेशिया के अन्य राज्यों की तुलना में, क्षेत्र अपने तेल, गैस और अन्य प्राकृतिक संसाधनों द्वारा आर्थिक योगदान के बावजूद अविकसित रहा है। अपने प्राकृतिक संसाधनों और समर्थन की कमी के कारण शोषण की भावना भी संघ के खिलाफ सबा की असंतुष्टि को बढ़ाती रही है।[xx]
सबा के भीतर बढ़ता असंतोष संघीय सरकार द्वारापॉल्युशन री-इंजीनियरिंग के माध्यम से राज्य के जनसांख्यिकी को बदलने के कथित प्रयासों के कारण भी है। सबा की आबादी 3.5 मिलियन से अधिक है, जिनमें से अधिकांश मलय नहीं हैं। लगभग 60 प्रतिशत आबादी स्वदेशी, चीनी (लगभग 9.1 प्रतिशत) या दक्षिणी फिलीपींस, इंडोनेशिया या मलेशिया के अन्य भागों से आने वाले जातीय समूहों की है। अधिक संख्या वाले अल्पसंख्यकों में से कुछ कदज़ान-दसून (लगभग 17.8 प्रतिशत), बजाऊ (14 प्रतिशत), और मुरूत (3.2 प्रतिशत) हैं। कदज़ान-दसून के अधिकांश लोग कैथोलिक या एनिमिस्ट (जीववादी) हैं और कुछ ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया हुआ है जबकि बजाऊ के अधिकांश लोग मुस्लिम हैं। मुरूत, जिन्हें 'पहाड़ी लोगों' के रूप में जाना जाता है, सबा के दक्षिण-पश्चिम आंतरिक भाग में बसे हुए हैं, जिनमें से कई ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं, हालांकि इनमें से कुछ और हाल ही में इस्लाम में परिवर्तित हुए हैं। 1960 और 2000 के शुरुआती दशक के बीच, दक्षिणी फिलीपींस और इंडोनेशिया के एक मिलियन से अधिक मुसलमानों की आमद को यहां बसने और मतदान के अधिकार दिए गए थे।[xxi]
मलेशियाई संघीय सरकार द्वारा किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप सबा की आबादी में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ इसकी जनसांख्यिकीय संरचना काफी बदल रही है, जिनकी आबादी 1960 में 37.9 प्रतिशत से बढ़कर 2010 में 65.4 प्रतिशत हो गई।[xxii] इससे स्थानीय गैर-मुस्लिमों के साथ जनसांख्यिकीय और राजनीतिक तुच्छता में राजनैतिक प्रभाव पड़ा है, जबकि मुस्लिम समूह जनसांख्यिकी और राजनैतिक दृष्टि से प्रभावी हैं। इसके अलावा, सबा में बदली हुई जनसांख्यिकीय संरचना, जिसने राजनीतिक रूप से स्थानिय लोगों को हाशिए पर डाल दिया है, ने ज़मींदारी और संसाधन आवंटन से संबंधित उनके अधिकारों को प्रभावित किया है।[xxiii]
हालांकि यह मलेशिया का आंतरिक मामला है, उभरता अंसतोष राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रहा है, जिससे संघीय राज्य और सबा राज्य के बीच तनाव पैदा हो रहा है। सबा में राष्ट्रवाद का उदय मलेशिया और फिलीपींस के बीच विवाद में एक और आयाम जोड़कर क्षेत्र में असंतुलन पैदा करता है। राज्य के भीतर उभरते हुए ये मुद्दे आज सबा में सक्रिय छोटे अलगाववादी आंदोलनों से प्रभावित हो रहे हैं और अलगाववादी आंदोलनों को और गति न मिले, यह सुनिश्चित करने हेतु राजनीतिक स्तर पर इसे हल करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
हालांकि, मलेशिया का कहना है कि सबा मलेशियाई संघ का हिस्सा रहा है और रहेगा, लेकिन उसके दावों को फिलीपींस ने लगातार चुनौती दी है। आसियान की स्थापना ने दोनों के बीच विवाद की संभावना को कम किया है, लेकिन यह इसका शांतिपूर्ण हल निकालने में सफल नहीं रहा। दोनों देशों ने दशकों से आपसी हितों के आतंकवाद, हिंसक अतिवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला; समुद्री सहयोग, क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार, व्यापार और वित्त, निवेश और आर्थिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत किया है, लेकिन क्षेत्रीय विवाद अभी भी कायम है। वर्तमान में, क्योंकि दोनों देश कोविड-19 से पीड़ित हैं और यह क्षेत्र भूराजनीतिक उथल पुथल से गुजर रहा है, निकट भविष्य में फिलीपींस से अधिक बयानबाजी होने की संभावना है जो कि उसके राजनीतिक नेतृत्व के लिए न केवल घरेलू तुष्टीकरण का संकेत होगा बल्कि सबा पर उसके दावों को और अधिक बढाएगा।
मलेशिया और फिलीपींस के बीच सबा को लेकर विवाद उनके द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर करता है। यह विवाद सुरक्षा के दायरे में कमजोरियां पैदा करता है, जहां दोनों देशों को आतंकवाद से निपटने की समान चुनौतियों का सामना करना है। क्षेत्र के तीसरे देशों के साथ उनके द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय सहयोग शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र हेतु महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था उनके द्विपक्षीय विवाद - मुख्य रुप से सबा पर असहमति के कारण कमजोर हो गई है।
*****
*डॉ. टेम्जेनमरेन एओ विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोध अध्येता हैं।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
अंत टिप्पण
[i]“Malaysia, Philippines in war of words over Sabah claim”, Al Jazeera, July 30, 2020, https://www.aljazeera.com/news/2020/07/malaysia-philippines-war-words-sabah-claim-200730032257250.html, Accessed on July 31, 2020.
[ii]VritiVankani, “Sabah: The Achilles heel in Malaysia-Philippines Relation”, The Kootneeti, March 23, 2020, https://thekootneeti.in/2020/03/23/sabah-the-achilles-heel-in-malaysia-philippines-relation/, Accessed on July 31, 2020.
[iii] The ‘Crush Malaysia’ or ganyang Malaysia was announced by President Sukarno on July 27, 1963, in response to the formation of the federation of Malaysia.See:http://eresources.nlb.gov.sg/history/events/126b6b07-f796-4b4c-b658-938001e3213e, Accessed on August 3, 2020.
[iv]VritiVankani, “Sabah: The Achilles heel in Malaysia-Philippines Relation”, The Kootneeti, March 23, 2020, https://thekootneeti.in/2020/03/23/sabah-the-achilles-heel-in-malaysia-philippines-relation/, Accessed on July 31, 2020.
[v]Geoffrey Marston, “International Law and the Sabah Dispute”, The Australian Year Book of International Law Online, Volume 3, Issue 1, January 1, 1970, pp. 103-152, http://www.austlii.edu.au/au/journals/AUYrBkIntLaw/1967/4.pdf, Accessed on August 5, 2020.
[vi]See://https://defenders-philippine-sovereignty.blogspot.com/2013/04/signing-of-manila-accord-1963-on-31st.html. Accessed on August 10, 2020.
[vii]Faisal S. Hazis, “Domination, Contestation, and Accommodation: 54 Years of Sabah and Sarawak in Malaysia”, Southeast Asian Studies, 7(3), (2018), pp. 341-361. https://repository.kulib.kyoto-u.ac.jp/dspace/bitstream/2433/237246/1/sas_7_3_341.pdf. Accessed on August 3, 2020.
[viii]Geoffrey Marston, “International Law and the Sabah Dispute”, The Australian Year Book of International Law Online, Volume 3, Issue 1, January 1, 1970, pp. 103-152, http://www.austlii.edu.au/au/journals/AUYrBkIntLaw/1967/4.pdf, Accessed on August 5, 2020.
[ix]Yuen FoongKhong, “Michal Leifer and the pre-requisites of regional order in Southeast Asia”, in Joseph ChinyongLiow and Ralf Emmers (edi), Order and Security in Southeast Asia: Essays in memory of Michael Leifer, (Routledge: Oxon, 2006), p. 32-33.
[x]“Indonesia”, National Intelligence Estimate (NIE 55-68), US Department of States, December 31, 1968, https://nsarchive2.gwu.edu/NSAEBB/NSAEBB242/1968_NIE-55-68.pdf, Accessed on August 1, 2020
[xi]Paridah Abd. Samad and Darusalam Abu Bakar, “Malaysia-Philippines Relations: The Issue of Sabah”, https://watermark.silverchair.com/2645160.pdf?token=AQECAHi208BE49Ooan9kkhW_Ercy7Dm3ZL_9Cf3qfKAc485ysgAAAoowggKGBgkqhkiG9w0BBwagggJ3MIICcwIBADCCAmwGCSqGSIb3DQEHATAeBglghkgBZQMEAS4wEQQM7LNbgXOFXfS6GIi6AgEQgIICPcuXHErA5GfUH0s53bj8WlwGvPtSCXpvgQG3G_sA1B5Kr7ay8--j6Kv4kqAxpaNxbuGiSV4-g6Y9Xs0njE_3MMF8Pgq24z-NLq8VXSnv79kbQbgo1S1qBOp0IoJyVggpAnvZIaeKikV8xMBkMJcgqcTvea8LNOiDH_iVBQ5T31OVg9piAP0GJUooVYZiGLm84xoGqPtrxIq9dwDwREEZH-Noj-BQylxHtFGj48K2JzIlHUCI4pVqfx057m5Z961djW7lU9LcMKXveKKlontyRxbbHxVLTN-1TonRk6Tj0al4O0iZgj5HIFE-BbOu9kKnHtXCvZABacJ0HKSfX2I05G2Z6ZKdAZnbInlEdr_xNbWyL5rRKtcv0gg9YewwY74rno3iwtvLt5_ZUYhrtZ0mCI1NreTBvoRAowywCdVlOUeNKidAfFUiHYg_dRj1shjS3NXUrFgLtB22NjyuuGcoKlI1dLSzcNQ3PWOxqh2Tg44uvlNMdOdHFhqNV-awdbyRFzWunxB6yOOf900L5zdIvn0ze1qKxzRJ0DLEZWBH2JsjFz5VkCDLHaq0z6ne9ikyClKsM9KykLywGl0JEhvNcwqw-ZufePwK4b4sFJhVzenke96geUxzZ0L_heXZnKiarEg2QOQB5pjQ9Hnx2BqBZ55x4P2AEgrYFZxbUn5fHT7dHrxBTPSThpiQhSOz9qZ0iW3b0afgqjDQUCRuP5elolVTFCjluyCpkUEv5-ByP-JTvKJDAPQ1ir63yQ9RVg, Accessed on July 31, 2020.
[xii]Paul Dibb, “Indonesia: The Key to South-East Asia’s Security”, International Affairs (Royal Institute of International Affairs 1944-), Vol. 77, No.4 (Oct., 2001), pp. 835.
[xiii]Paridah Abd. Samad and Darusalam Abu Bakar, “Malaysia-Philippines Relations: The Issue of Sabah”, https://watermark.silverchair.com/2645160.pdf?token=AQECAHi208BE49Ooan9kkhW_Ercy7Dm3ZL_9Cf3qfKAc485ysgAAAoowggKGBgkqhkiG9w0BBwagggJ3MIICcwIBADCCAmwGCSqGSIb3DQEHATAeBglghkgBZQMEAS4wEQQM7LNbgXOFXfS6GIi6AgEQgIICPcuXHErA5GfUH0s53bj8WlwGvPtSCXpvgQG3G_sA1B5Kr7ay8--j6Kv4kqAxpaNxbuGiSV4-g6Y9Xs0njE_3MMF8Pgq24z-NLq8VXSnv79kbQbgo1S1qBOp0IoJyVggpAnvZIaeKikV8xMBkMJcgqcTvea8LNOiDH_iVBQ5T31OVg9piAP0GJUooVYZiGLm84xoGqPtrxIq9dwDwREEZH-Noj-BQylxHtFGj48K2JzIlHUCI4pVqfx057m5Z961djW7lU9LcMKXveKKlontyRxbbHxVLTN-1TonRk6Tj0al4O0iZgj5HIFE-BbOu9kKnHtXCvZABacJ0HKSfX2I05G2Z6ZKdAZnbInlEdr_xNbWyL5rRKtcv0gg9YewwY74rno3iwtvLt5_ZUYhrtZ0mCI1NreTBvoRAowywCdVlOUeNKidAfFUiHYg_dRj1shjS3NXUrFgLtB22NjyuuGcoKlI1dLSzcNQ3PWOxqh2Tg44uvlNMdOdHFhqNV-awdbyRFzWunxB6yOOf900L5zdIvn0ze1qKxzRJ0DLEZWBH2JsjFz5VkCDLHaq0z6ne9ikyClKsM9KykLywGl0JEhvNcwqw-ZufePwK4b4sFJhVzenke96geUxzZ0L_heXZnKiarEg2QOQB5pjQ9Hnx2BqBZ55x4P2AEgrYFZxbUn5fHT7dHrxBTPSThpiQhSOz9qZ0iW3b0afgqjDQUCRuP5elolVTFCjluyCpkUEv5-ByP-JTvKJDAPQ1ir63yQ9RVg, Accessed on July 31, 2020.
[xiv] See:// https://www.worldometers.info/img/maps/malaysia_political_map.gif
[xv]Meaghan Tobin, “What’s behind the revived dispute between Philippines and Malaysia over Sabah?”, South China Morning Post, September 9, 2019, https://www.scmp.com/week-asia/explained/article/3026422/explained-whats-behind-revived-dispute-between-philippines-and, Accessed on August 1, 2020.
[xvi]“Intelligence Report: Geographic Brief on Sabah”, Central Intelligence Agency, Directorate of Intelligence, April 1969, https://www.cia.gov/library/readingroom/docs/CIA-RDP84-00825R000100620001-7.pdf, Accessed on August 1, 2020.
[xvii] See: https://thekootneeti.in/2020/03/23/sabah-the-achilles-heel-in-malaysia-philippines-relation/, Accessed on August 10, 2020.
[xviii]Piya Sukhani, “What’s Behind Calls for Independence in Sabah?”, The Diplomat, April 3, 2019, https://thediplomat.com/2019/04/whats-behind-calls-for-independence-in-sabah/, Accessed on August 3, 2020.
[xix]James Chin, “ ‘New Malaysia’: Four Key Challenges in the Near Term”, Lowy Institute, March 14, 2019, https://www.lowyinstitute.org/publications/new-malaysia-four-key-challenges-near-term, Accessed on August 3, 2020.
[xx]James Chin, “ ‘New Malaysia’: Four Key Challenges in the Near Term”, Lowy Institute, March 14, 2019, https://www.lowyinstitute.org/publications/new-malaysia-four-key-challenges-near-term, Accessed on August 3, 2020.
[xxi]“Malaysia: Indigenous people and ethnic minorities in Sabah”, Minority Rights Group International, January 2018, https://minorityrights.org/minorities/indigenous-peoples-and-ethnic-minorities-in-sabah/, Accessed on August 3, 2020.
[xxii]Piya Sukhani, “What’s Behind Calls for Independence in Sabah?”, The Diplomat, April 3, 2019, https://thediplomat.com/2019/04/whats-behind-calls-for-independence-in-sabah/, Accessed on August 3, 2020.
[xxiii]“Malaysia: Indigenous people and ethnic minorities in Sabah”, Minority Rights Group International, January 2018, https://minorityrights.org/minorities/indigenous-peoples-and-ethnic-minorities-in-sabah/, Accessed on August 3, 2020.