सार
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी) क्षेत्र का करीब से परीक्षण करने पर पता चलता है कि महामारी की अनुक्रियाओं पर लिए गए निर्णय ने आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र को विभाजित किया है। जहां इस क्षेत्र के राज्य मौजूदा अवस्था में महामारी को संबोधित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, वहीं दीर्घकालिक नीति निर्माण की भी आवश्यकता है।
कोविड-19 महामारी लगभग पूरे लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी) क्षेत्र को तेजी से प्रभावित कर रहा है। आज तक, इस क्षेत्र से दो लाख से अधिक मामलों और सात हजार मौतों की सूचना आई है। इस क्षेत्र के अधिकांश देश मुद्दों को संबोधित करने के लिए उपलब्ध संसाधनों के साथ काम कर रहे हैं, जबकि अर्जेंटीना और कोलंबिया जैसे कुछ देशों को अपने संबंधित कोविड-19 कार्य बलों की मदद के लिए विश्व बैंक से सहायता मिल रही है।
इस क्षेत्र का करीब से परीक्षण करने पर पता चलता है कि महामारी की अनुक्रियाओं पर लिए गए निर्णय ने आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र को विभाजित किया है। सबसे पहला, इक्वाडोर और पेरू जैसे देश, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार अपनी अनुक्रिया दे रहे हैं और लोगों और वस्तुओं की सभी गैर-आवश्यक आवाजाही को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, सामाजिक दूरी को प्रोत्साहित किया है आदि। दूसरा, ब्राजील और मैक्सिको जैसे राष्ट्र, जहां संघीय सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन के खिलाफ निर्णय लिया है और महामारी की अनुक्रिया का नेतृत्व प्रांतीय गवर्नरों द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने प्रसार को कम करने और ‘वक्र को सपाट बनाने’ के लिए कड़े कदम उठाने की पहल की है। तीसरे सेट में क्यूबा और वेनेजुएला जैसे राष्ट्र शामिल हैं, जो डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों की तर्ज पर संकट की अनुक्रिया दे रहे हैं, लेकिन उनके प्रयासों में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से बाधा उत्पन्न हो रही है।
कोविड-19 महामारी से एलएसी क्षेत्र के सामने आईं चुनौतियां
कोविड-19 महामारी क्षेत्र के लिए कुछ विशेष अंतर-संबंधित चुनौतियां खड़ी करती हैं। इन पर नीचे चर्चा की गई है:
1. आर्थिक तनाव
वैश्विक और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर कोविड-19 महामारी के संभावित प्रभाव के बारे में कई अनुमान लगाए जा रहे हैं। लेकिन सटीक संख्याओं की गणना करना मुश्किल है क्योंकि ये काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेंगे कि महामारी कब तक चलेगी, और साथ ही व्यापार पर सामाजिक दूरी प्रतिबंधों की गंभीरता और सरकारों के प्रोत्साहन पैकेजों का आकार और प्रभावशीलता पर भी निर्भर करेंगे। एलएसी क्षेत्र के लिए, ये चुनौती इस तथ्य से और भी जटिल हो जाती है कि ये अर्थव्यवस्थाएं 2007-09 की वैश्विक मंदी से पूरी तरह से उबरी भी नहीं हैं और इन अर्थव्यवस्थाओं में धीमी वृद्धि भी देखी गई है। लॉकडाउन के लागू होने से ये अर्थव्यवस्थाएं ठहर गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार इस क्षेत्र को 1950 के बाद से सबसे बुरी मंदी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक दृष्टिकोण विश्व बैंक और लैटिन अमेरिका के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (सीईपीएएल) दोनों द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसने ‘इस क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.8% से 4% तक के अपेक्षित गिरावट के साथ 2020 में लैटिन अमेरिका की “एक बड़ी मंदी” की ओर बढ़ने की भविष्यवाणी की है। यह क्षेत्र पहले से ही 2019 में केवल 0.1% की कमजोर वृद्धि के साथ आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था’।[i]
चूंकि यह महामारी विश्व को एक और आर्थिक मंदी की ओर जबरन ले रहा है, इसलिए क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं एक लंबी अवधि तक धीमी आर्थिक वृद्धि का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह क्षेत्र निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है। चीन, इस क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और अमेरिका, सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार, दोनों ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) भी संघ के भीतर ही अपने प्रयासों और संसाधनों को केंद्रित कर रहा है। एलएसी क्षेत्र द्वारा आपूर्ति की जाने वाले कच्चे माल और तेल की वैश्विक मांग घट गई है। एलएसी क्षेत्र का अन्य प्रमुख उद्योग पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र है, जिसमें इन क्षेत्रों को लंबे समय तक नुकसान होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। कैरिबियाई द्वीपों में इस क्षेत्र में 25 प्रतिशत संकुचन देखा जा सकता है। ‘अपने पर्यटन क्षेत्रों के समर्थन के लिए, देश जानबूझकर विदेश यात्रा को प्रतिबंधित कर सकते हैं और स्थानीय पर्यटन को एक विकल्प के रूप में प्रोत्साहित कर सकते हैं।’[ii] फिर भी, उन देशों के लिए जहां पर्यटन अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, यह यथेष्ट विदेशी मुद्रा भंडार या रोजगार उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
‘सबसे बड़ी आर्थिक त्रासदी का असर अनौपचारिक क्षेत्र (अपंजीकृत व्यवसायों) और उन कर्मचारियों पर पड़ा है, जो हितलाभ पाने के हकदार नहीं हैं, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा नहीं मिली है क्योंकि वे अनौपचारिक तरीके से काम करते हैं’।[iii] ‘देशों ने संकटग्रस्त परिवारों को प्रत्यक्ष हितलाभ हस्तांतरण (जिसमें मौजूदा योजनाओं का विस्तार शामिल है), पहुँच आवश्यकताओं पर छूट और बेरोजगारी बीमा योजनाओं का विस्तार, रोजगार सब्सिडी, अस्थायी कर छूट और स्थगन और क्रेडिट गारंटी का सहारा लिया है’।[iv] ‘लेकिन ये चुनौती बनी हुई है कि सरकार पारंपरिक हस्तांतरण के माध्यम से संकटग्रस्त परिवारों तक पहुंचने में असमर्थ हो सकती हैं’।[v]
ii) स्वास्थ्य संकट
अधिकांश देशों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कम निवेश किया है जो विशेष रूप से इस क्षेत्र की सबसे गरीब और ग्रामीण आबादी के लिए केवल कवरेज और पहुंच तक सीमित है। इस क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक अस्पतालों का मेल है। अन्य जगहों की ही तरह, इन क्षेत्रों के अस्पतालों में जितने बिस्तर और रेस्पीरेटर हैं, मांग बढ़ने पर ये उन मांगों को पूरा नहीं कर पाएंगे। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में वायरस के लिए परीक्षण नि: शुल्क है, पर आवश्यक परीक्षण के पैमाने को देखते हुए, निजी क्षेत्र को भी मुफ्त या नाममात्र शुल्क पर परीक्षण प्रदान करने के लिए शामिल होना होगा। क्षेत्र की स्वदेशी आबादी से मामलों की सूचना मिलने के साथ, परीक्षण को और अधिक सुलभ बनाने की आवश्यकता है। जैसा कि ऊपर कहा गया है, बड़ी संख्या में लोग नियमित आय के बिना और सीमित बचत के साथ अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं। उनकी तंग परिस्थितियों में रहने की अधिक संभावना है, और ये सभी हालात वायरस के अधिक प्रसार के हित में परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है पर जबकि स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं का खर्च वहन करने के लिए आर्थिक साधन सीमित है।
ऐसे श्रमिकों की पहचान करने और सरकार की ओर से उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भी काफी प्रयास करने की आवश्यकता होगी। ‘उदाहरण के लिए, अल साल्वाडोर, अर्जेंटीना और चिली, सभी देशों ने निम्न-आय वाले परिवारों या अर्ध-औपचारिक या अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को वेतन भुगतान करने की मंजूरी दी है, हालांकि ऐसे लोगों को बैंक खातों के बिना इस सहायता राशि को वितरण करने की कठिनाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। अन्य देशों ने रोजगार-संरक्षण कानून पारित किया है, उपयोगिता भुगतान और बेदखलियों को स्थगित किया है, और गरीब और मध्यम वर्ग की सुरक्षा के लिए अन्य उपायों को लागू किया है’।[vi] एनजीओ और सामुदायिक रसोई की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करना आसान हो सकता है।
एलएसी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी हद तक महिलाओं पर निर्भर है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, क्षेत्र में करीब 46 प्रतिशत डॉक्टर और 86 प्रतिशत नर्सें महिलाएं हैं।[vii] उन पर रोगियों को प्रदत्त देखभाल और साथ ही ऐसे समय में जब स्कूल और बाल देखभाल केंद्र बंद हो गए हैं अदत्त देखभाल कार्य, जैसे कि बच्चों की देखभाल और अपने परिवार के बुज़ुर्गों की देखभाल करने का दबाव है। यह उस प्रणाली पर अधिक दबाव बना रहा है, जिसमें नियमित रूप से कम वैतनिक महिला श्रमिक हैं और जो क्षेत्र में फैली अन्य बीमारियों जैसे कि डेंगू पर अंकुश कसने के लिए काम कर रही हैं।
iii) सामाजिक चुनौतियां
वायरस का मुकाबला करने के लिए शिक्षा गतिविधियों के स्थगन ने सबसे कमजोर वर्ग की अधिगम प्रक्रिया पर बड़ा प्रभाव डाला है, क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन संसाधनों तक उनकी पहुँच सीमित है या कोई पहुंच नहीं है। लगभग सभी प्राथमिक शिक्षा संस्थान बाल देखभाल और कुछ मामलों में भोजन भी प्रदान करते हैं। क्षेत्र में व्यापक असमानता को देखते हुए, यह क्षेत्र के कई देशों में बच्चों की समग्र देखभाल को प्रभावित करेगा।
इसके साथ जुड़ी हुई एक अन्य चुनौती महामारी के दौरान ड्रग गिरोहों की बढ़ती भूमिका है। ड्रग गिरोहों ने सरकारी संसाधनों की कमी और कुछ मामलों में लॉकडाउन को बनाए रखने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण गरीब जिलों में प्रतिबंधात्मक लॉकडाउन लागू करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है। सुरक्षा विशेषज्ञों को डर है कि इससे इन गिरोहों की ताकत बढ़ जाएगी, जो उन्हें जनता के बलवान रक्षक के रूप दिखाएगा जो वो सब करने को तैयार हैं जो सरकारें नहीं कर सकतीं। साथ ही, अत्यधिक गरीबी के कारण, बूढों सहित परिवार के सभी सदस्य काम करते हैं। जबकि युवा पीढ़ी घर से दूर रहकर या बड़ी दूरी पर काम करते हैं, बूढ़ी पीढ़ी घर के करीब काम करती है और परिवार के बच्चों की देखभाल करती है। इस परिस्थिति में, दादा-दादी या देखभाल करने वालों की मृत्यु आर्थिक कठिनाई बढ़ा देती है जिससे माता-पिता बच्चों को अकेला अपर्यवेक्षित छोड़कर कहीं दूर काम करने को मजबूर हो जाते हैं और भविष्य में उन बच्चों की ड्रग गिरोहों में भर्ती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, समाज के सबसे गरीब सदस्यों की सुरक्षा का अभाव और बुनियादी आवश्यक वस्तुओं को प्राप्त करने में उन्हें होने वाली कठिनाइयों के कारण सामाजिक अशांति फैलेगी। ‘यह संकट सीमित राजकोष वाले देशों पर अतिरिक्त दबाव डालेगा, जिससे सामाजिक व्यय संकट में पड़ जाएगी, जो पहले से ही सात वर्षों की सुस्त आर्थिक विकास के बाद तनाव के अधीन है’।[viii]
iv) राजनैतिक चुनौतियां
स्थानीय प्राधिकरणों और केंद्र सरकारों या क्षेत्रीय एकीकरण खंड के अंतर्गत मौजूद देशों के मध्य लगातार विरोधाभासों के परिणामस्वरूप राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। ब्राजील और मैक्सिको दोनों देशों में, जनवादी नेता चुनौती का प्रभावी ढंग से अनुक्रिया देने में धीमे रहे हैं। राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने, अपनी टीम के सदस्यों को वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद स्व-संगरोध की सलाह की अवहेलना की। उन्होंने अपने स्वास्थ्य मंत्री को लोगों और सामानों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रांतीय गवर्नरों के साथ मिलकर काम करने पर पदच्युत करने की धमकी दी है। इसी तरह, राष्ट्रपति ओब्रेडोर को भी अपने स्वास्थ्य मंत्रालय से वायरस की चेतावनी मिलने के बावजूद उन्होंने विशाल रैलियां की और लोगों से मुलाकात की। इन दोनों नेताओं ने वायरस की गंभीरता को अनदेखा कर दिया और महामारी के प्रति उनकी अनुक्रियाओं की आलोचना को अस्वीकार किया है। उन दोनों का तर्क है कि राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन को सह नहीं पाएगी और बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को खुली अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है। उनकी लोकप्रियता रेटिंग कम हो गई है और पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ गई है। संघ की ओर से संकट के प्रति कोई अनुक्रिया न मिलने का मतलब है कि प्रांतीय गवर्नरों ने संकट के प्रति उसी तरीके से अनुक्रिया दी है जो उनके विचार में सर्वोत्तम है, और यह सुनिश्चित किया है कि महामारी को रोकने के उपाय एक-समान न हों। 04 मई 2020 तक एलएसी क्षेत्र के ब्राजील में सबसे अधिक पॉजिटिव मामले यानी 96,559 मामले सामने आए हैं और 6750 मौतें हुईं हैं, साथ ही मेक्सिको से भी अधिक मामलों (22,088 पॉजिटिव मामले और 2061 मौतों) की सूचना मिली है।[ix]
वहीं दूसरी ओर, कोलंबिया (7285 मामले और 324 मौतें) और कोस्टा रिका (733 मामले, 6 मौतें) जैसे देश हैं, जिन्होंने सीमा प्रतिबंध और लोगों और सामानों की आवाजाही और अन्य गैर-जरूरी कारोबार और यात्राओं पर प्रतिबन्ध लगाया है। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, राष्ट्रपति फर्नांडीज ने कहा है कि अर्जेंटीना (4681 मामले और 241 मौतें) डब्ल्यूएचओ की सभी सिफारिशों का पालन करेगा। कैरिबियन के द्वीप राष्ट्रों ने भी कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। कैरिबियन क्षेत्र में डोमिनिकन गणराज्य 7954 पॉजिटिव मामलों और 333 मौतों के साथ सबसे आगे चल रहा है। इसने अपने मई के राष्ट्रपति चुनाव को जुलाई तक के लिए टाल दिया है और अपना लॉकडाउन बढ़ाया है। अल साल्वाडोर (490 मामले, 11 मौतें), एक भी मामले की सूचना मिलने से पहले ही अपनी सीमाओं को बंद करने और निर्णायक उपाय करने वाला पहला देश था। सबसे कड़े संगरोध उपायों को लागू करने के बावजूद, पेरू ने 42,434 मामलों और 1200 मौतों की सूचना दी है, इसलिए यह ब्राजील के ठीक बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ने का एक संभावित कारण सरकार द्वारा कड़ाई से लॉकडाउन लागू किए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का शहरों से अपने गाँवों की ओर रुख करना हो सकता है। दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति मोरेल्स के इस्तीफे के बाद बोलीविया (1470 पुष्ट मामलों, 71 मौतों) ने अनिश्चित काल के लिए अपने राष्ट्रपति चुनावों को स्थगित करने का फैसला किया और चिली (19, 663 मामले, 260 मौत) ने संविधान सुधार पर होने वाली बहस को स्थगित कर दिया है जो पिछले महीनों में प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाया गया एक प्रमुख बिंदु था। सभी चार राष्ट्रों ने डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार काम किया है, लेकिन उठाए गए कदमों से संकट के समय में शासनाध्यक्षों द्वारा सत्ता के संभावित दुरुपयोग और स्वास्थ्य सुरक्षा के सैन्यीकरण पर चिंताएं पैदा हो गई हैं। ‘वास्तव में, इस संकट की वजह से क्षेत्र के लोकतन्त्रों के लिए दीर्घकालिक चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। विभिन्न अधिकारों के निलंबन के अलावा, राज्य की शक्तियाँ बढ़ने के साथ-साथ संगठित विरोध की संभावनाएँ कम हो जाती हैं’।[x]
क्यूबा और वेनेजुएला अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अतिरिक्त हानियों के साथ कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं। क्यूबा में 1649 पॉजिटिव मामले और 67 मौतें हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जी -20 सदस्यों से प्रतिबंधों को हटाने की अपील की है। दोनों देशों ने डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों को लागू किया है लेकिन बाधाओं का सामना करना जारी है। ‘क्यूबा के लिए, दशकों पुराने प्रतिबंधों ने आर्थिक विकास को अवरुद्ध कर दिया है। लेकिन इन प्रतिबंधों ने मानवीय सहायता को नहीं रोका है, हालांकि, वे क्यूबा के वित्तीय लेनदेन की क्षमता और सामग्री के निर्यात और आयात को प्रतिबंधित करते हैं। छूट के लिए लाइसेंस जारी करवाने या मंजूरी मिलने में कई महीने लगते हैं, जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों को डर है कि इससे वायरस के प्रसार को कम करने के लिए चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों के समय पर वितरण में बाधा उत्पन्न हो रहा है’।[xi] क्यूबा, जो अपने बेहद योग्य डॉक्टरों के लिए जाना जाता है, ने एलएसी क्षेत्र के भीतर वेनेजुएला और बोलीविया सहित अन्य राष्ट्रों और इटली में चिकित्सा दल भेजा है। क्यूबा कोविड-19 टीका विकसित करने पर भी काम कर रहा है।
वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर है और इसलिए कीमतों और मांग में गिरावट ने इसे बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है। अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने वेनेजुएला की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय तंत्र तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है। आईएमएफ ने वेनेजुएला के कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आपातकालीन सहायता कोष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। क्यूबा के समान, मानवीय सामानों पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं लेकिन कंपनियों और बैंकों को अपने वेनेजुएलाई समकक्षों के साथ काम करने में संकोच है। वेनेजुएला में अभी तक महामारी का विस्फोट नहीं हुआ है जहाँ से 345 पुष्ट मामलों और 10 मौतों की सूचना आई हैं। लेकिन सीमित संसाधनों के साथ, साफ पानी और चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच में कमी और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के बिना वेनेजुएला की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली एक बड़े प्रकोप का सामना करने में सक्षम नहीं होगी।
निष्कर्ष
व्यथित अर्थव्यवस्थाओं के स्वास्थ्य संकटों ने एलएसी क्षेत्र को विभिन्न प्रकार से कोविड -19 की अनुक्रिया देने के लिए बाध्य किया है। यह क्षेत्र तीन विशिष्ट रुझानों को उजागर करता है - पहला, दो प्रमुख देश - ब्राजील और मैक्सिको- बड़ी संख्या में मामलों से निपट रहा है और सामाजिक गतिविधियों पर गंभीर प्रतिबन्ध नहीं लगाए गए हैं और राजनेता स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाह की उपेक्षा कर रहे हैं। दूसरा, क्षेत्र के अधिकांश देश, जैसे कि अर्जेंटीना, बोलीविया, डोमिनिकन गणराज्य राष्ट्रीय संसाधनों, संगठनों जैसे कि कैरीकॉम और आईएमएफ से क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के साथ वायरस से लड़ाई लड़ रहे हैं। तीसरा, इस क्षेत्र के दो ‘प्रतिबंधित राष्ट्र’ हैं, क्यूबा और वेनेजुएला। ये दोनों राष्ट्र एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं और कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या पर काबू पाने में सक्षम रहे हैं। हालांकि इन दोनों राष्ट्रों में मामलों की संख्या सीमित हैं, लेकिन यदि वायरस फैलता है तो विशेष रूप से वेनेजुएला गंभीर रूप से लाचार हो जाएगा।
क्षेत्रीय पहलों ने भी जड़ें जमा ली हैं, जैसे कि कैरीकॉम सदस्य यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं कि सदस्य राज्यों को सभी आवश्यक खाद्य और चिकित्सा आपूर्ति मिलें। एमईआरसीओएसयूआर (अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे और उरुग्वे) ने ‘बहुराष्ट्रीय परियोजना “स्वास्थ्य पर लागू शोध, शिक्षा और जैव-प्रौद्योगिकी” के लिए यूएस $ 16,000,000 की राशि को मंजूरी दी है, जो कोविड-19 के खिलाफ समन्वित लड़ाई में सहायता करेगा। यह यूएस $ 5,800,000 की सहायता के अतिरिक्त है, जो वायरस के निदान की क्षमता को सुदृढ़ करने के साथ-साथ उपकरण, आपूर्ति, परिचालकों की सुरक्षा के लिए सामग्री और त्वरित निदान के लिए किट की खरीद के लिए प्रदान किया गया है’।12 ये पहल केवल कुछ देशों तक ही सीमित प्रकृति की पहल हैं और सबसे अधिक संवेदनशील देशों को आगे भी कई कठिनाई से गुजरना पड़ेगा।
यह क्षेत्र अपने सभी संसाधनों के साथ कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है, और काफी हद तक इसका प्रसार रोकने में सक्षम रहा है। बहरहाल, वायरस में शीघ्र और अप्रत्याशित रूप से फैलने की क्षमता है और क्षेत्र के नेताओं की विभिन्न अनुक्रियाओं ने एक प्रभावी क्षेत्रीय अनुक्रिया के प्रति बाधा उत्पन्न की है। जहां इस क्षेत्र के राज्य मौजूदा अवस्था में महामारी को संबोधित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, वहीं दीर्घकालिक नीति निर्माण की भी आवश्यकता है। इस परिस्थिति में, एलएसी देशों को अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर पुनर्विचार करना होगा और मौजूदा असमानताओं को दूर करना होगा ताकि गरीब वर्ग भविष्य के किसी भी स्वास्थ्य संकट से बेहतर तरीके से अपनी रक्षा करने में समर्थ हो सकें। उन्हें महामारी के सामाजिक आर्थिक प्रभाव से भी निपटना होगा।
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* डॉ. स्तुति बनर्जी, शोधकर्ता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
[i] Agence France Presse, “U.N. predicts 'deep recession' in Latin America due to virus,” https://www.rappler.com/business/257095-united-nations-predicts-deep-recession-latin-america-2020-coronavirus#cxrecs_s, Accessed on 19 April 2020.
[ii] Alexey Kravchenko, “ The Future of Tourism post Covid-19,” https://www.unescap.org/blog/future-tourism-post-covid-19, Accessed on 20 April 2020
[iii] Jerry Haar, “Challenges for Latin America and the Caribbean in Confronting the Coronavirus,” https://latintrade.com/2020/04/07/challenges-for-latin-america-and-the-caribbean-in-confronting-the-coronavirus/?v=c86ee0d9d7ed, Accessed on 19 April 2020.
[iv] Alejandro Werner, “Economic Policy in Latin America and the Caribbean in the Time of COVID-19,” https://blogs.imf.org/2020/04/16/economic-policy-in-latin-america-and-the-caribbean-in-the-time-of-covid-19/, Accessed on 19 April 2020
[v] Ibid.
[vi] Linnea Sandin, “COVID-19 Exposes Latin America’s Inequalities,” https://www.csis.org/analysis/covid-19-exposes-latin-americas-inequality, Accessed on 20 April 2020
[vii] World Health Organization, Gender Equality in the health Workforce: Analysis of 104 Countries 2019,” https://apps.who.int/iris/bitstream/handle/10665/311314/WHO-HIS-HWF-Gender-WP1-2019.1-eng.pdf?sequence=1&isAllowed=y, Accessed on 20 April 2020
[viii] ECLAC, United Nations, “Latin America and the Caribbean and the COVID-19 pandemic Economic and social effects,” https://repositorio.cepal.org/bitstream/handle/11362/45351/1/S2000263_en.pdf, Accessed on 20 April 2020
[ix] All figures of confirmed cases and deaths have been taken from World Health Organization https://covid19.who.int as on 04 May 2020
[x] Charles T. Call, “As Coronavirus hits Latin America Expect Serious and Enduring Effects,” https://www.brookings.edu/blog/order-from-chaos/2020/03/26/as-coronavirus-hits-latin-america-expect-serious-and-enduring-effects/, Accessed on 20 April 2020
[xi] Peter Kornbluh, “Covid-19: Cuba Deserves Relief From US Sanctions,”https://www.thenation.com/article/world/coronavirus-cuba-sanctions-aid/, Accessed on 05 May 2020