प्रस्तावना
2019 कोरोनावायरस रोग, जिसे कोविड-19 भी कहा जाता है, चीन के बाहर पैर पसारता जा रहा है, यह आशंका है कि एशिया के परे अफ्रीकी महाद्वीप,सर्वाधिक प्रभावित हो सकता है। इसकी वृद्धि का चीनी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। अफ्रीका के कई देशों के लिए तेल और धातुओं के लिए चीनी मांग में गिरावट हो रही है। इसके अलावा, एशिया से अफ्रीका की ओर इस वायरस के प्रसार के बारे में बढ़ती चिंताओं के कारण, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अफ्रीकी महाद्वीप अपने निवासियों की रक्षा के लिए किस प्रकार की तैयारियां कर रहा है। आज चीनी लोग कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहे हैं जिसमें मेनलैंड चाईना (नेशनल हैल्थ कमीशन ऑफ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना,2020) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगभग 3,213 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 80,860 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अफ्रीकी संघ ने अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर चीन के समर्थन में अपनी एकजुटता व्यक्त की है।
इस स्थिति से अफ्रीकी किस प्रकार निबट रहे हैं यह एक बड़ा प्रश्न है?
पिछले कुछ दशकों में चीन और अफ्रीका के बीच लोगों की आवाजाही तेजी से (योयो 2019) बढ़ी है। यह उल्लेखनीय है कि 2017 तक अफ्रीका में कई परियोजनाओं में 200,000 से अधिक चीनी श्रमिकों को नियोजित किया गया था जिसके परिणामस्वरूप, पिछले दशक (हेलेना और रुगय्या, 2020) में अफ्रीकी देशों और चीन के बीच सीधी एयरलाइन उड़ानों में 600% से अधिक की वृद्धि हुई है। अधिकांश चीनी श्रमिकअफ्रीका के पांच देशों - अंगोला, अल्जीरिया, इथियोपिया, नाइजीरिया और जांबिया में है और वे महाद्वीप में चीनी श्रमिकों का लगभग 60 प्रतिशत हैं (हेलेना औररुगयाह, 2020)। वर्तमान में चीन में लगभग 61,000 अफ्रीकी छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें से 46,000 के करीब वुहान में हैं जो महामारी का उपरिकेंद्र (वीओए 2020)है। चूंकि प्रतिदिन मृत्यु का आंकड़ा बढ़ रहा है, इसलिए चीन में अफ्रीकी चाहते हैं कि उनकी संबंधित सरकारें उन्हें चीन से बाहर निकलने में मदद करें। चूंकि उन्हें चिकित्सा सहायता और भोजन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है और उन्हें उनके आवासीय परिसरों से बाहर नहीं जाने की सलाह दी गई है, अत: चीनी प्रशासन से उनकी देखभाल करने की सलाह दी गई है।
परिणामत:, महाद्वीप और चीन के बीच अधिक हवाई यातायात के कारण अफ्रीकी राष्ट्र प्रत्यक्ष रूप में कोरोनावायरस के फैलाव से प्रभावित होने से उनके समक्ष चुनौती है और वे असुरक्षित हैं। अफ्रीका में कई ऐसे देश हैं जिनमें इस वायरस के आने का खतरा अधिक है। ऐसे साक्ष्य हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि मौसम भी वायरस के फैलाव में एक महत्वपूर्ण निर्धारक के रूप में कार्य करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, टेड्रोस अलोम ने एक सम्मेलन में उल्लेख किया कि अधिकांश अफ्रीकी राष्ट्रों में स्वास्थ्य प्रणालियां शिथिल हैं, अत: यदि कोरोनावायरस महाद्वीप में पहुंचता है तो वहां पहले से ही अनेक बीमारियों और वायरस जैसे इबोला, जीका, मलेरिया, श्वसन तंत्र संक्रमण विद्यमान हैं, उसे विश्व के अन्य क्षेत्रों (टेड्रोस अलोम, 2020) की तुलना में नियंत्रण करना और भी कठिन होगा।
13 मार्च 2020 तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में कोविड-19 से 5000 मौतों (डब्ल्यूएचओ 2020) और 132,000 मामलों की पुष्टि की है। अफ्रीका में,अनेक उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी देश वायरस से प्रभावित है और महाद्वीप में अभी तक (अफ्रीका सीडीसी 2020) एक मौत और सौ से अधिक मामलों की पुष्टि की गई है। अफ्रीकी महाद्वीप में कोविड-19 की पुष्टि करने वाला पहला राष्ट्र मिस्र था और उसके बाद अल्जीरिया। अल्जीरिया के स्वास्थ्य, जनसंख्या और अस्पताल सुधार मंत्रालय के अनुसार, 17 फरवरी 2020 को एक इटली का निवासी देश में आया जिसका परीक्षण करने पर उसे कोरोनावायरस रोग से ग्रसित पाया गया। डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्रों में यह पहला मामला है क्योंकि अल्जीरिया संगठन के तहत 47 देशों में से एक है। इससे पूर्व, डब्ल्यूएचओ ने इन देशों से चीन (अफ्रीका आई रिपोर्ट, 2020) के लोगों के सीधे संपर्क और यात्रा के कारण आवश्यकतैयारीऔरकार्रवाई करनेके लिए अल्जीरिया को कहा था।संगठन, महाद्वीप के स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिकारियों की मदद के लिए विशेषज्ञों को बुलाने की भी योजना बना रहा है। प्रारंभ में, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका कोरोनावायरस का परीक्षण करने के लिए प्रयोगशाला क्षमताओं वाले एकमात्र देश थे। हाल ही में, अफ्रीकी सीडीसी प्रमुख डॉ. जॉन नकेंगसांग के अनुसार-'अब अफ्रीका में 43देश हैं जिनमें परीक्षण करने की क्षमता है और परीक्षण किट उपलब्ध है' (अफ्रीकी यूनियन 2020)। नाइजीरिया ने 28 फरवरी 2020 को उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र (अलजजीरा 2020) में कोरोनावायरस के पहले मामले की पुष्टि की है। अन्य प्रभावित देश हैं- बुर्किना फासो, कैमरून, मोरक्को, सेनेगल, केन्या, आइवरी कोस्ट, टोगो, ट्यूनीशिया, दक्षिण अफ्रीका और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, नांबिया, मॉरितानिया, एस्वतिनी, इक्वेटोरियल गिनी, जिम्बाब्वे, इथियोपिया, गैबन, रवांडा, युगांडा, घाना, सेशेल्स, गिनी, सूडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और कांगो। अफ्रीका में 15 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार, आधे से अधिक (अफ्रीकान्यूज़ 2020) संक्रमित है।
आज, अफ्रीका सहित कई विकासशील राष्ट्र हैं जो व्यापार के लिए चीन पर निर्भर हैं जिसमें आयात और निर्यात दोनों शामिल हैं। कोरोनावायरस की आशंका से चूंकि व्यापार प्रभावित है-विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी अब एक चीनी मुद्दा नहीं है, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है जिसका विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव है। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तेल की कीमतों में गिरावट के कारण अफ्रीका के शीर्ष तेल निर्यातक नाइजीरिया के लिए अपनी आर्थिक वृद्धि गणना को 2.5 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। 'पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र के निर्यात का 90 प्रतिशत कच्चा तेल होने के कारण नीरा (मुद्रा) पर दबाव और बढ़ गया है' (अलोंसो, 2020)। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, जाम्बिया और कांगो गणराज्य को वित्तीय तनाव का बड़ा खतरा है क्योंकि चीन से मांग में कमी आई है। कच्चे तेल, तांबा और लोहे की कीमतों में भी इस वर्ष (अलोंसो, 2020) में गिरावट आई है।
निष्कर्ष
संक्षेप में, आर्थिक लागत के साथ-साथ कोरोनावायरस प्रकोप की मानव लागत बढ़ रही है और चीन और उससे आगे फैल रही है। इस वायरस से लड़ने के लिए अफ्रीकी देशों द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है, मध्य फरवरी तक, अफ्रीका (सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका) में परीक्षण करने के लिए सिर्फ दो प्रयोगशालाएं थीं। हाल ही में घाना, मेडागास्कर, सिएरा लियोन और नाइजीरिया जैसे देशों ने कोविड-19 के लिए परीक्षण करने के लिए प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन उभरते संक्रामक रोगों और वायरस से प्रभावित अनेक अफ्रीकी देशों को सहायता प्रदान करने में उल्लेखनीय काम कर रहा है। लेकिन, चूंकि अधिकांश अफ्रीकी राज्यों में नाजुक बुनियादी ढांचा है; और स्वास्थ्य प्रणाली तुरंत पता लगाने और वायरस को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं है, यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे तैयारी और उपचार के मामले में इस लड़ाई को जीतने के लिए कुशलता से काम करें।
अफ्रीका के अन्य क्षेत्रीय संगठनों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अफ्रीकी यूनियन (एयू) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लिए समय की मांग 'वैश्विक महामारी'से लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर अधिक कुशल रूप में तैयारी करना है। अनेक अफ्रीकी देशों को विशेषज्ञ कर्मियों और चिकित्सा आपूर्ति के रूप में सहायता भेजना महत्वपूर्ण है और यह इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए महाद्वीप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, इस संकट काल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित अलगाव केंद्र की स्थापना जैसे उन्नत निवारक कदम, अफ्रीका के हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग कुछ अन्य उपाय हैं जो अफ्रीकियों को इस स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए किएजा सकते हैं।
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* डॉ. नेहा सिन्हा, शोधकर्ता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
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संदर्भ