दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति पर्क गेयुनहे पर 9 दिसम्बर, 2016 को नेशनल एसेम्बली द्वारा महाभियोग चलाया गया। उनके बाद कोरिया के संवैधानिक न्यायालय द्वारा 10 मार्च, 2017 को उन्हें उनके पद से हटाया गया, इस प्रकार यह इतिहास में पहली बार महाभियोग द्वारा किसी पदासीन राष्ट्रपति को हटाने की घटना है। उनके विरूद्ध लगाए गए मुख्य आरोपों में भ्रष्टाचार, पेडलिंग को प्रभावित करना और कार्यच्युति शामिल है। दक्षिण कोरिया में 19वें राष्ट्रपति का चुनाव 9 मई, 2017 को होना है, और दक्षिण कोरिया में प्रचलित कानून के अनुसार यह चुनाव पद रिक्त होने के 60 दिनों के भीतर होना चाहिए। वहां राष्ट्रपति का चुनाव पांच वर्ष के लिए बहुमत के आधार पर प्रत्यक्ष रूप में किया जाता है। वर्तमान में इस चुनाव में राष्ट्रपति के लिए पांच उम्मीदवार हैं। सारणी 1 में उन पांच राष्ट्रपति उम्मीदवारों के नाम और उनके राजनीतिक संबद्धता को दर्शाया गया है।
सारणी 1: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
क्रम सं. |
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार |
राजनीतिक पार्टियां |
विचारधारा |
1 |
मून जे-इन |
डेमोक्रेटिक (मिंजू) पार्टी आफ कोरिया |
लिबरल |
2 |
हांग जून पियो |
लिबर्टी कोरिया पार्टी (पूर्व में सेनूरी पार्टी) |
कंजर्वेटिव |
3 |
यू सियोंग –मिन |
बरेयून पार्टी |
कंजर्वेटिव |
4 |
सिम सेंग-जंग |
जस्टिस पार्टी |
लेफ्ट विंग |
5 |
अह्न केयोल-सू |
पुपील्स पार्टी |
मोडरेट |
तीन मतदान सर्वेक्षक- रियल मीटर, गॉलअल कोरिया और हेंकुक रिसर्च के अनुसार डेमोक्रेटिक पार्टी आफ कोरिया के मून को 38-42.4 प्रतिशत समर्थन हासिल हुआ, जो चार अन्य मुख्य प्रतिद्वंद्वियों से बहुत आगे है। संसद में उनकी पार्टी की सीट भी सबसे अधिक है। पिछले सप्ताह से, माना जाता था कि मुख्य दौड़ मून जे-इन और अह्न कियोल सू के बीच हैऔर यह एक ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जिसमें मून का अह्न और हांग जून-पियो पर आसानविजय है। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार मून के पास 40 प्रतिशत का ठोस समर्थन है, जबकि अह्न, जो मोडरेट पुपील्स पार्टी का उम्मीदवार है और हांग, जो कंजर्वेटिव कोरिया लिबर्टी पार्टी का उम्मीदवार है, अस्थिरता के बीच रूढ़िवादी मतदाताओं के बीच दूसरे स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है। जहां हांग ने मध्य अप्रैल सर्वेक्षण में 8.4 प्रतिशत बिंदु हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया; सेंटर लेफ्ट पुपील्स पार्टी के अह्न केयोल-सू की रेटिंग में इसी अवधि में 13.7 प्रतिशत बिंदू की कमी देखी गयी। वामपंथी जस्टिस पार्टी के सिम सांग-जेउंग को 7.3 प्रतिशत के साथ चौथा स्थान हासिल हुआ जबकि रूढ़़िवादी बरेयून पार्टी के यू सियोंग – मिन को 4.9 प्रतिशत मत हासिल हुआ। यू सियोंग और 32 अन्य कानून निर्माताओं जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पर्क गेयून-हे के संसदीय महाभियोग का समर्थन किया था, ने पर्क के पूर्व सत्ताधारी पार्टी को छोड़कर एक नए दल बरेयून पार्टी का गठन किया।
स्रोत: मतदान सर्वेक्षक- रियल मीटर दिनांक 03 मई, 2017
वर्तमान परिस्थितियों में किसी भी चुने गए राष्ट्रपति को परंपरागत दो महीने की संक्रमणकालीन अवधि के बिना ही पद धारण करना होगा, इसका तात्पर्य यह है कि वह मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति में देरी नहीं कर सकता है जिसके लिए संसदीय समर्थन की आवश्यकता होती है। इसी कारण से उम्मीदवार प्रधानमंत्री, मुख्य मंत्रिमंडल सदस्यों और राष्ट्रपति से जुड़े वरिष्ठ कर्मियों जैसे पदों के लिए संभावित नामितियों के नामों की घोषणा अग्रिम रूप से कर रहे हैं।
इस राष्ट्रपति चुनाव की एक मुख्य विशेषता शीघ्र मतदान रही है जो 04-05 मई, 2017 को हुआ, जिसमें मतदाताओं को देश में कहीं भी अग्रिम में अपना मतदान करने की अनुमति मिली। पूर्व मतदान अनुपस्थिति मतदान से पृथक है, और मतदाताओं की मतदान दरों को बढ़ाने के लिए किया जाता है। साथ हीं राष्ट्रीय चुनाव आयोग (एनईसी) के अनुसार, वर्ष 2012 में पहली बार शुरू की गयी इस मतदान प्रक्रिया के बाद से विदेश में रह रहे नागरिकों का मतदाना सबसे अधिक रहा जो 75.3 प्रतिशत था, जो उस वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव के 71.1 प्रतिशत से कहीं अधिक, यह राष्ट्रपति के भ्रष्टाचार घोटाला के बाद चुनाव में विदेश में रह रहे कोरियाई नागरिकों की बड़ी दिलचस्पी को परिलक्षित करता है। यह मतदाना उन कोरियाई नागरिकों के लिए था जो विदेश में रह रहे हैं और जो अन्य देशों में स्थायी निवासी हैं तथा अध्ययन व कार्य अथवा यात्रा के लिए अस्थायी रूप से विदेश गए हैं।
प्रमुख मुद्दे और नीतिगत रूख
थाड
इस राष्ट्रपति चुनाव के महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक देश में टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एयर डिफेंस (थाड) की तैनाती है। दक्षिण कोरिया की प्रगतिशील पार्टियां इस निर्णय की समीक्षा के लिए अभियान चला रही हैं। ऐसा आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति पर्क गुएन हे ने इस विषय पर पर्याप्त लोक चर्चा नहीं होने दी और उत्तर कोरिया के मिसाइल व परमाणु परीक्षण के बाद 2016 की शुरूआत में ही थाड को अचानक तैनात करने का निर्णय किया। मून कहते हैं कि वह अमेरिकी-कोरियाई गठबंधन के सियोल कूटनीति के नीव के रूप में किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है किंतु थाड की तैनाती के बारे में सावधानी जतायी। वे नए राष्ट्रपति के पद धारण किए जाने तक अमेरिकी मिसाइल रोधी उन्नत प्रणाली की तैनाती को रोकना चाहते थे और वे इसके लाभ और हानि का आकलन कर सकते है। उनका मानना था कि वे उत्तर कोरिया को रोकने के लिए चीन पर दबाव डालने के लिए थाड की तैनाती की धमकी का इस्तेमाल कर सकते हैं।अह्न थाड का पुरजोर समर्थन करते हैं जैसा कि कंजरवेटिव उम्मीदवार करते हैं। और वे सभी दक्षिण कोरिया पर मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती को रद्द करने के लिए दबाव डालने की कोशिश की चीन की बाध्यकारी चालों पर आपत्ति जताते हैं। अह्न ने यह भी कहा कि ट्रंप की टिप्पणी के बारे में चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अमेरिका सेना स्थिति समझौते के तहत थाड के लिए धन देने पर सहमत है। समस्या यह है कि थाड को तैनात कर दिया गया है। यदि मून चुने जाते हैं तो क्या वे इस निर्णय को वापस लेंगे?
परमाणु हथियार
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार मून जे-इन ने कहा कि यदि वे चुने जाते हैं तो वे परस्पर अंतर कोरियाई हथियार नियंत्रण को लागू करेंगे तथा उत्तर कोरिया, अमेरिका और अन्य देशों से उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने, परमाणु हथियार रोकने एवं शांति समझौता हेतु एक व्यापक पैकेज की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मूने के इस संदेश में चीन के बदले दक्षिण कोरिया की बढ़ती भूमिका का संदेश दिया जिसमें सियोल द्वारा कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु विहीन करने संबंधी चर्चा में पहल करना है। ऐसा प्रतीत हुआ कि उनका संदेश एक प्रतियोगी के रूप में प्रायोजित करना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में बड़ा मजबूत है। अन्य कंजरवेटिव उम्मीदवार परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए उत्तर कोरिया पर दबाव डालने के लिए अमेरिका साथ चाहते हैं। होंग मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली का पुरजोर समर्थन चाहते हैं। और उन्होंने कहा कि यदि वे चुने जाते हैं तो वे दक्षिण कोरिया में ‘’परमाणु हथियारों की पुनर्तैनाती के संबंध में अमेरिका के साथ तत्काल चर्चा’’ शुरू करेंगे।
विदेश नीति और सुरक्षा
पूर्व सेनुरी पार्टी, जो अब लिबर्टी कोरिया पार्टी है, ‘सुरक्षा संबंधी रूढ़िवादी’’ है, जो उत्तर कोरियाई के उकसाने के संबंध में उसे शांत करने के स्थान पर कठोर रूख अपनाना पसंद करती है। पूर्व राष्ट्रपति पर्क ने अमेरिका-दक्षिण कोरिया संबंध में मजबूत दक्षिण कोरियाई सैन्य सहयोग की वकालत की थी विशेषकर हाल के उत्तर कोरिया के हमले और उकसाने की घटना के उत्तर में। कंजरवेटिव पार्टियों ने परंपरागत रूप से अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखने और सहयोग करने का समर्थन किया है। लोगों की राय में बदनाम कंजरवेटिव पर्क के महाभियोग के बाद दो प्रमुख राष्ट्रपति उम्मीदवार उदार प्रकृति के हैं जिनका झुकाव उत्तर कोरिया के साथ वार्ता करने और संबंध बनाने की ओर है। तथापि, सबसे आगे चल रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के मून जे-इन ने प्योंगयांग पर प्रतिबंध लगाने तथा अमेरिका के साथ मजबूत सैन्य संबंध स्थापित करने प्रति अपने समर्थन पर जोर दिया और कहा कि अमेरिकी नीति के साथ किसी भी मतभेद को रचनात्मक कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से दूर किया जा सकता है। तथापि, मून ने अमेरिका विरोधी वाक्पटुता के इस्तेमाल पर संकोच नहीं किया और चीन के साथ संबंध को मजबूत करने के प्रति उन्मुक्त रहा जिसके तहत अमेरिका-आरओके संबंध सहयोग को सीमित करने की उत्तरोत्तर मांग की गयी।
होंग स्वयं को ‘मजबूत’ बताते हैं, जो अमेरिका, जापान, रूस और चीन के राष्ट्रवादी नेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। वे अमेरिका के सामरिक परमाणु हथियारों को दक्षिण कोरिया लाना और उत्तर कोरिया को बेहतर जबाव देने के लिए विशेष समुद्री बल सृजित करना चाहते हैं।
अन्य प्रतिस्पर्धी पुपील्स पार्टी के अह्न केयोल-सू ने कहा कि वे अमेरिका और चीन के साथ कूटनीति संबंध स्थापित करना चाहेंगे ताकि कोरियाई जनता को इस संकट के समय दीर्घकालिक विभाजन के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जोर शोर से आवाज उठाने का मौका मिल सके।
कल्याण
हाल ही में दक्षिण कोरिया में कल्याण राजनीतिक केन्द्र बिंदु बन गया है और इसके मुख्य चुनावी मुद्दा बन जाने की संभावना है। पूर्व पर्क प्रशासन का मूल रूप से करों में बढ़ोतरी किए बिना ही कल्याण संबंधी कार्यों में विस्तार के आकर्षक प्लेटफार्म पर भरोसा था। तथापि, बाद में अन्य करों में बढ़ोतरी से लोगों में गुस्सा आया। मून कार्पोरेट कर विशेषकर चेबोल के कैश पाइल्स- बड़े घरानों द्वारा चालित संगुटिका, जो दक्षिण कोरिया की आर्थिक चमत्कार की धुरी रही है, किंतु इस अर्थव्यवस्था को पीछे ले जाने के लिए दोषी है, को बढ़ाकर कल्याण कार्य के विस्तार का समर्थन करते हैं। इस मुद्दे पर लिबर्टी कोरियन पार्टी के नए नेतृत्व की स्थिति फ्लिप फ्लॉप वाली रही है। वे कहते हैं कि अत्यधिक कल्याण से लोग अकर्मण्य हो जाएंगे, किंतु उन्होंने उसके बाद यह भी जोड़ा कि कल्याण कार्य का विस्तार कर में बढ़ोतरी किए बिना असंभव है।
पांच प्रमुख राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में से तीन ने न्यूनतम मजदूरी को तीन वर्षों में बढ़मार 10,000 वोन (8.8 डॉलर) प्रति घंटा करने का वादा करते हैं जबकि अन्यों ने इसे पांच वर्षों में ऐसा करने का वचन दिया है। मून जे-इन ने न्यूनतम मजदूरी के स्तर को 2020 तक वर्तमान 6470 वोन से बढ़ाने का वादा किया। पुपील्स पार्टी के अह्न केयोल-सू ने उसी स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने की प्रतिज्ञा की किंतु धीमी गति से। उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यकाल के अंत में न्यूनतम आंकड़े के 10,000 वोन के आंकड़े को प्राप्त कर सकते हैं। जस्टिस पार्टी के सिम सैंग- जंग, आजीवन लेबर कार्यकर्ता, ने भी 2020 तक न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 10,000 वोन तक बढ़ाने का वादा किया।
एलजीबीटी
एलजीबीटी समूह पूर्व की अपेक्षा इस बार इस चुनाव में अधिक सक्रिय रूप से शामिल है। एलजीबीटी अधिकारों के संबंध में उम्मीदवारों की स्थितियों को इससे आंका जा सकता है कि वे भेदभाव रोधी कानून को लागू करने की योजना बनाते हैं या नहीं, इसमें किसी व्यक्ति के विरूद्ध उनकी लैंगिक पहचान अथवा अनुकूलन के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाले प्रावधान शामिल होंगे। 20 अप्रैल, 2017 को साउथ कोरिया चैप्टर आफ ऐमनेस्टी इंटरनेशनल ने मून जे-इन, अह्न केयोल-सू, हांग जून-प्यो, सिम सैंग-जंग और यू सियांग-मिन जैसे उम्मीदवारों से मानवाधिकार संबंधी आठ मुद्दों पर प्रतिक्रियाओं को जारी किया। पांच में से, केवल वामपंथी जस्टिस पार्टी के उम्मीदवार सिम ने भेदभाव रोधी कानून बनाने का इरादा जतायी। कंजर्वेटिव लिबर्टी कोरिया पार्टी के उम्मीदवार होंग ने कहा कि वे इसे नहीं ला सकते जबकि अन्य तीन उम्मीदवारों ने स्पष्ट उत्तर देने से बचते रहे। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ कोरिया के उम्मीदवार मून और मोडरेट पुपील्स पार्टी उम्मीदवार अह्न, जो इस दौर में क्रमश: प्रथम और द्वितीय स्थान पर हैं, ने भेदभाव के प्रति अपना विरोध जताया किंतु सामाजिक सामंजस्य की आवश्यकता पर जोर दिया।
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*डॉ. पंकज झा एवं डॉ. स्मिता तिवारी, भारतीय विश्व मामले परिषद, नई दिल्ली में अध्येता हैं
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