प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30-31 मई 2017 को स्पेन की यात्रा की। उन्होंने स्पेन के राजा फेलिप VI और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति मारियानो राजोय के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर पारस्परिक चिंता के मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि, दोनों पक्षों के कई उच्च-स्तरीय दौरे हुए हैं और भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल अप्रैल 2009 में स्पेन गई थीं, जिसके बदले में स्पेन के तत्कालीन राजा जुआन कार्लोस प्रथम ने अक्टूबर 2012 में भारत की यात्रा की, भारतीय प्रधानमंत्री की स्पेन की वर्तमान यात्रा 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस देश की यात्रा के लगभग 30 वर्षों के बाद की गई। भारत और स्पेन ने राजनयिक संबंध 1956 में स्थापित किए और इनमें सौहार्दपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा जुड़ाव शामिल हैं। 2016 में, दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाई। प्रधानमंत्री मोदी की 2017 की यात्रा ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत किया है।
इस यात्रा का फोकस दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध, ऊर्जा सहयोग बढ़ाने और सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने पर था और इस संदर्भ में कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए: नागरिक विमानन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन; नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग पर समझौता ज्ञापन; साइबर सुरक्षा में सहयोग पर समझौता ज्ञापन; अंग प्रत्यारोपण में सहयोग पर समझौता ज्ञापन; सजायाफ्ता व्यक्तियों के हस्तांतरण के लिए समझौता; विदेशी सेवा संस्थान और स्पेन की राजनयिक अकादमी के बीच समझौता ज्ञापन, और राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा माफी पर समझौता।
आर्थिक जुड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी की स्पेन यात्रा के दौरान, 31 मई 2017 को मैड्रिड में भारत-स्पेन सीईओ फोरम की उदघाटन बैठक आयोजित की गई। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में, स्पेन के औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के सीईओ, जो भारत के साथ अपने आर्थिक जुड़ाव का निवेश और विस्तार करना चाहते थे, ने भारत में आर्थिक सुधारों के प्रति मजबूत समर्थन दर्शाया और हाल ही में शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने की इच्छा प्रकट की। स्पेन ने अक्षय ऊर्जा, उच्च गति रेल, वायु अंतरिक्ष प्रबंधन और अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारतीय अर्थव्यवस्था को सतत विकास हासिल करने के लिए इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति राजॉय ने इन क्षेत्रों में और सहयोग का स्वागत किया।
राष्ट्रपति राजॉय ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत की तेज आर्थिक प्रगति और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में सुधार लाने और विनिर्माण प्रगति को बढ़ावा देने के लिए किए गए उपायों के लिए बधाई दी।1उन्होंने स्पेनिश कंपनियों से भारत में शुरू की गई मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इंडिया, स्मार्ट सिटी आदि सहित विभिन्न आर्थिक पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। ऐसे ही विचारों को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में स्पेनिश कंपनियों की सक्रिय भागीदारी का भी आह्वान किया।2 प्रधानमंत्री ने कहा किभारत और स्पेन के बीच संबंधों में 'न्यू मोमेंटम' के माध्यम से ‘न्यू इंडिया के दृष्टिकोण’ को बढ़ाया जाएगा।"3 दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से 2017 में भारत में भारत-स्पेन व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है।
भारत और स्पेन ने अपने आर्थिक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए संयुक्त आर्थिक आयोग (JEC) का गठन किया है। भारत-स्पेन संबंधों में द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। वर्तमान में लगभग 200 स्पेनिश कंपनियां भारत में काम कर रही हैं।4 2016 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था और स्पेन यूरोपीय संघ में भारत का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। स्पेन में भारतीय निर्यातों में कार्बनिक रसायन, कपड़ा और वस्त्र, लोहा और इस्पात उत्पाद, ऑटोमोटिव घटक, समुद्री उत्पाद और चमड़े की वस्तुएं शामिल हैं। भारतीय आयात में बड़े पैमाने पर मशीनें और यांत्रिक उपकरण, वाहन और ऑटोमोबाइल, प्लास्टिक की वस्तुएं, विद्युत उपकरण, रबर उत्पाद और जैतून का तेल शामिल हैं।
भारत-स्पेन द्विपक्षीय व्यापार
(मूल्य मिलियन अमेरिकी डॉलर में)
क्र.सं. |
वर्ष |
2012-2013 |
2013-2014 |
2014-2015 |
2015-2016 |
2016-2017 |
1. |
निर्यात |
2,865.75 |
2,884.41 |
3,148.12 |
3,237.11 |
3,439.03 |
2. |
आयात |
1,815.66 |
1,843.42 |
2,005.20 |
1,646.02 |
1,968.77 |
3. |
कुल व्यापार |
4,681.40 |
4,727.83 |
5,153.32 |
4,883.13 |
5,407.80 |
4. |
प्रगति का प्रतिशत |
|
0.99 |
9 |
-5.24 |
10.74 |
5. |
व्यापार शेष |
1,050.09 |
1,040.99 |
1,142.92 |
1,591.09 |
1,470.26 |
स्रोत: वाणिज्य विभाग, भारत सरकार6
बढ़ते व्यापार के अलावा, भारत और स्पेन एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में निवेश कर रहे हैं। स्पेन ने भारत में पर्याप्त निवेश किया है और यह बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, उच्च गति रेलवे, संचार और ऑटो क्षेत्र सहित, लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल निवेश वाला देश का 12वां सबसे बड़ा निवेशक है। स्पेन में आईसीटी, ऊर्जा और ऑटो क्षेत्रों में लगभग 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भारतीय निवेश किया गया है।7
भारत और स्पेन परिवहन क्षेत्र में जुड़ाव बढ़ा रहे हैं। जुलाई 2016 में, स्पेनिश रेल कंपनी टैल्गो ने भारत में एक तकनीकी प्रदर्शन किया। इसने दिल्ली-मुंबई रेल लाइन के बीच एक खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की एक नई ट्रेन गति रिकॉर्ड स्थापित किया और प्रदर्शित किया कि टैल्गो कोच दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को 25 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।8 भारत अपने परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार करने की कोशिश कर रहा है और सरकार देश में एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत गति को मौजूदा 65 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 100 किमी प्रति घंटा करना चाहती है।9 टैल्गो के साथ सहयोग इस संबंध में उपयोगी हो सकता है क्योंकि इसके लिए बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण करने के लिए किसी 'महंगे निवेश' की जरूरत नहीं है।'10
अक्षय ऊर्जा
अक्षय ऊर्जा अधिक सहयोग का एक अन्य क्षेत्र है। भारत एक अधिक ऊर्जा खपत वाला देश है। देश की ऊर्जा आवश्यकताएं मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन स्रोतों के माध्यम से पूरी की जाती हैं, जिन्हें काफी मात्रा में आयात किया जाता है। तीव्र आर्थिक प्रगति और सतत विकास के लिए, देश को ऊर्जा के व्यवहार्य और पर्यावरण के अनुकूल स्रोतों की जरूरत है और भारत सरकार ने सौर और पवन ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन दिया है।
स्पेन ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास किया है। स्पेन के बिजली उत्पादन मिश्रण में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा लगभग 50 प्रतिशत है।11 स्पेन में, पवन ऊर्जा हर रोज 29 मिलियन घरों को ऊर्जायित करती है।12 प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेनिश अक्षय ऊर्जा उत्पादकों की प्रतिष्ठा को रेखांकित किया। उन्होंने 2022 तक 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भारत के महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए भारत में स्पेनिश अक्षय ऊर्जा कंपनियों की अधिक से अधिक भागीदारी का आग्रह किया।13जुड़ाव को और बढ़ाने के लिए, इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अक्षय ऊर्जा में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
सुरक्षा सहयोग
भारत और स्पेन आतंकवाद के शिकार हुए हैं। राष्ट्रपति राजॉय और प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि आतंकवाद ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए ‘सबसे गंभीर खतरा’ पैदा किया है और आतंकवाद से इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की।14दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के प्रति 'शून्य सहिष्णुता' होनी चाहिए और यह कि किसी भी आतंकवादी कृत्य का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। उन्होंने नियमित द्विपक्षीय परामर्शों और सहयोग के माध्यम से और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की।
साइबर स्पेस की सुरक्षा सरकारों के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक घरानों के लिए भी एक चुनौती बनकर उभर रही है। भारत और स्पेन ने साइबर स्पेस में मौजूद चुनौतियों पर चर्चा की और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान साइबर सुरक्षा पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके इस क्षेत्र में अपना सहयोग को बढ़ाने के इरादे की घोषणा की।
भारत और स्पेन एक सुरक्षा नीति वार्ता आयोजित करते हैं, जिसका संचालन भारत का विदेश मंत्रालय और स्पेन का विदेश और सहयोग मंत्रालय द्वारा किया जाता है। वार्ता में आम रणनीतिक सुरक्षा चुनौतियों का आकलन किया जाता है और संवाद के अब तक दो दौर आयोजित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति राजॉय ने सह-विकास और सह-उत्पादन समझौतों और प्रौद्योगिकीय सहयोग सहित रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत किया। स्पेन भारतीय रक्षा बाजार और तीसरे देश के निर्यात के लिए मेक इन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से उन्नत एयरोस्पेस क्षेत्र में भाग लेने की योजना बना रहा है।
अफगानिस्तान में सुरक्षा और स्थिरता लाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति राजॉय ने ‘अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता, समृद्धि, सुरक्षा और अखंडता’ को समर्थन व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत लाल रेखाओं के अनुरूप ‘अफगान-स्वामित्व और अफगान-प्रेरित’ प्रक्रिया के माध्यम से जल्दी शांति और सुलह बनाने का आह्वान किया।
लोगों से लोगों का संपर्क
अपनी स्पेन यात्रा के दौरान, लोगों से लोगों के जुड़ाव को अधिकाधिक सुविधाजनक बनाने और भारत-स्पेन संबंधों में प्रगति को दर्शाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बार्सिलोना में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की। राष्ट्रपति राजॉय ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे द्विपक्षीय आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। भारत के राष्ट्रीय कैरियर, एयर इंडिया ने दिसंबर 2016 से दिल्ली और मैड्रिड के बीच एक नई सीधी उड़ान शुरू की है। राष्ट्रपति राजॉय और प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि दोनों राजधानियों के बीच सीधी उड़ानें लोगों से लोगों के आदान-प्रदान को, विशेष रूप से पर्यटन और व्यावसायिक क्षेत्रों में, तेज करने में मदद करेंगी।15
भारत और स्पेन के बीच लोगों से लोगों के संपर्क का लंबा इतिहास रहा है। स्पेन के पहले भारतीय अप्रवासी भारतीय उपमहाद्वीप के सिंध क्षेत्र के लोग थे, जो 19वीं शताब्दी के अंत में उपमहाद्वीप से गए और स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में अपना घर बनाया। 1950 और 1960 के दशक में भारतीय मूल के कई लोग अफ्रीका से स्पेन गए और कई लोग सीधे भारत से गए। देश में विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 500 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ते हैं।16
शैक्षणिक क्षेत्र में, चार प्रमुख स्पेनिश सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के समूह,4 विश्वविद्यालयों का गठबंधन (A-4U), जिसका उद्देश्य अपने अंतर्राष्ट्रीय प्रोफ़ाइल को बढ़ावा देना है, शिक्षा सहयोग के क्षेत्र में सक्रिय रहा है। गठबंधन ने विनिमय कार्यक्रमों को स्थापित करने के लिए कुछ भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ फ्रेमवर्क समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय संस्कृति स्पेन और यूरोप में लोकप्रिय होती जा रही है। स्पेनियार्ड्स द्वारा 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। भारतीय फिल्में और भोजन देश में लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। स्पेन में भारतीय फिल्मों की शूटिंग ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है क्योंकि 2011 में ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा की रिलीज़ के एक साल बाद स्पेन में भारतीय पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई।17
भारत अपने तेज, सतत और स्थाई आर्थिक विकास के लिए स्पेन को एक उपयुक्त साझेदार पाता है। दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं और द्विपक्षीय रूप से विस्तार करने और बड़े क्षेत्रीय बाजारों की पूर्ति करने के लिए व्यापार के पर्याप्त अवसर हैं क्योंकि भारत स्पेन के लिए दक्षिण एशिया का प्रवेश द्वार हो सकता है जबकि स्पेन यूरोपीय संघ का सदस्य है और इसके लैटिन अमेरिकी देशों के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक, भाषाई और आर्थिक संबंध हैं। भारत लैटिन अमेरिका में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है और इस संबंध में स्पेन के साथ जुड़ाव और सहयोग का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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*डॉ. अथर ज़फर, भारतीय विश्व मामले परिषद, नई दिल्ली में अध्येता हैं
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अस्वीकरण: व्यक्त मंतव्य लेखक के हैं और परिषद के मंतव्यों को परिलक्षित नहीं करते।