29 जून 2024 को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन यूरोपीय संघ– मिस्र निवेश सम्मेलन में हिस्सा लेने मिस्र आईं। यह सम्मेलन मिस्र– यूरोपीय संघ (ईयू) रणनीतिक और व्यापक साझेदारी समझौते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिस पर अध्यक्ष लेयेन और राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल– सिसि ने 17 मार्च 2024 को हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, यूरोपीय संघ ने मिस्र को 7.4 अरब यूरो का सहायता पैकेज देने का वादा किया है। ईयू पैकेज में आगामी तीन वर्षों के लिए मिस्र के लिए अनुदान और ऋण शामिल हैं और धनराशि सीधे मिस्र के सेंट्रल बैंक को दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ मिस्र को वित्तीय मदद प्रदान करता है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय कर्ता है जो यूरोप में प्रवेश करने हेतु प्रवासियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण भौगोलिक मार्ग पर स्थित है। इसलिए, यूरोपीय संघ मिस्र को अनियमित आव्रजन, विशेष रूप से सूडान और गाज़ा में चल रही हिंसा से प्रेरित, को रोकने के अपने प्रयासों में एक सक्रिय भागीदार मानता है। मिस्र के लिए यूरोपीय संघ का समर्थन घरेलू स्तर पर भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य मिस्र की कमज़ोर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, विशेष रूप से उच्च मुद्रास्फीति और विदेशी मुद्रा संकट की समस्या को दूर कर। मोटे तौर पर, यूरोपीय संघ– मिस्र निवेश सम्मेलन में दो– आयामी रणनीति अपनाई गई है: पहली– मिस्र की बीमार अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता प्रदान करना और दूसरी– यूरोप में अनियमित आव्रजन को रोकने में मिस्र को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार करना।
इस बात को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि यह सम्मेलन मिस्र में ऐसे समय में हुआ है जब देश गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा है। मिस्र 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान पैदा हुए वित्तीय संकट से उबरने के लिए अब भी संघर्ष कर रहा है। घरेलू राजनीतिक अस्थिरता ने अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया था और बाहरी निवेश की संभावनाओं को भी कम कर दिया था। इसके अलावा, कोविड– 19 महामारी और यूक्रेन युद्ध ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित किया और मिस्र में आवश्यकता की मूलभूत वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया। इन घटनाओं ने निवेशकों को मिस्र से 20 अरब डॉलर निकालने पर विवश कर दिया जिससे वित्तीय संकट और गहरा गया।[i] इसके अलावा, गाज़ा युद्ध और उसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय संघर्ष, विशेष रूप से लाल सागर में, स्वेज़ नहर के रास्ते व्यापार में कमी आई और मिस्र को नहर से होने वाली आमदनी भी कम हुई। इन कारकों का मिस्र की अर्थव्यवस्था पर मिलाजुला प्रभाव पड़ा है। परिणामस्वरूप, विदेशी मुद्रा की कमी के कारण मिस्र के पाउंड का अवमूल्यन हुआ, जिसके कारण विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में भी भारी वृद्धि हुई और मुद्रास्फीति अनियंत्रित हो गई। पिछले साल, बिना सब्सिडी वाली रोटी (ब्रेड) की कीमतों में करीब 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। मिस्र के एक पाउंड (ईजीपी/ EGP) का मूल्य 15.7 डॉलर से घटकर 49.4 डॉलर हो गया, ब्याज दरें 8.25 प्रतिशत से बढ़कर 27.25 प्रतिशत हो गईं और मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई, जिसके कारण मूलभूत आवश्यकता से जुड़ी वस्तुओं, ऑटोमोबाइल और घरों की कीमतों में वृद्धि हुई।[ii]
इस संदर्भ में अध्यक्ष लेयेन की यात्रा के दौरान, सूक्ष्म वित्त सहायता, खाद्य एवं जल सुरक्षा, हरित ऊर्जा और प्रवासन समेत विभिन्न क्षेत्रों में समझौते किए गए जो मिस्र की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये समझौते रणनीतिक साझेदारी समझौते के प्रमुख घटक थे। अध्यक्ष लेयेन ने यूरोपीय कंपनियों और मिस्र के साझेदारों के बीच 40 अरब यूरो (42.85 अरब डॉलर) से अधिक मूल्य के 20 से अधिक नए सौदों की संभावना की भी घोषणा की।
पृष्ठभूमि
मिस्र के साथ यूरोपीय संघ का संबंध एसोसिएशन समझौते पर आधारित है, जो जून 2004 में प्रभावी हुआ था। समझौते में तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया थाः स्थायी आधुनिक अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना, विदेश नीति में सहयोग और स्थिरता को बढ़ाना।[iii] बीते वर्षों में दोनों पक्षों ने इन लक्ष्यों पर मिल कर काम किया है। वर्ष 2021 में, एक नए भागीदारी प्राथमिकता समझौते पर हस्तक्षार किया गया था। इसका उद्देश्य हरित और दीर्घकालिक विकास, जनता का विकास, आर्थिक लचीलापन और हरित एवं डिजिटल संक्रमण, सामाजिक सामंजस्य एवं एक आधुनिक और लोकतांत्रिक राष्ट्र के विकास के जरिए समृद्धि प्राप्त करने में मिस्र का सहयोग करना। एसोसिएशन समझौते और साझेदारी प्राथमिकता समझौते के आधार पर, यूरोपीय संघ एवं मिस्र ने 17 मार्च 2024 को एक नई रणनीतिक और व्यापक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए। इसमें छह संयुक्त प्राथमिकताएँ शामिल हैं: राजनीतिक संबंध, आर्थिक स्थिरता, व्यापार और दीर्धकालिक निवेश, प्रवास और गतिशीलता, सुरक्षा, जनता और कौशल। इस नई साझेदारी के तहत, यूरोपीय संघ ने 2024-2027 की अवधि के लिए 7.4 अरब यूरो के सहायता पैकेज का प्रस्ताव रखा है।[iv] नवीनतम निवेश सम्मेलन यूरोपीय संघ और मिस्र के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौते का परिणाम था जिसके तहत कई सौदे संपन्न हुए जो ‘सहायता पैकेज’ का हिस्सा थे।
यूरोपीय संघ– मिस्र सौदों के मुख्य तत्व
निवेश सम्मेलन में अध्यक्ष लेयेन और राष्ट्रपति अल–सीसी द्वारा अंतिम रूप दिए गए सौदे निम्नलिखित थे:
मिस्र के आर्थिक सुधार कार्यक्रम में सहयोग के लिए 1 अरब यूरो की अल्पकालिक सूक्ष्म– वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। 1 अरब यूरो का उद्देश्य निजी क्षेत्र में व्यवसायों और उद्यमों द्वारा आवश्यक सुधारों को प्रोत्साहित करना है।[v]
सहायता पैकेज में मिस्र में खाद् संकट से निपटने के लिए खाद्य और लचीलापन सुविधा कार्यक्रम भी शामिल था। इस कार्यक्रम के तहत, अध्यक्ष लेयेन ने मिस्र में अनाज भंडारण में सुधार हेतु 60 मिलियन यूरो का सहायता पैकेज दिया।
अध्यक्ष लेयेन और राष्ट्रपति अल– सिसि ने ग्रीन सस्टेनेबल इंडस्ट्री प्रोग्राम पर भी हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा केंद्र बनाने में मदद करना है जिससे इसे भूमध्यसागरीय चौराहे के केंद्र में रखा जा सके। इसमें स्वच्छ ऊर्जा और हाइड्रोजन के परिवहन के लिए नए गलियारे बनाना, साथ ही खाड़ी से यूरोप तक फैली स्वच्छ– तकनीक मूल्य श्रृंखलाओं का विकास करना शामिल होगा। इस समझौते के एक भाग के रूप में, यूरोपीय संघ ने मिस्र के युवाओं को स्वच्छ तकनीक और डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 30 मिलियन यूरो देने का वचन दिया है, साथ ही प्रदूषण को कम करने, डी– कार्बोनाइज़ेशन एवं ऊर्जा और संसाधन दक्षता में निवेश करने का भी वचन दिया है।[vi]
प्रवासन के मुद्दे को हल करने के लिए, यूरोपीय संघ (ईयू) मिस्र को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है। यह अफ्रीकी क्षेत्र से अनियमित प्रवास की समस्या से निपटने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सूडान, गाज़ा और अफ्रीका के अन्य हिस्सों जैसे देशों में संघर्षों को संभावित चुनौतियों के रूप में देखा जाता है, जो यूरोप में प्रवासन संकट में योगदान दे रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, यूरोपीय संघ ने ट्यूनिशिया, अल्जीरिया, मोरक्को और लीबिया के साथ समझौते किए। इसके अतिरिक्त, रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में, यूरोपीय संघ ने यूरोप में प्रवासन को रोकने में मदद करने के लिए बुनियादी ढांचे और रसद विकसित करने में मिस्र की मदद करने के लिए एक (1) अरब यूरो देने का वादा किया है।[vii]
इसके अलावा, अध्यक्ष लेयेन की यात्रा के दौरान, यूरोपीय कंपनियों ने मिस्र के भागीदारों के साथ 40 अरब यूरो से अधिक के 20 से अधिक नए सौदे किए जिनमें जल प्रबंधन से लेकर हाइड्रोजन, रसायन से लेकर निर्माण और विमानन तक के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने रोजगार और कौशल, चक्रीय अर्थव्यवस्था, विनिर्माण (फार्मास्युटिकल, चिकित्सा और मोटर वाहन क्षेत्र), कृषि/ खाद्य और जल सुरक्षा एवं सतत विकास को आगे बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया।[viii]
निष्कर्ष
मिस्र ने निवेश सम्मेलन की मेज़बानी ऐसे समय में की है जब उसकी अर्थव्यवस्था गिरावट से उबरने में चुनौतियों का सामना कर रही है। देश को अपने आर्थिक संकट से निपटने के लिए यूएई, आईएमएफ और विश्व बैंक से अरबों डॉलर का विदेशी वित्तपोषण और प्रतिबद्धताएं मिली हैं। यूरोपीय संघ, अमेरिका और यूएई जैसे बाहरी हितधारक इस क्षेत्र में मिस्र की महत्वपूर्ण भू–राजनीतिक स्थिति को पहचानते हैं। आर्थिक और राजनीतिक रूप से स्थिर मिस्र क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यूरोपीय संघ का मिस्र में लंबे समय से आर्थिक साझेदारी और निवेश का इतिहास रहा है। हालाँकि, रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में यूरोपीय संघ जातीय संघर्षों, जलवायु परिवर्तन और गरीबी के कारण विशेष रूप से अफ्रीका से अनियमित प्रवास के प्रबंधन में मिस्र के सहयोग की मांग कर रहा है। इसलिए, यूरोपीय संघ मिस्र समेत एक मजबूत और स्थिर उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र का समर्थन करता है। यूरोपीय संघ– मिस्र रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य मिस्र के बुनियादी ढांचे और परिवहन के क्षेत्र में सुधार करना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना, हरित ऊर्जा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन संकट को दूर करना और एक सुरक्षित खाद्य और जल मूलभूत व्यवस्थाओं का विकास करना है। साझेदारी का उद्देश्य यूरोप के प्रवास एजेंडे पर मिस्र के सहयोग के बदले में मिस्र को आर्थिक और राजनीतिक रूप से समर्थन देना है और इस क्षेत्र में मिस्र की भू–राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखना है।
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*डॉ. अरशद, शोधकर्ता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] “Egypt devalues currency, hikes interest rates but will reforms stick?” Global Finance, March 18, 2024, accessed https://tinyurl.com/yfyrzwz8, July 15, 2024
[ii] “Is Egypt finding its path towards economic recovery,” The New Arab, March 12, 2024, accessed https://tinyurl.com/mwppyj32, July 16, 2024
[iii] “The European Union and Egypt,” European Union, July 28, 2021, accessed https://tinyurl.com/yjvufkbz, July 5, 2024
[iv]“European Neighbourhood policy and Enlargement Negotiations,” European Commission, accessed https://tinyurl.com/86n78j28, July 5 2024
[v]“EU plans to fast-track some financial aid to Egypt, without the usual safeguards,” The Hindu, March 29, 2024, accessed https://tinyurl.com/5x4fv3d3, July 1, 2024
[vi]“Speech by President von der Leyen with Egyptian President El-Sisi at the EU-Egypt Investment Conference,” European Commission, June 29, 2024, accessed https://tinyurl.com/4tvhckn5, July 1, 2024
[vii]“EU finalizes up to 1 Billion Euro in aid to Egypt as part of migration deal,” June 29, 2024, accessed https://tinyurl.com/3yv85mcm, July 1, 2024
[viii]“EU companies to sign 40 billion euros’ worth of deals with Egypt,” Euro News, June 29, 2024, accessed https://tinyurl.com/yc5n47r6, July 1, 2024.