24 मई 2024 को आयोजित नवनिर्वाचित राष्ट्रपति महामत डेबी का शपथ ग्रहण समारोह तेल– समृद्ध चाड में तीन साल के सैन्य शासन के अंत का प्रतीक है[i]। इस शपथ ग्रहण समारोह में आठ अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्ष और फ्रांस के विदेश व्यापार एवं फ्रैंकोफ़ोनी मंत्री फ्रैंक रीस्टर शामिल हुए। चाड के राष्ट्रीय चुनाव प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रपति महामत डेबी को 61 % से अधिक वोट मिले जबकि उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी ससेक्स मसारा को 18.3% वोट मिले। यह पहली बार है जब चाड में सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हुआ है। चाड का लोकतंत्र में परिवर्तन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साहेल क्षेत्र के उन देशों में से एक है जहाँ 2021 में सैन्य सरकार ने सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था और यह चुनाव आयोजित कराने वाला यह पहला देश है। लोकतंत्र के लिए एक स्थिर और शांतिपूर्ण संक्रमण न केवल चाड के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए आवश्यक है।[ii] इस चुनाव ने इस बात की भी मिसाल कायम की है कि अफ्रीकन यूनियन और इकॉनमिक कम्युनिटी ऑफ सेंट्रल अफ्रीकन स्टेट्स जैसे क्षेत्रीय संगठन तख्तापलट के नेता को राष्ट्राध्यक्ष के रूप में चुने जाने से पैदा होने वाली चुनौतियों का कैसे जवाब देते हैं। पश्चिमी देशों, विशेष रूप से फ्रांस और अमेरिका ने चाड के लोकतांत्रिक परिवर्तन को मील के पत्थर के रूप में स्वागत किया है और चाड के अधिकारियों से चाड के संस्थानों की समावेशिता और पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करने का आग्रह किया है।[iii] फ्रांस और अमेरिका दोनों ही चाड के लोकतंत्र में परिवर्तन में रुचि रखते हैं क्योंकि माली, नाइज़र और बुर्किना फासो में सैन्य सरकारों के साथ अपने पिछले अनुभव को देखते हुए सैन्य शासन की बजाय लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों के साथ जुड़ना उनके लिए सुविधाजनक होगा। क्षेत्र में पश्चिमी देशों का प्रमुख सहयोगी होने के अलावा, चाड ने रूस की ओर भी रुख किया है और मध्य पूर्वी देशों के साथ अपने संबंध सुधारे हैं।
इस संदर्भ में, यह आलेख चाड के लोकतांत्रिक परिवर्तन के महत्व और चाड में नई सरकार की विदेश नीति प्राथमिकताओं की पड़ताल करता है।
चाड के लोकतांत्रिक परिवर्तन का महत्व
अप्रैल 2021 में सेना के नेता महामत डेबी ने चाड के राष्ट्रपति पद की कमान संभाली और उत्तरी चाड में विद्रोहियों से लड़ते हुए अपने पिता, राष्ट्रपति इदरीस डेबी इनटो की अचानक मृत्यु के बाद एक संक्रमणकालीन सैन्य सरकार बनाई। विपक्षी नेताओं ने अप्रैल 2021 में चाड के राष्ट्रपति के रूप में महामत डेबी के अधिग्रहण को संवैधानिक तख्तापलट करार दिया क्योंकि सत्ता में आने के तत्काल बाद राष्ट्रपति डेबी ने कर्फ्यू घोषित कर दिया, संविधान को मुअत्तल कर दिया, नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और 18 महीने के लिए नागरिक शासन की घोषणा की जिसे बाद में अक्टूबर 2024 तक 24 माह के लिए बढ़ा दिया गया।
हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि महामत डेबी ने मई 2024 में राष्ट्रपति चुनाव कराने की घोषणा की जिसे पहले अक्टूबर 2024 में निर्धारित किया गया था, इससे यह पता चलता है कि वह तय समय–सीमा से पहले और माली एवं बुर्किना फासो जैसे अपने पड़ोसी देशों से पहले संक्रमण काल को पूरा करने का इरादा रखते थे जहां सैन्य सरकार अपने वादे के मुताबिक चुनाव टालते रहे हैं।[iv] उदाहरण के लिए बुर्किना फासो में, राष्ट्रपति इब्राहिम ट्रौरे के नेतृत्व वाली सैन्य सरकार ने जुलाई 2024 में होने वाले चुनावों को अनिश्चित काल के लिए स्थगति कर दिया है, यह दावा करते हुए कि वे प्राथमिकता नहीं है। इसी प्रकार, गिनी में भी संक्रमणकालीन शासन जारी है।[v] चाड के पड़ोसी देश सूडान में बीते एक साल से गृह युद्ध चल रहा है।[vi] इस प्रकार, चाड का लोकतांत्रिक परिवर्तन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चाड की राजनीतिक स्थिरता और क्षेत्र की राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक कदम है जो साहेल क्षेत्र में सैन्य शासन के तहत अन्य देशों के लिए एक मिसाल कायम करता है। इससे उन राज्यों में संक्रमण की स्थिति पैदा हो सकती है जहां सैन्य तख्तापलट हुआ है और जो संक्रमणकालीन सैन्य परिषदों द्वारा शासित हैं। [vii] हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि क्या इससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी क्योंकि चाड सूडान, लीबिया और मध्य अफ्रीकी गणराज्य जैसे संघर्ष से प्रभावित देशों से घिरा हुआ है। [viii] इसके अलावा, फ्रांस, अमेरिका और रूस जैसी प्रमुख शक्तियों के साथ चाड की बढ़ती भागीदारी महत्वपूर्ण भू–राजनीतिक चुनौतियां पेश कर रही हैं।
नई सरकार की विदेश नीति
क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसी बाहरी शक्तियों के साथ– साथ संयुक्त अरब अमीरात एवं तुर्की जैसे मध्य पूर्वी शक्तियों की बढ़ती रुचि को देखते हुए चाड की नई सरकार के सामने विदेश नीति की प्राथमिकताओं और पद्धति के संबंध में विकल्प कठिन हैं।
क्षेत्रीय सुरक्षा
नव निर्वाचित डेबी सरकार की प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं में से एक क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता से निपटना है।[ix] चाड में विद्रोही आंदोलनों द्वारा पड़ोसी देशों लीबिया, सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य को आधार के रूप में इस्तेमाल करने का खतरा सरकार के लिए सुरक्षा चिंता का विषय रहा है। यूएनएचआरसी (UNHCR) के अनुसार, चाड की सेंट्रल अफ्रीकन रिपल्बिक, लीबिया और सूडान की सीमाओं पर 8,000 से अधिक विद्रोही सक्रिए हैं।[x] इससे अक्सर इन देशों के साथ चाड के संबंधों में तनाव पैदा होता है। उदाहरण के लिए, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अक्टूबर 2023 में, चाड– सीएआर सीमा पर मौजूद कुछ विद्रोही समूह चाड पर हमला करने के लिए उत्तरी सीएआर से लड़ाकों की भर्ती करने में शामिल थे। इस प्रकार, दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए क्योंकि दोनों पक्षों ने एक– दूसरे पर सशस्त्र विद्रोही समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया।[xi] इस उद्देश्य से, राष्ट्रपति डेबी की सरकार का लक्ष्य मध्य, अफ्रीकी गणराज्य और लीबिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना है। लीबिया और मध्य अफ्रीकी गणराज्य दोनों के साथ चाड के घनिष्ठ संबंध उसे अपनी धरती पर सशस्त्र विद्रोहियों पर नियंत्रण पाने में मदद करेंगे। राष्ट्रपति महामत डेबी ने चाड में अपने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए लीबिया के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद डबाईबा और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के राष्ट्रपति फॉस्टन तौडेरा को आमंत्रित किया था।[xii]
इसके अलावा, चाड पड़ोसी देश सूडान में चल रहे गृह युद्ध से भी बुरी तरह प्रभावित है। संकट के एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी लगभग नब्बे लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं जिनमें से दस लाख से अधिक लोग पड़ोसी देशों की शरण में चले गए हैं।[xiii] चाड में सबसे अधिक सूडान से विस्थापित शरणार्थियों ने पनाह ली है। यूएनएचआरसी(UNHCR) के अनुमान के अनुसार, वर्तमान में चाड सूडान के 38% शरणार्थियों को शरण दे रहा है।[xiv] चाड ने इन शरणार्थियों की मदद करने वाले मानवीय समूहों के लिए सशस्त्र सुरक्षा प्रदान किए हैं। हालांकि, चाड में आधिकारिक शरणार्थी शिविर शरणार्थियों के आगमन की गति से चिंतित हैं। सूडान से शरणार्थियों की बढ़ती आमद चाड की सामाजिक– आर्थिक क्षमताओं पर भारी दबाव डाल रही है।
इसके अलावा, जहाँ तक सूडान के संघर्ष का सवाल है, शुरूआत में चाड तटस्थ था, हालाँकि बाद में यूएई के साथ अपने गहरे होते संबंध के कारण, चाड ने रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (आरएसएफ/RSF) के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया। राष्ट्रपति डेबी के आरएसएफ को दिए गए समर्थन को ज़ाघवा जातीय समूह (जो चाड में राजनीतिक अभिजात वर्ग का हिस्सा है और जिस समुदाय से डेबी संबंधित हैं) द्वारा अच्छी तरह स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि चाड– सूडान सीमा के पास रहने वाले ज़ाघवा जातीय समुदाय को डारफुर संकट के दौरान जंजावीद मिलिशिया (जिसे बाद में आरएसएफ के रूप में पुनः ब्रांड किया गया) के हाथों नुकसान उठाना पड़ा था। इस प्रकार, आरएसएफ को चाड के समर्थन का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।[xv]
पश्चिमी देशों के साथ संबंध
चाड ने अमेरिका और फ्रांस समेत पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखे हैं और अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने एवं अपनी आंतरिक सुरक्षा में सुधार करने के लिए पश्चिमी देशों के साथ अपनी साझेदारी का लाभ उठाया है। इसका भू– रणनीतिक स्थान पश्चिमी देशों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्तर, मध्य और पश्चिम अफ्रीका के चौराहे पर स्थित है।[xvi] यह कभी अफ्रीका में फ्रांसीसी सैनिकों का सबसे बड़ा बेस था और माली, बुर्किना फासो और नाइज़र से हटाए जाने पर फ्रांसीसी और यूरोपीय सैनिकों को यहीं रखा गया था। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्रपति डेबी को उनकी जीत पर बधाई दी। अफ्रीका में फ्रांस के विशेष दूत जीन मैरी बोकेल के अनुसार,“ हम परिवर्तन प्रक्रिया से संतुष्ट हैं और निश्चित रूप से हम चाड में ही रहेंगे”[xvii]। वर्तमान में, चाड में लगभग 1000 फ्रांसीसी सैनिक तैनात हैं।[xviii] हालाँकि, मई 2024 में, चाड के अधिकारियों ने चाड में तैनात अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। हालाँकि, इसे माली, बुर्किना फासो और नाइज़र से पश्चिमी देशों के वापस होने के जैसा नहीं माना जाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, चाड से अमेरिका की वापसी की मांग राष्ट्रपति डेबी की सौदेबाजी की रणनीति का हिस्सा है ताकि वास्तव में चाड की सरकार के लिए अमेरिकी समर्थन बढ़ाया जा सके और अमेरिका के साथ फिर से बातचीत की संभावना बने।[xix] अमेरिका शायद अब इस क्षेत्र में सुरक्षा अभियानों पर चाड के साथ फिर से सहयोग करना चाहता है। यह अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान से स्पष्ट है कि, “हम चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन का स्वागत करते हैं… हम चाड की संक्रमण प्रक्रिया की इस उपलब्धि का स्वागत करते हैं।”[xx]
डेबी प्रशासन पश्चिमी देशों के साथ अपनी साझेदारी को बनाए रखते हुए रूस और यूएई एवं तुर्की समेत मध्य पूर्वी देशों के साथ नई सुरक्षा साझेदारी शुरू करके अपनी विदेश नीति में विविधता लाने का प्रयास कर रहा है।
रूस के साथ संबंध
साहेल क्षेत्र में रूस के बढ़ते प्रभाव के बीच, चाड की नई सरकार रूस के साथ अपना सहयोग बढ़ाना चाहती है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नवनिर्वाचित डेबी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद चाड का दौरा करने वाले पहले विदेश मंत्री हैं। अपनी यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने अपनी रक्षा और सुरक्षा सहयोग को प्रगाढ़ बनाने और अपने आर्थिक जुड़ाव को बेहतर बनाने का फैसला किया है। [xxi] रूस आतंकवाद (इसके कारण चाड के 3.6 मिलियन नागरिक विस्थापित हुए हैं) के कारण पैदा हुए मानवीय संकट से निपटने में चाड की मदद करेगा। राष्ट्रपति डेबी ने जनवरी 2024 में रूस का दौरा किया था। अपनी धरती पर फ्रांसीसी सैनिकों की उपस्थिति के बावजूद, चाड रूस के साथ अच्छे राजनयिक संबंध बनाए रखना चाहता है क्योंकि रूस की पहले से ही लीबिया, सूडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और नाइज़र समेत चाड के पड़ोसी देशों में मजबूत उपस्थिति है। दूसरे, चूंकि कुछ विपक्षी नेताओं ने फ्रांस पर चाड के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और डेबी के परिवार के वंशवादी उत्तराधिकार का समर्थन करने का आरोप लगाया था इसलिए डेबी प्रशासन रूस के प्रति चाड के नज़रिए को यह दिखाने के अवसर के रूप में देखता है कि उसका प्रशासन केवल फ्रांसीसी समर्थन पर ही निर्भर नहीं है।[xxii]
यूएई (UAE) के साथ संबंध
चाड अपने हथियार आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाने के लिए यूएई के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर रहा है क्योंकि यह पहले अपनी सीमाओं पर मौजूद आतंकवादियों एवं विद्रोहियों से निपटने के लिए यूरोपीय देशों पर निर्भर था। साल 2023 में सूडान में युद्ध की शुरुआत और साहेल क्षेत्र में फ्रांसीसी प्रभाव में गिरावट के बाद से, यूएई ने क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए चाड को अपना समर्थन भी बढ़ा दिया है। इस प्रकार, पड़ोसी सूडान में बढ़ते संघर्ष के बीच, चाड इस क्षेत्र में यूएई का एक प्रमुख सहयोगी बन गया। [xxiii] साल 2023 में यूएई की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति डेबी ने यूएई के साथ कई सैन्य सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें यूएई से चाड को सैन्य उपकरण हस्तांतरित करने की बात कही गई, जिसमें चाड को लगभग छह बख्तरबंद वाहन दिए गए। साल 2024 की शुरुआत में, यूएई ने चाड के सैनिकों को प्रशिक्षित करने और सीमा सुरक्षा को मजबूत कर आतंकवाद से लड़ने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए चाड में अपने सैनिकों को भी तैनात किया था। यूएई के साथ चाड की सुरक्षा साझेदारी सैन्य उपकरणों के क्षेत्र में यूरोप के प्रभाव क्षेत्र से दूर रहने की उसकी नीति को दर्शाती है।[xxiv] यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान ने राष्ट्रपति डेबी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी। इसके अलावा, यूएई के राज्य मंत्री शेखबूत बिन नाहयान ने राष्ट्रपति डेबी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया, जिसमें दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि हुई।[xxv] राष्ट्रपति डेबी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि यूएई के साथ चाड के संबंधों में निरंतर विकास हो रहा है जो चाड और यूएई दोनों के हितों को पूरा करता है।[xxvi]
तुर्की के साथ संबंध
चाड अफ्रीका में तुर्की के प्रमुख भागीदारों में से एक बन गया है और दोनों देश व्यापार, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे एवं सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी के माध्यम से अपने संबंधों को गहरा करना चाहते हैं। दोनों देशों के बीच 112 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का व्यापार होने लगा है। सुरक्षा के मोर्चे पर, तुर्की ने चाड के साथ रक्षा साझेदारी के जरिए चाड को मदद की है।[xxvii] वर्ष 2023 में, दोनों देशों ने सैन्य सहयोग पर एक व्यापाक समझौता किया था जिसमें खुफिया जानकारी साझा करना, संयुक्त अभियान, प्रशिक्षण और रसद शामिल हैं।[xxviii]
निष्कर्ष
चाड में 2024 के चुनाव सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे चाड में नागरिक शासन की वापसी का प्रतीक हैं, जो क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है। हालाँकि, चाड में स्पष्ट स्थिरता के बावजूद, कई चुनौतियां हैं जिनमें जटिल क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता और भू– राजनीतिक संबंध शामिल हैं क्योंकि चाड अब पश्चिमी देशों के अलावा रूस और यूएई एवं तुर्की जैसे मध्य पूर्वी देशों को भी शामिल करने के लिए अपनी सुरक्षा साझेदारी में विविधता लाना चाहता है। यह देखना होगा कि नव निर्वाचित सरकार विकास और सुरक्षा को आगे बढ़ाने के अपने घरेलू एजेंडे को समर्थन देने हेतु अपनी भावी विदेश नीति को कैसे आगे बढ़ाएगी।
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*डॉ. गौरी नरेन माथुर , शोधकर्ता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] Mahamat Ramdane. ‘ Chad Interim President Deby Kicks Off Campaign for Vote to end Junta Rule’. Reuters . 15 April 2024. https://www.reuters.com/world/africa/chad-interim-president-deby-kicks-off-campaign-vote-set-end-junta-rule-2024-04-14/
[ii] Francesca Crusedo. ‘ Highlighting the Importance of the Upcoming Presidential Elections in Chad.’ ACCORD. 24 April 2024. https://www.accord.org.za/analysis/chads-elections-in-may-2024-are-of-great-importance-for-regional-stability/
[iii] ‘US at odds with African Union over Chad's disputed polls. Voice of Africa. 24 May 2024. https://www.theeastafrican.co.ke/tea/rest-of-africa/us-at-odds-with-african-union-over-chad-s-disputed-polls-4634132
[iv] Ruth Maclean. ‘ Chad Election 2024: What to Know’. The New York Times. 30 April 2024. https://www.nytimes.com/2024/04/30/world/africa/chad-election-2024.html
[v] Ibid
[vi] Francesca Crusedo. ‘ Highlighting the Importance of the Upcoming Presidential Elections in Chad.’ ACCORD. 24 April 2024. https://www.accord.org.za/analysis/chads-elections-in-may-2024-are-of-great-importance-for-regional-stability/
[vii] Ibid.
[viii] [viii] EI Hassan Hzaine. ‘Chad’s Fifth President Faces Complex Heritage and Imperatives of Change.’ Morocco World News. May 28, 2024. https://www.moroccoworldnews.com/2024/05/362923/chads-fifth-president-faces-complex-heritage-and-imperatives-of-change.
[ix] ‘ Chad’s Constitutional Council Confirms Deby’s Win After Disputed Vote’. The East African. 17 May 2024. https://www.theeastafrican.co.ke/tea/rest-of-africa/chad-constitutional-council-confirms-deby-win-in-disputed-vote-4625690
[x] ‘ UNHCR: Update on Chad Situation’. UNHCR. 1 March 2024. file:///C:/Users/Dell/Downloads/UNHCR%20CAR_CHAD_Situation%20Update%20-%20March%202024%20(1).pdf
[xi] Mahammed Yousef. ‘ CAR, Chad Conduct Separate Military Operations Amid Border Security Concerns’. Voice of Africa. 6 October 2023. https://www.voanews.com/a/car-chad-conduct-separate-military-operations-amid-border-security-concerns/7299958.html
[xii] ‘ Chadian President Meets PM Abdelhamid Dbaiba.’ Libyan News Agency. 24 May 2024. https://lana.gov.ly/post.php?lang=en&id=308014
[xiii] Nocmot Gbadamosi. ‘ Sudan’s Refugee Crisis Strained Chad’. Foreign Policy. 21 Feb 2024. ttps://foreignpolicy.com/2024/02/21/sudans-refugee-crisis/
[xiv] Ibid
[xv] Enrica Picco. ‘The Fallout in Chad from the Fighting in Darfur’ Crisis Group. 10 August 2023. https://www.crisisgroup.org/africa/central-africa/chad/fallout-chad-fighting-darfur
[xvi] EI Hassan Hzaine. ‘ Chad’s Fifth President Faces Complex Heritage and Imperatives of Change’. Morrocco World News. 28 May 2024. https://www.moroccoworldnews.com/2024/05/362923/chads-fifth-president-faces-complex-heritage-and-imperatives-of-change
[xvii] Zeenat Hansrod. ‘Chad's opposition fears France will maintain status quo after elections. RFI Africa. 18/3/2024. https://www.rfi.fr/en/africa/20240318-chad-s-opposition-fears-more-business-as-usual-for-france-after-coming-elections
[xviii] ‘French Troops to Stay in Chad’. Qatar News Agency. 8 March 2024. https://www.qna.org.qa/en/News-Area/News/2024-03/08/0013-french-troops-to-stay-in-chad
[xix] Nocmot Gbadamosi. ‘Chad’s Great Power Balancing Act.’ Foreign Policy. May 01, 2024. https://foreignpolicy.com/2024/05/01/chads-great-power-balancing-act/.
[xx] US at odds with African Union over Chad's disputed polls. Voice of Africa. 24 May 2024. https://www.theeastafrican.co.ke/tea/rest-of-africa/us-at-odds-with-african-union-over-chad-s-disputed-polls-4634132
[xxi] Elena Teslova. ‘Russian foreign minister says developing security cooperation with Chad’. Africa World. 5 June 2024. https://www.aa.com.tr/en/politics/russian-foreign-minister-says-developing-security-cooperation-with-chad/3241477
[xxii] Mathiew Oliver. ‘ Behing the scenes of Chad’s strategic rapprochement with Russia’. The Africa Report. 29 January 2024. https://www.theafricareport.com/334616/behind-the-scenes-of-chads-strategic-rapprochement-with-russia/
[xxiii] ‘UAE Increases Military Support Aid to Chad Amid Sahel Strife.’ Africa Defense Forum. 13 February 2024. https://adf-magazine.com/2024/02/uae-increases-military-support-aid-to-chad-amid-sahel-strife/.
[xxiv] Ibid.
[xxv] ‘Shakhboot bin Nahyan attends inauguration ceremony of Chadian President’. Aletihad. 24 May 2024. https://en.aletihad.ae/news/uae/4488257/shakhboot-bin-nahyan-attends-inauguration-ceremony-of-chadia.
[xxvi] Ibid
[xxvii] ‘Turkey’s Resolute to Increase Cooperation with Chad.’ TRT World. https://www.trtworld.com/turkey/turkey-resolute-to-increase-cooperation-with-chad-president-erdogan-24549.
[xxviii] Ibid