प्रस्तावना
भारत और मध्य एशिया के बीच जुड़ाव का इतिहास काफी लंबा है। इस क्षेत्र से भौगोलिक निकटता के कारण भारत मध्य एशियाई देशों को अपने विस्तारित पड़ोस का हिस्सा मानने के लिए प्रेरित हुआ है। भारत की कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी है और दोनों पक्ष एक-दूसरे के रणनीतिक महत्व को समझते हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों पक्ष आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी साझा चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं। सौहार्दपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक व रणनीतिक जुड़ाव ने भारत और मध्य एशिया के बीच सहयोग के दायरे को आतंकवाद और साइबर सुरक्षा सहित पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक सुरक्षा क्षेत्रों तक बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, चूंकि दोनों पक्ष सहयोग के अवसरों की तलाश में हैं और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय ढांचे के माध्यम से साझा चुनौतियों का समाधान करना चाहते हैं।
यह शोध-पत्र भारत और मध्य एशियाई देशों की साझा सुरक्षा चिंताओं, उन चिंताओं को दूर करने हेतु उठाए गए उपायों और इन उपायों के प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
सुरक्षा की साझा चिंताएँ
मध्य एशियाई देशों के लोग आतंकवादी और चरमपंथी हमलों से प्रभावित हैं। जुलाई 2016 में, कजाकिस्तान के अस्ताना में एक इस्लामी आतंकवादी ने तीन पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी थी।[i] 2016 में, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के एक आत्मघाती हमलावर ने बिश्केक में चीनी दूतावास के गेट पर हमला किया, जिसमें तीन कर्मचारी घायल हो गए थे।[ii] सीमा पार आतंकवाद चिंता का एक विशेष विषय है। इस्लामिक स्टेट ग्रुप ने जुलाई 2018 में ताजिकिस्तान के डांगरा जिले में चार विदेशी साइकिल चालकों की हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी।[iii] 2022 में, आईएसआईएस-के ने अफ़गानिस्तान के तखर प्रांत से रॉकेट से ताजिक की सैन्य सुविधाओं पर हमला करने का दावा किया था।[iv]
दूसरी ओर, भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की 222 घटनाएँ हुई हैं, जिसकी वजह से केवल वर्ष 2022 में 97 कथित आतंकवादियों सहित 152 मौतें हुई हैं।[v] भारत आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है।[vi] आतंकवाद और उग्रवाद ने मध्य एशियाई देशों[vii] और भारत दोनों में सुरक्षा स्थिति को खतरे में डाल दिया है, और सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसका दोनों पक्ष सामना कर रहे हैं।
अफ़गानिस्तान भारत के साथ ज़मीनी सीमाएँ हैं, और तीन मध्य एशियाई देश - ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान भी इसके पड़ोसी हैं। हालाँकि, दोनों पक्षों के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के रूप में अफ़गानिस्तान एक चुनौती है। इसलिए अफ़गानिस्तान भारत और मध्य एशियाई देशों के लिए चिंता का एक साझा विषय है, क्योंकि पारदेशीय अपराध दोनों पक्षों को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं।
मध्य एशियाई देशों और भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी भी चिंता का एक साझा विषय है। अफ़गानिस्तान अफ़ीम बाज़ार पर हावी है, जहाँ ‘उत्तरी मार्ग’ से मध्य एशिया और उससे आगे के क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की आपूर्ति होती है, और ‘दक्षिणी मार्ग’ से पाकिस्तान और ईरान के ज़रिए भारत तक नशीले पदार्थों की आपूर्ति होती है। यह बेहद चिंताजनक है क्योंकि नशीले पदार्थों की तस्करी से आतंकवादी संगठनों को फ़ंड देने में मदद मिलती है और मनी लॉन्ड्रिंग एवं अंतरराष्ट्रीय अपराधों को बढ़ावा मिलता है।[viii]
2021 में अफ़गानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाने और तालिबान के काबुल पर कब्ज़ा करने से अफ़गानिस्तान के पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ गई है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार/सुरक्षा परिषद के सचिव नवंबर 2021 में अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता हेतु नई दिल्ली पहुंचे हुए थे, ताकि अफगानिस्तान को साझा क्षेत्रीय दृष्टिकोण बनाया जा सके। क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता के बाद जारी अफगानिस्तान पर दिल्ली घोषणापत्र में “शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए समर्थन” व्यक्त किया गया और “अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति से हुई अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा” पर चिंता व्यक्त की गई।[ix] इसलिए, अफगानिस्तान को आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने से रोकना पहली प्राथमिकता रही है, जिसका जिक्र 7 मार्च 2023 को अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की पहली बैठक के संयुक्त बयान में कहा गया है।[x]
इन खतरों के अलावा, मध्य एशियाई देश अलग-अलग तरह के साइबर अपराध को लेकर भी संवेदनशील हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, वित्तीय अपराध करने, रैनसमवेयर, क्रिप्टो संबंधी धोखाधड़ी और सरकारी धन के गबन हेतु किया जाता रहा है। मध्य एशिया की स्थिति अजीब है क्योंकि यहां मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी हाल ही में उपलब्ध हुई है और इंटरनेट के इस्तेमाल पर पर्याप्त कानून की कमी के कारण इस क्षेत्र में साइबर अपराध बढ़ा है, वो भी ऐसे में जब देश ऐसे हमलों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।[xi] भारत और मध्य एशियाई देश दोनों ही साइबर खतरों, साइबर अपराध और साइबर आतंकवाद को लेकर बहुत सजग हैं।
सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने हेतु दोनों पक्षों द्वारा उठाए गए कदम
इन साझा चिंताओं को दूर करने के लिए भारत और मध्य एशियाई देश अपने बीच का रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ा रहे हैं। भारत और मध्य एशियाई देशों ने कई सुरक्षा सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये द्विपक्षीय समझौते मुख्य रूप से क्षमता सृजन, प्रशिक्षण सहायता, सैन्य-तकनीकी शिक्षा व सहयोग पर केंद्रित हैं।
भारत-कजाकिस्तान रक्षा सहयोग जुलाई 2015 में हस्ताक्षरित ‘रक्षा और सैन्य तकनीकी सहयोग’ पर एक समझौते के ढांचे के तहत किया जाता है। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में मुख्यतः सैन्य-तकनीकी सहयोग, सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण शामिल हैं।[xii]
किर्गिज गणराज्य के साथ भारत ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 13-14 जून 2019 को एससीओ की शिखर बैठक के लिए किर्गिज गणराज्य गए हुए थे। ये समझौता ज्ञापन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और किर्गिज नेशनल गार्ड, इंडियन हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग और किर्गिज कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर, बाल्यची, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और किर्गिज रक्षा अकादमी और, डीआरडीओ और नेशनल सेंटर ऑफ कार्डियोलॉजी एंड इंटरनल मेडिसिन, बिश्केक के बीच हुए।[xiii]
जुलाई 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान तुर्कमेनिस्तान और भारत ने एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें आईटीईसी और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों के माध्यम से तुर्कमेन सशस्त्र बलों को वार्षिक क्षमता सृजन एवं प्रशिक्षण सहायता प्रदान की गई।[xiv]
भारत और उज़्बेकिस्तान के रक्षा मंत्रियों के बीच कई द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। सितंबर 2018 में, उज़्बेकिस्तान के तत्कालीन रक्षा मंत्री मेजर जनरल अब्दुस्सलाम अज़ीज़ोव भारत आए थे, जिसके बाद नवंबर 2019 में भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह उज़्बेकिस्तान गए थे। इन यात्राओं से संबंध मजबूत हुए और दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए। सैन्य चिकित्सा में एक समझौता ज्ञापन के बाद अक्टूबर 2018 में सैन्य शिक्षा पर एक समझौता ज्ञापन हुआ और प्रशिक्षण एवं क्षमता सृजन में सहयोग के लिए दो संस्थान-स्तरीय समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए।[xv] इन समझौतों से दोनों पक्षों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ा।
बहुराष्ट्रीय स्तर पर, 27 जनवरी 2022 को आयोजित पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों पक्षों ने आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी पर आपसी चिंताएँ साझा कीं। भारत के प्रधानमंत्री ने मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों के साथ सुरक्षा परिषदों के बीच एक नियमित संवाद तंत्र के ज़रिए “आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ की साझा चुनौतियों” को दूर करने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण, धार्मिक उग्रवाद एवं गलत सूचना फैलाने व हिंसा भड़काने हेतु इंटरनेट के दुरुपयोग सहित “आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों” की निंदा की।[xvi]
शिखर सम्मेलन के बाद, भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों के स्तर पर दो बैठकें हुई हैं, जिसमें दोनों पक्षों ने आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर सुरक्षा और अफ़गानिस्तान में अस्थिरता के मुद्दों पर मिलकर निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया है।[xvii]
ये बैठकें और शिखर सम्मेलन आपसी सुरक्षा चिंताओं को रेखांकित करते हैं और इन चुनौतियों का समाधान करने हेतु सहयोग करने की उनकी इच्छा को इंगित करते हैं।
भारत का क्षमता-सृजन दृष्टिकोण
इन सुरक्षा संबंधी चिंताओं से निपटने के लिए, दोनों पक्षों ने कई तरह की पर्यावरणीय परिस्थितियों पर संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण टुकड़ियों को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। दोनों पक्षों ने अधिक ऊंचाई पर फिजियोलॉजी में होने वाले बदलावों को समझने के लिए, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों की स्थितियों से संबंधित चिकित्सा अनुसंधान में भाग लिया है, ताकि ऐसे इलाकों में अपने मिशनों में सैनिकों को बेहतर ढंग से तैयार किया जा सके।
2015 में किर्गिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्योक दर्रे पर किर्गिज़-भारत पर्वतीय जैव-चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (केआईएमबीएमआरसी) के चरम उच्च ऊंचाई परीक्षण प्रयोगशाला चरण 2 का उद्घाटन किया, जो ऊंचाई पर मानव अनुकूलन पर प्रयोगशाला अनुसंधान है। डीआरडीओ के रक्षा फिजियोलॉजी और संबद्ध विज्ञान संस्थान (डीआईपीएएस) ने उच्च ऊंचाई और अति तनाव वाले वातावरण में मानव फिजियोलॉजी, पोषण और जैव रसायन का अध्ययन करने हेतु बिश्केक में एक और केआईएमबीएमआरसी और तुया आशु में एक फील्ड प्रयोगशाला की स्थापना की।[xviii]
जनवरी 2013 में भारत और ताजिकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के आधार पर अक्टूबर 2014 में भारत-ताजिकिस्तान मैत्री अस्पताल (आईटीएफएच) का उद्घाटन किया गया था। यह अस्पताल ताजिकिस्तान के सशस्त्र बलों और आम जनता को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है और इसमें ऑपरेशन थियेटर, एक्स-रे मशीन, प्रयोगशालाएँ व क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस सहित अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं। जून 2022 में, यह अस्पताल ताजिकिस्तान को सौंप दिया गया।[xix]
मध्य एशियाई देशों और भारत के बीच संयुक्त अभ्यास
दोनों पक्षों ने युद्ध संबंधी परिस्थितियों में बेहतर ऑपरेशन हेतु अपने सैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिए संयुक्त अभ्यास करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। युद्ध में अपनी प्रभावशीलता को और बढ़ाने के लिए उन्हें अच्छे सैन्य तरीकों को साझा करने से भी लाभ होता है।
काजिंद अभ्यास भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच किया गया है, जब इसे पहली बार 2016 में आयोजित किया गया था, तब इसे 'प्रबल दोस्तिक' कहा जाता था। उसके बाद, यह अभ्यास सालाना आयोजित किया जाने लगा और इसका नाम बदलकर 'काजिंद' कर दिया गया, जिसका पिछला संस्करण अक्टूबर-नवंबर 2023 में कजाकिस्तान के ओटार में आयोजित किया गया था। इसके अलावा, भारत और कजाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के अनुसार आतंकवाद विरोधी अभियानों और छापेमारी, तलाशी व नष्ट करने के अभियानों का संयुक्त रूप से अभ्यास किया था।[xx]
भारत और किर्गिस्तान ने संयुक्त विशेष बल अभ्यास ‘खंजर’ का आयोजन किया, जिसका पिछला संस्करण 11वां संस्करण था, जो जनवरी-फरवरी, 2024 में हिमाचल प्रदेश के बकलोह में आयोजित किया गया था। इस संस्करण में प्रत्येक देश के बीस कर्मियों ने हिस्सा लिया, जिसमें भारत की पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के साथ-साथ किर्गिज़ गणराज्य की स्कॉर्पियन रेजिमेंट भी शामिल थी। इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में कौशल का आदान-प्रदान करना था।[xxi]
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच ‘डस्टलिक’ नामक एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास भी होता है। इस अभ्यास का सबसे हालिया संस्करण अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ में आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीय सेना और वायु सेना के 60 कर्मियों ने हिस्सा लिया था। उज्बेकिस्तान की टुकड़ी में उज्बेकिस्तान की सेना एवं वायु सेना के लगभग 100 कर्मी शामिल थे। इस अभ्यास का उद्देश्य मल्टी-डोमेन ऑपरेशन के साथ पहाड़ी और अर्ध-शहरी इलाकों में क्षमताओं को बढ़ाना था। साथ ही, ज्वाइंट कमांड पोस्ट, खुफिया एवं निगरानी केंद्र, सम्मिलन और निष्कर्षण, अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने और हेलीबोर्न ऑपरेशन पर सामरिक अभ्यास भी किया गया।[xxii]
ये अभ्यास, हालांकि सीमित सैनिकों के साथ आयोजित किए गए हैं, लेकिन इसने दोनों पक्षों को आतंकवाद एवं मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दों से अधिक कुशलता से निपटने के लिए अपने अभ्यास और युद्ध के अनुभव को साझा करने की सुविधा मिली है। विशेष बलों के साथ-साथ दोनों पक्षों की सेना और वायु सेना की भागीदारी निश्चित रूप से युद्ध क्षमताओं में सुधार करेगी।
संयुक्त भारत-किर्गिज़ सेना पर्वतारोहण अभियान में भारत और किर्गिज़ गणराज्य के सैनिकों ने अगस्त-सितंबर 2016 में गढ़वाल हिमालय में जोगिन-III चोटी, सितंबर 2011 और फरवरी-मार्च 2023 में लद्दाख में स्टोक कांगड़ी चोटी और अगस्त 2013 में किर्गिज़स्तान में लेनिन चोटी पर चढ़ाई की थी।[xxiii]
निष्कर्ष
भारत और मध्य एशियाई देशों की आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ सहित कई साझा आपसी सुरक्षा चिंताएं हैं। इन साझा चुनौतियों की वजह से सुरक्षा सहयोग बढ़ा और गहरा हुआ है, जैसे कि दोनों पक्षों के बीच सैन्य सहयोग। दोनों पक्षों के बीच सैन्य भागीदारी बढ़ने को आपसी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक व्यावहारिक कदम माना गया है। बढ़ते और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य से क्षेत्र एवं उससे आगे भी इनके बीच के सुरक्षा सहयोग के महत्व को और अधिक बल मिलता है।
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*सौरव दास, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली में शोध प्रशिक्षु हैं।
अस्वीकरण : यहां व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] “Kazakhstan Attack: Four in Almaty Killed ‘by Islamist.’” BBC News. July 18, 2016. https://www.bbc.com/news/world-asia-36823422.
[ii] “Kazakhstan Attack: Four in Almaty Killed ‘by Islamist.’” BBC News. July 18, 2016. https://www.bbc.com/news/world-asia-36823422.
[iii] “Kazakhstan Attack: Four in Almaty Killed ‘by Islamist.’” BBC News. July 18, 2016. https://www.bbc.com/news/world-asia-36823422.
[iv] “Kazakhstan Attack: Four in Almaty Killed ‘by Islamist.’” BBC News. July 18, 2016. https://www.bbc.com/news/world-asia-36823422.
[v] “India - United States Department of State.” United States Department of State. December 7, 2023. https://www.state.gov/reports/country-reports-on-terrorism-2022/india.
[vi] “India - United States Department of State.” United States Department of State. December 7, 2023. https://www.state.gov/reports/country-reports-on-terrorism-2022/india.
[vii] “India - United States Department of State.” United States Department of State. December 7, 2023. https://www.state.gov/reports/country-reports-on-terrorism-2022/india.
[viii] “West and Central Asia.” n.d. United Nations : Office on Drugs and Crime. Accessed 24, 2024. https://www.unodc.org/unodc/es/drug-trafficking/central-asia.html.
[ix] “The Delhi Regional Security Dialogue on Afghanistan .” Ministry of External Affairs, Government of India. November 10, 2021, Accessed June 10, 2023. https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/34489/The_Delhi_Regional_Security_Dialogue_on_Afghanistan_November_10_2021.
[x] “The Delhi Regional Security Dialogue on Afghanistan .” Ministry of External Affairs, Government of India. November 10, 2021, Accessed June 10, 2023. https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/34489/The_Delhi_Regional_Security_Dialogue_on_Afghanistan_November_10_2021.
[xi] “Kazakhstan.” Global Organized Crime Index. 2023. Accessed July 21, 2024. https://ocindex.net/country/kazakhstan.
“Kyrgyzstan.” Global Organized Crime Index. 2023. Accessed July 21, 2024. https://ocindex.net/country/kyrgyzstan.
“Tajikistan.” Global Organized Crime Index. 2023. Accessed July 21, 2024. https://ocindex.net/country/tajikistan.
“Turkmenistan.” Global Organized Crime Index. 2023. Accessed July 21, 2024. https://ocindex.net/country/turkmenistan.
“Uzbekistan.” Global Organized Crime Index. 2023. Accessed July 21, 2024. https://ocindex.net/country/uzbekistan.
[xii] “India - Kazakhstan Relations: Bilateral Brief.” n.d. Ministry of External Affairs, Government of India. Accessed June 17, 2024. https://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Unclassified_bilateral_brief_Sept-2023.pdf.
[xiii] “India-Kyrgyz Republic Bilateral Relations.” n.d. Ministry of External Affairs, Government of India. Accessed June 17, 2024. https://www.google.com/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=&cad=rja&uact=8&ved=2ahUKEwiMzdfIp6uHAxWcUPUHHVazNOsQFnoECBcQAw&url=https%3A%2F%2Fwww.mea.gov.in%2FPortal%2FCountryQuickLink%2F634_India-Kyrgyz_Bilateral_Relations_for_website.docx%23%3A~%3Atext%3DDuring%2520the%2520Soviet%2520era%252C%2520India%2Con%252018th%2520March%25201992.&usg=AOvVaw0B3G_x5GP0Ev9hFRACZGOp&opi=89978449.
[xiv] “India-Kyrgyz Republic Bilateral Relations.” n.d. Ministry of External Affairs, Government of India. Accessed June 17, 2024. https://www.google.com/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=&cad=rja&uact=8&ved=2ahUKEwiMzdfIp6uHAxWcUPUHHVazNOsQFnoECBcQAw&url=https%3A%2F%2Fwww.mea.gov.in%2FPortal%2FCountryQuickLink%2F634_India-Kyrgyz_Bilateral_Relations_for_website.docx%23%3A~%3Atext%3DDuring%2520the%2520Soviet%2520era%252C%2520India%2Con%252018th%2520March%25201992.&usg=AOvVaw0B3G_x5GP0Ev9hFRACZGOp&opi=89978449.
[xv] “Brief on India-Uzbekistan Bilateral Relations.” 2023. Embassy of India,Tashkent. January 27, 2023. Accessed June 27, 2024. https://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Brief_on_India_Uzbekistan_Bilateral_Relations_27_January_2023.pdf.
[xvi] “Delhi Declaration of the 1st India-Central Asia Summit.” Ministry of External Affairs, Government of India. January 27, 2022, Accessed June 10, 2024. https://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/34773/Delhi_Declaration_of_the_1st_IndiaCentral_Asia_Summit.
[xvii] “Kazakhstan Hosted 2nd Meeting India-Central Asia National Security Advisers and Secretaries.” News Central Asia (nCa). October 18, 2023, Accessed July 4, 2024. https://www.newscentralasia.net/2023/10/18/kazakhstan-hosted-2nd-meeting-india-central-asia-national-security-advisers-and-secretaries/.
[xviii] Defence Research and Development Organization. 2015. “DRDO Newsletter.” drdo.gov.in. Accessed June 21, 2024. https://www.drdo.gov.in/drdo/sites/default/files/newsletter-document/sep_15.pdf.
[xix] “Press Statement by External Affairs Minister after meeting with Foreign Minister of Tajikistan.” 2021. Ministry of External Affairs, Government of India. March 31, 2021. Accessed July 17, 2024. https://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/33757.
[xx] “Indian Army and Air Force Contingent Departs for India-Kazakhstan Joint Military Exercise KAZIND-2023.” Press Information Bureau, October 29, 2023, Accessed June 8, 2024. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1972735.
[xxi] “Indian – Kyrgyzstan Joint Special Forces Exercise Khanjar Commences in Himachal Pradesh.” Press Information Bureau, January 22, 2024, Accessed, June 8, 2024. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1998544#:~:text=The%2011th%20edition%20of,alternatively%20in%20both%20the%20countries.
[xxii] “Indian Army Contingent Departs for India- Uzbekistan Joint Military Exercise Dustlik.” Press Information Bureau, April 15, 2024, Accessed, June 8, 2024. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2017945.
[xxiii] “India-Kyrgyz Republic Bilateral Relations.” n.d. Ministry of External Affairs, Government of India. Accessed June 17, 2024. https://www.google.com/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=&cad=rja&uact=8&ved=2ahUKEwiMzdfIp6uHAxWcUPUHHVazNOsQFnoECBcQAw&url=https%3A%2F%2Fwww.mea.gov.in%2FPortal%2FCountryQuickLink%2F634_India-Kyrgyz_Bilateral_Relations_for_website.docx%23%3A~%3Atext%3DDuring%2520the%2520Soviet%2520era%252C%2520India%2Con%252018th%2520March%25201992.&usg=AOvVaw0B3G_x5GP0Ev9hFRACZGOp&opi=89978449.