प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्ज़े के नेतृत्व वाली जॉर्जिया की वर्तमान सरकार ने एक मसौदा विधेयक को फिर से पेश किया है जो सरकार को मीडिया और नागरिक समाज पर नियंत्रण प्रदान कर सकता है। विदेशी प्रभाव की पारदर्शिता पर कानून नाम के इस विधेयक का उद्देश्य देश के बाहर से 20% से अधिक धन प्राप्त करने वाले सभी संगठनों को विदेशी प्रभाव के एजेंट के रूप में पंजीकृत करना है।[i] ऐसा नहीं करने पर संगठनों को जुर्माना देना होगा। मुख्य रूप से गैर– सरकारी संगठन (एनजीओ) और मीडिया संगठन इस विधेयक के निशाने पर हैं। यहां व्यक्त किए गए विचार का उद्देश्य इस मसौदा कानून, इस पर घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया एवं क्षेत्रीय भू– राजनीति पर इसके निहितार्थ का विश्लेषण करना है।
पिछले साल भी, इसी तरह का एक विधेयक प्रस्तुत किया गया था, देश में दो रातों तक चले तीव्र विरोध के बाद सरकार को उसे वापस लेने पर मज़बूर होना पड़ा था।[ii] इस बार, हालाँकि सरकार द्वारा इसे वापस लेने से मना कर दिया गया है। जैसा कि अपेक्षित था, विधेयक, जिसे इस वर्ष 17 अप्रैल को पहली बार पेश किया गया था और बाद में संसद द्वारा पारित भी किया गया था, को, देश में विपक्षी दलों एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। पहली बार पेश किए जाने के दिन से, जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में सरकार द्वारा इस बिल को वापस लेने की मांग के साथ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
इस विधेयक पर अंतिम बहस 13 मई को होगी और सत्तारूढ़ पार्टी, जॉर्जियन ड्रीम को संसद में मिले प्रचंड बहुमत को देखते हुए इसके पारित होने की उम्मीद है। दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रपति सैलोम ज़ुराबिश्विली ने औपचारिक रूप से पारित होने के बाद कानून पर वीटो करने का वादा किया है।[iii] हालाँकि, सरकार विधेयक के पारित होने को लेकर दृढ़संकल्प है और उसने वीटो को खत्म करने की मंशा ज़ाहिर की है क्योंकि उसके पास ऐसा करने के लिए आवश्यक बहुमत है।
ऐसा देश जिस पर 2008 में रूस द्वारा आक्रमण किया गया था और जहाँ रूस अभी भी अनौपचारिक रूप से अबकाज़िया और दक्षिण ओसेशिया के अलग हुए क्षेत्रों के रूप में लगभग 20% क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, आलोचकों ने मसौदा कानून को रूसी कानून का नाम दिया है। रूस ने 2012 में इसी तरह का एक कानून पारित किया था,[iv] जिस पर, पश्चिम का आरोप है कि मॉस्को ने असहमति को दबाने और देश में नागरिक समाज को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया है।[v] हालाँकि रूस प्रत्यक्ष रूप से विदेशी फंडिंग पर प्रतिबंध नहीं लगाता है, लेकिन यह कानून लोगों में एक नकारात्मक धारणा पैदा करता है, कई लोग “विदेशी एजेंट” शब्द को जासूसी के साथ जोड़ कर देखते हैं।[vi] क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जॉर्जिया के कानून के मसौदे को रूस के साथ जोड़ने के किसी भी प्रयास की निंदा की और कहा कि मॉस्को के हित एक स्थिर और पूर्वानुमानित जॉर्जिया में निहित हैं।[vii] हालाँकि रूस ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है लेकिन तथ्य यह है कि मॉस्को पारंपरिक रूप से अपने पड़ोस में ऐसे विरोध प्रदर्शनों को संदेह की दृष्टि से देखता है और सोवियत के बाद के क्षेत्र में रंग क्रांतियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए हैं।
जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने देश में सक्रिए गैर–सरकारी संगठनों से पारदर्शिता की मांग के लिए आवश्यक कानून के रूप में मसौदा विधेयक का बचाव किया है और ज़ोर दिया है कि ऐसा करने का उसके पास संप्रभु अधिकार है। मसौदा कानून के विरोध को देश की संप्रभुता और अखंडता के उल्लंघन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा, सत्तारूढ़ दल इस विधेयक को संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेशी एजेंट पंजीकरण अधिनियम (एफएआरए/FARA) के बराबर बताकर इसका बचाव कर रहा है। पार्टी के लिए, यह विधेयक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ– साथ देश में विदेशियों द्वारा प्रचार किए जा रहे “छद्म– उदारवादी मूल्यों” से निपटने के लिए आवश्यक है।[viii]
संसद में सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष रति इओनातमिश्विली ने प्रदर्शनकारियों के साथ– साथ विपक्षी नेताओं पर पश्चिमी संस्थानों के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है और कुछ समूहों के हितों पर भी प्रकाश डाला है जो इस दक्षिण काकेशियान देश में अशांति पैदा करना चाहते हैं।[ix] वास्तव में, सत्तारूढ़ दल के नातओं का विदेशी ताकतों, जिन्हें “युद्ध की वैश्विक पार्टी” कहा जाता है,[x] के प्रति जुनून कई लोगों के लिए चिंता का कारण रहा है।
आज़ादी के तीन दशकों में, जहाँ तक देश की विदेश नीति का सवाल है, एक स्थिति लगातार बनी हुई है। पार्टी की विचारधारा से परे नेताओं ने हमेशा पश्चिम समर्थक नीति अपनाई है।[xi] रूसी “खतरे” को कम करने का एकमात्र तरीका पश्चिम के साथ एकीकरण को माना गया है। यूरोपीय संघ में शामिल होना देश का रणनीतिक लक्ष्य रहा है। हालाँकि, त्बिलिसी में स्थितियां बदलनी शुरू हो गई हैं।
जॉर्जियन ड्रीम के संस्थापक और मानद अध्यक्ष, बिदज़िना इवानिश्विली द्वारा दिए गए भाषण का विश्लेषण[xii] इस बात को बेहतर ढंग से समझा सकती है कि सत्ताधारी सरकार न केवल वर्तमान स्थिति के बारे में बल्कि जॉर्जिया और उसके आसपास के क्षेत्र की व्यापक स्थिति के बारे में भी क्या सोचती है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री इवानिश्विली ने त्बिलिसी में एक रैली में अपने समर्थकों और सरकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए न केवल मसौदा विधेयक का समर्थन किया बल्कि “युद्ध की वैश्विक पार्टी/ ग्लोबल पार्टी ऑफ वार” के बारे में भी विस्तार से बात की, जिस पर उन्होंने जॉर्जिया की पहचान और संप्रभुता को नष्ट करने का आरोप लगाया है।[xiii] उन्होंने 2004 की रोज़ क्रांति का उल्लेख किया, जिसने 2012 तक जॉर्जिया पर शासन करने वाले संयुक्त राष्ट्रीय आंदोलन को सत्ता में लाया, एक एनजीओ के नेतृत्व वाली क्रांति के रूप में जिसने एक ऐसी सरकार को सत्ता में लाया जो जॉर्जिया के लोगों द्वारा नहीं चुनी गई थी। यही वे एनजीओ हैं, जो “युद्ध की वैश्विक पार्टी/ग्लोबल पार्टी ऑफ वार” के कथित समर्थक हैं, जिन्हें मसौदा कानून की मदद से नियंत्रित करना है।
उनकी नज़र में, मसौदा कानून घरेलू खिलाड़ियों और विदेशी एजेंसियों के बीच इस सांठगांठ को उजागर करेगा और देश में किसी भी अन्य क्रांति को रोकेगा। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि इवानिश्विली ने सीधे तौर पर यूरोपीय संसद के नेताओं पर उनके देश में निरंकुशों का समर्थन करने का आरोप लगाया है और कहा है कि जॉर्जिया में अशांति पैदा करने के लिए इसे “ग्लोबल वार पार्टी” द्वारा अपनाया गया था।[xiv] यह इस मायने में एक दिलचस्प घटनाक्रम है कि जॉर्जिया, जिसने यूरोपी संघ की सदस्यता को एक रणनीतिक लक्ष्य बना लिया है और उम्मीदवार का दर्जा प्राप्त है, सीधे तौर पर यूरोप के नेताओं पर देश में तनाव बढ़ाने का आरोप लगा रहा है।
जारी विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार की आक्रामक प्रतिक्रिया ने यूरोप में चिंता पैदा कर दी है क्योंकि यूक्रेनी युद्ध का खतरा अभी भी महाद्वीप पर मंडरा रहा है। मसौदा कानून और विरोध प्रदर्शनों का आगामी “दमन” यूरो– अटलांटिक समुदाय के लिए अच्छा नहीं रहा है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयान ने विदेशी प्रभाव पर मसौदा कानून पर चिंता व्यक्त की है और सरकार द्वारा की गई हिंसा की आलोचना की है।[xv] इसके अलावा, यूरोपीय संघ के राजनयिक सेवा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में चेतावनी दी है कि “ कानून को अपनाने से जॉर्जिया की यूरोपीय संघ पथ पर बढ़ते कदम नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे”।[xvi]
अमेरिकी विदेश विभाग ने भी जॉर्जिया के नेताओं को यह बताते हुए मसौदा कानून की निंदा की है कि “क्रेमलिन प्रेरित विदेशी प्रभाव कानून” के साथ– साथ त्बिलिसी में पश्चिम– विरोधी बयानबाज़ी ने “जॉर्जिया को एक अनिश्चत पथ पर डाल दिया है”।[xvii] इसने जॉर्जिया के नेताओं को आगे चेतावनी देते हुए कहा कि कानून “यूरोपीय संघ और नाटो में सदस्यता संबंधी लोकतांत्रिक मूल्यों से मेल नहीं खाता और इस प्रकार जॉर्जिया के यूरो– अटलांटिक एकीकरण के मार्ग को खतरे में डालता है”।[xviii] अमेरिकी आलोचना के जवाब में, जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्ज़े ने वाशिंगटन आने का निमंत्रण ठुकरा दिया क्योंकि अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया था कि " वह चाहता है कि जॉर्जिया की सरकार मसौदा कानून को अस्थायी रूप से निलंबित कर दे।”[xix]
यद्यपि यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने मसौदा कानून की आलोचना की है और विरोध प्रदर्शनों पर सरकार की हिंसक प्रतिक्रिया की निंदा की है, वे इस तथ्य से भी सावधान हैं कि रूस सोवियत संघ के विघटन के बाद बने देशों में ऐसे विरोध प्रदर्शनों को संदेह की दृष्टि से देखता है और उन्हें अपने लिए खतरा मानता है। इस प्रकार, पश्चिम इस बात को लेकर सतर्क रहता है कि उसे सीधे तौर पर विरोध प्रदर्शनों को हवा देते हुए नहीं देखा जाए, जिससे जॉर्जिया के साथ संबंधों में और गिरावट आ सकती है, जिससे त्बिलिसी वापस रूस के दायरे में आ जाए।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसी तरह के कानून पर पिछले वर्ष के विरोध प्रदर्शनों की तुलना की, जिसे अंततः वापस ले लिया गया था, यूक्रेन में 2014 यूरोमैडन[xx] विरोध प्रदर्शन और आगामी सत्ता परिवर्तन के साथ, जिसे क्रमेलिन पश्चिम द्वारा आयोजित तख्तापलट के रूप में देखता है।[xxi] दिलचस्प बात यह है कि, भूतपूर्व प्रधानमंत्री इवानिश्विली, जिन्हें क्रेमलिन समर्थक माना जाता है, के पूर्ण नियंत्रण में जॉर्जिया की सरकार रूस के साथ दोस्ती के राह पर है। कई लोगों को आश्चर्य हुआ कि दोनों राजधानियों के बीच संबंध फिर से बन गए हैं। यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की आलोचना करने के बावजूद, जॉर्जिया ने रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है।
त्बिलिसी में हालिया विरोध प्रदर्शनों की लहर के बाद दोस्ती और अधिक नज़र आने लगी है, जब इवानिश्विली ने पश्चिम के खिलाफ सीधा हमला शुरू किया, और इसे “2008 में रूस के साथ जॉर्जिया के विवाद”, 2014 में क्रीमिया पर कब्ज़ा और यूक्रेन में जारी युद्ध के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।[xxii] इसके अलावा, उन्होंने इस साल के अंत में होने वाले आगामी आम चुनावों में जीत के बाद विदेशी ताकतों के साथ कथित सहयोग हेतु जॉर्जिया के विपक्ष को दंडित करने का भी वादा किया है। विपक्ष रूस के खिलाफ़ काफी मुखर रहा है और उसने क्रेमलिन के साथ संबंधों में नरमी लाने की कोशिशों की निंदा की है। इस प्रकार, जॉर्जिया में स्थिति रूस के लिए काफी अनुकूल रही है और मसौदा कानून को वापस लेने के लिए त्बिलिसी पर दबाव डालने के पश्चिम के किसी भी प्रयास को एक और यूरोमैडन क्षण माना और रूस की प्रतिक्रिया को भड़काने का जोखिम होगा।
कई लोग जॉर्जिया में वर्तमान घटनाओं की तुलना यूक्रेन में 2014 के यूरोमैडन संकट से कर रहे हैं, जो अंततः द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े सुरक्षा संकट का कारण बना था। यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है और देश भू– राजनीतिक तनाव का एक और केंद्र बन जाता है, तो प्रभाव निश्चित रूप से क्षेत्र से परे होंगे। काकेशस के हिस्से के रूप में, जिसकी सीमा यूरोप, मध्य एशिया और मध्य पूर्व से लगती है, जॉर्जिया में चल रहे तनाव का भू– राजनीतिक परिणाम केवल इस क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा। चूंकि यूक्रेन और गाज़ा में युद्ध लगातार जारी है और इसका कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है, अस्थिर और अशांत काकेशस ही वह आखिरी चीज है जो दुनिया चाहती है।
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*अमन कुमार, रिसर्च एसोसिएट, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियाँ
[i] ICNL, “2024 Georgian Draft Law on Foreign Influence,” International Centre for Not-For-Profit Law, April 2024, https://www.icnl.org/post/analysis/draft-law-of-georgia-on-foreign-influence-transparency
(Accessed May 6, 2024).
[ii]Felix Light., “Georgian ruling party drops ‘foreign agents’ bill, protestors remain,” Reuters, March 10, 2023 https://www.reuters.com/world/europe/georgian-lawmakers-withdraw-foreign-agents-bill-ruling-party-2023-03-09/ (Accessed May 6, 2024).
[iii] Euronews, “Thousands protest in Georgia against controversial foreign influence law,” Euronews, April 29, 2024, https://www.euronews.com/2024/04/29/thousands-protest-in-georgia-against-controversial-foreign-influence-law (Accessed May 6, 2024).
[iv] The Russian Duma has made successive amendments to the laws, which have expanded the scope of the foreign agent laws. In 2022, the Russia Duma passed the more stringent “On control over the activities of persons under foreign influence, giving extraordinary power to the Russian authorities.
[v] Daniel Salaru. “Ten years of Russia’s foreign agent law: evolution of a press freedom crackdown,” International Press Institute, July 25, 2022, https://ipi.media/ten-years-of-russias-foreign-agent-law-evolution-of-a-press-freedom-crackdown/ (Accessed May 6, 2024).
[vi]VTsIOM. “Russians about foreign agent” The All Russian Centre for the Study of Public Opinion,” June 28, 2022, https://wciom.ru/analytical-reviews/analiticheskii-obzor/rossijane-ob-inoagentakh (Accessed 06/05/2024).
[vii] Inter Press News, “Dmitry Peskov: Attempts to connect the Georgian draft law on foreign agents with Russia are absurd”, Inter Press News, April 04, 2024, https://wciom.ru/analytical-reviews/analiticheskii-obzor/rossijane-ob-inoagentakh (Accessed May 6, 2024).
[viii] Felix Light. “Why are Georgians protesting against a foreign agent’s bill?” Reuters, April 17, 2024, https://www.reuters.com/world/europe/why-are-georgians-protesting-against-foreign-agents-bill-2024-04-17/ (Accessed May 6, 2024).
[ix]IMEDI News, “Ruling party official says opposition to domestic transparency bill is “assault” on nations’ sovereignty, dignity,” IMEDI News, April 03, 2024. https://info.imedi.ge/en/politics/1590/ruling-party-official-says-opposition-to-domestic-transparency-bill-is-assault-on-nations-sovereignty-dignity (Accessed May 6, 2024).
[x] Burc Eruyger. “Georgian politician accuses ‘global war party’ of interfering in Tbilisi’s domestic affairs”, Anadolu Ajansi, 30 April, 2024, https://www.aa.com.tr/en/europe/georgian-politician-accuses-global-war-party-of-interfering-in-tbilisis-domestic-affairs/3206208 (Accessed May 6, 2024).
[xi] Natalie Sabanadze. “EU-Georgia relations: A local show of the Global Theatre”, Carnegie Europe, November 16, 2023, https://carnegieeurope.eu/2023/11/16/eu-georgia-relations-local-show-of-global-theater-pub-90995.
[xii] Civil.Ge., “Bidzina Ivanishvili backs anti-western policies, threatens repression,” Civil.ge, April 29, 2024, https://civil.ge/archives/602348 (Accessed May 6, 2024).
[xiii] Ibid.
[xiv] Ibid.
[xv] European Commission, “Statement by President von der Leyen on situation in Georgia,” European Commission, May 1, 2024, https://shorturl.at/npXY5 (Accessed May 6, 2024).
[xvi] Reuters, “EU warns Georgia that ‘foreign agent’ law will impact membership path,” Reuters, April 17, 2024, https://www.reuters.com/world/europe/eu-warns-georgia-that-foreign-agent-law-will-impact-membership-path-2024-04-17/ (Accessed May 6, 2024).
[xvii] Press Statement, “Georgia’s western trajectory at Risk,” US Department of States, May 01, 2024 https://www.state.gov/georgias-western-trajectory-at-risk/#:~:text=We%20condemn%20the%20use%20of,right%20to%20freedom%20of%20expression (Accessed May 6, 2024).
[xviii] Ibid
[xix] Burc Eruyger, “Georgia turns down US invite for official visit over ‘pre condition’,” Anadolu Ajansi, May 02, 2024, https://www.aa.com.tr/en/americas/georgia-turns-down-us-invite-for-official-visit-over-pre-condition-/3208576 (Accessed May 6, 2024).
[xx] France 24, “Russia denounces Georgian protests as coup attempt,” France 24, March 10, 2023, https://www.france24.com/en/live-news/20230310-georgians-rally-even-as-parliament-scraps-foreign-agent-bill (Accessed May 6, 2024).
[xxi]Vladimir Putin, “On the historical unity of Russian and Ukrainians,” Official internet resources of the President of Russia, July 12, 2021, http://en.kremlin.ru/events/president/news/66181 (Accessed May 6, 2024).
[xxii] Civil.Ge., “Bidzina Ivanishvili backs anti-western policies, threatens repression,” Civil.ge, April 29, 2024, https://civil.ge/archives/602348 (Accessed May 6, 2024).