पाकिस्तान की 14वीं कौमी असेम्ब्ली (राष्ट्रीय सभा) का चुनाव 8 फरवरी 2024 को हुआ था। अतीत की तरह, यह चुनाव भी राजनीतिक था। कौमी असेम्ब्ली की 336 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे जिसमें एक पार्टी या गठबंधन न्यूनतम 169 सीटें जीत कर सरकार बना सकता है।
अनेक क्षेत्रीय दलों के साथ तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां प्रमुख दावेदार रहीं। हालाँकि, कोई भी पार्टी अकेले बहुमत प्राप्त करने की स्थिति में नहीं थी, और चुनाव से पहले ही गठबंधन की सरकार की परिकल्पना की जा रही थी। तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां हैं– नवाज़ शरीफ और उनके परिवार के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) [पीएमएल–एन], आसिफ अली ज़रदारी और बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) पार्टी।
चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने न्यायपालिका के साथ मिलकर पीटीआई को सत्ता से बाहर रखने के लिए कदम उठा लिए थे। इमरान खान जो पहले से ही ज़ेल में थे, चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो चुके थे। चुनाव अधिकारियों ने पार्टी के चुनाव चिह्न को खारिज कर दिया, पीटीआई के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया और पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें पीटीआई से इस्तीफा देने के बाद ही रिहाई मिल सकी। पीटीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और क़ौमी असेम्ब्ली में कुल 93 सीटें जीतने में सफल रहे। इसके विपरीत अकेले राजनीतिक दल के रूप में पीएमएल–एन ने 75 सीटें जीतीं और आरक्षित सीटों को छोड़ दें तो पीपीपी ने 54 सीटें जीतीं और दूसरे स्थान पर रही।[i]
चूँकि पीटीआई द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को एक राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व चाहिए था, वे गठबंधन सरकार के लिए मजबूत विपक्ष बनाने हेतु सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) में शामिल हो गए। हालाँकि, ईसीपी की 75 सीटों, 9 निर्दलीयों, महिलाओं के लिए आरक्षित 19 सीटों और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 4 सीटों का समर्थन मिलने के बाद पीएमएल–एन क़ौमी असेम्ब्ली में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी।[ii]
कई दिनों की बहस और चर्चा के बाद पीएमएल–एन और पीपीपी दोनों ही अल्पमत की सरकार बनाने पर सहमत हुए, इस सरकार को पीपीपी ने बाहर से समर्थन देने का फैसला किया। नवाज़ शरीफ के भाई शहबाज़ शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया। पीपीपी के अध्यक्ष आसिफ अली ज़रदारी ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पदभार संभाला। हालाँकि शुरूआत में पश्चिम के कुछ देशों ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता के संबंध में आपत्ति जताई लेकिन नई गठबंधन सरकार को स्वीकार भी कर लिया है। चीन, सऊदी अरब, ईरान और भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभालने पर शहबाज़ शरीफ को बधाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री शरीफ को पत्र लिखकर सरकार बनाने की बधाई दी और नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की उत्सुकता जताई। जनवरी 2021 में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ यह पहला आधिकारिक पत्राचार है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान या शहबाज़ शरफ के नेतृत्व में काम कर रही अंतरिम सरकार के साथ किसी तरह का कोई पत्राचार नहीं किया था।
वर्तमान सरकार को घटती निर्यात आमदनी के बीच अपने विदेशी ऋण भुगतान को पुनर्निर्धारित करने का महत्वपूर्ण काम करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।[iii] स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के अनुसार, पाकिस्तान को नवंबर, 2024 तक 27.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण चुकाना है। इस पुनर्भुगतान में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं।[iv] वर्तमान सरकार अप्रत्याशित आर्थिक संकट का सामना कर रही है जो वर्तमान सरकार के लिए एक प्रमुख बाधा बनी रहेगी। यही कारण है कि इशाक डार या मिफ्ताह इस्माइल को वित्त मंत्री बनाने की बजाय मुहम्मद औरंगज़ेब को वित्त मंत्री बनाया गया है। इन्हें बैंकिंग क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव है और ये हबीब बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में एवं जेपी मॉर्गन में प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।[v] इशाक डार को विदेश मंत्री और ख्वाज़ा आसिफ को रक्षा मंत्री बनाया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में गठित काउंसिल ऑफ कॉमन इटरेस्ट (सीसीआई) में वित्त मंत्री की जगह विदेश मंत्री डार को शामिल किया गया है, जिससे पता चलता है कि इशाक डार आर्थिक मामलों में भी सरकार को सलाह देने में अहम भूमिका निभाते रहेंगे।
वर्तमान सरकार अगले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) आर्थिक पैकेज के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास कर रही है। यह देश की अल्पकालिक साख का सबसे महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है[vi] क्योंकि यह मुद्रास्फीति एवं जारी आर्थिक संकट को और बढ़ा देगा, जिससे शहबाज़ शरीफ की सरकार की राजनीतिक पूंजी कम हो जाएगी।
निष्कर्ष के तौर पर कोई भी इस बात की उम्मीद नहीं कर सकता है कि पाकिस्तान की 14वीं क़ौमी असेम्ब्ली अपना कार्यकाल पूरा कर सकेगी। पाकिस्तान लगातार राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट, गुटबाज़ी, आतंकवाद, जातीय केंद्रीयवाद जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, जिसके कारण पूरे देश में विद्रोह और अन्य असामाजिक घटनाएं हो रही हैं, पीएमएल–एन के कमज़ोर गठबंध को पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता लाने में मुश्किल होगी।
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*डॉ. ध्रुबज्योति भट्टाचार्य , शोधकर्ता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] National Assembly Result, General Elections 2024, Election Commission of Pakistan, Official Website, https://www.elections.gov.pk/national-assembly, accessed on 5th March, 2024. The Election Commission has not yet been able to declare the final results and has published a provisional one. Many independent candidates has challenged the results to the judiciary and expects either the recount or re-poll on those constituencies.
[ii] Iftikhar A. Khan, "PML-N gets lucky as reserved seats doled out", Dawn, March 7, 2024, https://www.dawn.com/news/1819514/pml-n-gets-lucky-as-reserved-seats-doled-out, accessed on 7th March, 2024.
[iii] Pierre van der Eng, "Foreign debt will be Pakistan’s economic touchstone in 2024", East Asia Forum, 05 March 2024, https://eastasiaforum.org/2024/03/05/foreign-debt-will-be-pakistans-economic-touchstone-in-2024/ accessed on 7th March, 2024.
[iv] "Pakistan to repay over $27bn in foreign debt within a year", Pakistan Today, Profit, January 12, 2024, https://profit.pakistantoday.com.pk/2024/01/12/pakistan-to-repay-over-27bn-in-foreign-debt-within-a-year/ accessed on 5th March, 2024.
[v] Swati Nair, "Muhammad Aurangzeb: From Banking Giant to Pakistans Finance Minister", Good Returns, March 5, 2024, https://www.goodreturns.in/news/muhammad-aurangzeb-appointed-pakistans-new-finance-minister-gen-1334743.html accessed on 7th March, 2024.
[vi] Khurram Husain, "The creditors’ view", Dawn, March 7, 2024, https://www.dawn.com/news/1819768 , accessed on 7th March, 2024.