श्री हर्षवर्धन श्रृंगला, जी-20 के मुख्य समन्वयक एवं पूर्व विदेश सचिव,
राजदूत गुरजीत सिंह, प्रतिष्ठित राजनयिक एवं लेखक,
श्री दम्मू रवि, सचिव (आर्थिक संबंध), विदेश मंत्रालय,
मिशन के प्रमुख एवं राजनयिक दल के सदस्यों,
विशिष्ट अतिथिगण और देवियो एवं सज्जनो,
सर्वप्रथम, मैं माननीय विदेश राज्य मंत्री, श्री वी. मुरलीधरन जी को अफ्रीका दिवस 2022 के अवसर पर उनके संदेश हेतु धन्यवाद देना चाहूंगा। आईसीडब्ल्यूए लंबे समय से अफ्रीका दिवस मनाता आ रहा है, और आज अफ्रीका दिवस के स्मरणोत्सव के मौके पर आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं विशेष तौर पर अफ्रीका के राजदूतों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो हमारे साथ यहां उपस्थित हुए हैं। आपकी उपस्थिति से आईसीडब्ल्यूए की ओर से आयोजित यह स्मरणोत्सव कार्यक्रम महत्वपूर्ण एवं सार्थक बन गया है।
आईसीडब्ल्यूए भारत-अफ्रीका संबंधों को बढ़ावा देता रहा है। 2002 में, आईसीडब्ल्यूए में एक अफ्रीकी केंद्र की स्थापना की गई थी, तथा हमने भारत में अफ्रीका एवं अफ्रीका में मौजूद भारत के विद्वानों के अनुसंधान और ज्ञान को विकसित करने के सचेत प्रयास किए हैं।
पिछले मंगलवार को, विदेश मंत्री, डॉ. जयशंकर, “इंडिया-अफ्रीका रिलेशन्स-चेंजिंग होराइजन्स” नामक पुस्तक का विमोचन करने परिषद में आए हुए थे। आज, हम आईसीडब्ल्यूए प्रकाशन के तहत राजदूत गुरजीत सिंह की पुस्तक, “द हरामबी फैक्टर: इंडिया-अफ्रीका इकोनॉमिक एंड डेवलपमेंट पार्टनरशिप” का विमोचन करेंगे।
एक सप्ताह के भीतर इन दोनों पुस्तकों का विमोचन आईसीडब्ल्यूए द्वारा अफ्रीका को दिए जाने वाले महत्व को रेखांकित करता है।
राजदूत गुरजीत सिंह की पुस्तक एक ऐसे विषय पर विस्तृत अध्ययन है जिस पर अभी तक बहुत कम अध्ययन हुए हैं, तथा यह अफ्रीका के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव को समझने का एक उत्तम साधन है।
अपने राजनयिक करियर के दौरान, राजदूत गुरजीत सिंह ने कई वर्षों तक अफ्रीका में; तथा दिल्ली मुख्यालय में अफ्रीका से संबंधित विभागों में सेवा की है। उन्होंने अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों को सुदृढ़ करने तथा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस पुस्तक हेतु राजदूत गुरजीत सिंह को बधाई देते हुए, हम उनके द्वारा किए गए अथक प्रयासों तथा किए गए सावधानीपूर्वक शोध के लिए भी उनकी सराहना करते हैं। आज सचिव (ईआर) श्री दम्मू रवि द्वारा संचालित पुस्तक चर्चा निस्संदेह पुस्तक के महत्व को सामने रखेगी।
कोविड -19 महामारी और यूक्रेन में वर्तमान स्थिति खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। आज की समूह चर्चा अफ्रीका में स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा और इस संदर्भ में भारत-अफ्रीका सहयोग विषय पर आधारित होगी। पूर्व सचिव ईआर राजदूत राहुल छाबड़ा उस सत्र का संचालन करेंगे जिसमें जिबूती, इथियोपिया एवं मोरक्को के राजदूत, मेडागास्कर के सीडीए तथा घाना के मंत्री परामर्शदाता भाग लेंगे।
अफ्रीका का एजेंडा 2063, जिसमें अफ्रीका की महत्वाकांक्षाएं शामिल हैं, भारत-अफ्रीका विकास सहयोग की रूपरेखा प्रदान करता है। 2018 में, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अफ्रीका नीति के दस मार्गदर्शक सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए कहा था, जिसे मैं यहां उद्धृत करता हूं, "हमारी विकास साझेदारी आपकी प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगी।"
भारत की विकास सहायता शर्तहीन है। यह मांग से प्रेरित है तथा इसका लक्ष्य परामर्श प्रक्रिया के ज़रिए पारस्परिक लाभ प्राप्त करना है।
हमारी साझेदारी सुदृढ़ तथा विश्वसनीय है और आगे भी ऐसे ही बढ़ती रहेगी।
धन्यवाद।
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