आईसीडब्ल्यूए लोगो री-डिज़ाइनिंग प्रतियोगिता की प्रविष्टियां निम्नलिखित तिथि तक डाक द्वारा भेजी जाएं या इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा की जाएं:
16 मार्च, 2020
सभी प्रविष्टियों में पूर्ण संपर्क जानकारी (नाम, पता, ई-मेल पता और फोन नंबर) शामिल होनी चाहिए, और निम्नलिखित पते पर भेजी जानी चाहिए:
श्रीमती सोनी दहिया
अवर सचिव
विश्व मामलों की भारतीय परिषद
सप्रू हाउस, बाराखम्बा रोड
नई दिल्ली- 110001
या इलेक्ट्रॉनिक रूप से it@icwa.in पर जमा की जानी चाहिए, जिसका विषय ‘आईसीडब्ल्यूए लोगो प्रतियोगिता’ होना चाहिए।
आईसीडब्ल्यूए लोगो री-डिज़ाइनिंग प्रतियोगिता से संबंधित सभी सवाल निम्नलिखित ई-मेल पते पर भेजें:
us@icwa.in /it@icwa.in
जीतने वाली प्रविष्टि को रु. 25,000/- का नकद पुरस्कार मिलेगा।
आईसीडब्ल्यूए के बारे में:
विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) भारत के दृष्टिकोण से विदेश नीति के मुद्दों में विशेषज्ञता रखने वाला एक प्रतिष्ठित, अग्रसक्रिय विचार मंच है। इसकी स्थापना 1943 में प्रख्यात बुद्धिजीवियों के एक समूह ने की थी। 2001 में संसद के एक अधिनियम द्वारा, विश्व मामलों की भारतीय परिषद को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति आईसीडब्ल्यूए के पदेन अध्यक्ष हैं।
परिषद अपने प्रतिभाशाली आंतरिक संकाय के साथ-साथ बाहरी विशेषज्ञों के माध्यम से नीति अनुसंधान का संचालन करता है। यह नियमित रूप से सम्मेलनों, संगोष्ठियों, गोलमेज चर्चाओं, व्याख्यानों और प्रकाशन सहित कई प्रकार की बौद्धिक गतिविधियाँ आयोजित करता है। परिषद ने 45 देशों के साथ-साथ 9 घरेलू संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) में प्रवेश किया है। इसके अलावा, परिषद विभिन्न केंद्रीय और अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षाविदों और छात्रों के मध्य भारत की विदेश नीति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने में भी संलग्न है।
अपनी कई संपत्तियों, नामतः एक समृद्ध पुस्तकालय, एक सूचनात्मक और उपयोगकर्ता-अनुकूल वेबसाइट, भारत त्रैमासिक नामक एक प्रतिष्ठित शोध पत्रिका, इसके प्रकाशन कार्यक्रम और इसकी ऐतिहासिक सीट 'सप्रू हाउस' के माध्यम से, यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने में संलग्न है।
अधिक जानकारी के लिए www.icwa.in पर क्लिक करें।
परिषद के उद्देश्य हैं:
- भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के अध्ययन को बढ़ावा देना ताकि अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर सूचित विचार वाला एक निकाय बनाया जा सके।
- भारत के अन्दर और बाहर समान गतिविधियों में संलग्न अन्य संगठनों के साथ अध्ययनों, अनुसंधान, चर्चाओं, व्याख्यानों में शामिल होकर, विचारों और सूचना के आदान-प्रदान के माध्यम से अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ाना।
- विश्व मामलों के संबंध में जानकारी और ज्ञान के समाशोधन गृह के रूप में सेवा करना।
- खंड (i) और (ii) के तहत शामिल विषयों पर पुस्तकों, आवधिक पत्रिकाओं, शोध पत्रिकाओं, समीक्षाओं, पत्रों, पैम्फलेट और अन्य साहित्य को प्रकाशित करना।
- इस खंड में वर्णित वस्तुओं को बढ़ावा देने वाले संगठनों के साथ संपर्क स्थापित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रति भारतीय नीति पर चर्चा और अध्ययन करने के लिए सम्मेलन और संगोष्ठियाँ आयोजित करना।
- विचारों को बढ़ावा देने के लिए और उपर्युक्त वस्तुओं की प्राप्ति के लिए ऐसी ही अन्य गतिविधियाँ करना।
तकनीकी मापदंड
- यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर भारत का सबसे पुराना विचार मंच है।
- लोगो में भारत को केंद्र में रखते हुए पूरे विश्व को चित्रित किया जाना चाहिए। परिषद के लोगो के री-डिज़ाइनिंग हेतु एक प्रतियोगिता आयोजित करने का मुख्य कारण यह है कि अभी का लोगो पूरे विश्व और आईसीडब्ल्यूए का विभिन्न देशों में स्थित सहभागी संस्थानों के साथ संपर्कों की श्रृंखला को चित्रित नहीं करता है। इसलिए नए लोगो से परिषद की अंतर्राष्ट्रीय विशिष्टता स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित होना चाहिए।
- प्रतिभागी लोगो को JPG या PNG प्रारूप के एक फ़ाइल में जमा करेंगे।
- प्रतियोगिता के विजेता को एक संपादनीय और ओपन फ़ाइल प्रारूप में डिज़ाइन जमा करने की आवश्यकता होगी।
- कृपया अपने लोगो डिज़ाइन को अंकित न करें या वाटरमार्क न लगाएं।
- कृपया ध्यान दें कि लोगो की डिज़ाइन एक मूल डिज़ाइन होनी चाहिए और इससे भारतीय प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 के किसी भी प्रावधान का कोई उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
- लोगो को डिज़ाइन करने में अधिमानतः रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- लोगो 6 * 6 इंच स्क्वायर फार्मेशन का एक हाई रिसॉल्युशन इमेज/ड्राइंग होना चाहिए।
- कृपया ध्यान रखें कि जीतने वाले लोगो के वास्तविक उपयोग हेतु आवश्यकतानुसार इसका आकार बदलने की जरूरत हो सकती है। डिज़ाइन करते समय, इस पहलू को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
मूल्यांकन मानदंड
- प्रतियोगिता भारत के भीतर और बाहर रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है।
- डिज़ाइन का मूल्यांकन चयन समिति द्वारा उल्लिखित उद्देश्यों और तकनीकी मापदंडों के आधार पर होगा।
- प्रविष्टियों को रचनात्मकता, मौलिकता, रचना, तकनीकी उत्कृष्टता, सादगी, कलात्मक गुणों और दृश्य प्रभाव और इस विशेषता पर आँका जाएगा कि यह संस्थान के विदेशी मामलों की विशिष्टता को कितनी अच्छी तरह से संप्रेषित करता है।
- विजेता द्वारा डिज़ाइन किया गया लोगो परिषद की बौद्धिक संपत्ति होगी और डिज़ाइनर इस पर कोई अधिकार नहीं जता सकता है। पुरस्कार विजेता लोगो का उपयोग परिषद द्वारा प्रचार और प्रदर्शन उद्देश्यों के लिए होना है, और साथ ही किसी अन्य उपयोग के लिए भी होना है जैसा कि भविष्य में उपयुक्त समझा जाएगा।
- प्रतिभागी वही व्यक्ति होना चाहिए जिसने लोगो डिज़ाइन किया है और साहित्यिक चोरी की अनुमति नहीं होगी।
- प्राप्त सभी प्रविष्टियों को अंतिम चयन के लिए एक चयन समिति के सामने रखा जाएगा।
- चयन समिति का निर्णय अंतिम और सभी प्रतियोगियों पर बाध्यकारी होगा।
- अनर्ह प्रविष्टियां परिषद द्वारा किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं की जाएंगी और परिषद का उन पर कोई बौद्धिक अधिकार नहीं होगा।
प्रतियोगिता/ इसकी प्रविष्टियों/ विजेताओं से उत्पन्न होने वाली कोई भी कानूनी कार्यवाही दिल्ली राज्य के स्थानीय क्षेत्राधिकार के अधीन होगी।
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