भारतीय विश्व मामले परिषद
के
महानिदेशक
राजदूत नलिन सूरी
द्वारा
विदाई संदेश
23 जुलाई, 2018
सप्रू हाउस, नई दिल्ली
मैंने आज भारत के सबसे पुराने और सर्वाधिक प्रतिष्ठित विदेश नीति थिंक टैंक ’विदेशी मामलों की भारतीय परिषद’ के महानिदेशक के रूप में तीन वरहस का कार्यकाल पूरा कर लिया है। यह एक बहुत ही संतोषजनक अनुभव रहा। यह दायित्व दिया जाना मेरे लिए सम्मान की बात है और इस शोध संकाय में काम करना काफी सुखद रहा जिसका अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे में योगदान न केवल भौगिलिक अपितु मुद्दों तथा विषयों की विविधता की दृष्टि से व्यापक और गहरा है। भारतीय विदेश नीतिके विविध आयामों के अध्ययन का प्रसार करने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रयास किए गए हैं।
हमारा ध्येय आईसीडब्ल्यूए के अधिदेश के सभी पहलुओं को, जहाँ तक व्यवहार्य हो सके, प्राप्त करने का रहा है जिसमें विशेषकर भारत के उन भागों के आउटरीच कार्यकलाप शामिल हैं जो भारत की विदेश नीति के विवरण में पूरी तरह से शामिल नहीं हैं। मैंने सप्रू हाउस में भारत के अन्य प्रतिष्ठित विदेश नीति थिंक टैंक और वाणिज्य तथा उद्योग संघ के साथ भी काफी नजदीकी से काम किया है। हमारा सामूहिक प्रयास काफी सार्थक और उत्पादक रहा।
गत तीन वर्षों के दौरान मुझे आईसीडब्ल्यूए के परवर्ती अध्यक्षों, विदेश मंत्री, शासी परिषद और शासी निकाय के सदस्यों, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ – साथ अन्य मंत्रालयों तथा सरकारी विभागों का पूरा सहयोग और समर्थन मिला। इस बातचीत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आईसीडब्ल्यूए को अपने कार्यकरण में पूरी आजादी दी गई है।
सप्रू हाउस में हमें परिषद की वित्त, कार्यक्रम, शोध और वेबसाइट समितियों के प्रमुखों तथा सदस्यों का अमूल्य सहयोग और मार्गदर्शन भी मिला।
आईसीडब्ल्यूए के उप – महानिदेशक श्री अजनीश कुमार के नेतृत्व वाले सहायक दल के अमूल्य सहयोग से यह सुनिश्चित हुआ कि हम 2001 के संसद के अधिनियम में दिए गए अधिदेश और दायित्वों को पूरा कर सकें।
मैंने पिछले वर्ष तीनों में भरपूर आनंद उठाया और मुझे विश्वास है कि मेरे परवर्ती राजदूत टी.सी.ए. राघवन परिषद को नई ऊचाइयों पर ले जाएंगें। मैं उन्हें अगले तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।
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