'कनाडा का वैश्विक-दृष्टिकोण और
भारत के साथ संबंध'
पर
गोलमेज चर्चाओं
में
राजदूत राजीव के. भाटिया महानिदेशक, आईसीडब्ल्यूए
द्वारा
प्रारंभिक वक्तव्य
स्प्रू हाउस, नई दिल्ली 27 जून, 2014
महामहिम उच्चायुक्त श्री स्टीवर्ड बेक, नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त, उप उच्चायुक्त श्री नेकेल, राजदूत पी.के. बुधवार, प्रो. क्रिस्टोफर राज और राजदूत नारायण.
(बाएं से दाएं) श्री जिम निकेल, उप उच्चायुक्त, कनाडा, राजदूत आर.एल. नारायण, महामहिम
श्री स्टीवर्ड बेक, नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त, राजदूत राजीव के. भाटिया, डीजी, आईसीडब्ल्यूए, राजदूत पी.के. बुधवार और प्रो. क्रिस्टोफर राज, जेएनयू, नई दिल्ली
- हम 'कनाडा के वैश्विक-दृष्टिकोण और भारत के साथ संबंध' पर गोलमेज चर्चा का आयोजन करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। यह चर्चा भारत-कनाडा के संबंधों की वर्तमान दिशा को समझने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। दोनों देश उनके साम्राज्यवादी इतिहास द्वारा एक-दूसरे के निकट आए हैं और आज राष्ट्रमंडल के माध्यम से एक-दूसरे के साथ जुड़े हैं। इस चर्चा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच गहन समझ को संपोषित करना है जिससे कि भविष्य के लिए सुदृढ़ संबंधों का निर्माण किया जा सके।
- कनाडा और भारत के दीर्घकालिक मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं जो लोकतंत्र, बहुलवाद और लोगों-के-लोगों के साथ सुदृढ़ संपर्कों की साझी परंपराओं पर निर्मित हुए हैं। कनाडा-भारत द्विपक्षीय संबंधों का वर्तमान चरण इन संबंधों को शीत युद्ध के युग की चिंताओं से परे ले जाता है। कनाडा के साथ भारत के संबंध बहु-आयामी बन गए हैं। वस्तुत: हर एक क्षेत्र भारत-संबंधी रणनीतियों को विकसित अथवा क्रियान्वित करने के मध्य में विद्यमान है। सहयोग को संरेखित करने के विभिन्न क्षेत्र विद्यमान हैं, जैसे व्यापार/वाणिज्य तथा हम महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों जैसे पर्यावरणीय संरक्षण, शिक्षा आदि पर समान विचारधारा साझा करते हैं। भारत और कनाडा के मध्य सशस्त्र बलों, संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत शांति स्थापना अभियानों, आतंकवाद का सामना करने आदि के लिए सैन्य सहयोग का अन्वेषण करने की पर्याप्त क्षमता विद्यमान है।
- राष्ट्रीय स्तर पर तीन वर्ष के अंतराल में प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की भारत की दो यात्राएं जिनके दौरान नागरिक परमाणु सहयोग पर अत्यंत महत्वपूर्ण नीतिगत करारों पर हस्ताक्षर किए गए थे, प्रमुख कनाडाई अनुसंधान-विशेषज्ञ विश्वविद्यालयों और उनके भारतीय भागीदारों के बीच शोध भागीदारियों को प्रारंभ करना, सीईपीए और एफआईपीपीए के इर्द-गिर्द वार्ताएं, बेंगुलुरु में नए काउंसुलेट का खोला जाना, सभी महत्वपूर्ण घटनाक्रम थे।
- अगस्त, 2008 में, भारत ने 1974 और 1998 में परमाणु हथियारों का परीक्षण करने के नई दिल्ली के निर्माण के उपरांत कनाडा द्वारा अपनी दशकों पुरानी नीति को वापस लेने का स्वागत किया जिसने भारत के साथ परमाणु सहयोग को प्रतिषिद्ध किया था। यह निर्णय ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कनाडा और भारत का एक-दूसरे में पारस्परिक हित निहित हैं। भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है तथा वृहद ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने और अपने गतिशील विकास में तेजी लाने के लिए उसे ऊर्जा की वैविध्यपूर्ण आपूर्ति की आवश्यकता होती हैं। भारत कनाडाई ऊर्जा निर्यातकों से अपेक्षा करता है कि वे इसे एक आर्थिक शक्ति के रूप में रूपांतरित करने के लिए इसकी सहायता करेंगे।
- विदेश मंत्री जॉन बेयर्ड ने भारत के विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद को ओटावा में पारस्परिक हितों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रारंभिक कनाडा-भारत विदेश मंत्री वार्ता (सितम्बर, 2013) के लिए आमंत्रित किया था। ये वार्षिक द्विपक्षीय परामर्श पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अवसर उपलब्ध कराते हैं जिसमें कनाडा-भारत आर्थिक संबंध की क्षमता तथा प्रमुख वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे भी शामिल हैं।
- कनाडा भारतीय मूल के एक मिलियन से भी अधिक व्यक्तियों का घर है। समुदाय के राजनीतिक प्रोफाइल में भी पिछले अनेक वर्षों से संवृद्धि हुई है। हाउस ऑफ कॉमंस में आठ भारतीय-कनाडाई एमपी हैं तथा सीनेट में एक एमपी है। संघीय सरकार में दो भारतीय मूल व्यक्ति राज्य मंत्री हैं तथा एक भारतीय मूल के एमपी विदेश मंत्री के संसदीय सचिव हैं। कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए, यहां ऐसे अनेक संगठन हैं जो भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से प्रदर्शनकलाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वे भारत और कनाडा में स्थित भारतीय समुदाय तथा कनाडा के लिए 'सेतु निर्माताओं के रूप में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- कनाडा की आर्थिक और भौगोलिक विविधता अत्यंत लाभदायक है तथा वस्तुत: आज प्रत्येक प्रांत और क्षेत्र भारतीय क्षेत्रों के साथ सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है - पत्तन, प्राकृतिक गैस, तेल बालू, मूंग, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, वानिकी, स्टील तथा व्यापक संसाधन क्षेत्र और उच्च शिक्षा। भारतीय कंपनियां अपनी वैश्विक उपस्थिति दर्ज करना जारी रखे हैं तथा कनाडा उत्तर अमेरिकी व्यापार रणनीतियों का विस्तार करने के लिए एक उल्लेखनीय गंतव्य के रूप में उभर रहा है। कनाडा के आर्थिक संबंधों और मानव नियोजन के संदर्भ में भारत के प्रति बढ़ते महत्व को देखते हुए इसका विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए क्योंकि कनाडा बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों और रोजगार पाने की इच्छा रखने वालों को आकर्षित करता है।
- यह कनाडा-भारत संबंधों में एक उत्साहवर्धक अवधि है। दीर्घकालिक अवसर अनेक क्षेत्रों में पर्याप्त रूप से दृश्यमान हैं। हम बहुत अच्छी प्रगति कर रहे हैं परंतु हमें आने वाले वर्षों में अपने प्रयासों को और भी गहन बनाना होगा।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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