राजदूत विजय ठाकुर सिंह, महानिदेशक, आईसीडब्ल्यूए
राजदूत वाल मोहम्मद अवध हमीद
राजदूत नवदीप सूरी
प्रतिष्ठित पैनलिस्ट श्री अतुल अनेजा और श्री पी.एस. जयरामन
विशिष्ट अतिथिगण
देवियो और सज्जनों
सभी को नमस्कार,
'बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत-मिस्र संबंध' पर आज की पैनल चर्चा में इस सम्मानित पैनल को मॉडरेट करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जिसकी योजना अरब गणराज्य मिस्र के माननीय राष्ट्रपति महामहिम श्री अब्देल फतह अल-सिसी की आगामी यात्रा के क्रम में तैयार की गई है। मैं डीजी, आईसीडब्ल्यूए और उनकी टीम को अल्प सूचना पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद देता हूँ । मैं इस अत्यंत महत्वपूर्ण चर्चा के लिए समय निकालने के लिए सभी प्रतिष्ठित पैनलिस्टों और दर्शकों को भी धन्यवाद देता हूँ ।
2. मिस्र के हमारे द्विपक्षीय संबंधों में यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर है जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं । हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सिसी को आमंत्रित किया है और निमंत्रण को राष्ट्रपति सिसी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। हमने इस वर्ष अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान भी मिस्र को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है।
3. यह संतोष की बात है कि भारत और मिस्र के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत संबंध न केवल समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, बल्कि आपसी गर्मजोशी, दोस्ती और सद्भावना से और मजबूत हुए हैं। हम अशोक के प्रसिद्ध शिलालेखों के बारे में जानते हैं जो टॉलेमी II के तहत मिस्र के साथ उसके संबंधों को संदर्भित करता है। आधुनिक समय में, महात्मा गाँधी और मिस्र के क्रांतिकारी नेता साद ज़घलौल ने अपने-अपने देशों की स्वतंत्रता के लिए समान लक्ष्य साझा किए।
4. आज हमारा ध्यान इस बंधन को मजबूत करने और साथ ही नए संबंधों को विकसित करने पर है। मिस्र हमारा मूल्यवान साझेदार है और अरब दुनिया और अफ्रीका में शांति और स्थिरता बनाए रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत-मिस्र साझेदारी में अपार संभावनाएँ हैं और ग्लोबल साउथ की समानताओं के आधार पर अधिक ऊँचाई हासिल कर सकती है जिसे हम ऐतिहासिक रूप से साझा करते हैं। बहुपक्षीय मंचों पर मिस्र के साथ हमारा उत्कृष्ट सहयोग है और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अच्छी समझ है।
5. 2015 में राष्ट्रपति सिसी की भारत यात्रा (अक्टूबर 2015 में आईएएफएस III के लिए) और फिर 2016 में (सितंबर 2016 में राजकीय यात्रा) के साथ संबंधों को गति मिली। हमारे प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति सिसी अंतर्राष्ट्रीय मंचों (यूएनजीए 2015 और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2017) के हाशिये पर मिलते रहे हैं। महामारी के समय में, हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग अधिक मजबूत हुआ है।
6. हमारा बहुआयामी द्विपक्षीय संबंध हाल के दिनों में और प्रगाढ़ हुआ है। हमारी ओर से तीन प्रमुख दौरे हुए हैं - रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह (सितंबर 2022), विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (अक्टूबर 2022) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव (नवंबर 2022) ने मिस्र की यात्रा की, जबकि मिस्र के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. अमर तलत पिछले सप्ताह भारत में थे।
इसके अलावा, दोनों पक्षों के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, सेवा प्रमुखों और अन्य पदाधिकारियों द्वारा यात्राओं की एक श्रृंखला का आदान-प्रदान किया गया है, जिससे हमारे संबंधों को बहुत आवश्यक बल मिला है क्योंकि महामारी के कारण लगभग 2 वर्षों से भौतिक बातचीत थमी हुई थी।
7. 2021-22 में 7.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च द्विपक्षीय व्यापार के साथ हाल के वर्षों में हमारे आर्थिक जुड़ाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमारी व्यापार बास्केट में भी विविधता आई है।
मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय कंपनियाँ मिस्र में महत्वपूर्ण निवेश (3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर) कर रही हैं जिससे रोजगार (लगभग 38,000) का सृजन हो रहा है। हमें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले कुछ महीनों में 3 भारतीय कंपनियों ने मिस्र में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारे आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों को और विस्तारित करने की अपार संभावनाएँ हैं।
8. हम मिस्र के साथ रक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत साझेदारी विकसित होते देख खुश हैं। यह सहयोग रक्षा प्रदर्शनियों और प्रशिक्षण मॉड्यूल में संयुक्त अभ्यासों और सक्रिय भागीदारी के रूप में प्रकट हुआ है। हमारे रक्षा उद्योग भी साथ मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।
9. सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढाँचा, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि जैसे कई क्षेत्रों में भारत और मिस्र के बीच बहुआयामी साझेदारी मजबूत हो रही है।
10. यह जानकर खुशी होती है कि मिस्र के कई पेशेवर और छात्र हमारे विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और छात्रवृत्तियों से लाभान्वित हुए हैं। मिस्र के 1500 से अधिक अधिकारी हमारे प्रमुख आईटीईसी कार्यक्रम (2000 से) से लाभान्वित हुए हैं। मिस्र के छात्र आईसीसीआर और आईएएफएस छात्रवृत्तियों (2014 से 83) का लाभ उठा रहे हैं।
भारत ने हमारे सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस में समय-समय पर मिस्र के राजनयिकों की मेजबानी भी की है। सितंबर 2023 में मिस्र के 33 राजनयिकों के लिए एक समर्पित पाठ्यक्रम की योजना बनाई जा रही है।
11. भारत ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1992 में काहिरा में 'मौलाना आज़ाद सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (एमएसीआईसी)' की स्थापना की। योग मिस्र में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है और मिस्र के प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया है।
हम मिस्र में बॉलीवुड फिल्मों की लोकप्रियता से अवगत हैं और देर से ही सही, भारतीय टीवी ओपेरा ने मिस्र में लोकप्रियता हासिल की है।
यह भी एक तथ्य है कि मुझ सहित भारतीय राजनयिकों की कई पीढ़ियाँ काहिरा में अरबी भाषा सीखकर अपने करियर की शुरुआत करती हैं।
12. भारत और मिस्र के बीच साझेदारी एक दोनों पक्षों की जीत का समीकरण है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में, अधिक स्थिर और समृद्ध भविष्य के लिए हमारी जरूरतों, आकांक्षाओं और दृष्टिकोण को दर्शाते हुए हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होते रहेंगे और नई ऊँचाइयों को छुएँगे।
13. हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति सिसी की भारत की आगामी यात्रा और हमारे नेतृत्व के साथ, आपसी हित के कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी चर्चा भारत-मिस्र संबंधों को नई गति प्रदान करेगी और विविध क्षेत्रों में हमारे भविष्य के सहयोग के लिए एक मजबूत नींव स्थापित करेगी।
14. आज दोपहर हम सभी अपने सभी प्रतिष्ठित पैनलिस्टों के साथ एक आकर्षक चर्चा के लिए उत्सुक हैं। इस उपयोगी चर्चा के आयोजन के लिए मैं एक बार फिर आईसीडब्ल्यूए को धन्यवाद देकर अपनी बात समाप्त करता हूँ ।
शुक्रिया!!
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