प्रस्तावना
थाईलैंड की खाड़ी थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम और मलेशिया से घिरा एक अर्ध-परिवृत्त समुद्र है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण जल निकाय है। थाईलैंड की खाड़ी तटवर्ती क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री कॉरिडोर है, जिसे समुद्री संघर्ष वाला क्षेत्र नहीं माना जाता है। हालांकि, इस क्षेत्र में बहुत अधिक समुद्री सीमाओं और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) के दावों को लेकर कुछ चुनौतियां हैं, जिससे बड़े इंडोचीन, दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
लगभग 320,000 वर्ग किलोमीटर में फैली यह खाड़ी, 80 मीटर की अधिकतम गहराई के साथ थोड़ी उथली हुई है। इस खाड़ी का आकार संकीर्ण है और इसकी चौड़ाई 480 से 560 किलोमीटर के बीच और लंबाई लगभग 720 किलोमीटर (मानचित्र 1 देखें) है।[i] थाईलैंड में बैंकॉक और पटाया जैसे बंदरगाह शहरों तथा कंबोडिया में सिहानोकविले सहित अधिकांश व्यापारिक केन्द्र इस खाड़ी के तट पर स्थित हैं, जबकि वियतनाम का हो ची मिन्ह शहर खाड़ी के निकट स्थित है।
मानचित्र 1: थाईलैंड की खाड़ी
स्रोत: थाईलैंड की खाड़ी, https://www.worldatlas.com/gulfs/gulf-of-thailand.html.
जिन क्षेत्रों पर ओवरलैपिंग संबंधी दावा किया जाता है, उनके संबंध में, द्विपक्षीय समझौतों के ज़रिए कुछ बात आगे बढ़ी है, लेकिन अनसुलझे विवाद क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए चुनौतियां (मानचित्र 2 देखें) रहते हैं।
मलेशिया और थाईलैंड के मामले में, उन्होंने संयुक्त विकास क्षेत्र (7,250 वर्ग किलोमीटर) बनाने हेतु 1979 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।[ii] जून 1992 में मलेशिया और वियतनाम के बीच एक और ऐसा समझौता (एमओयू) हुआ, जिससे तय क्षेत्र में संयुक्त पेट्रोलियम दोहन पर सहमति बनी और एक प्राधिकरण की स्थापना की गई जो क्षेत्र के भीतर मामलों की देखरेख करता है।
1990 के दशक से, कंबोडिया और थाईलैंड अपने लंबे समय से चले आ रहे क्षेत्रीय विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का प्रयास कर रहे हैं, जो 1970 के दशक से है। 2023 के अंत से उन्होंने विवाद को हल करने की पहल की है, हालाँकि, इसपर अभी भी काम जारी है। हालाँकि अधिकांश विवादों के मामले में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन कंबोडिया और वियतनाम के बीच विवाद अभी पहले जैसा ही है। दोनों देश समुद्री क्षेत्रों पर नियंत्रण को राष्ट्रीय गौरव और संप्रभुता का मामला मानते हैं।[iii] इसका कारण दोनों देशों के बीच संबंध अशांत रहे हैं।
मानचित्र 2: थाईलैंड की खाड़ी में अतिव्यापी दावा क्षेत्र
स्रोत:https://www.clc-asia.com/thailand-cambodia-overlapping-claims-area/
थाईलैंड की खाड़ी में मौजूद संसाधन
खाड़ी में क्षेत्रीय विवादों का एक कारण न केवल राष्ट्रीय संप्रभुता का मुद्दा या तटवर्ती देशों के लिए एक समुद्री मार्ग के रूप में इसका महत्व है, बल्कि इसमें हाइड्रोकार्बन अधिक मात्रा में उपलब्ध होना भी है। तटवर्ती देशों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए खाड़ी के संसाधनों का बहुत अधिक उपयोग किया है, विशेष रूप से मत्स्य पालन एवं हाइड्रोकार्बन के माध्यम से।
थाईलैंड की खाड़ी में हाइड्रोकार्बन की खोज सबसे पहले 70 के दशक की शुरुआत में की गई थी। खाड़ी के थाईलैंड के हिस्से में तेल एवं प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार (मानचित्र 3 देखें) हैं। इसके सबसे अधिक भंडार इरावन और बैंगकोट क्षेत्रों में हैं। 2024 तक, थाईलैंड की खाड़ी में 47 क्षेत्र होंगे, जिनमें से वर्तमान में थाईलैंड में 34 क्षेत्र हैं, जहां से प्रति दिन 75,000 बैरल (बीपीडी) और 2.4 बिलियन क्यूबिक फीट गैस का उत्पादन होता है।[iv]
मानचित्र 3: थाईलैंड के तेल और गैस क्षेत्र
Source: https://www.og-advisors.com/countries/thailand
दूसरी ओर, कंबोडिया का तेल और गैस उद्योग अपनी शुरुआती अवस्था में है और अपने पड़ोसी देशों की तुलना में अभी भी खोज के शुरुआती चरण में है। इसका कारण देश की लंबे समय से अशांत राजनीति, अस्थिर आर्थिक आधार एवं परिणामस्वरूप सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक संरचना हो सकती है।[v] फिर भी, कंबोडिया के तट पर स्थित कंबोडियाई ब्लॉक ए हाइड्रोकार्बन उत्पादन के लिए सबसे आशाजनक क्षेत्र (मानचित्र 4 देखें) है।[vi] 2021 तक, तकनीकी चुनौतियों के कारण कंबोडियाई ब्लॉक ए का उत्पादन उम्मीद से कम था, जहां से प्रतिदिन 3,534 बैरल उत्पादन हो रहा था, जबकि शुरुआत में उत्पादन 7,500 बैरल प्रतिदिन होने की उम्मीद थी।[vii]
मानचित्र 4: कंबोडिया के तेल और गैस क्षेत्र
स्रोत: https://opendevelopmentcambodia.net/oil-exploration-in-cambodia/
मत्स्य पालन के संदर्भ में, 2020 तक, कंबोडिया और थाईलैंड में समुद्री मत्स्य पालन, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि का संचयी हिस्सा लगभग 33,00,000 मिलियन टन है। थाईलैंड की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी लगभग 24,00,000 मिलियन टन है[viii] जबकि कंबोडिया की हिस्सेदारी लगभग 9,30,000 मिलियन टन है।[ix] हालांकि, कंबोडिया थाईलैंड की तुलना में अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि पर अधिक निर्भर है, जिसमें समुद्री मत्स्य पालन से अधिक उत्पादन होता है। इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन देशों द्वारा अत्यधिक मछली पकड़ना नहीं है, बल्कि ऐसे अन्य देशों से अवैध, अप्रतिबंधित एवं अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ना है जो खाड़ी के तटवर्ती नहीं हैं।
हाल के सर्वेक्षण अध्ययनों में, थाईलैंड की खाड़ी के समुद्र तल में दुर्लभ भू तत्वों (आरईई) की मौजूदगी और पवन ऊर्जा की क्षमता का पता चला है।[x] खाड़ी के मध्य और दक्षिणी भाग में जिरकोन, ऑथिजेनिक पाइराइट और बायोजेनेटिक चूना पत्थर जैसे उच्च दुर्लभ भू तत्व पाए जाते हैं।[xi]
थाईलैंड की खाड़ी की भूराजनीति
इन चार खाड़ी देशों की विदेश नीति और बाहरी देशों से संबंध एक दूसरे से अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, थाईलैंड द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही अमेरिका का करीबी सैन्य साझेदार रहा है। यह दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य अभ्यासों से जाहिर है। जबकि कंबोडिया चीन के साथ घनिष्ठ साझेदारी बनाए हुए है।
थाईलैंड की विदेश नीति को इसके लचीलेपन और स्वतंत्रता की भावना की वजह से "बैम्बू बेंडिंग विद द विंड" कहा जाता है, जिसका कारण राज्य की संप्रभुता को बनाए रखना और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।[xii] हालाँकि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका के साथ इसके बहुत करीबी संबंध रहे हैं, खासकर राजनीतिक और सैन्य पहलुओं पर। इसलिए, अमेरिका थाईलैंड को इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है। हालाँकि, थाईलैंड ने पिछले कुछ दशकों में बीजिंग के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत किया है और यह चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत कई अवसंरचना परियोजनाओं का भी हिस्सा है।[xiii]
कंबोडिया के मामले में, चीन एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार और इसके अवसंरचना के विकास में सबसे बड़ा निवेशक रहा है।[xiv] कंबोडिया के समृद्ध जलविद्युत, सौर व हाइड्रोकार्बन संसाधन चीन को अपने पारंपरिक आपूर्तिकर्ता देशों से अलग अपने ऊर्जा आयात स्रोतों में विविधता लाने का मौका देते हैं। कंबोडिया में कई ऊर्जा बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण और निर्माण चीन के अपने आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने और कूटनीतिक लाभ उठाने के लक्ष्य के अनुरूप है।
इसके अलावा, चीन और कंबोडिया ने 2019 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो चीन को कंबोडिया के तट पर स्थित रीम नेवल बेस को बनाने और उसका उपयोग करने की अनुमति देता है। चीन ने कंबोडिया को बेस की सुविधाओं के आधुनिकीकरण और नई सुविधाओं के निर्माण हेतु सैन्य हार्डवेयर और पैसा दिया है। हालाँकि, रीम नेवल बेस को लेकर अमेरिका की चिंताएँ 2019 में काफी बढ़ गईं, जब कंबोडिया ने वहाँ मरम्मत के लिए अमेरिकी मदद से अचानक इनकार कर दिया और एक ऐसी सुविधा को ध्वस्त कर दिया, जिसे अमेरिका ने 2020 के अंत में वित्त पोषित किया था।[xv] चीन पर कंबोडिया की निर्भरता से ऋण कूटनीति (लोन डिप्लोमेसी) का सवाल भी उठा है।
दूसरी ओर वियतनाम की नीति किसी भी देश के साथ गठबंधन न करने की है। यह उसकी फोन 'नो' पॉलिसी - गठबंधन न करना, विदेशी सैन्य उपस्थिति न करना, दो अन्य देशों के बीच विवाद/संघर्ष में पक्ष न लेना, तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बल का प्रयोग न करना या बल प्रयोग करने की धमकी न देना, में देखा जा सकता है।[xvi] मलेशिया की स्थिति वियतनाम के समान है, लेकिन हनोई की तरह इसे स्पष्ट नहीं किया गया है।
हालांकि, दक्षिण चीन सागर विवाद, जिसमें कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देश और चीन शामिल हैं, खाड़ी की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। वियतनाम और मलेशिया दक्षिण चीन सागर और थाईलैंड की खाड़ी दोनों का हिस्सा हैं। इसलिए, थाईलैंड की खाड़ी में उनके दृष्टिकोण को चीन और दक्षिण चीन सागर के अन्य दावेदारों के साथ उनके जारी विवादों के संदर्भ में देखा जाएगा।
इसके अलावा, इस क्षेत्र में एक अन्य घटनाक्रम हुआ है जो इतनी ही महत्वपूर्ण है। विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक और इसका कारण कि थाईलैंड की खाड़ी चीन के लिए महत्वपूर्ण क्यों है, यह है अपनी "मलक्का असमंजस" को हल करना, जहां उसे उन स्थितियों का डर है जिसमें मलक्का जलडमरूमध्य में उसके व्यापार को नाकाबंदी का सामना करना पड़ता है और अन्य देशों से शत्रुता की स्थिति में कमजोर हो जाता है। थाईलैंड ने हाल ही में क्रा के इस्तमुस पर एक ज़मीनी पुल बनाने के लिए 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना शुरू की है जो अंडमान सागर और थाईलैंड की खाड़ी को जोड़ेगी।[xvii] इस परियोजना का उद्देश्य मलक्का जलडमरूमध्य को एक रणनीतिक विकल्प बनाना है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक तेज़, छोटा व सस्ता मार्ग हो सके। इससे थाईलैंड की खाड़ी संचार का एक महत्वपूर्ण वैश्विक समुद्री मार्ग (एसएलओसी) बन जाएगी और इस प्रकार थाईलैंड की खाड़ी अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग और वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अन्य केंद्र बिंदु बन जाएगी।
निष्कर्ष
चूंकि बड़े इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय गतिशीलता बढ़ती रहती है, जिसमें अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा भी शामिल है, थाईलैंड की खाड़ी इंडोचीन, दक्षिण पूर्व एशिया और साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बढ़ते भू-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में भूमिका निभाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि थाईलैंड की खाड़ी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का एक अभिन्न हिस्सा है और इस क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण जल निकाय है। खाड़ी के प्राथमिक तटवर्ती देश थाईलैंड और कंबोडिया इस क्षेत्र की गतिशीलता को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाएंगे क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय एसएलओसी के लिए उनका एकमात्र समुद्री प्रवेश द्वार है। खाड़ी में दूसरे प्रमुख देश मलेशिया और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर विवाद के पक्षकार हैं जो उनकी सुरक्षा और विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, वे थाईलैंड की खाड़ी में किसी भी घटनाक्रम पर बारीकी से ध्यान रखेंगे, खासकर गैर-तटवर्ती देशों की भूमिका पर क्योंकि इसका दक्षिण चीन सागर पर प्रभाव पड़ेगा। इस संबंध में, बहुत कुछ इसपर निर्भर करेगा कि ये चार तटीय देश अपनी सुरक्षा, कूटनीतिक और आर्थिक हितों तथा अन्य तटीय देशों, गैर-तटीय और क्षेत्र से बाहर के देशों के साथ अपने जुड़ाव को किस तरह संतुलित रखते हैं, जिसमें आसियान के सदस्य देश, अमेरिका और चीन शामिल हैं। थाईलैंड की खाड़ी में भू-राजनीतिक स्थिति के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पनप रहे और बढ़ते अन्य तनावों से अलग रहना मुश्किल है।
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*डी. मनस्विनी श्रीवास्तव, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली में शोध प्रशिक्षु हैं।
अस्वीकरण : यहां व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i]WattayakornGullaya, Review of Environmental Issues in the Gulf of Thailand. In The Environment in Asia Pacific Harbours, edited by Eric Wolanski, 249. https://link.springer.com/content/pdf/10.1007/1-4020-3655-8.pdf#page=256.
[ii]“Malaysia-Thailand Joint Authority.” Www.mtja.org. https://www.mtja.org/chronicle. Accessed July 16, 2024.
[iii]“Malaysia-Thailand Joint Authority.” Www.mtja.org. https://www.mtja.org/chronicle. Accessed July 16, 2024.
[iv] “Gulf of Thailand Oil and Gas Exploration Faces Stubborn Hurdles.” Gas Outlook. Accessed July 22, 2024. https://gasoutlook.com/analysis/gulf-of-thailand-oil-and-gas-exploration-faces-stubborn-hurdles/.
[v] Sripathi Narayanan. 2024. “Cambodia: China’s Gateway to the Gulf of Thailand?”. Indian Council of World Affairs (Government of India). 19 June 2024./show_content.php?lang=1&level=3&ls_id=10983&lid=6984&kval=sripathi%20narayanan.
[vi] Sripathi Narayanan. 2024. “Cambodia: China’s Gateway to the Gulf of Thailand?”. Indian Council of World Affairs (Government of India). 19 June 2024./show_content.php?lang=1&level=3&ls_id=10983&lid=6984&kval=sripathi%20narayanan.
[vii] Sripathi Narayanan. 2024. “Cambodia: China’s Gateway to the Gulf of Thailand?”. Indian Council of World Affairs (Government of India). 19 June 2024./show_content.php?lang=1&level=3&ls_id=10983&lid=6984&kval=sripathi%20narayanan.
[viii] “Fisheries Country Profile: Thailand.” SEAFDEC. 2017. http://www.seafdec.org/fisheries-country-profile-thailand/.
[ix] “Fisheries Country Profile: Thailand.” SEAFDEC. 2017. http://www.seafdec.org/fisheries-country-profile-thailand/.
[x] “Fisheries Country Profile: Thailand.” SEAFDEC. 2017. http://www.seafdec.org/fisheries-country-profile-thailand/.
[xi] “Fisheries Country Profile: Thailand.” SEAFDEC. 2017. http://www.seafdec.org/fisheries-country-profile-thailand/.
[xii]Tahir, R. S. A. R., & Huda, M. I. M. 2023. Thailand’s “Bamboo Bending with The Wind” Policy, Shifting Ground Between The U.S and A Rising China. International Journal of Academic Research in Business and Social Sciences, 13(2), 1611 – 1629.: http://dx.doi.org/10.6007/IJARBSS/v13-i2/16415
[xiii]Tahir, R. S. A. R., & Huda, M. I. M. 2023. Thailand’s “Bamboo Bending with The Wind” Policy, Shifting Ground Between The U.S and A Rising China. International Journal of Academic Research in Business and Social Sciences, 13(2), 1611 – 1629.: http://dx.doi.org/10.6007/IJARBSS/v13-i2/16415
[xiv] “China Plans to Invest in Cambodia’s Energy Sector.” Cambodianess. Accessed July 24, 2024. https://cambodianess.com/article/china-plans-to-invest-in-cambodias-energy-sector.
[xv] Woody, Christopher. 2024. “China’s Newest Military Base Abroad Is up and Running, and There Are More on the Horizon.” Breaking Defense. July 12, 2024. https://breakingdefense.com/2024/07/chinas-newest-military-base-is-up-and-running-and-us-officials-see-more-of-them-on-the-horizon/.
[xvi]Viet Tuan. 2023. “Vietnam Continues ‘Four Nos’Defense Policy - VnExpress International.” VnExpress International. August 2, 2023.https://e.vnexpress.net/news/news/vietnam-continues-four-nos-defense-policy-4637076.html.
[xvii]Viet Tuan. 2023. “Vietnam Continues ‘Four Nos’Defense Policy - VnExpress International.” VnExpress International. August 2, 2023.https://e.vnexpress.net/news/news/vietnam-continues-four-nos-defense-policy-4637076.html.