प्रस्तावना
1 जनवरी 2023 से, जापान का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 10 निर्वाचित गैर-स्थायी सदस्यों में से एक के रूप में दो वर्षीय कार्यकाल (2023-24) शुरू हुआ। इसके साथ जापान यूएनएससी में 12वीं बार सदस्य बना, जो संयुक्त राष्ट्र के किसी भी अन्य सदस्य देश से अधिक है।[1] जनवरी 2023 में ही जापान ने अपने वर्तमान कार्यकाल के लिए यूएनएससी की पहली रोटेशनल अध्यक्षता संभाली थी। सदस्य राष्ट्रों के नामों के अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के अनुसार, परिषद की अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य द्वारा बारी-बारी से एक महीने के लिए संभाली जाती है।[2] यूएनएससी के निर्वाचित गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान दूसरी बार, जापान ने मार्च 2024 के महीने में यूएनएससी[3] की रोटेशनल अध्यक्षता संभाली।
इसके अलावा, कोरिया गणराज्य (आरओके) ने 1 जनवरी 2024 से 2024-2025 का अपना दो वर्ष का कार्यकाल शुरू किया। 11 वर्षों के बाद, यह आरओके की तीसरी बार यूएनएससी में सेवा है; पहली बार 1996 से 1997 तक और दूसरी बार 2013 से 2014 तक।[4] कोरिया गणराज्य जून 2024 के महीने में यूएनएससी की रोटेशनल अध्यक्षता करने वाला है।[5] इसलिए वर्ष 2024 में 1997[6] के बाद पहली बार जापान और कोरिया गणराज्य को नियुक्त किया गया है, दोनों यूएनएससी के निर्वाचित गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में एक साथ काम कर रहे हैं।[7] विशेष रूप से, 2024 में, कोरिया गणराज्य, अमेरिका और जापान 1997 के बाद दूसरी बार एक साथ यूएनएससी के सदस्य के रूप में काम करेंगे।[8]
गाजा युद्धविराम पर प्रस्ताव
25 मार्च 2024 को, जापान द्वारा संभाली गई रोटेशनल अध्यक्षता के तहत, गाजा में तत्काल युद्धविराम के मुद्दे पर पहली बार, कोई वीटो नहीं किया गया था, केवल एक देश के द्वारा मतदान नहीं किया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2728 (2024) को ई-10 के नाम से जाने जाने वाले 10 गैर-स्थायी निर्वाचित सदस्यों द्वारा पेश किया गया, जिसमें "गाजा में तत्काल युद्धविराम" की मांग की गई थी, जिसे पक्ष में पड़े 14 वोटों[9] और एक अनुपस्थित (संयुक्त राज्य अमेरिका) के साथ अपनाया गया था, जिससे महीनों से चला आ रहा गतिरोध ख़त्म हो गया। आरओके और जापान सुरक्षा परिषद के उन 14 सदस्यों में से थे जिन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
यूएनएससी प्रस्ताव में "रमजान के दौरान युद्धग्रस्त गाजा में तत्काल युद्धविराम" की मांग की गई है और "सभी बंधकों की तत्काल एवं बिना शर्त रिहाई" की मांग की गई है।[10] इससे पहले, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद गाजा संकट पर किसी भी प्रस्ताव को अपनाने के पिछले चार प्रयासों में विफल रही थी।[11]
इजराइल द्वारा गाजा पट्टी पर सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद तत्काल युद्धविराम के लिए परिषद द्वारा किया गया यह पहला स्पष्ट आह्वान था। इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव में जापान और कोरिया गणराज्य की भागीदारी ऐसे समय में हुई है जब ये दोनों देश अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा में अधिक सक्रिय भागीदार के रूप में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं। यूएनएससी में जापान और कोरिया गणराज्य के बीच सहयोग वास्तव में काफी आवश्यक है, खासकर वीटो-अधिकार वाले स्थायी सदस्यों के बीच बढ़ती दरार के बीच, जिससे यूएनएससी की कार्यप्रणाली लगातार प्रभावित रही है।
जापान और कोरिया गणराज्य को पारंपरिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) का सहयोगी माना जाता है, जो वीटो शक्तियों वाला यूएनएससी का स्थायी सदस्य है। इसलिए, यूएनएससी के निर्णय लेने में टोक्यो और सियोल की कार्रवाइयों पर कड़ी नज़र रखने की जरुरत वाला कदम माना जाता है। चूंकि अमेरिका ने प्रस्ताव 2728 (2024) को अपनाने में मतदान से परहेज किया है, लेकिन अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया है और दूसरी ओर, जापान और आरओके ने अन्य देशों के साथ पक्ष में मतदान किया है, यह दर्शाता है कि टोक्यो और सियोल स्थिति-दर-स्थिति के आधार पर कैसे साथ चलते हैं - अपने पारंपरिक सहयोगी वाशिंगटन के हर निर्णय के अनुरूप न चलते हुए।
प्रस्ताव 2728 (2024) के पारित होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र में जापान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत यामाजाकी काजुयुकी ने यूएनएससी ब्रीफिंग में एक बयान दिया, जहां उन्होंने संबंधित पक्षों से तुरंत पूर्ण विश्वास के साथ कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी शत्रुताओं को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई की दिशा में चल रहे राजनयिक प्रयासों का भी समर्थन किया। राजदूत यामाजाकी ने संघर्ष के फैलते प्रभावों पर चिंता जताते हुए राफा में किसी भी सैन्य हमले के प्रति आगाह किया।
अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत दायित्व, भले ही वो बाध्यकारी हो या नहीं
यूएनएससी प्रस्ताव 2728 (2024) को अपनाने के बाद, इसकी प्रकृति को लेकर अलग-अलग स्पष्टीकरण दिया गया कि यह बाध्यकारी है या नहीं। यूएनएससी के सभी प्रस्तावों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 25 के अनुसार बाध्यकारी माना जाता है, जिसे अमेरिका द्वारा अनुमोदित किया गया था। हालाँकि, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि गाजा युद्धविराम पर वर्तमान यूएनएससी प्रस्ताव पर अमेरिका का स्पष्टीकरण गैर-बाध्यकारी थी।[12] व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने भी ऐसी ही बातें कहीं।[13]
दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र में चीन के शीर्ष राजनयिक झूंग जून ने परिषद को बताया: “यदि पूरी तरह और प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो इससे (प्रस्ताव) एक उम्मीद जागती है, जिसका लंबे समय से इंतजार है। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव बाध्यकारी हैं।”[14] संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि "यूएनएससी के प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय कानून हैं, इसलिए वे उतने ही बाध्यकारी हैं जितने अंतरराष्ट्रीय कानून हैं"।[15] मोज़ाम्बिक के संयुक्त राष्ट्र राजदूत पेड्रो कोमिसारियो ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्ताव बाध्यकारी एवं अनिवार्य हैं"।[16]
प्रस्ताव की बाध्यकारी प्रकृति में अंतर के अलावा, प्रस्ताव 2728 (2024) को अपनाना यूएनएससी और इसके मौजूदा सदस्यों (स्थायी और गैर-स्थायी) के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। हालाँकि, अभी भी अनिश्चितताएँ हैं कि क्या सभी पक्ष अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करेंगे।
यूएनएससी के रोटेशनल अध्यक्ष के रूप में, जापान के राजदूत ने यह भी कहा कि कैसे "इजरायल की निपटान संबंधी कार्रवाईयां अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं", और उन्होंने इजरायल से "आबादी पर हिंसा और फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन" जैसी सभी एकतरफा कार्रवाइयों को तुरंत बंद करने का आह्वान किया।[17] राजदूत यामाजाकी ने मध्य पूर्व में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता हेतु संभावित प्रेरक के रूप में प्रस्ताव 2728 को लेकर काफी उम्मीद जताई। उन्होंने क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष में स्थायी शांति के लिए सबसे व्यवहार्य रास्ते के रूप में इजराइल और स्वतंत्र फिलिस्तीन के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व वाले दो-राष्ट्र के समाधान की पुष्टि की। जापान ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों के साथ सहयोग जारी रखने का वादा किया।[18]
इसी तरह, संयुक्त राष्ट्र में कोरिया गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत ह्वांग जुनकुक ने कहा कि यह ई-10, या यूएनएससी के निर्वाचित 10 गैर-स्थायी सदस्यों का पहला प्रस्ताव था, जिसे इस मध्य पूर्व एजेंडे पर अपनाया गया था और इसे एक बड़ी सफलता बताया। हालाँकि, उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि प्रस्ताव का ठोस असर तभी होगा जब इसका गाजा में कोई ठोस प्रभाव पड़ेगा। कोरिया गणराज्य के राजदूत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सर्वसम्मति को दर्शाता है, जो युद्धविराम से शुरू होती है।[19] इसके अलावा, कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिम सू-सुक ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनकी उम्मीदों पर जोर दिया कि यूएनएससी के प्रस्ताव से युद्धविराम समझौता होगा, सभी बंधकों की रिहाई होगी एवं मानवीय सहायता में वृद्धि होगी।[20]
इसकी तुलना में, अमेरिकी राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान में भाग नहीं लिया लेकिन वीटो शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया, उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव 2728 (2824) के महत्वपूर्ण उद्देश्यों की नींव पहले के प्रस्ताव में निहित थी जिसे अमेरिका ने पहले ही आगे रखा था लेकिन रूस और चीन ने वीटो कर दिया था। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अगर हमास बंधकों को रिहा करने को तैयार होता तो संघर्ष विराम महीनों पहले हो सकता था, उन्होंने इस समूह पर शांति की राह में बाधाएं डालने का आरोप लगाया।[21] व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि "गाजा युद्धविराम पर यूएनएससी के प्रस्ताव से अमेरिका का दूर रहना, प्रस्ताव को पारित होने देना, अमेरिकी नीति में किसी बदलाव का संकेत नहीं था"।[22] इस बीच, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रस्ताव पर वीटो करने में अमेरिका की विफलता को अपनी पिछली स्थिति से "स्पष्ट वापस हटना" बताया है।[23]
यूएनएससी में सुधार पर जापान का जोर
7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमास के हमले के तुरंत बाद से, यूएनएससी के 15 सदस्यों द्वारा गाजा में युद्ध की समाप्ति या तत्काल युद्धविराम पर एक प्रस्ताव हेतु पहले चार प्रयास किए गए थे, जिन्हें वीटो कर दिया गया था।
दिनांक |
प्रस्ताव का प्रस्तुतकर्ता |
स्थायी सदस्य जिसके द्वारा वीटो किया गया |
22 मार्च 2024 |
संयुक्त राज्य अमेरिका[24] (स्थायी सदस्य) |
चीन और रूस[25] |
20 फरवरी 2024 |
अल्जीरिया[26] (अस्थायी सदस्य) |
संयुक्त राज्य अमेरिका[27] |
25 अक्टूबर 2023 |
संयुक्त राज्य अमेरिका[28] (स्थायी सदस्य) |
चीन और रूस[29] |
18 अक्टूबर 2023 |
ब्राज़ील[30] (अस्थायी सदस्य) |
संयुक्त राज्य अमेरिका[31] |
स्रोत: संयुक्त राष्ट्र
मौजूदा घटनाक्रम इस बात की याद दिलाता है कि क्यों यूएनएससी को सुधारित बहुपक्षवाद के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बड़े स्तर पर स्थायी प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। जापान जी4 (जापान, भारत, जर्मनी और ब्राजील) के सदस्य के रूप में अपनी पहलों को बहुत महत्व दे रहा है, ऐसा समूह जो यूएनएससी में सुधार को बढ़ावा देने में सहयोग करता है।
2023-24 की अवधि में यूएनएससी के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में, जापान क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर प्रतिक्रिया पर सक्रिय रूप से चर्चा करने में अच्छा योगदान देने में कामयाब रहा है। यूएनएससी को अपनी अपेक्षित भूमिका को पूरा करने के लिए सहयोग करते हुए कानून के शासन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और मजबूत करने में टोक्यो का सक्रिय योगदान संभावित यूएनएससी सुधारों की शुरुआत में भविष्य के स्थायी सदस्य के रूप में इसकी क्षमताओं को दर्शाता है।
"वैश्विक निर्णायक राष्ट्र" के रूप में कोरिया गणराज्य के समक्ष अवसर
कोरिया गणराज्य के मामले में, सियोल की "वैश्विक निर्णायक राष्ट्र" बनने की आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए, 2024-25 में उनकी गैर-स्थायी सदस्यता एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। कोरिया गणराज्य इस बात को लेकर भी मुखर रहा है कि कैसे मौजूदा वैश्विक तनाव, साथ ही स्थायी सदस्यों के बीच संघर्ष एवं गुटों के बीच टकराव ने परिषद के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर "एक ही स्वर" में आवाज उठाना मुश्किल बना दिया है।[32]
ऐसे परिदृश्य में, कोरिया गणराज्य के लिए अन्य निर्वाचित गैर-स्थायी सदस्यों के साथ मिलकर सफलता हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण था। कोरिया गणराज्य के लिए मौजूदा कार्यकाल सियोल को उत्तर कोरिया के मुद्दे को संबोधित करने के साथ-साथ "स्वतंत्रता, शांति एवं समृद्धि में योगदान देने वाला वैश्विक निर्णायक राष्ट्र" बनने की अपनी विदेश नीति के एजेंडे के दायरे को व्यापक बनाने का अवसर देता है। जून 2024 के महीने में यूएनएससी की रोटेशनल अध्यक्षता संभालने की उनकी बारी के साथ, वैश्विक समुदाय को एक महत्वाकांक्षी "वैश्विक निर्णायक राष्ट्र" के रूप में कोरिया गणराज्य से काफी उम्मीदें होंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूएनएससी महत्वपूर्ण मुद्दों के एजेंडे को प्रभावी ढंग से पेश कर सके। जैसे ही दक्षिण कोरिया का जनवरी 2024 में अस्थायी सदस्यता का कार्यकाल शुरू हुआ, कोरिया गणराज्य के विदेश मामलों के मंत्रालय ने कहा कि "अगले दो वर्षों में, हम यह सुनिश्चित करने में एक जिम्मेदार भूमिका निभाएंगे कि यूएनएससी उत्तर कोरिया मुद्दा, यूक्रेन में युद्ध और इजरायल-फिलिस्तीनी समस्या जैसे वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दे।” [33]
आगे की राह
वास्तविकता यह है कि जापान और कोरिया गणराज्य के पास 2024 में यूएनएससी में एक-दूसरे का सहयोग करते हुए काम करने का अवसर है, जो उनके द्विपक्षीय संबंधों को फिर से आंकने का एक अन्य मौका भी है। वे उत्तर कोरिया के परमाणु प्रसार और बैलिस्टिक मिसाइल के लगातार परीक्षणों के मुद्दे को साथ मिलकर संबोधित कर सकते हैं। ऐतिहासिक गाजा युद्धविराम के पक्ष में मतदान करने वाले यूएनएससी के सदस्यों के साथ उनका सहयोग बेहद कठिन परिस्थितियों में वैश्विक कूटनीति का महत्वपूर्ण मामला माना जा सकता है। इसके अलावा, 2024 में यूएनएससी में एक साथ काम करने वाले जापान और कोरिया गणराज्य को यूएनएससी के सुधार हेतु एक प्रभावी रास्ता तलाशने की आवश्यकता होगी, खासकर अगर दोनों देश इंडो-पैसिफिक और ग्लोबल साउथ की चुनौतियों का समर्थन करना चाहते हैं।
*****
*डॉ. टुंचिनमंग लैंगेल, शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद (आईसीडब्ल्यूए)
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[1] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[2] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[3] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[4] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[5] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[6] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[7] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[8] Ministry of Foreign Affairs of Japan, 2023, “Chapter 3 Japan’s Foreign Policy to Promote National and Global Interests”, Diplomatic Bluebook 2023, pp. 196-262, https://www.mofa.go.jp/policy/other/bluebook/2023/pdf/pdfs/3-1.pdf (Accessed 26 March 2024)
[9] Permanent members in favour - Russia, China, France, the United Kingdom. Non-permanent members in favour - Algeria, Ecuador, Guyana, Japan, Malta, Mozambique, South Korea, Sierra Leone, Slovenia and Switzerland
[10] Permanent members in favour - Russia, China, France, the United Kingdom. Non-permanent members in favour - Algeria, Ecuador, Guyana, Japan, Malta, Mozambique, South Korea, Sierra Leone, Slovenia and Switzerland
[11] Permanent members in favour - Russia, China, France, the United Kingdom. Non-permanent members in favour - Algeria, Ecuador, Guyana, Japan, Malta, Mozambique, South Korea, Sierra Leone, Slovenia and Switzerland
[12] The Economic Times, 2024, “'Our interpretation of UNSC resolution on Gaza cease-fire 'non-binding': US State Dept”, March 27, 2024, https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/our-interpretation-of-unsc-resolution-on-gaza-cease-fire-non-binding-us-state-dept/videoshow/108823766.cms?from=mdr (Accessed 27 March 2024)
[13] The Economic Times, 2024, “'Our interpretation of UNSC resolution on Gaza cease-fire 'non-binding': US State Dept”, March 27, 2024, https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/our-interpretation-of-unsc-resolution-on-gaza-cease-fire-non-binding-us-state-dept/videoshow/108823766.cms?from=mdr (Accessed 27 March 2024)
[14] Riyaz ul Khaliq, 2024, “UN cease-fire resolution ‘binding’ on Israel: China”, Anadolu Agency, March 26, 2024, https://www.aa.com.tr/en/middle-east/un-cease-fire-resolution-binding-on-israel-china/3175604 (Accessed 27 March 2024)
[15] Riyaz ul Khaliq, 2024, “UN cease-fire resolution ‘binding’ on Israel: China”, Anadolu Agency, March 26, 2024, https://www.aa.com.tr/en/middle-east/un-cease-fire-resolution-binding-on-israel-china/3175604 (Accessed 27 March 2024)
[16] Riyaz ul Khaliq, 2024, “UN cease-fire resolution ‘binding’ on Israel: China”, Anadolu Agency, March 26, 2024, https://www.aa.com.tr/en/middle-east/un-cease-fire-resolution-binding-on-israel-china/3175604 (Accessed 27 March 2024)
[17] Permanent Mission of Japan to the UN, 2024, “Statement by H.E. Ambassador YAMAZAKI Kazuyuki, Permanent Representative of Japan to the United Nations, at the United Nations Security Council Briefing on ‘The Situation in the Middle East, including the Palestinian Question’”, March 26, 2024, https://www.un.emb-japan.go.jp/itpr_en/yamazaki032624.html (Accessed 28 March 2024)
[18] Permanent Mission of Japan to the UN, 2024, “Statement by H.E. Ambassador YAMAZAKI Kazuyuki, Permanent Representative of Japan to the United Nations, at the United Nations Security Council Briefing on ‘The Situation in the Middle East, including the Palestinian Question’”, March 26, 2024, https://www.un.emb-japan.go.jp/itpr_en/yamazaki032624.html (Accessed 28 March 2024)
[19] United Nations, 2024, “Gaza: Security Council passes resolution demanding ‘an immediate ceasefire’ during Ramadan”, March 25, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147931 (Accessed 27 March 2024)
[20] United Nations, 2024, “Gaza: Security Council passes resolution demanding ‘an immediate ceasefire’ during Ramadan”, March 25, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147931 (Accessed 27 March 2024)
[21] United Nations, 2024, “Gaza: Security Council passes resolution demanding ‘an immediate ceasefire’ during Ramadan”, March 25, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147931 (Accessed 27 March 2024)
[22] United Nations, 2024, “Gaza: Security Council passes resolution demanding ‘an immediate ceasefire’ during Ramadan”, March 25, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147931 (Accessed 27 March 2024)
[23] United Nations, 2024, “Gaza: Security Council passes resolution demanding ‘an immediate ceasefire’ during Ramadan”, March 25, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147931 (Accessed 27 March 2024)
[24] United Nations Security Council, 2024, “United States of America: draft resolution”, March 22, 2024, https://documents.un.org/doc/undoc/gen/n24/079/75/pdf/n2407975.pdf?token=cpUuZXR8ouRgjXrLyV&fe=true (Accessed 10 April 2024)
[25] United Nations, 2024, “Russia and China veto US resolution stating imperative of ‘immediate and sustained ceasefire’ in Gaza”, March 22, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/03/1147856 (Accessed 10 April 2024)
[26] United Nations Security Council, 2024, “Algeria: draft resolution”, February 20, 2024, https://documents.un.org/doc/undoc/gen/n24/045/82/pdf/n2404582.pdf?token=owFWLxVhJq3LPtvh09&fe=true (Accessed 10 April 2024)
[27] United Nations, 2024, “US vetoes Algerian resolution demanding immediate ceasefire in Gaza”, February 20, 2024, https://news.un.org/en/story/2024/02/1146697 (Accessed 10 April 2024)
[28] United Nations Security Council, 2024, “United States of America: draft resolution”, October 25, 2023, https://documents.un.org/doc/undoc/gen/n23/320/92/pdf/n2332092.pdf?token=frdCW4KLXgL6bUo0Yj&fe=true (Accessed 10 April 2024)
[29] United Nations Dag Hammarskjöld Library, 2024, “UN Security Council Meetings & Outcomes Tables”, https://research.un.org/en/docs/sc/quick (Accessed 10 April 2024)
[30] United Nations Dag Hammarskjöld Library, 2024, “UN Security Council Meetings & Outcomes Tables”, https://research.un.org/en/docs/sc/quick (Accessed 10 April 2024)
[31] United Nations Dag Hammarskjöld Library, 2024, “UN Security Council Meetings & Outcomes Tables”, https://research.un.org/en/docs/sc/quick (Accessed 10 April 2024)
[32] Kim Seung-yeon, 2024, “S. Korea vows responsibility as elected UNSC member as 2-year term begins”, Yonhap News Agency, January 01, 2024, https://en.yna.co.kr/view/AEN20231231001400315 (Accessed 28 March 2024)
[33] Kim Seung-yeon, 2024, “S. Korea vows responsibility as elected UNSC member as 2-year term begins”, Yonhap News Agency, January 01, 2024, https://en.yna.co.kr/view/AEN20231231001400315 (Accessed 28 March 2024)