परिषद का इतिहास:
इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स की स्थापना 1943 में भारतीय बुद्धिजीवियों के एक समूह ने एक थिंक टैंक के रूप में की थी. इस संस्था को पंजीकरण अधिनियम एक्ट 1860 के तहत एक गैर-आधिकारिक, गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी संगठन के रूप में पंजीकृत किया गया था. संसद के 2001 के एक अधिनियम द्वारा, इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है. भारत के उपराष्ट्रपति आईसीडब्ल्यूए के पदेन अध्यक्ष हैं.
यह विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेशी मामलों के अध्ययन के लिए समर्पित है. स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के नेतृत्व में 1947 में 'एशियन रिलेशन कांफ्रेंस' और 1994 में 'यूनाइटेड नेशन्स एंड द न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' जैसे ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इस थिंक टैंक द्वारा किए गए हैं जिसमें विश्व-प्रसिद्ध गणमान्य व्यक्तियों ने बुद्धिजीवियों की विशाल सभाओं को संबोधित किया था. काउंसिल द्वारा "सप्रू हाउस" नामक अपने सुरम्य भवन में कई सम्मेलन, बैठकें और पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं.
स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री, भारत की विदेश नीति के वास्तुकार स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू, प्रसिद्ध विद्वानों, बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों को सम्मानित करने के लिए सप्रू हाउस के नियमित आगंतुक थे.
2009 में, 'एशियन रिलेशन कांफ्रेंस' समारोह मनाने और "इमर्जिंग चाइना: प्रोस्पेक्टस फॉर पार्टनरशिप्स इन एशिया" नामक एक सम्मेलन आयोजित करने के लिए एक पहल की गई थी. यह 15 देशों के 25 विदेशी विद्वानों द्वारा संबोधित किया गया था और इसमें शिक्षाविदों, राजनयिकों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया गया था.
नई दिल्ली के ह्रदय स्थल में दो एकड़ भूमि पर फैले, सप्रू हाउस में उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के साथ हरे भरे लॉन हैं. वर्तमान इमारत का उद्घाटन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मई 1955 में किया था. इसका नाम परिषद के संस्थापक अध्यक्ष, प्रख्यात भारतीय न्यायविद् और बुद्धिजीवी सर तेज बहादुर सप्रू के नाम पर के नाम पर रखा गया है. कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित भारतीय थिंक टैंक और "इंस्टिट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडीज एंड एनालिसिस" (आईडीएसए), "स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज" (जिसे बाद में प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में विलय कर दिया गया था), "चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया" और "प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया" जैसे संगठन इस इमारत में स्थापित किए गए थे. परिषद में 380 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम है. इसमें एक अलग सम्मेलन कक्ष और एक सम्मेलन हॉल है जहाँ नियमित रूप से पैनल चर्चा और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं. अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां नियमित रूप से सप्रू हाउस में बैठकों को संबोधित करतीं हैं.