म्यांमार के 1 फरवरी, 2021 के सैन्य अधिग्रहण के दूसरे वर्ष में प्रवेश के साथ, उस देश में राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को संबोधित करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की 'पांच सूत्री सहमति' के सीमित परिणामों के चलते, अब क्षेत्रीय समूह अपनी पहल पर निर्णायक कदम उठाने के दबाव में आ गए हैं।
यह इस संदर्भ में था कि मलेशियाई प्रधान मंत्री, अनवर इब्राहिम ने, फरवरी 2023 में पड़ोसी थाईलैंड की अपनी पहली यात्रा के दौरान, अन्यथा रूप से "एकांतप्रिय" और सैन्यीकृत राष्ट्र के संबंध में एक मजबूत आसियान पहल का आह्वान किया। मलेशियाई-थाई चैंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा आयोजित 'फ़्युचर ऑफ़ आसियान' पर मुख्य भाषण देते हुए, अतिथि प्रधान मंत्री ने कहा कि आसियान "म्यांमार को अभी के लिए पृथक कर लेना चाहिए" और आगे कहा कि क्षेत्रीय ब्लॉक में "म्यांमार शासन को एक मजबूत संदेश देने के लिए एक सशक्त सहमति" होनी चाहिए।[i]
थाई पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को दिए एक साक्षात्कार में पीएम अनवर इब्राहिम ने यह कहा कि अतीत में इस क्षेत्र में संघर्षों को संबोधित करने का आसियान तरीका पहले इस क्षेत्र द्वारा सामना की गई "कई चुनौतियों से निपटने में अत्यधिक लाभकारी"[ii] रहा है, लेकिन जब म्यांमार संकट की बात आती है तो "आसियान के तरीके को संशोधित करने की आवश्यकता है क्योंकि रचनात्मक जुड़ाव काम नहीं कर रहा है"।[iii]
पीएम अनवर इब्राहिम ने यह भी कहा कि म्यांमार के भीतर के घटनाक्रम को पूरी तरह से उस देश के आंतरिक मामलों के रूप में नहीं देखा जा सकता है। ऐसा इसलिए है चूंकि म्यांमार के भीतर की घटनाओं का शरणार्थी स्थिति के रूप में, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।[iv] उन्होंने अपने थाई समकक्ष, प्रधान मंत्री प्रयुत चान-ओ-चा से भी म्यांमार के संकट को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया।[v]
आसियान का पिछले वर्ष का प्रयास
प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अपनी थाईलैंड यात्रा के दौरान जो विचार व्यक्त किए, वे पिछली मलेशियाई व्यवस्था द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को प्रतिध्वनित करते हैं, इसका अंदाजा तत्कालीन मलेशियाई विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला की जनवरी 2022 की ट्विटर पोस्ट से लगाया जा सकता है। पूर्व मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, तत्कालीन आसियान अध्यक्ष, कंबोडिया के प्रधान मंत्री हुन सेन की 7-8 जनवरी, 2022 को म्यांमार की राजधानी नाय पी डाव की यात्रा के बारे में, अपनी आपत्ति व्यक्त की थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि आसियान का एक वर्ग स्वाभाविक रूप से संशय के साथ म्यांमार में शासन को उलझाने और उलझाने वाले के रूप में देखा जा रहा था।
हालाँकि, हुन सेन की नाय पी डाव यात्रा का उद्देश्य न केवल जनरलों को आसियान की 'पांच सूत्री सहमति' के प्रति संवेदनशील बनाना था, बल्कि आसियान का प्रतिनिधित्व करने वाले क्षेत्रीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए नाय पी डाव हेतु एक राजनयिक अवसर का विस्तार करना भी था। बार-बार के प्रयासों के बावजूद, जून्टा को 'पांच सूत्री सहमति' पर कोई रियायत देते हुए नहीं देखा गया, जिसके परिणामस्वरूप आसियान ने अपने आंतरिक विचार-विमर्श के लिए जून्टा के साथ अपने औपचारिक जुड़ाव को 'गैर-राजनीतिक प्रतिनिधित्व' तक सीमित कर दिया। 2021 में इस क्षेत्रीय ब्लॉक के अध्यक्ष के रूप में ब्रुनेई के कार्यकाल के अंत में आसियान द्वारा उचित विचार-विमर्श के बाद बातचीत के स्तर को कम करने का आह्वान किया गया।[vi]
क्या आसियान म्यांमार को 'पृथक' कर सकता है?
अनवर इब्राहिम की क्लैरियन कॉल को म्यांमार के पड़ोसियों सहित इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय डायनामिक्स के एक बड़े संदर्भ में देखना होगा। एक तो, एक क्षेत्रीय समूह के रूप में आसियान का सभी मुद्दों पर एक समान दृष्टिकोण नहीं रहता है। असहमति के बिंदु न केवल इस क्षेत्रीय समूह के दस सदस्यों में से प्रत्येक के भौगोलिक स्थान द्वारा, बल्कि घरेलू राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था की प्रकृति से भी सीमित और निर्धारित हैं। म्यांमार के मामले में, आसियान आंतरिक रूप से विभाजित प्रतीत होता है।
उदाहरण के लिए, थाईलैंड ने म्यांमार के साथ अपने संबंध बनाए रखे हैं। हाल ही में जनवरी 2023 तक, म्यांमार और थाई सशस्त्र बलों के बीच 8वीं उच्च-स्तरीय समिति की बैठक रखाइन राज्य में आयोजित की गई थी।[vii] द्विपक्षीय जुड़ाव के अलावा स्थान को नोट करना दिलचस्प है। रखाइन राज्य म्यांमार का ही प्रांत था, जिसने अगस्त 2017 में रोहिंग्याओं पर लक्षित हमले देखे थे, जिसके परिणामस्वरूप इस समुदाय का बड़े पैमाने पर पड़ोसी बांग्लादेश में पलायन हुआ था। इसके अलावा, थाईलैंड ने म्यांमार में जुलाई 2022 में आयोजित 7वीं मेकांग-लंकांग सहयोग (एमएलसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भाग लिया है। जिसमें कंबोडिया, चीन, लाओस और वियतनाम जैसे सदस्यों ने भी भाग लिया।[viii] दूसरी ओर, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर जैसे देश जो म्यांमार के साथ सीमा साझा नहीं करते हैं, जून्टा के साथ उनके जुड़ाव के संबंध में सख्त रुख की वकालत करते रहे हैं।
इस प्रकार, इस आलोक में, आसियान के म्यांमार पर वास्तव में कठोर रुख अपनाने की संभावनाएँ दूर की कौड़ी हैं, क्योंकि कुछ ऐसे देश हैं जो नहीं चाहेंगे कि म्यांमार अलग-थलग हो और एक निश्चित हद से आगे जा कर उसकी आलोचना की जाए। थाईलैंड और लाओस जैसे राष्ट्र, जो म्यांमार के साथ एक संवेदनशील और छिद्रित सीमा साझा करते हैं, नाय पी डाव में जनरलों से अलग होने की विलासिता का उपभोग नहीं कर सकते हैं। और अंत में, म्यांमार की स्थिति के कारण, ये राष्ट्र म्यांमार के उत्तरी और पश्चिमी पड़ोसियों द्वारा अपनाई जा रही स्थिति को भी देख रहे होंगे और अपने कुछ आसियान सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के वर्गों के अनुसार म्यांमार के प्रति सही दृष्टिकोण को मानने तक सीमित नहीं होंगे।
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*डॉ. श्रीपति नारायणन, शोध अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण : व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i] “Anwar says Asean should ‘carve’ Myanmar out for now”, Eleven Myanmar, February 11, 2023, accessed on https://elevenmyanmar.com/news/anwar-says-asean-should-carve-myanmar-out-for-now, accessed on February 20, 2023.
[ii] “Malaysian PM Anwar calls on Asean to explore new approaches in dealing with Myanmar crisis”, The Star, February 12, 2023, https://www.thestar.com.my/aseanplus/aseanplus-news/2023/02/12/malaysian-pm-anwar-calls-on-asean-to-explore-new-approaches-in-dealing-with-myanmar-crisis, accessed on February 20, 2023.
[iii] “Malaysian PM Anwar calls on Asean to explore new approaches in dealing with Myanmar crisis”, The Star, February 12, 2023, https://www.thestar.com.my/aseanplus/aseanplus-news/2023/02/12/malaysian-pm-anwar-calls-on-asean-to-explore-new-approaches-in-dealing-with-myanmar-crisis, accessed on February 20, 2023.
[iv] “Malaysian PM Anwar calls on Asean to explore new approaches in dealing with Myanmar crisis”, The Star, February 12, 2023, https://www.thestar.com.my/aseanplus/aseanplus-news/2023/02/12/malaysian-pm-anwar-calls-on-asean-to-explore-new-approaches-in-dealing-with-myanmar-crisis, accessed on February 20, 2023.
[v] Tan Hui Yee, “Anwar says ASEAN should ‘carve’ Myanmar out for now”, The Straits Times, February 11, 2023, https://www.straitstimes.com/asia/se-asia/anwar-says-asean-should-carve-myanmar-out-for-now, accessed on February 13, 2023.
[vi] “South-east Asian states to invite non-political figure in Myanmar to summit”, The Guardian October 16, 2021, https://www.theguardian.com/world/2021/oct/16/south-east-asian-countries-to-invite-non-political-figure-from-myanmar-to-summit, accessed on March 8, 2023
[vii] “Chief of Defence Forces of the Royal Thai Armed Forces and party arrive in Myanmar to attend 8th High-Level Committee Meeting”, The Global New Light of Myanmar, January 20, 2023, https://www.gnlm.com.mm/chief-of-defence-forces-of-the-royal-thai-armed-forces-and-party-arrive-in-myanmar-to-attend-8th-high-level-committee-meeting/, accessed on February 23, 2023.
[viii]https://www.mfa.go.th/en/content/mlc-34july22-2?page=5d5bd3cb15e39c306002a9ac&menu=5d5bd3cb15e39c306002a9ad