यूरोपीय राजनीतिक समुदाय (ईपीसी) का पहला शिखर सम्मेलन 6 अक्टूबर, 2022 को प्राग में आयोजित किया गया। पहली बार फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रस्तावित एक विचार पर यूरोपीय राजनीतिक समुदाय का गठन जून 2022 में यूक्रेन-रूस संघर्ष की पृष्ठभूमि में किया गया था।[i] इस शिखर सम्मेलन में पूरे यूरोपीय महाद्वीप के 44 देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 सदस्य और बाल्कन तथा यूरोपीय संघ से जुड़ने के इच्छुक पूर्वी यूरोपीय देशों सहित 17 अन्य राष्ट्र शामिल थे।[ii] हालांकि, राष्ट्रपति मैक्रों ने जोर देकर कहा है कि ईपीसी यूरोपीय संघ में शामिल होने का रास्ता नहीं है।[iii]
यूरोपीय राजनीतिक समुदाय का महत्व
ईपीसी का गठन तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच यूरोप के भविष्य को लेकर राजनीतिक तथा रणनीतिक चर्चा को बढ़ावा देने हेतु किया गया है।[iv] ईपीसी का उद्देश्य पूरे यूरोप में एक विविधतापूर्ण लेकिन समावेशी मंच प्रदान करना है। ईपीसी का पहला शिखर सम्मेलन यूरोप की स्थिरता और सुरक्षा पर असर डालने वाले मुद्दों का हल निकालने हेतु आयोजित किया गया था। शिखर सम्मेलन के एजेंडे में दो प्रमुख मुद्दे थे - (क) शांति व सुरक्षा तथा (ख) ऊर्जा संकट।[v] देशों के इस नए समूह ने साझा मूल्यों और हितों का ध्यान करने पर जोर दिया।
यूक्रेन में जारी संघर्ष का असर केवल यूरोपीय संघ पर ही नहीं, बल्कि सभी यूरोपीय देशों पर पड़ा है। यूरोपीय संघ से बाहरी देशों और यूरोपीय संघ में शामिल होने के इच्छुक देशों को ईपीसी में लाने का उद्देश्य एक ऐसा रास्ता तलाशना है जिससे यूरोपीय संघ की चिंताएं दूर की जा सके। इसके साथ, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के अनुसार, ईपीसी "अधिक संवाद, बातो को सुनने और आपसी समझ" का एक मंच है।
प्राग शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें
पहला, जारी यूक्रेन-रूस संघर्ष ईपीसी शिखर सम्मेलन में चर्चा का प्रमुख विषय था। सभी देशों ने यूक्रेन को अपने समर्थन बढ़ाने और मास्को से दूरी बनाने की प्रतिबद्धता जताई।[vi] यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, जो शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे, ने देशों से ईपीसी को "शांति के यूरोपीय समुदाय" में बदलने का आग्रह किया, जहां सामूहिक प्रयासों से शांति कायम हो।[vii] शिखर सम्मेलन से सदस्य देशों के बीच संवाद और चर्चा का अवसर मिला। हालांकि, शिखर सम्मेलन के दौरान कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। "चर्चा का समूह" या "कार्रवाई का समुदाय" के बीच ईपीसी की निर्णयन क्षमता अनिश्चित बनी हुई है।[viii]
दूसरा, शिखर सम्मेलन में कुछ राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रतिद्वंद्वी देश भी शामिल हुए। उदाहरण के लिए, अजरबैजान और आर्मेनिया को शिखर सम्मेलन में इमैनुएल मैक्रों तथा चार्ल्स मिशेल द्वारा बैठक में हिस्सा लेने हेतु आमंत्रित किया गया था। नागोर्नो-काराबाख़ के विवादित क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच जातीय और क्षेत्रीय संघर्ष हैं। एजियन सागर को लेकर लंबे समय से ग्रीस और तुर्की के बीच विवाद के बावजूद उन्हें पहले शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। इस वजह से ईपीसी की एकता बनाए रखने को लेकर संशय बना हुआ है। इस तरह की विविधता के साथ. ईपीसी का कामकाज सुचारू तरीके से चलते रहना, एक चुनौती बना रहेगा। हालाँकि, फ्रांसीसी अधिकारियों ने विविध होते हुए भी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में सफल जी20 जैसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय समूहों का हवाला देते हुए इन दावों से नकार किया है।
तीसरा, ईपीसी शिखर सम्मेलन में कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सामूहिक कार्रवाई करने को प्राथमिकता दी गई; ऊर्जा उनमें से एक है। नॉर्ड स्ट्रीम 1 व 2 गैस पाइपलाइनों को नुकसान के बाद से यूरोप अभी यूक्रेनी संघर्ष से उत्पन्न ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। ईपीसी के दौरान चर्चा का विषय मुख्यतः गैस आयात तथा लेनदेन[ix] पर मूल्य सीमा तय करना, संयुक्त राज्य अमेरिका और नॉर्वे जैसे आपूर्तिकर्ताओं से कीमतों पर बातचीत करना और पूरे यूरोप में वैकल्पिक गैस पाइपलाइन्स की तलाश करना रहा।[x] हालाँकि, ऊर्जा के विषय पर हुई चर्चा में मतभेद देखा गया। गैस की कीमतों को निर्धारित करने हेतु आर्थिक स्थिरीकरण कोष[xi] के ज़रिए 200 बिलियन यूरो ऋण लेने के जर्मनी के फैसले की यूरोपीय संघ के अन्य देशों ने आलोचना की है, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने से अमीर और अन्य यूरोपीय देशों के बीच दरार पैदा हो सकती है।[xii] बहुपक्षीय मंचों (जैसे यूरोपीय संघ) पर लिए गए एकतरफा निर्णयों से हमेशा समूह के कामकाज और एकता पर असर हुआ है।
चौथा, ईपीसी के पहले शिखर सम्मेलन से दुनिया के सामने 'एकजुट यूरोप' की तस्वीर पेश की गई है। यूक्रेनी संघर्ष में दो सहयोगी साझेदार, बेलारूस एवं रूस को बुलाया ही नहीं गया, बल्कि मंच की सर्वसम्मति से उन्हें अलग-थलग रखा गया। इसके अलावा, यूरोपीय संघ का पहले सदस्य रहे यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बोर्ड में होने से संकट के बीच यूरोप को एकजुट रखने के इरादे का संकेत मिलता है। इसके अलावा, शिखर सम्मेलन से ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस और मैक्रों को अपने दो देशों के संबंध सुधारने का अवसर भी मिला, जिसमें लिज़ ने कहा कि ब्रिटेन फ्रांस को अपना दोस्त मानता है, दुश्मन नहीं।[xiii] ऐसा ब्रिटेन और फ्रांस के बीच आप्रवास, उत्तरी आयरलैंड से संबंधित ब्रेक्सिट मुद्दों आदि जैसे कई मुद्दों पर बढ़ते तनाव के दौरान कहा गया है। कुल मिलाकर, ईपीसी अपने पहले संयुक्त कदम को मजबूती से आगे बढ़ाने में सफल रहा है।
ईपीसी का भविष्य: चिंताएं और आलोचनाएं
ईपीसी शिखर सम्मेलन के पहले दिन के पश्चात 7 अक्टूबर को प्राग में यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों की एक अनौपचारिक बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा यूक्रेन-रूस संघर्ष और यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर चर्चा करना था।[xiv] 7 अक्टूबर को अपने भाषण में, चार्ल्स मिशेल ने ईपीसी को सदस्य देशों के लिए "सबसे कुशल तरीके से कार्य करने" का मंच बताते हुए, इसके महत्व को दोहराया। इसके विपरीत, कुछ ऐसे सवाल सामने आए हैं कि क्या ईपीसी को हमेशा रीढ़ की हड्डी के रुप में ईयू की आवश्यकता होगी। निस्संदेह, यूरोपीय संघ को ईपीसी से शुरुआती चरण में महत्वपूर्ण हैंड-होल्डिंग मिलने की संभावना है, लेकिन लंबे समय में ईपीसी का कामकाज कैसा रहेगा, इसकी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी, यह देखते हुए कि यह अभी भी शुरुआती चरण में है।
यूरोपीय राजनीतिक समुदाय खुद को ऐसा मंच बताया है जो पूरे यूरोप की जरूरतों और चिंताओं से संबंधित है। हालांकि, यूरोपीय राजनीतिक समुदाय का सबसे मुख्य उद्देश्य दक्षिण पूर्वी, पूर्वी एवं मध्य यूरोपीय क्षेत्रों में चीन और रूस के प्रभाव का मुकाबला करना प्रतीत होता है। यूरोपीय संघ को डर है कि इस क्षेत्र के देश चीन-रूस के नेतृत्व वाले समूह में जा सकते हैं, जिससे यूरोपीय संघ को संभावित नुकसान हो सकता है। यूक्रेन में संघर्ष के बीच इस तरह की आशंकाएं और भी स्पष्ट हो गई हैं। ऐसे में, यूरोपीय राजनीतिक समुदाय के कार्यों, नीतिगत ढांचे और निर्णयों का इस क्षेत्र की भू-राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
प्राग शिखर सम्मेलन के दौरान दिखाई गई एकता, क्षमता तथा एकजुटता के बीच ईपीसी को लेकर कई ऐसी बातें भी हैं जो अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। उदाहरण के लिए, ईपीसी की कार्यप्रणाली और संरचना चिंता का विषय है। ईपीसी की सदस्यता, प्रासंगिकता, निर्णय क्षमता और बजटिंग[xv] अभी तक सामने नहीं आई है। यूरोपीय संघ के विस्तार के दबाव से ब्रसेल्स को राहत देने हेतु ईपीसी का गठन करने का डर अभी भी मौजूद है। एजेंडा स्पष्ट न होने और दीर्घकालिक लक्ष्यों की कमी से ईपीसी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठे हैं। क्या ईपीसी यूरोपीय संघ में शामिल किए बिना गैर-यूरोपीय संघ के देशों को साधने का एक तरीका है? क्या ईपीसी देशों का अल्पकालिक समूह है जो संघर्ष और संकट के खत्म होते ही बंद हो सकता है? क्या ईपीसी शिखर सम्मेलन यूरोपीय संघ और गैर-यूरोपीय संघ के देशों के बीच वैकल्पिक साधन हैं? यूरोप के सामने आने वाली वास्तविक चुनौतियों से निपटने और उनका समाधान करने में ईपीसी कितना प्रासंगिक है? ईपीसी को लेकर बढ़ते संदेह के मद्देनजर ऐसे कई सवालों के जवाब की जरूरत है। हालांकि, लक्ष्यों, उद्देश्यों एवं एजेंडे को स्पष्ट करना ईपीसी की प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
ऐसा पहला शिखर सम्मेलन होने के नाते, ईपीसी में सभी 44 सदस्य देशों को समान स्तर पर शामिल किया गया था। इससे एक अनौपचारिक मंच पर संवाद करने का अवसर मिला, जो यूरोपीय संघ जैसे कड़े प्रक्रियात्मक नियमों एवं विनियमों से बाध्य नहीं है। हालाँकि, वैश्विक भू-राजनीति पर इसकी प्रभावकारिता, कार्यप्रणाली एवं दीर्घकालिक प्रभाव कैसा होगा, यह देखा जाना बाकी है। इस बीच, ईपीसी की द्विवार्षिक बैठकें होनी है, जिसमें अगला शिखर सम्मेलन मोल्दोवा 2023 में आयोजित किया जाएगा।
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*डॉ. मोनिका गुप्ता विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोध अध्येता हैं।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[i] European Council, International Summit, “Meeting of the European Political Community, 6 October 2022”, https://www.consilium.europa.eu/en/meetings/international-summit/2022/10/06/, accessed 7th October 2022.
[ii] European Council, International Summit, “Meeting of the European Political Community, 6 October 2022”, https://www.consilium.europa.eu/en/meetings/international-summit/2022/10/06/, accessed 7th October 2022.
[iii] European Council, International Summit, “Meeting of the European Political Community, 6 October 2022”, https://www.consilium.europa.eu/en/meetings/international-summit/2022/10/06/, accessed 7th October 2022.
[iv] Euro News, “European Political Community: What we know and don’t know about the new club of nations”, https://www.euronews.com/my-europe/2022/10/05/what-we-know-and-dont-know-about-the-european-political-community, accessed 8th October 2022.
[v] Euro News, “European Political Community: What we know and don’t know about the new club of nations”, https://www.euronews.com/my-europe/2022/10/05/what-we-know-and-dont-know-about-the-european-political-community, accessed 8th October 2022.
[vi] Reuters (7 October 2022), “Europe’s new 44-nation club underlines Russia’s isolation”, https://www.reuters.com/world/europe/big-question-new-european-clubs-first-summit-what-is-it-2022-10-06/, accessed 7th October 2022.
[vii] Reuters (7 October 2022), “Europe’s new 44-nation club underlines Russia’s isolation”, https://www.reuters.com/world/europe/big-question-new-european-clubs-first-summit-what-is-it-2022-10-06/, accessed 7th October 2022.
[viii] Reuters (7 October 2022), “Europe’s new 44-nation club underlines Russia’s isolation”, https://www.reuters.com/world/europe/big-question-new-european-clubs-first-summit-what-is-it-2022-10-06/, accessed 7th October 2022.
[ix] Reuters (5 October 2022), “EU assessing various types of gas price cap, energy chief says”, https://www.reuters.com/business/energy/eu-considering-flexibile-gas-price-cap-energy-chief-says-2022-10-04/, accessed 7th October 2022
[x] Tim Stickings (2022), “EU leaves door open to gas price cap after talks on energy crisis”, The National News, 7 October 2022, https://www.thenationalnews.com/world/europe/2022/10/07/europes-leaders-to-thrash-out-route-out-of-energy-crisis-at-eu-summit/, accessed 7th October 2022
[xi] Tim Stickings (2022), “EU leaves door open to gas price cap after talks on energy crisis”, The National News, 7 October 2022, https://www.thenationalnews.com/world/europe/2022/10/07/europes-leaders-to-thrash-out-route-out-of-energy-crisis-at-eu-summit/, accessed 7th October 2022.
[xii] Tim Stickings (2022), “EU leaves door open to gas price cap after talks on energy crisis”, The National News, 7 October 2022, https://www.thenationalnews.com/world/europe/2022/10/07/europes-leaders-to-thrash-out-route-out-of-energy-crisis-at-eu-summit/, accessed 7th October 2022.
[xiii] EuroNews (6 October 2022), “Macron and Truss kiss and make up in Prague after ‘friend or foe’ row”, https://www.euronews.com/2022/10/06/macron-is-a-friend-of-britain-says-truss-in-bid-to-turn-page-on-jurys-out-remark, accessed 9th October 2022.
[xiv] European Council, “Informal meeting of the Heads of State or Government, Prague, 7 October 2022”, https://www.consilium.europa.eu/en/meetings/european-council/2022/10/07/, accessed 8th October 2022.
[xv] Reuters (6 October 2022), “Factbox: Who is at the EPC Summit in Prague, and what are they discussing”, https://www.reuters.com/world/who-is-epc-summit-prague-what-are-they-discussing-2022-10-06/, accessed 9th October 2022.