21 सितंबर, 2021 को वर्चुअल प्रारूप में 76वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र को संबोधित करते हुए, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) को वैश्विक सार्वजनिक भलाई के रूप में प्रस्तावित किया। चीन की जीडीआई की घोषणा को अब एक वर्ष हो गया है। हालाँकि, साक्ष्य बताते हैं कि पहल बहुत आगे नहीं बढ़ी है क्योंकि चीनी सरकार अब भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर दुविधा में है। इसलिए, इस पहल को 'राजनीतिक बयानबाज़ी में अधिक और वास्तविकता में कम' के रूप में भी वर्णित किया गया है।[i] पेपर का उद्देश्य जीडीआई के उद्देश्यों के साथ-साथ इस विषय पर उभरती बहसों का विश्लेषण करना है। ऐसा करते हुए, यह पहले प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का वर्णन करता है और फिर पहल के कार्यान्वयन के लिए प्रस्तावित उपायों को बताता है।
I
जीडीआई: प्राथमिकता वाले क्षेत्र और कार्यान्वयन के लिए प्रस्तावित उपाय
जीडीआई का घोषित उद्देश्य दुनिया भर में विकास की ओर ध्यान आकर्षित करना, वैश्विक विकास साझेदारी को मजबूत करना, अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग को बढ़ावा देना, और 2030 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी’ज़) की प्राप्ति को एक नई गति प्रदान करना है। पहल की घोषणा करते हुए, राष्ट्रपति शी ने सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले आठ क्षेत्रों के बारे में बात की: (i) गरीबी उन्मूलन, (ii) खाद्य सुरक्षा, (iii) कोविड-19 और टीके, (iv) विकास के लिए वित्तपोषण, (v) जलवायु परिवर्तन और हरित विकास, (vi) औद्योगीकरण, (vii) डिजिटल अर्थव्यवस्था, और (viii) कनेक्टिविटी। इसके अलावा, उन्होंने एसडीजी’ज़ के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आह्वान किया, ताकि 'साझा भविष्य के साथ विकास के वैश्विक समुदाय का निर्माण' किया जा सके।[ii]
चीनी नेतृत्व ने पहल के रोडमैप के बारे में कुछ विवरण जारी किए हैं। जैसा कि मई 2022 में स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी द्वारा चिन्हांकित किया गया था, कि जीडीआई को लागू करने के लिए चीन निम्नलिखित उपाय करेगा।
जून 2022 में सेंटर फ़ॉर इंटरनेशनल नॉलेज ऑन डेवलपमेंट (सीआईकेडी), बीजिंग द्वारा जारी वैश्विक विकास रिपोर्ट जीडीआई के महत्व पर प्रकाश डालती है क्योंकि इसका उद्देश्य 'विकास के वैश्विक समुदाय' का निर्माण करना, अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और विकास ज्ञान साझा करना है। इसके अलावा, रिपोर्ट बताती है कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर चीन द्वारा स्थापित 'ग्रुप ऑफ़ फ्रेंड्स ऑफ़ जीडीआई' में 50 से अधिक देश शामिल हो गए हैं और 100 से अधिक देशों ने जीडीआई के लिए अपना समर्थन 'व्यक्त' किया है।[iv] यह देखा गया है कि जो देश 'ग्रुप ऑफ़ फ्रेंड्स ऑफ़ जीडीआई' में शामिल हुए हैं, वे मुख्य रूप से ग्लोबल साउथ से हैं।
जीडीआई को इसके उचित संदर्भ में समझने की ज़रूरत है। पहल की समझ चीनी घरेलू संदर्भ से शुरू होनी चाहिए।
सबसे पहले, चीन में दोहरे अंकों की वृद्धि का युग समाप्त हो गया है। विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि चीन एक 'न्यू नॉर्मल' में प्रवेश कर गया है। इसे एक प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है, जबकि अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक समस्याओं के परिणामस्वरूप, उच्च विकास दर मध्यम दर में बदल जाती है। हाल ही में, कुछ चीनी विशेषज्ञों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि कोविड-19 महामारी के अलावा, देश को कई जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, कच्चे माल की बढ़ती लागत और कमज़ोर उपभोक्ता मांग भी शामिल है।[v] विश्व बैंक के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था 2022 में धीमी होने का अनुमान है, वास्तविक जीडीपी विकास दर 2022 में 4.3 प्रतिशत तक धीमी हो सकती है।[vi] ऐसा लगता है कि जीडीआई के माध्यम से चीन अपनी अर्थव्यवस्था के लिए एक नया बाज़ार बनाना चाहता है और उससे आर्थिक लाभ हासिल करना चाहता है। यह साझेदार/विकासशील देशों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहता है, जैसे औद्योगीकरण, डिजिटल अर्थव्यवस्था और गरीबी उन्मूलन।
दूसरा, जीडीआई को विकासशील देशों के सामने 'विकास के चीनी मॉडल' को चिन्हांकित करने और निर्यात करने के साधन के रूप में समझा जा सकता है। नवंबर 2017 में 19वीं पार्टी कांग्रेस ने स्वीकार किया "यह (चीन) उन अन्य देशों और राष्ट्रों के लिए एक नया विकल्प प्रदान करता है जो अपने विकास को गति देना चाहते हैं ... यह मानव जाति के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए चीनी ज्ञान और एक चीनी दृष्टिकोण प्रदान करता है।" इसकी व्याख्या चीन द्वारा दुनिया के समक्ष 'चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद' के एक नए मॉडल की पेशकश के रूप में की गई थी।
ऐसा लगता है कि चीन जीडीआई जैसी पहल के जरिए अपने मॉडल को पेश करना और लागू करना चाहता है। यह नोट किया जाए कि विभिन्न स्थानीय परिस्थितियों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों सहित विभिन्न कारकों के कारण, एक देश का अनुभव दूसरे देश में पूरी तरह से लागू नहीं हो सकता है। इसके अलावा, चीनी अनुभव सकारात्मक और साथ ही नकारात्मक शिक्षा प्रदान करता है, उत्तरवर्ती को आसानी से नहीं जाना जाता है क्योंकि चीन में मीडिया नियंत्रित है। इसलिए, इच्छुक देशों को चीन से सकारात्मक और नकारात्मक शिक्षा का ध्यानपूर्वक आकलन करना चाहिए और इसकी स्वीकार्यता का परीक्षण करने के लिए आवश्यक क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं को लागू किया जा सकता है।
तीसरा, हाल के वर्षों में, राष्ट्रपति शी ने 'चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद' पर आधारित 'रणनीतिक विश्वास' को बढ़ाने की बात की है। यह बताता है कि "बढ़ती अनिश्चितताओं और रणनीतिक दबाव के बावजूद, चीन अपने समग्र विकास की दीर्घकालिक तस्वीर के बारे में आश्वस्त है।"[vii] यह 19वीं पार्टी कांग्रेस (2017) से निकलने वाले संदेश के अनुरूप है कि चीन विश्व मंच पर पहुंच गया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (नवंबर 2021) की 19वीं केंद्रीय समिति के छठे पूर्ण सत्र में उल्लेख किया गया कि "चीनी राष्ट्र ने, मजबूत बनने के लिए खड़े होने से लेकर और समृद्ध होने तक जबरदस्त रूपांतरण किया है"। यह अच्छी तरह से दस्तावेज़ किया गया है कि देंग शियाओपिंग के '24 कैरेक्टर गाइडलाइन्स' को, अंतरराष्ट्रीय मामलों में ‘लो प्रोफ़ाइल’ रखने के लिए, राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा दरकिनार कर दिया गया। चीन का लक्ष्य एशिया और दुनिया में एक प्रमुख शक्ति बनना है। जीडीआई के राष्ट्रपति शी के प्रस्ताव को इस पृष्ठभूमि में समझने की ज़रूरत है। चीन धीरे-धीरे अपने एजेंडे का विस्तार कर रहा है, जिसका उद्देश्य प्रभाव डालना और खुद को एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना है। चीनी अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा है कि जीडीआई मानव जाति के लिए सामान्य नियति वाले समुदाय (सीसीडी) के निर्माण के लिए चीन की खोज से संबद्ध है।
II
सामान्य नियति वाला समुदाय: जीडीआई और जीएसआई
सीसीडी शब्द का प्रयोग सबसे पहले राष्ट्रपति हू जिंताओ ने चीन में किया था। इस शब्द का संदर्भ 2012 में 17वीं पार्टी कांग्रेस की रिपोर्टों में उपलब्ध है। राष्ट्रपति शी ने सीसीडी के अपने विचार को विस्तार दिया और कहा "हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि सभी देश एक-दूसरे का सम्मान करें और एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करें"।[viii] हालांकि, व्यवहार में चीन ने इस सिद्धांत का पालन नहीं किया है। जनवरी 2017 में, चीन ने "एशिया-पेसिफ़िक सुरक्षा सहयोग पर चीन की नीतियां" शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया। श्वेत पत्र ने छोटे और मध्यम आकार के देशों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी: "छोटे और मध्यम आकार के देशों को बड़े देशों के बीच पक्ष लेने की आवश्यकता नहीं है और न ही उन्हें ऐसा करना चाहिए"।[ix] यह स्पष्ट है कि चीन-केंद्रित विश्व व्यवस्था का निर्माण चीन करना चाहता है, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पदानुक्रमित संबंधों का पक्षधर है और इस तरह की नीति ने उसके पड़ोसियों सहित कई देशों को अलग-थलग कर दिया है। इसके अलावा, चीन की सीसीडी का विज़न अत्यधिक समस्याग्रस्त हो सकता है क्योंकि यह मानता है कि सभी देश वही चाहते हैं जो चीन चाहता है। इसे व्यावहारिक दृष्टिकोण नहीं माना जा सकता।
जीडीआई एक अन्य चीनी प्रस्ताव का अनुसरण करता है, ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) की घोषणा अप्रैल 2022 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा एशिया के लिए बोआओ फोरम में की गई थी। इस पहल ने 'सामान्य, व्यापक, सहकारी और सतत सुरक्षा' की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और 'अविभाज्य सुरक्षा' के सिद्धांत की आवश्यकता का समर्थन किया। विशेषज्ञों ने जीएसआई को उभरती भू-राजनीतिक स्थिति में इंडो-पैसिफ़िक और एशियाई सुरक्षा के अन्य प्रस्तावों के प्रतिवाद के रूप में भी चिन्हांकित किया है। इसके अलावा, चीनी पहल का उद्देश्य वैकल्पिक सुरक्षा ढांचा तैयार करना भी प्रतीत होता है। जीडीआई, जीएसआई को प्रतिध्वनित और पुष्ट करता है।[x]
रेनमिन यूनिवर्सिटी, बीजिंग के जाने-माने विशेषज्ञ प्रो. वांग यीवेई ने राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तावित जीडीआई और जीएसआई को सीसीडी के दो विंग्स के रूप में चिन्हांकित किया है।[xi] जीएसआई का जिक्र करते हुए चीनी नेतृत्व ने सुरक्षा को विकास की पूर्व शर्त के रूप में बताया है। हालाँकि, "जीडीआई और चीन की नई वैश्विक सुरक्षा पहल के बीच एक कड़ी, बीजिंग के सुरक्षा हितों के साथ विकास के प्रयासों को जोड़ने से संबंधित है"।[xii] नेतृत्व ने स्वीकार किया है कि बाहरी वातावरण 'उत्तरोत्तर जटिल और गंभीर' हो गया है। विशेषज्ञों ने नोट किया है कि "चीन अब प्रौद्योगिकी और बाज़ारों के संरोधन और इनकार से डरता है, विकसित हो रहे इंडो-पैसिफ़िक निर्माण, क्वाड और अब इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क पर उसकी प्रतिक्रिया, घबराहट का एक तत्व दर्शाती है"।[xiii]
III
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) और जीडीआई
चीनी विशेषज्ञों ने जीडीआई को एक 'प्रमुख सार्वजनिक भलाई' के रूप में पेश किया है जो चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दे रहा है।[xiv] विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि जीडीआई एक और वैश्विक सार्वजनिक भलाई है जिसे राष्ट्रपति शी द्वारा बीआरआई के बाद आगे रखा गया है।[xv] कुछ विशेषज्ञों ने जीडीआई को 'बीआरआई का विस्तार' के रूप में भी बताया है, जबकि अन्य ने इसे 'बीआरआई के लिए बूस्टर खुराक़' के रूप में माना है, जो दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों/देशों में चुनौतियों और प्रतिक्रियाओं का सामना कर रही है।
यह धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि एक 'वैश्विक सार्वजनिक भलाई' होने के बजाय, बीआरआई ने चीन के आर्थिक और रणनीतिक हितों की पूर्ति की है और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में कई विवादों को आमंत्रित किया है। बीआरआई के वर्तमान चरण की भी विशेषता प्राप्तकर्ता देशों द्वारा पुन: बातचीत करने, आकार घटाने और यहां तक कि परियोजना को रद्द करने की रही है।
कई बीआरआई प्राप्तकर्ता देशों में ऋण पाश का मुद्दा एक प्रमुख चिंता के रूप में उभरा है। इसका मुख्य कारण यह है कि चीन द्वारा प्राप्तकर्ता देशों पर निरंतर ऋण के बोझ से बचने के लिए, उत्तरदायी ऋण वित्तपोषण प्रथाओं का पालन नहीं किया गया है। हाल के एक अध्ययन में 53 नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की पहचान की गई है जो क़र्ज की समस्या का सामना कर रही हैं और यह बताता है कि ""दुनिया के सबसे अधिक कर्ज में डूबे देशों में से एक तिहाई से अधिक की संख्या उनकी भी है जो चीनी ऋणदाताओं के ऋणी हैं”[xvi] इसलिए, एक और चीनी पहल, जैसे कि जीडीआई को बीआरआई के रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। चीनी पहल को वास्तविक बहुपक्षवाद के सिद्धांतों का पालन करने तथा पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय जिम्मेदारी के संबंध में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों व नीतियों का पालन करने की आवश्यकता है।
IV
संसाधनों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे
सितंबर 2021 में यूएनजीए में जीडीआई की घोषणा करते हुए, राष्ट्रपति शी ने 'सच्चे बहुपक्षवाद' का पालन करने के बारे में बात की और सूचित किया कि कोविड-19 की प्रतिक्रिया में विकासशील देशों का समर्थन करने तथा आर्थिक और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए चीन ने अगले तीन वर्षों में 3 अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय सहायता देने का वादा किया है।
जून 2022 में 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति शी ने वैश्विक विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग कोष के लिए चीन द्वारा पहले से ही वादा किए हुए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की घोषणा की। उन्होंने दक्षिण-दक्षिण सहयोग सहायता कोष को वैश्विक विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग कोष में 'उन्नत' करने की भी मांग की। ऐसा लगता है कि जबसे कोष का नाम बदल दिया गया है, फंडिंग में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है।
जीडीआई के वित्तपोषण के बारे में जानकारी का अभाव है, यह स्पष्ट नहीं है कि चीन जीडीआई परियोजनाओं के वित्तपोषण में कैसे मदद करेगा और वह कितना खर्च करने को तैयार है। जीडीआई के अंतर्गत चीनी निवेश के लिए मानदंड और शर्तें क्या होंगी? क्या चीनी पक्ष पारदर्शिता के साथ व्यवहार्य ब्याज दरों पर परियोजना ऋण प्रदान करने में सक्षम होगा? ये महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर चीनी पक्ष की ओर से जानकारी की आवश्यकता है।
कुल मिलाकर, यद्यपि सितंबर 2022 में जीडीआई की घोषणा को एक वर्ष पूरा हो रहा है, इसके वित्तपोषण और कार्यान्वयन के बारे में अभी भी अस्पष्टताएं हैं। जीडीआई के साथ-साथ जीएसआई का उद्देश्य चीन के विकास और सुरक्षा हितों की पूर्ति करना है और इसे चीन द्वारा सामान्य नियति वाले समुदाय (चीन-केंद्रित दृष्टिकोण) के निर्माण के साधन के रूप में समझा जा सकता है। इन पहलों के माध्यम से चीन समसामयिक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों में सामने आ रही चुनौतियों का सामना करना और उन पर काबू पाना चाहता है। कहने की आवश्यकता नहीं, चीन के आक्रामक विदेश नीति व्यवहार ने भी वर्तमान क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों को बनने में योगदान दिया है। इसके अलावा, चीन को बीआरआई परियोजनाओं के कार्यान्वयन से जीडीआई के लिए सही शिक्षा सीखने की आवश्यकता है। एकतरफा पहलों से ऊपर आम सहमति पर आधारित बहुपक्षीय पहलों के महत्व को चिन्हांकित करना उपयुक्त है, क्योंकि उनसे भागीदार देशों को परामर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत नीतियां बनायी जा सकती हैं और उन्हें आकार दिया जा सकता है।
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*डॉ. संजीव कुमार, सीनियर रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
नोट्स
[i]“China Global Podcast: China's Global Development Initiative”, July 12, 2022, available at https://www.gmfus.org/news/chinas-global-development-initiative, accessed 8.9.2022
[ii] State Council, PRC “Bolstering Confidence and Jointly Overcoming Difficulties to Build a Better World” Statement by President Xi Jinping at the General Debate of the 76th Session of the UNGA on 21 September 2021, available at http://english.www.gov.cn/news/topnews/202109/22/content_WS614a9d11c6d0df57f98e0a81.html accessed on 12.09.2022
[iii]Foreign Ministry, PRC, “Address by State Councilor and Foreign Minister Wang Yi
At the High-Level Virtual Meeting of the Group of Friends of The Global Development Initiative” available at https://www.fmprc.gov.cn/eng/zxxx_662805/202205/t20220509_10683625.html
accessed on 5.9.2022
[iv] CIKD, Global Development Report, available at http://archive.cikd.org/fileCache/pdf/G/Global%20Development%20Report.pdf, accessed on 5.9.2022
[v]Yang Shanshan “Three takeaways from China's key conference for 2022 economic plan” Beijing, available at https://news.cgtn.com/news/2021-12-13/Three-takeaways-from-China-s-key-conference-for-2022-economic-plan-15X8XawYixq/index.html#:~:text=He%20said%20China%20could%20initiate,country's%20energy%20sector%20in%202050.accessed on 5.9.2022
[vi] World Bank, “China Economic Update - June 2022”, available at https://www.worldbank.org/en/country/china/publication/china-economic-update-june-2022, accessed on 5.9.2022
[vii] China Daily “Xi’s Thought on Diplomacy hailed”, available at at http://www.chinadaily.com.cn/a/201806/25/WS5b2ffd47a3103349141de728.html accessed on 12.09.2022
[viii] Xinhua “Full text of Chinese President's speech at Boao Forum for Asia” 28.3.2015, available at http://www.xinhuanet.com//english/2015-03/29/c_134106145.htm accessed on 12.09.2022.
[ix]White Paper, “China’s Policies on Asia-Pacific Security Cooperation”, available at http://english.www.gov.cn/archive/white_paper/2017/01/11/content_281475539078636.htm, accessed on 5.9.2022
[x] Foreign Ministry, PRC “Wang Yi :Acting on the Global Security Initiative to Safeguard World Peace and Tranquility”, available at https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/wjb_663304/wjbz_663308/2461_663310/202205/t20220505_10681820.html accessed on 10.9.2022
[xi] Wang Yiwei “Global Security Initiative and Global Development Initiative: Two Wings for Building a Community with a Shared Future for Mankind”, available at nstytutboyma.org/en/global-security-initiative-and-global-development-initiative-two-wings-for-building-a-community-with-a-shared-future-for-mankind/? accessed on 28.8.2022
[xii]“Unpacking China’s Global Development Initiative” Lowy Institute, available at https://www.lowyinstitute.org/the-interpreter/unpacking-china-s-global-development-initiative, accessed on 5.9.2022
[xiii]Nalin Surie “Reflections on China’s Drivers, Motivations and Strategic Perceptions” DPG, Policy Brief vol. VII Issue 24, available at https://www.delhipolicygroup.org/uploads_dpg/publication_file/reflections-on-chinas-drivers-motivations-and-strategic-perceptions-3848.pdf, accessed on 28.8.2022
[xiv]Wang Yiwei and Chen Chao “Complementary Development Initiatives” April 20, 2022, available at https://www.chinausfocus.com/finance-economy/complementary-development-initiatives, accessed on 28.8.2022
[xv]Ibid
[xvi]“The 53 fragile emerging economies” Economist, available at https://www.economist.com/finance-and-economics/2022/07/20/the-53-fragile-emerging-economiesaccessed on 30.8.2022