विगत कुछ वर्षों में, प्रशांत द्वीप क्षेत्र भू-राजनीतिक विवादों का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनकर उभरा है। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) द्वारा इंडो-पैसिफिक पर बढ़ते ध्यान, प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ चीन के जुड़ाव, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा तथा जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव की वजह से प्रशांत द्वीप क्षेत्र पर ध्यान आकर्षित हुआ है।
प्रशांत द्वीप देशों के प्रति संयुक्त राज्य की नीति
पीआईसी तथा चीन के बीच बढ़ते जुड़ाव से अमेरिका को एहसास हो गया है कि "प्रशांत द्वीपों पर उतना राजनयिक ध्यान और समर्थन नहीं दिया गया है जिसके (वे) हकदार हैं।"[i] अमेरिकी नीति में मौजूद इस खामी को दूर करने के लिए, राष्ट्रपति बिडेन 2021 में पैसिफिक आइलैंड फोरम[ii] को संबोधित करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने, राज्य सचिव ब्लिंकन ने 2022 में फिजी का दौरा किया जहां उन्होंने इंडो-पैसिफिक रणनीति शुरू की और घोषणा की कि अमेरिका सोलोमन द्वीप में अपना दूतावास पुनः खोलेगा, जो 1993 से बंद है।
उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने पैसिफिक आइलैंड फोरम 2022 में अपने भाषण में अमेरिकी नीति की रूपरेखा सामने रखी जिसके तहत अमेरिका आने वाले समय में इस क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को गहरा करेगा। स्थिति में सुधार का प्रयास करते हुए अमेरिका ने घोषणा की कि वह इस क्षेत्र में क्रमशः टोंगा और किरिबाती में दो नए दूतावास खोलेगा। टोंगा और किरिबाती में दूतावास खोलने के फैसले को किरिबाती में अपना दूतावास खोलते हुए इस क्षेत्र में बढ़ती चीनी राजनयिक उपस्थिति का मुकाबला करने का प्रयास माना जा रहा है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि किरिबाती पीआईएफ से हट गया है, यह कहते हुए कि फोरम ने किरिबाती जैसे माइक्रोनेशियन देशों की चिंताओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है। हालांकि, उसके इस फैसले को मान लिया गया है, लेकिन अमेरिका को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी राजनयिक उपस्थिति से बड़े इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी लक्ष्यों में पीआईसी की सक्रिय भागीदारी हो। अमेरिका ने पैसिफिक आइलैंड फोरम में अपने पहले दूत की नियुक्ति की भी घोषणा की है और कहा कि उसके पीस कॉर्प्स (शांति वाहिनी) के स्वयंसेवक इस क्षेत्र में वापस तैनात किए जाएंगे। यूएसएडआईडी फिजी में अपने क्षेत्रीय मिशन को पुनः शुरु करेगा। फोरम के नेताओं की वार्षिक बैठक (2022) में अपने भाषण में उपराष्ट्रपति हैरिस ने कहा कि, बिडेन प्रशासन अमेरिकी कांग्रेस से प्रशांत द्वीप समूह हेतु आर्थिक विकास एवं महासागरीय लचीलेपन के लिए अमेरिकी फंडिंग को अगले दस वर्षों में मौजूदा 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर करने का अनुरोध करेगा।[iii]
अमेरिका को एक प्रभावी नीति तैयार करने और पीआईसी के साथ जुड़ने हेतु सबसे पहले प्रशांत द्वीप क्षेत्र में चीन की उपस्थिति से उत्पन्न चुनौतियों स्वीकार करना होगा और उसके बाद उनका समाधान करना होगा। दूसरा, उत्तरी प्रशांत के प्रति अपनी नीतियों की तरह, अमेरिका को दक्षिण प्रशांत क्षेत्र हेतु अपने नीतिगत उद्देश्यों[iv] तथा अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करना है, इसकी रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। बिडेन प्रशासन प्रशांत द्वीप समूह के लिए पहली अमेरिकी राष्ट्रीय रणनीति जारी करने हेतु प्रतिबद्ध है। रणनीति दस्तावेज उत्तर और दक्षिण प्रशांत के प्रति अमेरिकी नीति दृष्टिकोणों को एक करने और अमेरिकी इंडो-पैसिफिक रणनीति में पीआईसी की भूमिका की रूपरेखा तैयार करने में मदद कर सकता है। उत्तरी प्रशांत भौगोलिक रूप से नजदीक है और अमेरिका ने यहां के देशों के साथ अधिक समन्वय किया है। अमेरिका का गठबंधन के ज़रिए सहयोगी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण प्रशांत के देशों के लिए प्राथमिक सुरक्षा प्रदाता है। अमेरिका इस क्षेत्र में सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु इस क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ निकट समन्वय में काम कर रहा है। रणनीति दस्तावेज से अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति और पैसिफिक आइलैंड फोरम की ब्लू पैसिफिक कॉन्टिनेंट हेतु 2050 स्ट्रैटेजी के बीच अभिसरण की पहचान करने में भी मदद मिल सकती है। तीसरा, अमेरिका को अपने सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रशांत द्वीप समूह को उपलब्ध कराये गए संसाधनों से इस क्षेत्र के देशों की विकास जरूरतें पूरी हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों कई क्षेत्रीय समूहों का हिस्सा हैं और आर्थिक विकास, स्थिरता व सुरक्षा, सतत विकास व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया के लिए पीआईसी के साथ मिलकर काम करते हैं। वे पीआईसी और अमेरिका के बीच नीति में मौजूद अंतर को पाटने का काम कर सकते हैं।
प्रशांत क्षेत्र में जारी भू-राजनीतिक उथल-पुथल को दूर करने के लिए, अमेरिका को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की आवश्यकता होगी। अमेरिका ने घोषणा की है कि वह किरिबाती और टोंगा में नए दूतावास खोलेगा तथा प्रशांत द्वीप समूह फोरम में पहले अमेरिकी दूत को भी नियुक्त करेगा। इस क्षेत्र में अमेरिकी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाने हेतु इसकी बहुत आवश्यकता है। इसके अलावा, नौसेना अभ्यास और तटरक्षक बल की गश्त भी इस क्षेत्र में अमेरिकी उपस्थिति को दिखाने में मदद करेगी। सोलोमन द्वीप समूह द्वारा किये गए एक अनुरोध के जवाब में, जून 2022 में यूएस कोस्ट गार्ड ने अपने कटर मर्टल हैज़र्ड को सोलोमन द्वीप के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने हेतु भेजा था। यूएस कोस्ट गार्ड अमेरिका की इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी का एक अभिन्न हिस्सा है तथा पीआईसी के कानून प्रवर्तन एवं सुरक्षा संगठनों के साथ इसका गहरा संस्थागत संबंध है। यूएस कोस्ट गार्ड नियमित रूप से ऑपरेशन ब्लू पैसिफिक[v] [vi] के समर्थन में अपने पोतों को प्रशांत द्वीप क्षेत्र में तैनात करता रहा है। समुद्री क्षेत्र के साथ, आर्थिक विकास का मुख्य आधार और पीआईसी हेतु भोजन का मुख्य स्रोत, अवैध, असूचित व अनियमित मछली पकड़ना एक प्रमुख चिंता का विषय है। यूएस कोस्ट गार्ड ऐसी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है। यह चीन हेतु एक कड़ी भी प्रदान करता है, जिसके मछली पकड़ने के जहाजों को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है और अन्य देशों में मछली पकड़ने के लिए जाना जाता है।
जलवायु संकट से लेकर बुनियादी ढांचे की जरूरतों तक की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सीमा पार सहयोग की आवश्यकता है। इस दिशा में, अमेरिका ने जून 2022 में पार्टनर्स इन द ब्लू पैसिफिक (पीबीपी) पहल (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम के साथ) शुरू की है। पीबीपी प्रशांत क्षेत्रवाद को सुदृढ़ करने, और प्रशांत तथा दुनिया के बीच अवसरों का विस्तार करने हेतु प्रशांत देशों की प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए समर्पित है। यह पहल के ज़रिए क्षेत्र हेतु 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की विकास सहायता प्रदान की जायेगी, और इसका नेतृत्व व मार्गदर्शन प्रशांत द्वीप समूह द्वारा किया जाएगा।[vii] हालांकि, पीआईसी द्वारा इस पहल की सराहना की गई है, लेकिन वह आगे भी इस क्षेत्र तथा इसके विकास हेतु अमेरिका की सतत प्रतिबद्धता चाहते हैं।
निष्कर्ष
पीआईसी ने अमेरिका के साथ पुनः जुड़ाव का स्वागत किया है, लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि वे चीन से अलग हो जाएंगे। चीन ने इस क्षेत्र में अपनी द्विपक्षीय व आर्थिक उपस्थिति तेजी से बढ़ाई है और साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों को प्रभावित करने का भी प्रयास किया है। चीन से प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अमेरिका को इस वास्तविकता को स्वीकार करने की जरूरत है। अमेरिका को पीआईसी के प्रति एक ऐसी नीति तैयार करने की जरूरत है जो न केवल क्षेत्र को लेकर अमेरिकी उद्देश्यों को स्पष्ट करे बल्कि क्षेत्र के देशों के साथ दीर्घकालिक व स्थायी साझेदारी बनाने पर भी जोर दे। अमेरिका पीआईसी के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और इस बात पर ध्यान देकर कि यह एक प्रशांत देश है, ऐसा कर सकता है।
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*डॉ. स्तुति बनर्जी, विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोध अध्येता हैं।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[i] The White House, “Remarks by Vice President Harris at the Pacific Islands Forum, 12 July 2022,” https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2022/07/12/remarks-by-vice-president-harris-at-the-pacific-islands-forum/, Accessed on 14 July 2022.
[ii] The White House, “Remarks by Vice President Harris at the Pacific Islands Forum, 12 July 2022,” https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2022/07/12/remarks-by-vice-president-harris-at-the-pacific-islands-forum/, Accessed on 14 July 2022.
[iii] The White House, “Remarks by Vice President Harris at the Pacific Islands Forum, 12 July 2022,” https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2022/07/12/remarks-by-vice-president-harris-at-the-pacific-islands-forum/, Accessed on 14 July 2022
[iv] The North Pacific for the United States comprises of the American territories of Guam and the Northern Mariana Islands and the Freely Associated States (The Republic of the Marshall Islands (RMI), Palau, and the Federated States of Micronesia)
[v] Operation Blue Pacific is an overarching multi-mission Coast Guard endeavor promoting security, safety, sovereignty, and economic prosperity in Oceania while strengthening relationships between partners in the region with an emphasis on deterring IUU fishing.
[vi] Operation Blue Pacific is an overarching multi-mission Coast Guard endeavor promoting security, safety, sovereignty, and economic prosperity in Oceania while strengthening relationships between partners in the region with an emphasis on deterring IUU fishing.
[vii] The White House, “Fact Sheet: Vice President Harris Announces Commitments to Strengthen U.S. Partnership with the Pacific Islands, 12 July 2022,” https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2022/07/12/fact-sheet-vice-president-harris-announces-commitments-to-strengthen-u-s-partnership-with-the-pacific-islands/, Accessed on 15 July 2022