मोरक्को ने 24 नवंबर, 2021 को एक खुला रक्षा समझौता बनाने के लिए इजरायल के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह इजरायल के साथ औपचारिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला अरब दुनिया का एकमात्र देश बन गया है। इसराइल के साथ मोरक्को के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, और आधिकारिक तौर पर, अपने राजनयिक संबंधों को एक बहुत ही कम महत्वपूर्ण स्तर पर 1993 में ओस्लो समझौते[i] पर हस्ताक्षर करने के बाद जल्द ही शुरू किया गया था ।हालांकि, 2000 के अल-अक्सा इंतिफादा के बाद यह रिश्ता टूट गया।[ii] दो दशकों के बाद 13 अगस्त, २०२० को अब्राहम समझौता लागू हुआ, जिसके चलते इजरायल के साथ 10 दिसंबर, 2020 को सामान्यीकरण समझौते पर हस्ताक्षर हुए । वर्तमान रक्षा समझौता सामान्यीकरण समझौते का परिणाम है। इस समझौते का उद्देश्य आतंकवाद और कट्टरपंथ के खतरों का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंडा को आगे बढ़ाना है। हालाँकि, रक्षा समझौते के उपर इस क्षेत्र से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। यह लेख इजरायल और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग समझौते और इसके क्षेत्रीय सुरक्षा प्रभावों का आकलन करता है।
रक्षा समझौता
इज़राइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ 24 नवंबर, 2021 को मोरक्को की यात्रा करने वाले पहले इज़राइली मंत्री बने। अपनी यात्रा के दौरान गैंट्ज़ ने सैन्य संबंध स्थापित करने के लिए मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देललतीफ लाउदी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । समझौता ज्ञापन ने रक्षा सहयोग, हथियारों की बिक्री, संयुक्त अभ्यास और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों में विविधता लाई। मीडिया को दिए गए एक बयान में, गैंट्ज़ ने कहा कि समझौता "बहुत महत्वपूर्ण था और हमें विचारों का आदान-प्रदान करने, संयुक्त परियोजनाओं को शुरू करने और यहां इज़राइली सैन्य निर्यात को सक्षम करने की अनुमति देगा।"[iii]
हालांकि, समझौते में मोरक्को को प्रौद्योगिकी स्थानांतरित किए बिना स्काईलॉक डोम नामक एक काउंटर-ड्रोन प्रणाली का सह-उत्पादन शामिल था। मोरक्को की आंतरिक सुरक्षा आवश्यकता और अल्जीरिया जैसे पड़ोसियों के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए, देश को खुफिया जानकारी, साइबर सुरक्षा प्रणाली, मानव रहित हवाई वाहन, और वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जिसमें विस्फोटक ले जाने वाले युद्धक्षेत्र ड्रोन से सुरक्षा और सैन्य प्रशिक्षण एवं सहायता शामिल है। इसलिए, इस समझौते को इजरायल के रक्षा मंत्री द्वारा मोरक्को और इज़राइल के बीच 'जानकारी के रणनीतिक गठबंधन' के रूप में जाना जाता है।[iv] इसके अलावा, दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और उन चुनौतियों की समानता पर प्रकाश डाला जिनका दोनों देश सामना कर रहे हैं जैसे आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और हवाई खतरे।[v]
मोरक्को में मीडिया विश्लेषकों सहित कई, इज़राइल-मोरक्को की बढ़ती निकटता को पुराने मोरक्को-अल्जीरिया प्रतिद्वंद्विता के साथ जोड़ रहे हैं, जो मोरक्को की सरकार द्वारा आतंकवादी समूह के रूप में माने जाने वाले पोलिसारियो फ्रंट,[vi] को अल्जीरिया के कथित समर्थन के कारण इस वर्ष के दौरान यह बढ़ गया है।[vii] इसके अलावा मोरक्को और इजरायली रक्षा मंत्रियों और सेनाओं के बीच औपचारिक संबंध से सूचनाओं के आदान-प्रदान और दोनों पक्षों के बीच विश्वास कायम करने में आसानी होगी ।
अरब जगत की प्रतिक्रियाएं
ओमान और बहरीन सरकारों जैसे खाड़ी के राजतंत्रों ने इस समझौते को इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने की क्षमता के साथ एक सफलता के रूप में पाया।[viii]
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल-नाहयान ने ट्विटर पर लिखा कि "यह कदम, एक संप्रभु कदम क्षेत्र में स्थिरता, समृद्धि और न्यायोचित और स्थायी शांति के लिए हमारी साझा खोज को मजबूत करने में योगदान देगा ।[ix] सऊदी राजशाही ने समझौते का समर्थन किया। उसी समय, ईरान ने समझौते को फिलिस्तीनी के साथ विश्वासघात माना। उत्तरी अफ्रीका में, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने घोषणा का स्वागत किया और कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि ट्यूनीशिया ने इसे एक संप्रभु देश के रूप में मोरक्को की अपनी पसंद करार दिया। इसके विपरीत, अल्जीरियाई सरकार ने पश्चिमी सहारा पर अपने दावे के साथ-साथ इज़राइल के साथ मोरक्को के समझौते को खारिज कर दिया।[x] इसके अलावा, हमास के इस्लामी आंदोलन और फतह के नेतृत्व वाली फिलिस्तीनी सरकार (पीए) ने रक्षा समझौते की "निंदा" की। उन्होंने कहा कि अरब शांति योजना (2002) इस बात पर जोर देती है कि इजरायल के साथ संबंधों का सामान्यीकरण तभी होगा है जब फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर कब्जा समाप्त हो जाएगा।[xi] अपनी ओर से, मुस्लिम विद्वानों के अंतर्राष्ट्रीय संघ ने इज़राइल के साथ रक्षा समझौते की कड़ी आलोचना की।[xii]
इज़राइल के साथ संबंधों पर मोरक्को के भीतर विभाजन हैं। इस्लामवादियों के नेतृत्व वाली जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (पीजेडी), और यूनिटी एंड रिफॉर्म मूवमेंट (एमयूआर) ने इजरायल के साथ संबंधों के सामान्यीकरण को समाप्त करने का आह्वान किया है। मोरक्को में वामपंथी नागरिक समाज ने भी इज़राइल के साथ समझौते को खारिज कर दिया।[xiii]
निष्कर्ष
मोरक्को-इजरायल रक्षा समझौता 'अब्राहम समझौते' को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। समझौते ने अन्य अरब देशों के लिए इजरायल के साथ राजनयिक, रक्षा और आर्थिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने के लिए प्रवेश द्वार खोल दिया है। हालांकि, उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में राजनीतिक घटनाक्रमों से इस्राइल और एक अरब राज्य मोरक्को के बीच पहले खुले रक्षा सहयोग का परीक्षण होने की संभावना है ।
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*डॉ. अरशद, शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।.
अस्वीकरण: व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] It was signed between Israel and Palestinian Liberation Organization in Oslo, capital of Norway.
[ii] It was the Second Intifada (uprising) of Palestinians against Israel.
[iii]Israel, Morocco ink defence deal after normalizing ties, Tribune India, November 24, 2021, accessed https://bit.ly/3lRsM6M, December 10, 2011.
[iv] Gantz says Israel, Morocco leap together in historic agreement, Al-Monitor, November 26, 2021, accessed https://bit.ly/3IEPUPN, accessed December 12, 2021.
[v] Israel and Morocco sign historical defense agreement, The Jerusalem Post, November 24, 2021, https://bit.ly/31HVGPK, December 12, 2021.
[vi] It is a politico-military organisation in Western Sahara, seeking independence from Morocco.
[vii] Bruce Maddy-Weitzman to AFP about Israel-Morocco relations, Moshe Dayan Center for Middle East and African Studies, November 23, 2021, accessed https://bit.ly/3EKAkzs, December 18, 2021.
[viii] Iran: Morocco deal with Israel betrays Palestinians; Oman: It could boost peace, The Times of Israel, December 11, 2021, accessed https://bit.ly/3GS4yRY, December 16, 2021.
[ix] Morocco joins other Arab nations agreeing to normalize Israel ties, Reuters, December 10, 2020, accessed https://reut.rs/3e9GDkL, December 21, 2021.
[x] Algeria warns of ‘Israeli hegemony’ over Africa through Moroccan Alliance, farsnews, December 4, 2021, accessed https://bit.ly/3s0QhxU, December 16, 2021.
[xi] Palestine: Morocco's agreement with Israel harms the interests of the Arab nation, Young Journalists Club, November 27, 2021, accessed https://bit.ly/3IFHNSM, December 20, 2021.
[xii] International Union of Muslim Scholars President condemns Morocco-Israel relations, Middle East Monitor, November 27, 2021, accessed https://bit.ly/3HmpmkF, December 30, 2021.
[xiii] Moroccan political parties and Islamist groups denounce plan to normalize ties with Israel, Haaretz, December 13, 2020, accessed https://bit.ly/3zd43zq, December 25, 2021.