21 अक्टूबर, 2021 को हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफ.ए.टी.एफ.) के पूर्ण सत्र में, पाकिस्तान को फरवरी 2022 तक होने वाले एफ.ए.टी.एफ. के अगले पूर्ण सत्र तक ग्रे सूची में बरकरार रखा गया है। पाकिस्तान को जून 2018 को ग्रे सूची में डाला गया था।
एफ.ए.टी.एफ. ब्लैक लिस्ट में रखे जाने के पश्चात्, आतंकी फंडिंग तथा मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थनक करने वाले देशों का आकलन करता है, भले ही वो शामिल होने या न हों। फिलहाल ईरान और उत्तर कोरिया ब्लैक लिस्ट में हैं। ब्लैक लिस्ट में रखे गए देशों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नुकसान होता है तथा उन्हें अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक अलगाव का सामना करना पड़ता है। ग्रे लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है जिनके पास मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फाइनेंसिंग का मुकाबला करने हेतु पर्याप्त वित्तीय अवसंरचना की कमी हो और एक तय समय-सीमा में इससे निपटने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता हो। ग्रे लिस्ट में शामिल देश अगर पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते तो उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का खतरा रहता है। वर्तमान में, ग्रे सूची में तुर्की, माली, जॉर्डन और पाकिस्तान सहित कुल तेईस देश हैं।[i]
एफ.ए.टी.एफ. में यूरोपीय आयोग एवं खाड़ी सहयोग परिषद समेत 37 सदस्य क्षेत्राधिकार तथा दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं।[ii] जर्मनी के डॉ. मार्कस प्लीयर ने 1 जुलाई 2020 को एफ.ए.टी.एफ. के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया। उन्होंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के जियांगमिन लियू का स्थान लिया।[iii]
एफ.ए.टी.एफ. के साथ-साथ, मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया/प्रशांत समूह (ए.पी.जी.) भी मौजूद है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें 41 सदस्य क्षेत्राधिकार शामिल हैं। ए.पी.जी. का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक सदस्य देश मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा सामूहिक विनाश के हथियारों से संबंधित प्रसार वित्तपोषण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपने यहां प्रभावी ढंग से लागू करें।[iv]
डॉ. प्लीयर के अनुसार, पाकिस्तान के सामने वर्तमान में दो समरूपी कार्य योजनाएं हैं। पहली, 27 एक्शन पॉइंट्स जिस पर एफ.ए.टी.एफ. द्वारा जून 2018 को सहमति व्यक्त की गई थी और दूसरा 7 एक्शन पॉइंट्स जिसपर जून 2021 को ए.पी.जी. द्वारा सहमति बनी थी। पाकिस्तान अबतक 27 एक्शन पॉइंट्स में से 26 और 7 एक्शन पॉइंट्स में से 4 को लागू करने में सफल रहा है। भले ही, पाकिस्तान ने जून 2021 के एक्शन पॉइंट्स के संदर्भ में 'अच्छी प्रगति' की है, लेकिन उसने जून 2018 की योजना की बाकी की शर्त को लागू नहीं किया है, जो महत्वपूर्ण बनी हुई है।[v] पाकिस्तान को 'यह दिखाने की जरुरत है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेतृत्व के खिलाफ जांच तथा मुकदमा चलाया जा रहा है', जिसका उसने अभी तक अनुपालन नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला एफ.ए.टी.एफ. क्षेत्राधिकार के 39 सदस्यों की सहमति से लिया गया था।[vi]
एफ.ए.टी.एफ. द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान को अपने अन्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (ए.एम.एल./सी.एफ.टी.) करने से संबंधी कमियों को दूर करने का काम करना जारी रखना चाहिए। जो हैं: (1) संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा नामित किये जाने हेतु अन्य व्यक्तियों तथा संस्थाओं को नामित करके अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर प्रतिबंधों को सक्रिय रूप से बढ़ाने का प्रमाण देना; और (2) मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तथा मुकदमों की संख्या को बढ़ाने तथा अपराध की आगम पर लगाम लगाने तथा पाकिस्तान के जोखिम प्रोफाइल के अनुसार ऐसी आगम की जब्ती को जारी रखने का प्रदर्शन करना, जिसमें संपत्ति का पता लगाने, फ्रीज करने तथा जब्त करने हेतु ऐसे अन्य देशों के साथ काम करना शामिल है।[vii]
एफ.ए.टी.एफ. के विगत कुछ सत्रों में, यह उल्लेखित किया था कि 'पाकिस्तानी अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित जांच तथा प्रतिबंधित संगठनों और निर्वासित व्यक्तियों के खिलाफ सजा सुनिश्चित करनी होगी, जिसकी सूची एफ.ए.टी.एफ. द्वारा पाकिस्तान प्रदान की गई है'[viii], जिसका पालन पाकिस्तान अभी तक नहीं कर पाया है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों तथा व्यक्तियों व उनके सहयोगियों के खिलाफ न केवल वित्तीय प्रतिबंधों या संपत्तियों की जब्ती के मामले में, बल्कि ऐसे संगठनों तथा व्यक्तियों के खिलाफ उचित जांच, अभियोजन और दोषसिद्धि के संदर्भ में भी प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रहा है।
पाकिस्तान में आमतौर पर मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद के वित्तपोषण में शामिल गैर-वित्तीय व्यवसाय तथा संस्थाओं में जोखिम-आधारित निरीक्षण करने या औपचारिक परामर्श तंत्र के अतिरिक्त प्रतिक्रिया करने हेतु उचित ढांचे की कमी बनी हुई है। प्रधानमंत्री इमरान खान की वर्तमान सरकार और विधान सभा में इसका प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों ने इस संदर्भ में अच्छी भावना व इच्छा के साथ किसी तरह की व्यापक प्रणाली बनाने में सार्वजनिक बहस शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इससे साफ है कि कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा सैन्य संगठनों के साथ-साथ पाकिस्तानी संसद ने भी बुनियादी ढांचागत सुधारों के बजाय अधिक समय लेते हुए आतंकवाद तथा आतंकवाद के वित्तपोषण से सामने आई चुनौतियों को सही तरीके से नहीं संभाला है। जब तक इस तरह के कदम नहीं उठाए जाते, तब तक पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों तथा आतंकियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले देश के रूप में देखा जाता रहेगा।
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*डॉ. ध्रुबज्योति भट्टाचार्जी, अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।.
अस्वीकरण: व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i]FATF nations, Full member nations, Observer nations, Call for action nations (Blacklisted nations), Other monitored jurisdictions (grey listed nations), https://www.fatf-gafi.org/publications/high-risk-and-other-monitored-jurisdictions/documents/increased-monitoring-october-2021.html#pakistanaccessed on October 22, 2021
[ii]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[iii]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[iv]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[v]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[vi]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[vii]FATF Members and Observers, https://www.fatf-gafi.org/about/membersandobservers/ as accessed on October 22, 2021
[viii]Mehtab Haider, “Pakistan must comply with 13 points to come out of FATF grey list”, The News International, March 16, 2020, https://www.thenews.com.pk/print/629673-pakistan-must-comply-with-13-points-to-come-out-of-fatf-grey-list as accessed on October 25, 2021