इजरायल और इजिप्ट के मध्य संबंधों के सामरिक और राजनीतिक अभिप्रायों के साथ, इजरायल के प्रधानमंत्री की एक दशक के पश्चात होने वाली इजिप्ट यात्रा को, दोनों राष्ट्रों के मध्य संबंधों को पुन: अभिमुखीकरण के रुप में देखा जाना चाहिये, जो अरब विश्व की राजनीतिक अशांति के चलते बीच के समय में सामान्य स्थिति में नही रहे थे। इजरायल के नवीन निर्वाचित प्रधानमंत्री, नफ़्ताली बेनेट अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर 13-14 सितंबर 2021 को इजिप्ट में मौजूद थे। इस प्रकार की पिछली भेंट फरवरी 2011 में इजिप्ट में हुई थी जब इजिप्ट के तत्कालीन राष्ट्रपति होस्ने मुबारक ने इजरायली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू की मेजबानी की थी। इसके साथ ही नेतन्याहू के केबिनेट के विदेश मंत्री, गबी अश्केनाज़ी, विदेश मंत्री झिपी लिवनी की वर्ष 2008 की भेंट के पश्चात इजिप्ट में मे 2021 में पहुंचे थे जो कि उन्नीस वर्षों में पहली बार था।[i] इस संबंध में, अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार नेतन्याहू और इजिप्ट के अल-सिसि की बैठक संबंधी जानकारी मे 2018 में होने के समाचार मिलते हैं। वे समानांतर रुप से यूएन जनरल असेम्बली की वार्षिक बैठक में, न्यूयॉर्क में वर्ष 2017 में भी मिले थे।[ii]
अगस्त 18, 2021 में अपनी इजरायल भेंट के दौरान, इजिप्शियन जनरल इन्टेलिजेन्स डायरक्टरेट के निदेशक, कामिल अब्बास ने राष्ट्रपति अल-सिसि की ओर से प्रधानमंत्री बेनेट को इजिप्ट भेंट का निमंत्रण दिया था। इसी भेंट के दौरान, अब्बास की मुलाकात इजरायली रक्षा मंत्री, हमास के नताओं और अन्य वरिष्ठ फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA)[iii] के सदस्यों से हुई। प्रधानमंत्री बेनेट की अगवानी राष्ट्रपति अल-सिसि ने रेड सी रिसोर्ट में शार्म अल-शेख शहर में की और यह किसी भी इजरायली प्रधानमंत्री को मिला हुआ सर्वोच्च स्वागत था जिसमें शार्म अल-शेख हवाई अड्डे पर इजरायल के झंड़े लगाये गये थे और शार्म अल-शेख रिसोर्ट के रास्ते पर इजरायली झंड़ों के स्तंभ लगाये गये थे जो कि एक नवीन मानक था।[iv]
इन दोनो नेताओं मे मध्य अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई। सबसे पहले उनकी प्रान्तीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यक्तिगत रुप से चर्चा हुई और उसके पश्चात प्रतिनिधी मंडल स्तरीय बैठक हुई जिसमें इजिप्ट के विदेश मंत्री समेह शुक्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इजरायल, इयाल हुल्त, बेनेट के राजनीतिक सलाहकार शिम्रित मेइर, रक्षा सलाहकार जनरल अवि गाले और इजरायल के बन्धक संबंधी समन्वयक यारोन ब्लूम शामिल थे।
वैसे राष्ट्रपति अल-सिसि और प्रधानमंत्री बेनेट की इस भेंट का मुख्य लक्ष्य द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने का था, इसमें इजरायल-फिलीस्तीन शांति प्रक्रिया को लेकर भी चर्चा होना तय था जो लगभग सात वर्षों के लंबे समय से अनिश्चय की स्थिति में थी और इसके पीछे अनेक कारण रहे जैसे इजरायल का वेस्ट बैंक के साथ निरंतर चलने वाला समझौता, दो राज्यों के समाधान को लेकर अस्वीकृति की स्थिति और गाजा-इजरायल सीमाओं पर हमास द्वारा निरंतर किये जा रहे रॉकेट हमले। इस भेंट के शुरु होने से पूर्व, एक मित्रवत प्रकार के रुप में, इजरायल सरकार द्वारा ताबा चौराहा को पुन: खोलने की घोषणा की गई और पिछले वर्ष कोविड -19 के कारण लगाये गये प्रतिबन्ध इजरायल से हटा लिये गये जिससे सिनाइ तक जाना संभव हो सके जो कि इजिप्ट पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक तरीका था।
दोनों पक्षों की ओर से एक नवीन हवाई सेवा शुरु करने का तय किया गया जो कि काहिरो से तेल अवीव के मध्य इजिप्ट एयर की ओर से चलेगी और यह अक्टूबर 2021 से शुरु होकर सप्ताह में चार दिन अपनी सेवाएं देंगी। इस कदम को और भी विशेष बनाता है एक फैसला जिसके अन्तर्गत इजिप्ट एयर के हवाई जहाजों पर इजिप्ट का झंडा लगाया जाएगा जो कि पहली बार उठाया गया कदम होगा, चूंकि यह अन्य हवाई परिचालनों के साथ भी वर्तमान में नही किया जाता है जैसे सिनाइ एयरलाइन जो कि दोनों देशों के मध्य काफी समय से सेवाएं दे रही है। यह बदलाव अपने आप में अलग ही महत्व रखता है और आपसी संबंधों के बेहतर होने का, दृढ़ और प्रत्यक्ष होने का संकेत देता है।
श्रीमान बेनेट की हाल ही में संपन्न इजिप्ट यात्रा, निसंदेह दोनों पक्षों के संबंधों के एक नवीन ऊंचाई देगी साथ ही आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को भी बेहतर बनाएगी, खासकर सुरक्षा संबंधी समन्वयन जो कि केम्प डेविड एकॉर्ड के अनुसार एक प्रमुख स्तंभ हुआ करता था जिसे वर्ष 1979 में हस्ताक्षरित किया गया था और जिसके चलते इजिप्ट पहला अरब देश बन गया था जिसके इजरायल के साथ राजनायिक संबंध स्थापित हुए थे। हाल ही में दिये गये एक साक्षात्कार में, राष्ट्रपति अल-सिसि ने कहा है कि इजिप्ट और इजरायल साथ मिलकर सुरक्षा बलों को लेकर नजदीकी से काम कर रहे हैं जो कि सिनाइ पेनिन्सुला के आतंकवाद का मुकाबला करने के लिये है साथ ही वर्तमान में दोनों देशों के मध्य संबंध ऎतिहासिक रुप से बेहतर और नजदीकी हैं।[v] पिछले वर्ष, इजिप्ट-इजरायल ने पन्द्रह वर्षों का एक अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया है जिसके अन्तर्गत यूएस डॉलर 15 बिलियन गैस का आयात इजरायल से किया जाएगा जिसे द्रव प्रकार में बदलकर इजिप्ट के द्वारा यूरोपियन देशों को निर्यात किया जाएगा।[vi]
इजरायली प्रधानमंत्री द्वारा गाज़ा के रफ़ाह चौराहे संबंधी ज़िक्र किया गया जो कि इजरायल के लिये हमेशा से ही सुरक्षा संबंधी मुद्दा रहा है चूंकि इसका उपयोग हमास और उसके अन्य सहयोगियों द्वारा आतंक संबंधी इजरायल विरोधी गतिविधियों के लिये किया जाता रहा है।[vii]
दोनों देशों के मध्य ऊर्जा संबंधी परस्पर सहायता के मुद्दे पर भी लंबी चर्चा की गई और इस दौरान भौगोलिक क्षेत्र के अन्य देश जैसे टर्की, सायप्रस, ग्रीस को लेकर ऊर्जा खोज और उसके विपणन को लेकर चर्चा हुई।[viii]
द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के अलावा, इजिप्ट की ओर से कुछ बिन्दुओं को सामने रखा गया जैसे ग्रैन्ड इथोपियन रेनेसेन्स डैम (जीईआरडी), जो कि प्रान्तीय विवाद का एक नवीन विषय है, इस संबंध में प्रधानमंत्री बेनेट के साथ चर्चा की गई। इजिप्ट के एक वरिष्ठ राजनायिक ने हाल ही में एक टेलीविजन शो में इजरायल और युनाइटेड स्टेट्स (यूएस) की ओर से इथोपिया को जीइआरडी के तीसरे भर जाने वाले जलाशय से दूर रहने की बात कहने की अपील की है।[ix] इजरायल की वर्तमान स्थिति के चलते जिसमें अधिकाधिक अरब देशों के साथ राजनायिक संबंध जोड़ने को लेकर लक्ष्य रखा जा रहा है और इसके चलते सूडान और मोरक्को के साथ हाल ही में इस लक्ष्य को पूरा किया गया है, इजरायल वर्तमान में प्रमुख जीइआरडी अंशधारकों के साथ अपने संबंधों को पक्का करना चाहता है जिसमें शामिल है इजिप्ट, इथोपिया और सूडान। इथोपिया और इजरायल पहले से ही सुरक्षा और आर्थिक संबंधों की बेहतरी की स्थिति में है और इथोपियन प्रधानमंत्री मेलेस झेनावी के समय से, इजरायल ने जीइआरडी प्रकल्प में अपनी सुरक्षा बचाव की शर्तों पर भागीदारी करना शुरु किया है।[x]
बैठक के बाद प्रधानमंत्री बेनेट ने कहा, ’यदि इजरायल आज अन्य अरब देशों तक बेहतर संबंधों के ज़रिये पहुंच रहा है, तब इसका श्रेय इजिप्ट को दिया जाना चाहिये क्योंकि इजिप्ट वह पहला देश है जिसने हमारे साथ संबंध स्थापित किये हैं और यह हम दोनों की ओर से होना चाहिये कि इन संबंधों की मजबूती के लिये काम करें, जैसा कि हमने आज किया है।"[xi]
फिलिस्तीन में नवीन शुरुआत:
फिलीस्तीन के मुद्दे पर दोनों पक्षों की ओर से तीन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा की गई: वर्तमान युद्ध विराम की सुरक्षा और गाज़ा के तनाव की तीव्रता में कमी लाना; इजरायल के कारागारों में फिलिस्तीन के बंदियों की खराब जीवन दशा साथ ही हमास और अन्य इजरायल सुरक्षा बलों के गुमशुदा सदस्यों की स्थिति और फिलिस्तीन व इजरायल के मध्य बातचीत के पुनरारंभ संबंधी तंत्र का विस्तार।[xii] इस विशिष्ट समय में फिलिस्तीन पर किसी भी प्रकार की चर्चा महत्वपूर्ण है चूंकि नवीन गठबंधन सरकार जो पूर्णत: दक्षिणपंथी है और दक्षिणपंथियों द्वारा पुनरावृत्ति के साथ फिलिस्तीन नेतृत्व संबंधी किसी भी चर्चा में भाग लेने से इंकार किया था साथ ही बेनेट भी एकाधिक बार कहा है कि इस प्रकार के व्यक्ति से बात करने की आवश्यकता नही है, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की ओर इंगित करते हुए कहा था, जिन्होंने इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में घसीटा था।[xiii] बेनेट को इस कदम से अपनी सरकार पर भी खतरा दिखाई दे रहा है यदि वे फिलिस्तिन को लेकर सकारात्मक रुख दिखाते हैं क्योंकि वे एक ऎसी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जो दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार है और काफी दुर्बल स्थिति में है।
यहां पर यह बताया जाना सार्थक है कि फिलिस्तीन संबंधी चर्चा बेनेट की यूएस भेंट के बाद अधिक समय तक नही चली जहां पर राष्ट्रपति बिडेन ने दोनों पक्षों को बातचीत को पुन: शुरु करने के लिये बुलाया था। बिडेन द्वारा पहले ही यूएस कौन्स्युलेट के कार्यालय को पूर्वी जेरुसलम में शुरु करने की घोषणा की गई है जिससे फिलिस्तीन के साथ संबंध पुन: शुरु किये जा सके।[xiv] वर्तमान इजिप्ट-इजरायल बातचीत से पूर्व, राष्ट्रपति अल-सिसि द्वारा किंग अब्दुल्ला द्वितीय, जॉर्डन और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की मेजबानी 2 सप्टेंबर 2021 को शार्म अल-शेख में की थी। यह अनुक्रमिक बैठक जो कि फिलिस्तीन पर थी, ऎसे समय में हुई थी जब इजिप्ट इस क्षेत्र में अपनी भूमिका को पुनर्परिभाषित कर रहा है और अपने वाक्चातुर्य के साथ अनेक अन्य क्षेत्रीय शक्तियां भी फिलिस्तीन को लेकर एक हो रही हैं। इसके आगे, फिलिस्तीन-इजरायल विवाद को लेकर सभी पार्टियों के मतों तक पहुंचने के बाद, इजिप्ट द्वारा संकेत दिये गये हैं कि इजिप्ट अपनी पारंपरिक और केन्द्रीय भूमिका को इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया से अलग नही कर सकता जो कि वर्तमान स्थितियों में राजनायिक और सामरिक प्रकारों से इस क्षेत्र में जारी हैं।
इजरायल की सरकार ने इजिप्ट के साथ अपने संबंधों की प्रतिबद्धता को दिखाते हुए बेनेट की भेंट से पूर्व ही व्यावसायिक इजिप्ट नीतियों की घोषणा की है परंतु उन्होंने यही फिलिस्तीन के साथ भी किया है। वर्ष 2005 में गाज़ा से इजरायल की वापसी के बाद पहली बार, बेनेट सरकार के नवीन विदेश मंत्री, याइर लापिड ने गाज़ा संबंधी नवीन योजना की जानकारी रिचमेन विश्वविद्यालय की आतंकवाद निरोधी नीति संबंधी संस्थान में अपने व्याख्यान के दौरान दी। इजरायल द्वारा जो नवीन योजना प्रस्तावित की गई है, उसे ’सुरक्षा के लिये अर्थव्यवस्था’ का नाम दिया गया है। यह योजना इजरायल की गाजा पुनर्निर्माण कार्यक्रम में सहभागिता के बारे में बात करता है जैसे विद्युत संबंधी सुधार, परिवहन और स्वास्थ्य नेटवर्क, गाजा में समुद्री बंदरगाह शुरु करना और उसे पश्चिमी किनारे से जोड़ना जिससे गाज़ा का नियंत्रण वर्तमान में हमास से फिलिस्तीन की ओर किया जा सके।[xv] लापिड ने यह भी कहा कि गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल (जीसीसी) के नेताओं, यूएस, रशिया और ईयू के सदस्य देशों के साथ इस योजना को लेकर पहले ही चर्चा की जा चुकी है। आपने आगे इस बात पर जोर दिया कि गाज़ा के लोगों को यह विचार करने की आवश्यकता है कि उन्हें सामान्य जीवन जीने की दिशा में अवरोधक वास्तविक कारण हमास है।[xvi] आपने यह भी बताया कि वैश्विक आर्थिक मदद, इजरायल-फिलिस्तीन सहकार्य और हमास द्वारा निष्क्रिय होना, यह मिश्रित समाधान गाज़ा के भविष्य को बदल सकता है।[xvii] यहां पर यह बताना सार्थक है कि इस प्रकार के आर्थिक पैकेज इसके पूर्व अनेक बार फिलिस्तीनी नेताओं द्वारा अस्वीकार किये जा चुके हैं और इसमें सबसे प्रमुख है जिसे मानमा कॉन्फ्रेन्स के दौरान प्रस्तावित किया गया था जो कि जून 2019 में ’डील ऑफ द सेन्च्युरी’ के अन्तर्गत की गई थी।[xviii]
इसी बीच, बेनेट ने इस बात से इंकार किया है कि उनकी सीधी बातचीत हमास के साथ जारी है साथ ही हमास और इजरायल सरकार के मध्य बंदियों के आदान प्रदान को लेकर भी कोई प्रगति नही हुई है साथ ही फिलिस्तीन के बंदियों की रिहाई भी मे 2021 के युद्ध विराम के बाद से नही होने की बात कही। बहरहाल इजरायल जेल से हाल ही में छ: फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई ने इस बात की ओर संकेत नही किये हैं कि हमास और इजरायल सरकार के मध्य फिलिस्तीनी बंधकों की रिहाई या आदान प्रदान को लेकर कोई चर्चा हुई है।
यह बैठक इजिप्ट की ओर से फिलिस्तीन के मुद्दे को स्थानीय राजनीति में प्रमुखता से लाने का प्रयास थी, जो कि स्थानीय और वैश्विक राजनीति के चलते ठंडे बस्ते में चला गया था और आगे फिलिस्तीन नेतृत्व और व्यवस्थापना के साथ वहां के चुनाव के दौरान मोहभंग के चलते प्रमुखता से सामने नही आया। राष्ट्रपति अब्बास की स्थिति काफी हद तक खराब हो चुकी है यह दिखाई देता है क्योंकि वे 28 वर्षों की बातचीत होने के बाद भी वेस्ट बैंक से एक भी समझौते हो होने से रोक नही पाए।[xix] उनकी इच्छा के विपरीत, इजिप्ट को पूर्व में होने वाली बातचीत या आश्वासन से कोई लाभ नही मिला, इजरायल और फिलिस्तीन के मध्य कोई समाधान नही निकल पाया चूंकि बेनेट वर्तमान स्थिति में गाज़ा के युद्धविराम की सुरक्षा में अधिक रुचि लेते हुए दिखाई दिये और आगे हमास और इजरायली बलों के प्रसार के साथ रहे, जहां पर इजिप्ट की भूमिका रेखांकित की जा सकती है। इजिप्ट के द्वारा अनेक युद्ध विरामों का उल्लंघन इससे पहले भी किया जा चुका है और अनेक बैठकों की मेजबानी की गई है जिसके चलते फिलिस्तीन के राजनीतिक उपद्रव को बातचीत के स्तर तक लाया गया है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति अल-सिसि और प्रधानमंत्री बेनेट के मध्य की बैठ, बेशक दोनों देशों के मध्य संबंधों को प्रगाढ़ करती है। इजिप्ट को इस बैठक से आर्थिक और सैन्य संबंधी फायदे मिलने की संभावना है चूंकि बेनेट सरकार द्वारा इजरायल को सिनाइ में प्रवेश की अनुमति दी गई है। इससे इजिप्ट के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके आगे सुरक्षा संबंधी परस्पर सहायता में भी वृद्धि होगी क्योंकि दोनों ही आतंकवाद के समान बलों से मुकाबला कर रहे हैं।
जहां तक बात फिलिस्तीन की प्रगति की है, यह बैठक इस स्थिति में कुछ बदलाव और बातचीत के संकेत देती है कि इजरायल में मौजूद वर्तमान सत्ताधारी व्यवस्था केवल दक्षिणपंथ की और दक्षिणपंथियों की नही है वरन यह एक दुर्बल गठबंधन है जिसमें फिलिस्तीन की ओर शांतिपूर्ण विचार दिखाना कठिन है। हाल ही में हुई यह बैठक वर्तमान युद्ध विराम को रोकने और इजरायल की जेल से फिलिस्तीनी बंदियों को छोड़ने या उनकी दशा सुधारने की स्थिति को भविष्य के लिये विराम दे सकता है, परंतु इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया को देखते हुए इस स्थिति में, यह निष्कर्ष नही निकाला जा सकता।
इस सम्मेलन में सहभागिता के साथ ही दोनों नेताओं ने अपने घरेलू मोर्चों पर अपनी छवि को बेहतर बनाया है। यदि बेनेट ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी से यह कहा है कि वह इजिप्ट जैसे महत्वपूर्ण देश के साथ सीधी और खुली बातचीत करने में सक्षम है और आगे इस संबंध को बेहतर बनाना चाहते हैं जो कि 1979 से जारी है, तब राष्ट्रपति अल-सिसि ने यह स्पष्ट संकेत स्थानीय दुश्मनों और यूएस को भी दिया है कि जब बात फिलिस्तीन की आएगी, तब इजिप्ट के लिये यह अपरिहार्य है और कोई भी देश इजिप्ट को उसके इजरायल-अरब शांति प्रक्रिया की प्रमुख भूमिका से अलग नही कर सकता है। इस भेंट से इजरायल के लिये अनेक नवीन अवसरों के शुरु होने की संभावना है और यह केवल अरब देशों से राजनायिक संबंधों के स्थापित होने तक ही सीमित न रहकर वर्तमान संबंध और आगे के सामरिक स्तर के संबंधों को लेकर भी बेहतर है, खासकर उन देशों के साथ जिनके साथ इजरायल ने हाल ही में संबंध बेहतर किये हैं जैसे सूडान, मोरक्को, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन।
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*डॉ. फ़ज़्ज़ुर रहमान सिद्दीकी, रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
संदर्भ:
[i]Bennett after Meeting Sisi: We made new Foundation for out Ties, BBC Arabic, September 13, 2021 Accessed https://bbc.in/3zdjUMr September 15, 2021
[ii]Sisi-Bennett Meeting: Gain for Israel ad Loss for Palestine, New Arab, September 15, 2021 Accessed https://bit.ly/3kgXR3w September 15, 2021
[iii]Israel-Palestine: Cairo’s Pursuit of Peace, Ahram Online, September 15, 2021 Accessed https://bit.ly/39azHkD September 15, 2021
[iv]Sharm El-Sheikh Meet: A Turning Point in Israel-Egypt Tie, Asharq Al Awasat, September 14, 2021, Accessed https://bit.ly/3zqDF3z September 16, 2021
[v]Bennett Meets Sisi in fist ever visit by Israeli PM in a Decade, France 24 Arabic, September 13, 2021, Accessed https://bit.ly/3Ag3dkR September 15, 2021,
[vi]Bennett Meets Sisi in fist ever visit by Israeli PM in a Decade, France 24 Arabic, September 13, 2021, Accessed https://bit.ly/3Ag3dkR September 15, 2021
[vii]Israeli Media: Bennett Asks Sisi to Reign Hamas, New Arab, September 14, 2021, Accessed https://bit.ly/3EnZQuHSeptember 16, 2021
[viii]Sisi-Bennett Meeting: Gain for Israel ad Loss for Palestine, New Arab, Septmeber 15, 2021 Accessed https://bit.ly/3kgXR3w September 15, 2021
[ix] Mohammad Saied, Could Israel Help Egypt Break Nile Dam Deadlock, Al-Monitor, July 20, 2021, https://bit.ly/3zmAYQt, Accessed September 21, 2021
[x]Sisi: Understanding Between Egypt and Israel on GERD, New Arab, September 13, 2021 , Accessed https://bit.ly/3lLiy7h September 15, 2021
[xi]Sisi Meets Bennett in Sharm Al-Sheikh, Alquds Al-Arabi, September 13, 2021, Accessed https://bit.ly/3loQshM September 17, 2021
[xii]Sisi and Bennett Meeting: Ceasefire Dominates the Meeting, Al-Jareedah, September 14, 2021, Accessed https://bit.ly/3ClHsB1 September 14, 2021
[xiii]Bennett Says he is Opposed to State of Palestine, Sputnik Arabic, September 14, 2021, Accessed https://bit.ly/3ln7ih2 September 14, 2021
[xiv]Biden to Open Consulate in East Jerusalem, Al-Monitor, June 1, 2021, Accessed https://bit.ly/3tTyfwQ September 14, 2021
[xv] Aaron, Lapid Proposes New Vision for Gaza , Promises Economic Steps for Hams Quiet, The Times of Israel, September 12, 2021, Accessed https://bit.ly/3Cu5M3A September 21, 2021
[xvi]Sisi and Bennett Meeting: Ceasefire Dominates the Meeting, Al-Jareedah, September 14, 2021, Accessed https://bit.ly/3ClHsB1 September 14, 2021
[xvii]Israel-Palestine: Cairo’s Pursuit of Peace, Ahram Online, September 15, 2021 Accessed https://bit.ly/39azHkD September 15, 2021
[xviii] It is a peace plan proposed by Trump Administration to resolve the Arab-Israel conflict
[xix]Bennett Puts Veto on Meeting with Abbas, Rail Youm, September 15, 2019, Accessed https://bit.ly/2Z3CDxN September 15, 2019