श्रीलंका की संसद ने 6 सितंबर 2021 को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोथाबाया राजपक्षे द्वारा लागू किए गए आपातकालीन नियमों को मंजूरी दे दी। आपातकालीन नियम 30 अगस्त 2021 को लागू किए गए थे जिसका उद्देश्य धान, चीनी और चावल जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों को विनियमित करना और निरंतर खाद्य आपूर्ति को सुनिश्चित करना था। राष्ट्रपति सचिवालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में अधिकृत अधिकारियों को कहा गया है कि वे आवश्यक खाद्य पदार्थों के स्टॉक को छिपाने और उन्हें अधिक कीमतों पर बेचने के कारण बाजार में होने वाली अनियमितताओं को रोकें।1आपातकाल ऐसे समय में घोषित किया गया है जब श्रीलंका कोविड-19 से बढ़ती मौतों, देश भर में वायरस के तेजी से प्रसार और उस प्रसार को रोकने के लिए बार-बार लॉकडाउन की चुनौती का सामना कर रहा है।
महामारी के बीच नीति परिवर्तन: संकट में एक कारक
सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका की 2020 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को घरेलू अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय करने पड़े थे। बोझ को कम करने में मदद के लिए गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अस्थायी रूप से नियंत्रण करना उन उपायों में से एक था।2 इससे अप्रैल से दिसंबर 2020 तक लगभग 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के खर्च में कमी आई है।3
आयात नियंत्रण के साथ-साथ कृषि में नीतिगत बदलाव ने भी संकट को बढ़ा दिया है। नीतिगत बदलाव श्रीलंका की पोदुजाना पेरुमाना (एसएलपीपी) सरकार के नेशनल पालिसी फ्रेमवर्क पर आधारित था, जिसका शीर्षक था, "विस्टाज ऑफ स्प्लेंडर एंड प्रॉस्पेरिटी"। इसके अंतर्गत जन केंद्रित आर्थिक विकास सहित दस प्रमुख नीतियों को रखा गया है। यह नीति "राष्ट्रीय कृषि नीति" को प्रस्तुत करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात करती है। अन्य महत्वपूर्ण उपाय जो बताए गए, उनमें "अगले दस वर्षों के दौरान जैविक कृषि को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए अच्छे बीज और रोपण सामग्री प्रदान करके कृषि उत्पादन का विस्तार" करना शामिल है।4पानी के उपयोग की अर्थव्यवस्था को अधिकतम करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल खेती की शुरुआत और क्षेत्रीय स्तर पर सहकारी खेतों को बढ़ावा देना जन-केंद्रित आर्थिक विकास के लिए प्रस्तावित अन्य पहल हैं।5
प्रस्तावित नीति के अनुरूप, श्रीलंका सरकार ने इस साल मई में रासायनिक उर्वरकों के पूर्ण उपयोग और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपने निर्णय का बचाव इस आधार पर किया कि 'रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से गैर-संचारी रोगों की संख्या बढ़ रही है और झीलों और भूजल में प्रदूषण बढ़ रहा है'।6इसलिए, आयात पर प्रतिबंध लगाकर, उर्वरक आयात पर खर्च की जाने वाली 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वार्षिक राशि का उपयोग जैविक उर्वरकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।7
फिर भी, मई 2021 में श्रीलंका कृषि अर्थशास्त्र संघ (एसएईए) द्वारा श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखे गए एक पत्र में रासायनिक उर्वरकों पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर किया गया था। सरकार द्वारा हरित सामाजिक-आर्थिक मॉडल को अपनाने के निर्णय की सराहना करते हुए, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने और पर्यावरण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य के संरक्षण में मदद करेगा, पत्र में कुछ मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।
इनमें से एक जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि रसायनों पर आयात प्रतिबंध का उपयोग करने की उपयुक्तता है।8एसएईएके अनुसार, "यदि रासायनिक उर्वरकों को पूरी तरह से जैविक उर्वरकों से बदल दिया जाए तो धान की औसत पैदावार में पच्चीस प्रतिशत की गिरावट आ सकती है"।9एसएईएके पत्र में यह भी कहा गया है कि "रासायनिक उर्वरक की अनुपस्थिति से चाय की उत्पादकता में पैंतीस प्रतिशत की गिरावट आएगी। इससे चाय की निर्यात मात्रा 279 से 181 मिलियन किलोग्राम तक कम हो सकती है, जिससे 84 बिलियन एलकेआर की आय का नुकसान हो सकता है।"10विदेशी मुद्रा की आय में 18 बिलियन एलकेआर जितना नुकसान हो सकता है। दूसरा, एसएईएने सरकार से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करके जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा। इसने सरकार से रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कहा क्योंकि वे पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं।11
इन नीतिगत परिवर्तनों और अर्थव्यवस्था एवं उत्पादन पर इन परिवर्तनों के संभावित प्रभावों के कारण मूल्य वृद्धि और मुद्रास्फीति हुई है। आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आवश्यक खाद्य पदार्थों की जमाखोरी ने खाद्य संकट को बढ़ा दिया है और मुद्रास्फीति ने तेजी से आम आदमी को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। कोलंबो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीसीपीए) के आधार पर अकेले अगस्त महीने में खाद्य मुद्रास्फीति अगस्त 2021 में बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई 2021 में 11.0 प्रतिशत थी।12
सरकार की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, सरकार ने खाद्य आपातकाल से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं। किए गए कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
बढ़ती मुद्रास्फीति और विदेशी मुद्रा संकट ने भी अगस्त 2021 में सरकार को रासायनिक उर्वरकों के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध के निर्णय पर पुनर्विचार करने और खेती के लिए यूरिया सहित कुछ उर्वरकों के आयात की अनुमति देने के लिए मजबूर किया।17इसने इस साल अगस्त में एक हरित सामाजिक-अर्थव्यवस्था के लिए एक राष्ट्रपति कार्यबल भी नियुक्त किया। टास्क फोर्स को 'रासायनिक खेती से जैविक खेती में संक्रमण के लिए रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और जड़ी-बूटियों के बजाय जैविक उर्वरक उत्पादों के पूर्ण उपयोग' के लिए एक रोडमैप तैयार करने का काम सौंपा गया है।18
विपक्ष की प्रतिक्रिया
तमिल नेशनल एलायंस (TNA) ने राष्ट्रपति के फैसले की इस आधार पर आलोचना की है कि, यह एक "अनुचित कार्य" है।19राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा की वैधता के संबंध में विपक्ष द्वारा उठाए गए शुरूआती प्रश्नों को दरकिनार कर दिया गया जब श्रीलंका की संसद ने, जहाँ एसएलपीपी को बहुमत प्राप्त है, 6 सितंबर 2021 को उद्घोषणा को मंजूरी दे दी। श्रीलंका का संविधान सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश (पीएसओ) की धारा 2 के तहत राष्ट्रपति को आपातकाल की स्थिति घोषित करने की शक्तियां प्रदान करता है और फिर इसे संसद में अनुमोदित किया जाता है। पीएसओ के अनुसार, यदि राष्ट्रपति की राय है कि "सार्वजनिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण या समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव के लिए ऐसा करना संगत है, तो राष्ट्रपति राजपत्र में प्रकाशित उद्घोषणा द्वारा" आपातकाल की घोषणा कर सकता है।20
विपक्ष समागी जाना बालवेगया (एसजेबी), के मुख्य नेता सजीत प्रेमदासा ने भी कहा कि आपातकाल की घोषणा से लोकतंत्र का अंत हो जाएगा और "आपातकाल लगाने का वास्तविक उद्देश्य एक तानाशाही प्रशासन का निर्माण करना है"।21उन्होंने सुझाव दिया कि स्थिति को संभालने के लिए सरकार को इसके बजाय उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक को सक्रिय बनाना चाहिए। उनका तर्क था कि आपातकालीन नियम "अतीत में ज्यादातर मामलों में श्रीलंका में विशेष परिस्थितियों में ही जारी किए गए हैं, जहां सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा था या हड़ताल या सांप्रदायिक दंगों के दौरान औद्योगिक अशांति को दूर करने के लिए जरूरी था"।22इसलिए, उपभोक्ता मामले प्राधिकरण अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम जैसे कानून वर्तमान खाद्य संकट को संभाल सकते हैं।
निष्कर्ष
मौजूदा सरकार का ध्यान आयात को कम करते हुए निर्यात से आय को प्रोत्साहित करने पर रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आर्थिक पुनरुद्धार और गरीबी उन्मूलन पर एक राष्ट्रपति कार्यबल नियुक्त किया गया है। 28 वर्षों के अंतराल के बाद सितंबर 2020 में श्रीलंका के राष्ट्रपति की अध्यक्षता में निर्यात विकास परिषद की बैठक हुई।23हालांकि, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण श्रीलंका के निर्यात और आयात प्रभावित हुए। उदाहरण के लिए, श्रीलंका के वित्त मंत्री ने 7 सितंबर 2021 को संसद में कहा कि, देश गंभीर विदेशी विनिमय संकट का सामना कर रहा है क्योंकि महामारी के कारण सरकारी राजस्व में 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।24 उन्होंने विपक्षी दलों के साथ-साथ शुभचिंतकों से भी संकट के समाधान में सहयोग करने की अपील की। महामारी के प्रकोप के बाद अकेले पर्यटन क्षेत्र से श्रीलंका को लगभग 4 से 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।25जुलाई 2019 में विश्व बैंक द्वारा उच्च मध्यम आय वाले देश की श्रेणी में डालने के ठीक एक साल के बाद जुलाई 2020 में, श्रीलंका को फिर से निम्न मध्यम आय वाले देश के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया था। इन घटनाओं से पता चलता है कि, सरकार के विभिन्न नीतिगत निर्णयों की गंभीर समीक्षा किये जाने की आवश्यकता है। हालांकि सरकार ने घोषणा की है कि, उसने स्थानीय जैविक उर्वरक के निर्माण के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों के उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उर्वरक का आयात करने के उपाय किए हैं, यह देखा जाना बाकी है कि यह भविष्य में खेती के लिए समग्र आवश्यकता का प्रबंधन कैसे कर सकता है। हालाँकि सरकार चुनावों के दौरान किए गए वादे के अनुसार "नेशनल पालिसी फ्रेमवर्क” को लागू करती दिख रही है, लेकिन हो सकता है कि वर्तमान परिस्थितियाँ इसके लिए अनुकूल न हों, जिससे विपक्षी दलों और कुछ समूहों के बीच चिंता पैदा होसकती है।
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*डॉ. समथा मल्लेम्पति , रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंतटिप्पण
[1]The President of Sri Lanka, Official Website “Emergency regulations on essential food supply declared with effect from midnight today”, 30 August 2021, https://www.president.gov.lk/emergency-regulations-on-essential-food-supply-declared-with-effect-from-midnight-today/. Accessed on 30 August 2021.
2Central bank of Sri Lanka, Annual Report 2020, Page 127.
3 Ibid
4“National Policy Framework-Vistas of Prosperity and Splendour, Government of Sri Lanka”, https://lki.lk/wp-content/uploads/2019/12/National-Policy-Framework-Vistas-of-Prosperity-and-Splendour-Summary.pdf. Accessed on, 30 August 2021.
5Ibid
6The President of Sri Lanka, Official Website “Importation of chemical fertilizers will be stopped completely”, 22 April 2021, https://www.president.gov.lk/importation-of-chemical-fertilizers-will-be-stopped-completely/.Accessed on Accessed on 1 September 2021.
7Ibid
8Sri Lanka Agricultural Economics Association writes to President on Green Socio-Economic Model”, DailyFT, 25th May 2021, https://www.ft.lk/opinion/Sri-Lanka-Agricultural-Economics-Association-writes-to-President-on-Green-Socio-Economic-Model/14-718340. Accessed on 1 September 2021
9 Ibid
10Ibid 8
11Ibid
12Central Bank of Sri Lanka, Press Release-Inflation, Month of August 2021, https://www.cbsl.gov.lk/en/press/press-releases/inflation. Accessed on?
13“President’s Office issues clarification over use of emergency rules to deal with food crisis”, DailyFT, 8th September 2021, https://www.ft.lk/business/President-s-Office-issues-clarification-over-use-of-emergency-rules-to-deal-with-food-crisis/34-722798. Accessed on?
14“Government insists no shortage of essential food items”, Colombogazette, 2 September 2021, https://colombogazette.com/2021/09/02/government-insists-no-shortage-of-essential-food-items/. Accessed on?
15The President of Sri Lanka, Official Website , “29,900 metric tons of hoarded sugar in warehouses to consumers through state and private traders”, 1 September 2021, https://www.president.gov.lk/29900-metric-tons-of-hoarded-sugar-in-warehouses-to-consumers-through-state-and-private-traders/. Accessed on 1 September 2021?
16 Ibid
17“Sri Lanka relaxes fertilizer ban”, Colombopage, 3 August 2021, http://www.colombopage.com/archive_21A/Aug03_1628012219CH.php. Accessed on 2 September 2021.
18The President of Sri Lanka, Official Website, “Presidential Task Force for a green socio-economy, 10 August 2020, https://www.president.gov.lk/presidential-task-force-for-a-green-socio-economy/. Accessed on 3 September 2021.
19“TNA raises concerns over decision to declare emergency”, Colombogazette, 31st August 2021, https://colombogazette.com/2021/08/31/tna-raises-concerns-over-decision-to-declare-emergency/. Accessed on 5 September 2021.
20JayampathyWickramaratne, “Emergency Declared Surreptitiously”, Colombotelegraph, 1 September 2021, https://www.colombotelegraph.com/index.php/emergency-declared-surreptitiously/. Accessed on 2 September 2021.
21“Endangering democracy through imposition of emergency: Sajith”, Dailymirror, 3rd September 2021, https://www.dailymirror.lk/latest_news/Endangering-democracy-through-imposition-of-emergency-Sajith/342-219554.Accessed on 4 September 2021.
22“What happened to Consumer protection laws?,Dailymirror, 4th September 2021, https://www.dailymirror.lk/opinion/What-happened-to-Consumer-protection-laws/172-219682. Accessed on 5 September 2021.
23Central Bank of Sri Lanka, Annual Report 2020, Page 127.
24“Basil paints bleak picture of economy”, DailyFT, 8 September 2021, https://www.ft.lk/front-page/Basil-paints-bleak-picture-of-economy/44-722813. Accessed on 8 September 2021.
25 Ibid