अरब स्प्रिंग के एक दशक पूरे होने पर जारी यह पत्र दक्षिण एशिया-उत्तरी अफ्रीका ¼डब्ल्यूएएनए½ क्षेत्र के विभिन्न देशों पर आधारित पत्रों की श्रृंखला में दूसरा है।
परिचय
अरब स्प्रिंग की दसवीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर अरब की गलियों में उल्लास और उदासी की मिली-जुली भावनाएं थीं। मिस्र की गलियाँ सूनीं थीं, लोगों के चेहरे भावहीन थे और सोशल मीडिया पर एक रहस्यमयी चुप्पी छाई हुई थी। लोगों का मोहभंग उस लोकप्रिय आग्रह को प्रतिबिम्बित करता है जिसमें उन्हें अरब “क्रांति” की कड़वी यादों से छुटकारा पाने के लिए कहा गया था, वो क्रांति जिसे पहले तो नई राजनीति के अग्रदूत के रूप में देखा गया था लेकिन उसका अंत मायूसी और निराशा के साथ हुआ। वो 11 फरवरी 2011 का दिन था जब मिस्र में लाखों लोग खुशी से झूम रहे थे। दिवंगत राष्ट्रपति मुबारक आखिरकार अठारह दिनों के अंतहीन विरोध के आगे झुक गए थे और तीन दशक बाद सत्ता से हट गए। तब कइयों ने कहा था, "अपना सिर ऊपर उठाओ, तुम एक मिस्री हो"। लेकिन आज, जाने-माने ब्लॉगर-एक्टिविस्ट खालिद दाविस की तरह कई लोग 11 फरवरी को एक खूबसूरत सपने के आखिरी दिन के रूप में बताते हैं1 तो कई दूसरे लोग इसकी व्याख्या क्रांति के महान धोखे की शुरुआत के तौर पर करते हैं।2
मुबारक के बाद के पिछले दशक के मिस्र पर विचार करने पर हैरानी होती है कि क्या वाकई क्रांति कोई सुधार ला पाई। आज, मिस्र में जहाँ सेना की गुटबंदी पहले की तरह मजबूत है, वहीं विरोध की राजनीति उतनी ही कमजोर और अस्पष्ट है जितनी नासिर के जमाने में थी। एक महत्वकांक्षा से भरा युवा पहले की तरह ही असंतुष्ट है और यथास्थिति बनाए रखना ही लोगों के लिए सबसे अच्छा उपलब्ध विकल्प बन कर रह गया है।
परिवर्तन बनाम कोई परिवर्तन नहीं
पिछले दशक में मिस्र दस चुनावों का गवाह बना, जिनमें सबसे हाल में दिसम्बर 2020 में हुआ संसदीय चुनाव भी शामिल था। जैसी की उम्मीद थी, सिसी समर्थक पार्टी नेशन्स फ्यूचर 596 सीटों वाली सीनेट में लगभग 75% सीटों पर चुनाव जीत गई।3 इस्लामवादियों (मुस्लिम ब्रदरहुड पढ़ें) को चुनाव लड़ने की इज़ाज़त नहीं दी गई थी और विभाजित विपक्ष ने बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया। कुल 29% मतदान मिस्र में क्रांति के बाद की राजनीति के लिए लोगों में घटते उत्साह का स्पष्ट संकेत देता है।4 जीत का मार्जिन 2018 के राष्ट्रपति चुनाव से बहुत अलग नहीं था जब अल-सिसी ने कुल वोटों का 97% हासिल किया था।5 2019 का जनमत संग्रह सेना की भूमिका को पहले ही मजबूत कर चुका था जब राष्ट्रपति के कार्यकाल को मौजूदा चार साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया गया था। अन्य चुनावों की तरह, इस जनमत संग्रह को भी 88.33% ‘हां’ वोट के साथ अनुमोदित किया गया था।6 2019 के जनमत संग्रह ने सेना को लोकतंत्र और राष्ट्र को बचाने के नाम पर राजनीतिक क्षेत्र में हस्तक्षेप करने के लिए अधिकृत कर दिया। इसने निवर्तमान राष्ट्रपति को तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की भी अनुमति दे दी, जो सभी संभाव्यताओं के साथ, राष्ट्रपति अल-सिसी को 2030 तक शासन करने में सक्षम बनाता है।7 यह क्रांति के बाद के मिस्र का राजनीतिक परिदृश्य है, जिसमें सेना स्पष्ट रूप से प्रत्येक मामलों के शीर्ष पर है। किसी संस्था में सत्ता के केन्द्रीकरण को कट्टरपंथ से लड़ने और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुधार के नाम पर न्यायोचित ठहरा दिया जाता है। आज, मिस्र में, असहमति के लिए कोई जगह नहीं है और 60,000 असंतुष्ट जेल में हैं8। विरोध की हर आवाज को कट्टरपंथ और अतिवाद के स्रोत के रूप में चित्रित किया जाता है।
जहां तक आर्थिक प्रगति का संबंध है, राष्ट्रपति अल-सिसी लगातार ये दावा करते रहे हैं कि सुरक्षा और स्थिरता आर्थिक प्रगति के लिए सबसे आवश्यक शर्त हैं और असुरक्षा के कारण कई बड़ी आर्थिक परियोजनाओं में देरी हुई है। वृहद स्तर पर, देश की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुए हैं। मिस्र के मुख्य सांख्यिकी निकाय कैपमास ¼CAPMAS½ के अनुसार, पिछले दो दशकों में पहली बार राष्ट्रीय गरीबी दर में कमी आई है और बेरोजगारी दर धीरे-धीरे गिर रही है।9 लेकिन मिस्र की एक आर्थिक समीक्षा के मुताबिक़, वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण स्वेज नहर से राजस्व में कमी आई है।10 बहरहाल, आम तौर पर कोविड-19 के कारण आर्थिक प्रगति को झटका लगा है। महामारी ने पर्यटन के महत्वपूर्ण क्षेत्र को विशेष रूप से प्रभावित किया है। विदेशों से धन प्रेषण का प्रवाह भी बाधित हुआ है क्योंकि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों में काम कर रहे ज्यादातर प्रवासी वापस आ गए हैं। 2019 में बीमारी के प्रकोप के बाद से, मिस्र में 200,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और लगभग 10,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।11 इस साल लगातार दूसरे महीने में मरने वालों की संख्या 40 से 50 के बीच रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कथित तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को बताया है कि मई में मामलों के और बढ़ने की आशंका है।12
घरेलू राजनीति सहित, मिस्र कई प्रकार की बाहरी चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। ग्रैंड इथियोपियन रेनासा डैम के निर्माण से मिस्र और इथियोपिया के बीच उपजे नील जल विवाद ने द्विपक्षीय तनाव को और गहरा कर दिया है। मिस्र का दावा है कि यह बांध उसे उसके कुल पानी के 75% हिस्से से वंचित कर देगा।13 मिस्र के पूर्व विदेश मंत्री नबील फहीमी ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह बांध मिस्र के लिए अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है।14 हाल के दिनों में इस मुद्दे को लेकर कई दौर की वार्ताएं विफल रही हैं जिसमें जनवरी 2021 में अफ्रीकी संघ के तत्वावधान में आयोजित वार्ता भी शामिल है।15 इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रस्थान के साथ ही, राष्ट्रपति अल-सिसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) प्रशासन में एक अच्छा दोस्त खो दिया है। अब, राष्ट्रपति अल-सिसी मानवाधिकार मुद्दे पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति बिडेन के सत्ता में आने के तुरंत बाद 2016 से मिस्र में नजरबंद अलजजीरा रिपोर्टर की रिहाई को कई लोगों ने नए अमेरिकी प्रशासन के साथ नए सिरे से संबंधों को शुरू करने के प्रयास के रूप में देखा है (जबकि कई अन्य लोग इसे कतर के साथ मिस्र के संबंधों की बहाली के परिणाम के रूप में देखते हैं)।17
इस्लामवादियों के लिए कोई जगह नहीं
विकसित होते मोरक्को और ट्यूनीशिया में इस्लामी दलों के राजनीतिक जुड़ाव के विपरीत, मिस्र में इस्लामवादी आज राजनीतिक क्षेत्र से लगभग गायब हो चुके हैं और उन्हें 2013 से ही आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।18 2013 में इस्लामवादियों को हटाने के बाद, मिस्र ने पांच चुनाव देखे हैं, जिनमें एक जनमत संग्रह भी शामिल है, लेकिन किसी में भी इस्लामी दलों को चुनाव लड़ने की इज़ाज़त नहीं दी गई। मुस्लिम ब्रदरहुड के शीर्ष नेताओं में से ज्यादातर मौत के इंतज़ार में हैं, हजारों लोग जेलों में बंद हैं और कई ने विदेश में शरण मांगी है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने मिस्र के अधिकारियों को मौत की फांसी को रोकने के लिए बार-बार कहा है और अपराध स्वीकारोक्ति के लिए अक्सर उनपर यातनापूर्ण तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।19 इसने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए आतंकवादी कानूनों के व्यवस्थित उपयोग को रोकने की भी मांग की है और कई कार्यकर्ताओं को आतंकवादी सूची से हटाने के लिए कहा है।20
मिस्र में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोर्सी की जेल में हुई मौत पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, क्योंकि मिस्र समर्थक मीडिया ने उनकी स्थिति का कोई उल्लेख नहीं किया, न तो पूर्व राष्ट्रपति के रूप में और न ही सत्ता से उखाड़ फेंके गए राष्ट्रपति के रूप में।21 इस्लामवादियों के खिलाफ राज्य के नेतृत्व वाले अभियान और उनके निष्ठुर दमन के कारण, निकट भविष्य में उनके पुनरुद्धार की संभावनाएं धूमिल होती दिख रही हैं। राष्ट्रपति अल-सिसी ने खुद कहा है, "जब तक मैं सत्ता में हूं, राष्ट्रीय राजनीति में इस्लामवादियों के लिए कोई जगह नहीं होगी"। ट्यूनीशिया के विपरीत मिस्र में इस्लामवादियों ने खुद को या अपनी विचारधारा को उदार बनाने की दिशा में कोई झुकाव नहीं दिखाया है। शुरुआत से ही मिस्र के इस्लामवादियों ने बहिष्कार और टकराव की नीति अपनाई और संभवतः वे देश की गंभीर स्थिति को समझने में विफल रहे हैं। अक्सर उन्होंने सेना की संस्था को निशाना बनाया, इस बात की अनदेखी करते हुए कि 1952 की मुक्त अधिकारी क्रांति के बाद से सेना मिस्र में एक अनिवार्य बल रही है।
निष्कर्ष
आज का मिस्र यथास्थिति के दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां व्यापक असहमति के बावजूद लोगों में बदलाव के लिए भूख समाप्त हो चुकी है। सड़कों पर कोई विरोध नहीं है। एक आम आदमी का राजनीतिक प्रयास सुरक्षा और आर्थिक सुधार की मांग से आगे नहीं बढ़ता है और वर्षों से शासन कम या ज्यादा इन्हीं मोर्चों पर काम कर रहा है। इसके अलावा, राष्ट्रपति अल-सिसी ने देश को संकट में नहीं पड़ने देने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक तौर पर श्रेय अर्जित किया है जो इस क्षेत्र में हर जगह व्याप्त है। राष्ट्रपति अल-सिसी ने पिछले सात वर्षों में कानूनों की श्रृंखला के माध्यम से अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है और विपक्षी ताकतें या तो विरोध के मुद्दे पर विभाजित हैं या उनके नेता जेल में हैं। जहां तक इस्लामवादियों के भविष्य का सवाल है, तो शासन की मौजूदा नीतियां और उनकी खुद की बहिष्कारवादी राजनीति और बहिष्कारवादी वैश्विक दृष्टिकोण के कारण उन्हें निकट भविष्य में मुख्यधारा की राष्ट्रीय राजनीति में कोई जगह मिलने की संभावना नहीं है।
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* डॉ. फ़ज्जुर रहमान सिद्दीकी, शोध अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं न कि परिषद के।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[1]Tenth anniversary of Mubarak Departure, Rail-Youm, An Arabic Daily, February 11, 2021, Accessed https://bit.ly/3jFFMdr February 13, 2021
2Tenth anniversary of Mubarak Departure, Rail-Youm, An Arabic Daily, February 11, 2021, Accessed https://bit.ly/3jFFMdr February 13, 2021
3 Pro-Sisi party wins majority seats in election, Egypt Independent, December 15, 2020,Accessed https://bit.ly/3d9FDxK February 2, 2021
4Pro-Sisi party wins majority seats in election, EgyptIndependent, December 15, 2020, Accessedhttps://bit.ly/3d9FDxK February 2, 2021
5Lost Arab Spring, Alkhalij-aljadeed, Arabic Daily, January 4, 2021, Accessed https://bit.ly/3dbNRp8 February 1, 2021
6 Egypt referendum: 83.3 % backs changes, Euro News, April 24, 2019, Accessed https://bit.ly/3d8NQlG February 2, 2021
7Andrew Miller and Amy Hawthorne, Worse than Mubarak,Project on Middle East Democracy, February 27, 2019, Accessed https://bit.ly/2Ovo2Wt Accessed February 12, 2021
8A Wasteful decade in Egypt, Arabic 21, January 26, 2021, Accessed https://bit.ly/3tWICzdJanuary 27, 2021
9 The dream that became a nightmare, Independent, January 25, 2021, Accessed https://bit.ly/3d4LYKK January 27, 2021
10Mirette F. Mabrouk, Rethinking Egypt’s Economy: Policy Paper , October 20, 2020, Accessed https://bit.ly/3d875f0 January 24, 2021
11 Egypt reports 603 new cases, Ahramonline English, February 12, 2021 Accessed https://bit.ly/3rN1O0C Februarys 12, 2021
12Egypt expected to see increase in May, Ahramonline English, February 11, 2021 Accessed https://bit.ly/3daAqpo February 12, 2021
13Nabil Fahmy, The Most severe threat facing the MENA, The Cairo Review of Global Affairs, Winter 2020, Accessed https://bit.ly/3pkwFjo February 7, 2021
14 Renaissance dam is an existential issue , Nabil Fahmy Al-Majallah, , An Arabic weekly, October 30, 2020, Accessed https://bit.ly/3rQwhuK January 20, 2021
15MohammaedHegazy, Further Break down on GERD, Ahramonline English, February 2, 2021 Accessed https://bit.ly/2Z9YjoR February 12, 2021
16Egypt release Aljazeera Journalist, The Hindu, February 7, 2021 , Accessed https://bit.ly/3dm3omn February 10, 2021
17Release of Aljazeera journalist, Rail Youm , An Arabic Daily, January 31, 2021, Accessed https://bit.ly/3rQEX4l February 10, 2021
18Egypt’s MBH has been declared a terrorist organization, BBC, December 13, 2013, Acceded https://bbc.in/3qkd6ZR January 30, 2021
19UN Right Office has repeatedly asked the Egyptian authority to halt the death row execution, UN News, February 22, 2019, Accessed https://bit.ly/3jNEOvS February 8, 2021
20Egypt urged to remove activist form terrorist list, UN News, February 11, 2021, Accessed https://bit.ly/3jLq7cm February 14, 2021
21How did Egyptian Newspapers Report Morsi’s Death, Aljazeera, June 18, 2019, Accessed https://bit.ly/3rUwYTX February 12, 2021
22Sisi: There would be no role for MBH as long as I am in power, BBC Arabic, October 13, 2018, Accessed https://bbc.in/3tYRtRk February 14, 2021