प्रवासी श्रमिकों के बीच अशांति और अपने नियमित वेतन और बेहतर जीवन स्थितियों के मुद्दे को सतह पर लाने के लिए क्रोध की अवस्था के बीच मालदीव के गृह मंत्रालय ने घोषणा की है, कि विरोध प्रदर्शन, जलूस और सभाएं केवल मालदीव पुलिस सेवा (एमपीएस) की पूर्व अनुमति के साथ आयोजित की जा सकती हैं।
14 जुलाई 2020 को, मालदीव के गृह मंत्रालय ने घोषणा की कि सड़क पर विरोध प्रदर्शन, परेड, सभा और मार्च केवल मालदीव पुलिस सेवा से पूर्व अनुमति के साथ आयोजित किए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय की यह घोषणा हाल के महीनों में प्रवासी श्रमिकों द्वारा अभुक्त वेतन और बेहतर रहन सहन की सुविधाओं की मांग के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शनों के जवाब में थी। वर्तमान में 5.16 लाख की आबादी वाले मालदीव में मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई देशों से लगभग 2,50,000 प्रवासी कामगार हैं। इनमें लगभग 70,000 श्रमिक बिना दस्तावेज़ के हैं, जिनमें से अधिकांश बांग्लादेश से हैं।[1]
प्रवासी कामगारों का विरोध
मालदीव के द्वीपों पर प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा, जो विभिन्न रिसॉर्ट विकास और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास परियोजनाओं पर काम करते हैं, एक नया मुद्दा नहीं है। निर्माण कार्य और पर्यटक रिसॉर्ट्स के अस्थायी बंद होने के कारण महामारी ने मुद्दों को और बिगाड़ दिया है। 13 जुलाई 2020 को हुलहुमले में एक निर्माण कंपनी आईलैंड एक्सपर्ट प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत प्रवासी श्रमिकों द्वाराअभुक्त वेतन की मांग के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस ने हिंसा रोकने के लिए 41 श्रमिकों को गिरफ्तार किया। एक अन्य उदाहरण में, 3 जुलाई 2020 को, प्रवासी श्रमिकों ने छह महीने के अभुक्त वेतन और बेहतर रहन सहन की सुविधाओं की मांग करते हुए एक रिसोर्ट कंपनी RIX मालदीव प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बोडुफिनोलु और बा एटोल में विरोध प्रदर्शन किया। [2] इस मामले में, पुलिस ने मालदीव के 13 कर्मचारियों को बंधक बनाने के लिए 19 प्रवासी कामगारों को गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ आपराधिक आरोप भी लगाए गए थे। वेतन के संबंध में प्रवासी श्रमिकों के दावे को एक लॉ फर्म पब्लिक इंटरेस्ट लॉ सेंटर (PILC) द्वारा समर्थित किया गया था, जिसने मालदीव के रोजगार अधिकरण को RIX मालदीव में काम करने वाले लगभग 200 श्रमिकों को मुआवजा देने के लिए कहा था।[3]
सरकार का जवाब
मालदीव की सरकार ने शुरू में महामारी के तुरंत बाद प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को मानवीय दृष्टिकोण से देखा। वैध दस्तावेज के अभाव में भी, सरकार ने विशेष COVID-19 क्लीनिक में, जैसे हुलहुमले में, प्रवासी श्रमिकों के लिए पहुँच प्रदान की। मालदीव की हेल्थ प्रोटेक्शन एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में अकेले 90 से अधिक बांग्लादेशियों का कोरोना वायरस के लिए किया गया परीक्षण पाज़िटिव आया। प्रवासी श्रमिकों के तंग रहने वाले स्थानों ने स्पष्ट रूप से उनके बीच वायरस के प्रसार को रोकने में कठिनाइयों का कारण बना। हालांकि, सरकार ने जुलाई में विरोध प्रदर्शन के बाद अपना रुख बदल दिया और बाद में माले के साथ-साथ रिसॉर्ट द्वीपों में संपत्ति के नुकसान /पुलिस पर हमले के रूप में गड़बड़ी के कारण राष्ट्रपति ने श्रमिकों की स्थिति को 'तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता'' के रूप में वर्णित किया।[4] रक्षा बल के प्रमुख ने भी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की अशांति और उपस्थिति को 'मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा' बताया।[5] दूसरी ओर, ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने विशेष रूप से सरकार से केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से मामले से निपटने के लिए नहीं कहा, बल्कि मानवीय और अधिकार के दृष्टिकोण से मुद्दे को संबोधित करने के लिए कहा। इसने सरकार से हिरासत में लिए गए श्रमिकों को रिहा करने को कहा।
मुद्दे को हल करने के लिए किए गए उपाय
इस पृष्ठभूमि में, सरकार ने बिना वैध दस्तावेजों के श्रमिकों को वापस करने का निर्णय लिया। हाल के महीनों में, 4,000 से अधिक श्रमिकों को प्रत्यावर्तित किया गया है। "बिना वैध दस्तावेजों के श्रमिकों के लिए राष्ट्रव्यापी नियमितीकरण कार्यक्रम" के आधार पर, सरकार 2020 के अंत तक अन्य 20,000 बिना वैध दस्तावेजों वाले प्रवासियों को स्वदेश वापस भेजने की योजना बना रही है। अवैध प्रवासियों को स्वदेश वापस भेजकर, सरकार विदेशी श्रमिकों के बीच मौजूदा अशांति को दूर करने की उम्मीद कर रही है, लेकिन वास्तविक मुद्दा मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है। ब्लू कॉलर (अंत्यावसायी) प्रवासी श्रमिकों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने पिछले साल 18 सितंबर 2019 से एक साल के लिए बांग्लादेश से श्रमिकों को लाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।[6] बांग्लादेश को छोड़कर, प्रत्येक देश से ब्लू-कॉलर (अंत्यावसायी) श्रमिकों के लिए 1,55,000 का कोटा तय किया गया था। दक्षिण एशिया के अलावा, मालदीव में फिलीपींस, ईरान, मिस्र और रूस से प्रवासी श्रमिक आते हैं। 2013 से लागू मानव तस्करी निरोधक कानून के बावजूद, मालदीव में बिना वैध दस्तावेजों वाले विदेशी श्रमिकों का बढ़ना जारी है। [7] मालदीव में एजेंटों के साथ मिलीभगत करके स्रोत देशों में एजेंसियों द्वारा धोखाधड़ी से भर्ती, ऋण बंधन, [8] वेतन की गैर-अदायगी और बंधुआ मजदूरी बिना वैध दस्तावेजों वाले प्रवासी श्रमिकों में वृद्धि के कुछ कारण हैं। [9] एक सकारात्मक कदम के तहत, 30 जुलाई 2020 को, सरकार ने घोषणा की कि वह "राष्ट्रीय मानव-तस्करी विरोधी कार्य योजना, 2020-2022" को लागू करेगी।[10] योजना का मुख्य उद्देश्य मालदीव में मानव तस्करी (टीआईपी) को खत्म करने के प्रयासों में तेजी लाना है। रक्षा मंत्रालय अन्य विभागों के साथ समन्वय में कार्य योजना को लागू करेगा। मानव तस्करी को खत्म करने के लिए एक्शन प्लान विभिन्न पहलुओं जैसे कानून और नीति ; संवेदनशीलता और जागरूकता और निगरानी, प्रवर्तन और प्रशिक्षण पर गौर करेगा।[11]
निष्कर्ष
विरोध प्रवासी श्रमिकों के बीच बढ़ती अशांति की अभिव्यक्ति है और मालदीव की सरकार के लिए चिंता का विषय है, जो वैश्विक महामारी के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को जिंदा रखने की कोशिश कर रहा है। यह मुद्दा हाल के वर्षों में मालदीव में सिमसिमा रहा है लेकिन महामारी ने इस समस्या को बढ़ा दिया है। बिना वैध दस्तावेजों वाले श्रमिकों के पंजीकरण के लिए सरकार द्वारा की गई पहल और राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने का निर्णय महामारी के बीच सकारात्मक कदम हैं। क्या, ये कदम मानव तस्करी के पीड़ितों की सुरक्षा और धोखाधड़ी करने वाली एजेंसियों और व्यक्तियों की जांच के वास्तविक मुद्दे को संबोधित करेंगे, जो तस्करी में शामिल हैं। इस बीच, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद में, मालदीव 15 जुलाई 2020 को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए खोल दिया गया है। इसने 15 जुलाई 2020 को चार महीने के अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के पहले बैच का स्वागत किया। केवल पर्यटक ही नहीं, लगभग 266 प्रवासी श्रमिक भी जुलाई में रोजगार के लिए देश में आए। मालदीव के आकार और जनसंख्या वाले देश के लिए, प्रवासी श्रमिकों ने मुख्य रूप से पर्यटन के आधार पर, मालदीव की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है। इसलिए, यह जरूरी है कि मालदीव की सरकार इस मुद्दे को समग्र रूप से संबोधित करे।
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*डॉ. समथा मल्लेम्पति, शोधकर्ता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली।
व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[1] “Government to Repatriate 20,000 Undocumented Expatriates”,14 July, 2020, https://corporatemaldives.com/government-to-repatriate-20000-undocumented-expatriates/. Accessed July 16, 2020.
[2]MariyamMalsa “RIX, Seal Maldives at loggerheads over Bodufinolhu issue”, 4th July 2020, Mihaaru
Online, https://edition.mv/news/17654, Accessed July 22, 2020.
[3]FathmathShaahunaz, “PILC to Employment Tribunal over Bodufinolhu workers”, 19 July 2020, Mihaaru online, https://edition.mv/news/17984
[4] “President Convenes a Meeting to Discuss Foreign Worker Protests”, Maldives Times, 14 July 2020, https://maldivestimes.com/president-convenes-a-meeting-to-discuss-foreign-worker-protests/. Accessed on July 15, 2020.
[5]Shahudha Mohamed, “Expats' actions equivalent to taking over nation: Chief of Defence”, 21 July 2020, Mihaaru Online, https://edition.mv/news/18043. Accessed July 26, 2020.
[6]Shahudha Mohamed, “Maldives places temporary ban on new Bangladeshi labour recruits”, 18 September 2019, Mihaaru Online, https://edition.mv/news/12464. Accessed on July 14, 2020.
[7] International Organisation for Migration Report, “ Migration in Maldives: A country Profile 2018”, P.71, https://publications.iom.int/system/files/pdf/mp_maldives_2018.pdf.,Accessed on July 31, 2020.
[8] Migrant workers pay nearly $ 2,500 to $4000 in recruitment fees to work in Maldives.
[9] The US State Department Trafficking in Persons Report 2019, P.313, https://www.state.gov/wp-content/uploads/2019/06/2019-Trafficking-in-Persons-Report.pdf. Accessed on July 30, 2020.
[10] Ministry of Defence, Government of Maldives, “Maldives National Anti-Human Trafficking Plan 2020-2022”, P. 8, https://www.gov.mv/dv/files/maldives-national-anti-human-trafficking-action-plan-2020-2022.pdf. Accessed on August 1, 2020.
[11] Ibid