परिचय
जब एक अभूतपूर्व महामारी पूरे विश्व में फैली है, पूरी दुनिया विभक्त हो गई है और सरकारें अपनी-अपनी देशों की परवाह करने में व्यस्त हैं और यहां तक कि अपनी सीमाओं को बंद करने के लिए मजबूर हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और ईयू (यूरोपीय संघ) दोनों कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने मार्च 2020 के पहले दो हफ्तों में ईयू से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया तब दोनों महाद्वीपों के बीच संपर्क कटने का यह पहला संकेत था।1 इस महामारी के प्रति ट्रम्प की विलंबित प्रतिक्रिया के कारण अमेरिका सबसे बुरी तरह से प्रभावित देशों की सूची में अवांछित प्रथम स्थान पर पहुँच गया है जिसकी वजह से अमेरिकी समाज विभक्त हो गई है। इससे अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव प्रभावित होने की संभावना है। यूरोपीय संघ के भीतर, चीन की “मास्क कूटनीति”2 ने देशों को विभाजित कर दिया है, जबकि नीदरलैंड और स्पेन जैसे कुछ देशों को चीन की इस मदद पर संदेह है, और स्वीडन और चेक गणराज्य जैसे देशों ने चीन की आलोचना बंद कर दी है क्योंकि वे चीन को ऐसे एकमात्र देश के रूप में देखते हैं जो इस गंभीर समय में उन्हें चिकित्सा सहायता आपूर्ति कर सकता है। पूरा विश्व जिस परिस्थिति से गुज़र रहा है, यक़ीनन उसके चलते राज्यों का व्यवहार बदलेगा, यदि नहीं, तो भी चीन के साथ कैसा व्यवहार रखेंगे इस अर्थों में उनके बीच का व्यवहार जरूर बदलेगा।
हालाँकि, अभी कोविड-19 के बाद की विश्व व्यवस्था में वैश्विक स्तर पर समग्र अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक बुनियादी पुनःआंकलन का पूर्वानुमान करना थोड़ी जल्दबाजी होगी, पर हम परिवर्तन के शुरुआती संकेत देख सकते हैं। एक ऐसा संभव तरीका जिसे देख कर परिवर्तन को आसन्न समझा जा सकता है, ये तरीका है कि देश बहुपक्षवाद, विशेष रूप से क्षेत्रवाद में कैसे संलग्न होते हैं। चूंकि अधिकांश बड़े देश अपनी सीमाओं के भीतर आग बुझाने में जुटे हैं, इसलिए क्षेत्रीय सहयोग अब प्राथमिकता नहीं रह गई है। सार्क- जिसे कई लोगों ने मरता हुआ और पुनरुत्थान के किसी भी दायरे से परे समझा था, इस बीच, ने आशा की एक किरण दिखाई जब प्रधान मंत्री (पीएम) नरेन्द्र मोदी ने सार्क के नेताओं के मध्य एक विडियो कांफ्रेंस आयोजित करने का अभिनव विचार प्रकट किया और इसके माध्यम से वे आठ देशों को एक-साथ लाने के प्रयासों में सफल भी रहें। यद्यपि स्वास्थ्य अवसंरचनाएं और क्षमता अधिकांश सार्क राष्ट्रों की कमजोर कड़ी रही है, पर फिर भी भारत का यह विचार सराहनीय है कि हम एक तंत्र के माध्यम से इस बेजोड़ वैश्विक संकट का उपयोग कर क्षेत्रीय सहयोग, जिसका मृत्युलेख कई बार लिखा जा चुका है, को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
सार्क का पुनरुत्थान
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तेजी से फैलते कोरोनावायरस से लड़ने में क्षेत्रीय रणनीति तैयार करने के लिए वीडियो के माध्यम से एक आभासी बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव दिए जाने के बाद 15 मार्च को भारत ने कई सालों में सार्क की पहली बैठक की मेजबानी करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने प्रस्तावित किया कि “सार्क देशों के नेताओं को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करनी चाहिए”।3 इस आभासी बैठक में अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका समेत सात देशों के नेता और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान के विशेष स्वास्थ्य सलाहकार शामिल थे। उन्होंने उपमहाद्वीप में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों, उग्र वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए उपायों और संभावित उपचार विधियों पर चर्चा की।4 भारत ने कोरोनावायरस के प्रकोप को सीमित करने के लिए चलाई जा रही प्रयासों और कार्य योजना का विवरण दिया।
यह बैठक कई नज़रिए से बहुत महत्वपूर्ण थी। सबसे पहला, यह संकट की ओट में एक अवसर है जिसने 2014 के बाद सार्क की पहली उच्च-स्तरीय बैठक के लिए इस क्षेत्र के देशों को साथ लाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य राजनय के साथ दिशात्मक नेतृत्व था-एक ऐसा एजेंडा जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता था। इसके अलावा, वर्ष 2016 में भारत द्वारा सीमा-पार आतंकवाद (उरी हमला) को आधार बताकर इस्लामाबाद में आयोजित बैठक में शामिल होने से इनकार करने के बाद यह चार सालों में संगठन की पहली बैठक थी। तब, सार्क के अन्य देशों जैसे कि अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी सार्क छोड़ दिया था जिससे सार्क दिशाहीन पड़ गया था। दूसरा, पाकिस्तान के साथ बातचीत करने में अपने खुले आरक्षण के बावजूद सम्मेलन आयोजित करने का भारत का निर्णय एक अग्रणी-राष्ट्र के रवैये को दर्शाता है, जो बड़े पैमाने पर क्षेत्र की भलाई के बारे में सोचने में सभी देशों को संलग्न करने के लिए अपने द्विपक्षीय दुश्मनी से ऊपर उठा है। यह इसकी परिपक्व समझ को दर्शाता है कि वैश्विक चुनौतियों के लिए समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। यह तब भी स्पष्ट था जब भारत ने सार्क के मंच पर कश्मीर के मुद्दे को उठाने की पाकिस्तान की हरकत को नज़रंदाज़ करना चुना था, भले ही इस बैठक का एक अलग और अधिक महत्वपूर्ण एजेंडा था। अमेरिका और रूस सहित दुनिया के प्रमुख देशों ने सामूहिक प्रतिक्रिया के लिए दक्षिण एशिया को तैयार करने के भारत के प्रयासों की सराहना की है।5 हालांकि, भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कॉरपोरेट निकायों, संस्थापनों और संयुक्त राष्ट्र संस्थापनों की सहायता से कोविड-19 समेकित प्रतिक्रिया कोष की घोषणा करने के एक दिन बाद और जी7 नेताओं के बीच इसी तरह का एक विडियो कांफ्रेंस होने से एक दिन पहले यह निर्णय लिया, पर फिर भी भारत द्वारा सार्क के नेताओं को एक आम मंच पर लेकर आने को एक मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा गया है।6
मूर्त प्रदेयों के मध्य, इस बैठक में भारत ने इस महामारी से खिलाफ लड़ाई में सार्क देशों के लिए कोविड-19 आपातकाल कोष बनाने का प्रस्ताव रखा और भारत ने इस कोष में अपनी तरफ से $10 मिलियन का योगदान देने की बात कही।7 श्रीलंका ($ 5 मिलियन), बांग्लादेश ($ 1.5 मिलियन), नेपाल ($ 1 मिलियन), अफ़ग़ानिस्तान ($ 1 मिलियन), मालदीव ($ 200,000) और भूटान ($ 100,000) ने भी आपातकाल कोष में योगदान देने की प्रतिबद्धता दी, जिससे कोविड-19 आपातकाल कोष में कुल $ 18.3 मिलियन की राशि इकट्ठी हो जाएगी। पाकिस्तान के योगदान का अभी भी इंतजार है। नेताओं के मध्य विडियो कांफ्रेंस होने के बाद से, सार्क देशों के वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवरों ने भी 26 मार्च को एक और वीडियो कांफ्रेंस पर मुलाकात की और अब तक कोविड-19 के प्रसार से निपटने के अनुभवों का आदान-प्रदान किया और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। सार्क देशों के साझा उपयोग के लिए सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र (एसडीएमसी-आईयू), गांधीनगर ने कोविड-19 पर एक वेबसाइट (http://www.covid19-sdmc.org/) बनाई है।8 भारत के विदेश मंत्रालय में एक 'विशेष प्रकोष्ठ' सार्क देशों के साथ क्षेत्रीय प्रयासों का समन्वय और निगरानी कर रहा है।
अन्य पहलों के अलावा, सार्क देशों के विडियो कांफ्रेंस से भी पहले, भारत ने अपने रक्षा बलों, जिनमें डॉक्टरों और पैरामेडिक्स शामिल हैं, से 14 सदस्यीय मेडिकल टीम को मालदीव में महामारी से लड़ने में सहायता के लिए भेजा था। यह पहल महत्वपूर्ण है क्योंकि शायद यह किसी अन्य देश में जाने वाली पहली भारतीय चिकित्सा टीम है।9 भारत ने कोविड-19 के प्रकोप से लड़ने में सहायता के लिए नेपाल में चिकित्सा पेशेवरों की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) भेजने का भी प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, अपने नेतृत्व का असाधारण प्रदर्शन करते हुए, भारत ने कोविड-19 प्रकोप की रौशनी में अपने नागरिकों को निकालने के साथ-साथ मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू सहित अन्य देशों के 50 से अधिक नागरिकों को निकाला है।10
निष्कर्ष
शायद पहली बार, सार्क के संदर्भ में इस्तेमाल की गई द्वेषपूर्ण सूक्ति कि दक्षिण एशिया “दुनिया में सबसे अधिक कटा हुआ क्षेत्र” है, को तेजी से फैलते एक ऐसे संक्रमण की रौशनी में एक मोहलत के रूप में देखा गया है जिसने दुनिया को एक शोरमय रूकावट पर लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन इसी संकट ने इस क्षेत्र के समक्ष एक ऐसा अवसर प्रस्तुत किया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था। भले ही वैश्विक संकट मंडरा रहा हो, पर भारत ने कहा है कि सार्क का जोश बना रहना चाहिए और संगठनात्मक मंच का उपयोग क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
अब तक दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तुलना में क्षेत्रीय रूप से अपेक्षाकृत कम मामलों के साथ, दक्षिण एशिया को इस महामारी से निपटने के लिए अपनी प्रतिक्रिया देने में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए। इस क्षेत्र की विशाल और सघन आबादी को देखते हुए, लाखों लोगों को ‘सामाजिक दूरी’ की विलासिता का अभाव है और समुदायों में तेजी से प्रसार के कारण अनियंत्रित स्वास्थ्य संकट सामने आ सकता है। इस प्रकार, सार्क का पुनरुत्थान महामारी के संभावित बड़े क्षेत्रीय प्रकोप से निपटने के लिए एक प्रथम प्रतिक्रिया है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क्षेत्र में भविष्य के स्वास्थ्य संकटों के प्रति एक सामूहिक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सार्क का पुनरुत्थान महत्वपूर्ण है।
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*डॉ. विवेक मिश्रा, विश्व मामलों की भारतीय परिषद की शोधकर्ता |
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
संदर्भ:
[1] “Coronavirus: Trump suspends travel from Europe to US”. BBC. March 12, 2020. Available at: https://www.bbc.com/news/world-us-canada-51846923 Accessed March 29, 2020.
2 “EU split over China’s ‘face mask’ diplomacy”. Asia Times. March 28, 2020. Available at: https://asiatimes.com/2020/03/eu-split-over-chinas-face-mask-diplomacy/ Accessed March 29, 2020.
3 "PM calls for SAARC nations to chalk out a strong strategy to fight Coronavirus". PIB. March 13, 2020. https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=200179 Accessed March 29, 2020.
4 Haidar, S (2020). “SAARC: PM Modi to convene videoconference meet today”. The Hindu. Match 14, 2020. Available at: https://www.thehindu.com/news/national/saarc-pm-modi-to-convene-videoconference-meet-today/article31070389.ece Accessed March 29, 2020.
5 “US and Russia hail Modi’s video-conference with SAARC leaders over coronavirus”. The Print. March 16, 2020. Available at: https://theprint.in/diplomacy/us-and-russia-hail-modis-video-conference-with-saarc-leaders-over-coronavirus/382055/ Accessed March 29, 2020.
6 "PM Modi's Covid-19 video-conference reasserts India's leadership role in South Asia". The Economic Times. March 15, 2020. Available at: https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/et-analysis-pms-covid-19-video-conference-reasserts-indias-leadership-role-in-south-asia/articleshow/74640487.cms?from=mdr Accessed March 29, 2020.
7 “Prime Minister Modi calls for COVID-19 Emergency Fund for SAARC”. The Hindu. March 15, 2020. Available at: https://www.thehindu.com/news/national/coronavirus-pm-modi-participates-in-saarc-videoconference-to-formulate-joint-strategy-to-combat-covid-19/article31074653.ece Accessed March 29, 2020.
8 “SAARC health professionals meet on Mar 26 via video conference to contain Covid-19”. The Economic Times. March 23, 2020. Available at: https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/saarc-health-professionals-meet-on-mar-26-via-video-conference-to-contain-covid 19/articleshow/74779710.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst, Accessed March 29, 2020.
9 “Coronavirus: Indian defence medical team in Maldives to help deal with pandemic”. India Today. March 14, 2020. Available at: https://www.indiatoday.in/india/story/coronavirus-indian-defence-medical-team-in-maldives-to-help-deal-with-pandemic-1655369-2020-03-14 Accessed March 29, 2020.
10 “Panda, A (2020). “India Evacuates Citizens, Others from China, Iran Amid COVID-19”. The Diplomat. March 10, 2020. Available at: https://thediplomat.com/2020/03/india-evacuates-citizens-others-from-china-iran-amid-covid-19/ Accessed March 29, 2020.