सार
कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में अपने प्रसार के शुरुआती चरण में है। इस क्षेत्र के देशों ने महामारी के प्रति विभिन्न हदों की प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहाँ वेनेजुएला ने राष्ट्रीय संगरोध की घोषणा की है, वहीं मेक्सिको सामाजिक दूरी के पक्ष में रहा है। इस क्षेत्र के अधिकांश देशों ने लोगों की आवाजाही, सामाजिक भीड़ पर प्रतिबन्ध लगाकर और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर सम्पूर्ण प्रतिबंध लगाकर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जबकि यह क्षेत्र महामारी द्वारा प्रस्तुत स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया कर रहा है, सरकारों को इस क्षेत्र पर महामारी के आर्थिक प्रभाव को दूर करने के लिए योजनाओं का निर्माण भी करना होगा।
परिचय
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी) क्षेत्र की सरकारों ने कोरोनावायरस के प्रसार के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया दी है। यह क्षेत्र अभी भी वायरस के प्रसार के शुरुआती चरण में है, जिससे सरकारों को ऐसी कार्रवाई करने की अनुमति मिलती है जो इसके प्रभाव को निर्धारित करेगा। हालांकि यहाँ वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या या हुई मौतों की संख्या एशिया और यूरोप की संख्याओं से तुलनीय नहीं है, फिर भी क्षेत्र की सरकारें 'वक्र को सपाट करने' के लिए निवारक उपाय कर रही हैं। उन्हें इसमें एक फायदा है, कि वे अन्य देशों द्वारा प्रतिक्रियाओं में की गई गलतियों से सीख सकते हैं और अधिक उत्पादक प्रतिक्रिया दे सकते हैं। अधिकांश देशों ने सक्रिय कदम उठाए हैं और हवाई क्षेत्र और भूमि सीमाओं को बंद करके अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को घटाते या बंद करते हुए लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। एक त्वरित प्रतिक्रिया से देशों की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को संक्रमित मामलों की संख्या को कम करते हुए बेहतर और अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की अनुमति मिलेगी।
महामारी और एलएसी देशों की प्रतिक्रियाएं
एलएसी क्षेत्र में 26 फरवरी को ब्राजील के साओ पाउलो से कोविड-19 वायरस का पहला मामला सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ब्राजील में 2201 लोगों के संक्रमित होने की सूचना है (25 मार्च 2020 तक)। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, ब्राजील ने अपनी भूमि सीमाओं को बंद कर दिया है और यूरोपीय और कई एशिया प्रशांत देशों के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है। केवल ब्राज़ीलियाई नागरिकों और जिनके पास प्रवेश करने का कोई ठोस कारण हैं केवल उन्हें देश में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।1 अनिवार्य स्व-संगरोध न बनाए रखने और अमेरिका का दौरा करने वाले अपनी टीम के सत्रह सदस्यों को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी लोगों से मुलाकात करते रहने के लिए राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की आलोचना की गई।2
ब्रासिलिया में कोविड-19 पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति बोल्सोनारो
स्रोत: stamfordadvocate.com
एलएसी क्षेत्र के अन्य राष्ट्रों में, पेरू ने 318 पुष्ट मामलों के साथ तीन मौतों की सूचना दी। “देश ने इस संकट में सबसे गरीब लोगों की मदद करने के उपायों की भी घोषणा की है, भोजन और दवा खरीदने के लिए 380 सोल्स (यूएस $ 106) की एकबारगी आर्थिक सहायता की घोषणा की है”।3 मेक्सिको ने 370 पुष्ट मामलों की सूचना दी है। लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने और सामाजिक दूरी का अभ्यास न करने को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्राडोर की आलोचना की गई है।4 अधिक संख्या में पुष्ट मामले पाए जाने के बावजूद उनकी सरकार ने वायरस के प्रसार से निपटने के लिए अभी तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है। अर्जेंटीना (301 मामले) और इक्वाडोर (1049 मामले) ने “निवारक और अनिवार्य” लॉकडाउन5 की घोषणा की है और अपने शहरों में लोगों की आवाजाही को सीमित किया है। इसके अलावा, इक्वाडोर ने वायरस को और अधिक फैलने से रोकने के लिए देश में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।6 कोलंबिया (306 मामले) और पनामा (345 मामले) ने भी इसी तरह सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्राओं को स्थगित कर दिया है। कोलंबिया ने अपनी जमीनी और समुद्री सीमाओं को भी बंद कर दिया है। राष्ट्रपति इवान डुक्यू ने कहा कि यह उपाय करना आवश्यक हो गया था क्योंकि कुछ लोगों ने अनिवार्य अलगाव/ संगरोध नियमों से बचने की कोशिश की थी। कोलम्बिया भी भविष्य में संभव दीर्घकालिक प्रतिबंधों के परीक्षण के रूप में सीमित अवधि के लिए नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाकर प्रयोग कर रहा है। इसके कुछ प्रमुख शहरों में रात के समय कर्फ्यू भी लगाया गया है। चिली, जहाँ संविधान में संशोधन की मांग को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करते हुए अपना संविधान बदलने के लिए जनमत संग्रह स्थगित कर दिया है। इसने 922 मामलों की सूचना दी है और ईस्टर द्वीप में लॉकडाउन लागू किया है। वेनेजुएला में, राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने घोषणा की है कि देश अनिश्चित अवधि के लिए संगरोध में रहेगा क्योंकि 17 मार्च 2020 को एक ही दिन में मामलों की संख्या 16 से बढ़कर 33 हो गई थी।7 यहाँ 77 मामलों की पुष्टि हुई है। इन उपायों को कठोर माना गया है लेकिन क्योंकि वेनेजुएला पहले से ही एक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, इसलिए यह माना जाता है कि अगर बड़े पैमाने पर प्रकोप का मामला सामने आता है तो इसकी स्वास्थ्य प्रणाली काफी तनाव के अधीन हो जाएगी। वेनेजुएला से कोलंबिया और ब्राजील जैसे अन्य देशों में बड़े पैमाने पर प्रवास के कारण यह पूरे क्षेत्र के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। लगभग 5 मिलियन वेनेजुएलाई लोग पूरे क्षेत्र में फैले हुए हैं और इसके झरझरे भूमि सीमाओं के माध्यम से कई लोग पैदल गुजरते हैं।
पनामा ने, 345 पुष्ट मामलों के साथ, जनवरी 2020 तक माल जहाजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी क्योंकि चीनी जहाज पनामा नहर के प्राथमिक उपयोगकर्ता हैं। इसने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों के प्रतिबंधित आवाजाही जैसे उपायों की भी घोषणा की है। अल साल्वाडोर (पांच मामले) ने अपनी भूमि सीमा को बंद कर दिया है और विदेशी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। राष्ट्रीय उपायों के अलावा, मध्य अमेरिकी देशों बेलीज़ (एक मामला), कोस्टा रिका (177 मामले), ग्वाटेमाला (21 मामले), हैती (सात मामले), होंडुरास (30 मामले), निकारागुआ (दो मामले), पनामा, और डोमिनिकन गणराज्य ने 11 मार्च को महामारी से निपटने के लिए एक क्षेत्रीय योजना बनाने पर सहमति व्यक्त की।
जबकि अधिकांश देशों ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, उन्हें अपनी भूमि सीमाओं पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है। क्षेत्र का अध्ययन करने वाले अधिकांश विशेषज्ञ बताते हैं कि कमजोर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली वाले देशों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पैदल लोगों के अनियमित प्रवाह को रोकने की आवश्यकता होगी।
कैरेबियन में, लगभग सभी देशों से पुष्टि की गई मामले सामने आए हैं। डोमिनिकन गणराज्य में 316 मामले हैं, जबकि क्यूबा ने 48 मामलों की सूचना दी है और सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। त्रिनिदाद और टोबैगो में 57 मामले सामने आए हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश द्वीप देशों में अपेक्षाकृत कम मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन जैसा कि दुनिया भर में देखा गया है, इसकी वृद्धि आकस्मिक और त्वरित होती है। क्षेत्र के देशों ने वायरस के प्रसार से निपटने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। कुछ राष्ट्र जैसे कि जमैका (21 मामले) और एंटीगुआ और बारबुडा (तीन मामले) उन देशों से क्रूज जहाजों और चार्टड उड़ानों को प्रवेश देने से इनकार कर रहे हैं जहाँ कोविड-19 के मामले सामने आए हैं या जिनमें बीमार यात्रियों को ले जाने की सूचना मिली है। क्रूज जहाज अत्यधिक संक्रामक साबित हुए हैं और द्वीप देशों को सबसे बड़ा यातायात प्रदान करते हैं। उन्हें कैरिबियाई क्षेत्र के लगभग सभी देशों द्वारा बंदरगाहों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। अधिकांश देशों ने बड़े समारोहों और सामाजिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। बहामास (चार मामले) ने कर्फ्यू लगा दिया है जबकि बारबाडोस (18 मामले) ने फिलहाल किसी भी यात्रा प्रतिबंध की घोषणा नहीं की है, लेकिन आगंतुकों के लिए 14 दिनों का स्व-संगरोध अनिवार्य कर दिया है, गैर-अनुपालन एक अपराध है।8 कैरीकॉम शासनाध्यक्षों और स्वास्थ्य मंत्रियों ने ने 03 मार्च 2020 को महामारी को संबोधित करने के लिए एक क्षेत्रीय प्रोटोकॉल की भी स्थापना की है। इसने कैरीकॉम सरकारों और क्रूज़ लाइन उद्योग के बीच प्रभावी संचार में सभी संस्थाओं के लिए निर्धारित भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ तय की हैं।9 कैरीकॉम ने कृषि-खाद्य प्रतिक्रियाओं और न्यूनीकरण के लिए एक रूपरेखा दस्तावेज विकसित करने की भी एक प्रक्रिया शुरू की है।10
कैरीकॉम शासनाध्यक्षों और स्वास्थ्य मंत्रियों ने क्षेत्रीय प्रोटोकॉल की घोषणा की (03 मार्च, 2020)
स्रोत: केयमैन compass.com
एलएसी क्षेत्र पर कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव
एलएसी क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक और आर्थिक अशांति का सामना कर रहा है। इस क्षेत्र के हालिया चुनावों में देखा गया कि जनता ऐसे लोगों को मतदान कर रही है, जिन्होंने आर्थिक स्थिरता और समानता लाने, कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने और भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प लिया था। फिर भी जैसा कि पिछले वर्ष में देखा गया है, क्षेत्र में बढ़ती आर्थिक असमानता को दूर करने में सक्षम न होने के कारण राजनीतिक नेताओं के खिलाफ गुस्सा उबल रहा है। खराब आर्थिक आर्थिक योजना के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक मंदी और तेल की कीमतों में गिरावट ने इस क्षेत्र या पिछले कुछ वर्षों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इस क्षेत्र के अधिकांश राष्ट्र अब न केवल स्वास्थ्य सेवा संबंधी चुनौती का सामना कर रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी कमजोर हैं। यह आशंका है कि कोविड-19 का प्रकोप, जो पहले ही आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर चुका है, जिसके कारण पर्यटन क्षेत्र में संकुचन आया है और वैश्विक वित्तीय परिस्थितियाँ कसीं हैं, आगे भी एलएसी क्षेत्र के लिए व्यापक आर्थिक अस्थिरता और वित्तीय भेद्यता के संभावित स्रोत के रूप में कार्य करेगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पूर्वानुमान किया थी कि एलएसी क्षेत्र 2020 में 1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, हालांकि, संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास एजेंसी के अनुसार “… महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को कम से कम 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। तेल की कीमतों में गिरावट के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2 प्रतिशत से भी कम वृद्धि होने की संभावना है जो आगे चलकर असहजता और दहशत के माहौल में योगदान करेगा।”11 इसके संभावित प्रभाव यह है कि यह एलएसी राष्ट्रों की मुद्राओं और बाजारों को और भी डुबो देगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर तनाव बढ़ेगा। एलएसी क्षेत्र में, “संरोधन प्रयासों और सामाजिक दूरी के परिणामस्वरूप सेवा क्षेत्र की गतिविधियों पर संभवतः सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है, जबकि पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र, और विशेष रूप से परिवहन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, कमजोर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा अवसंरचनाओं और सीमित आर्थिक क्षमता वाले देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं और सहायता को बढ़ाने से प्रभावित क्षेत्र और परिवार बहुत बड़े दबाव में आ जाएंगे”।12
चीन से फैले कोविड-19 ने दुनिया भर की आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित किया है, और एलएसी के लिए, यह ऋण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत है। चीन इस क्षेत्र के अधिकांश देशों का पहला या दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, यह ऋण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत भी है। चीनी अर्थव्यवस्था गतिरोध के निकट आ गई है क्योंकि सभी राष्ट्र ने कठोर उपायों के साथ कोविड-19 के प्रकोप पर प्रतिक्रिया की है। इसलिए यह अपरिहार्य है कि चीन के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंधों के कारण, एलएसी क्षेत्र को आर्थिक हानि वहन करना होगा।
कैरेबियाई राष्ट्र जो ज्यादातर पर्यटन पर निर्भर हैं, पिछले कुछ वर्षों में आए भूकंप और बवंडर के विनाशकारी प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रहे हैं; लेकिन कोरोनावायरस के फैलने से उनकी आर्थिक बहाली की संभावना कम हो गई है। क्योंकि अन्य देशों ने अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं को प्रतिबंधित कर दिया है और कैरेबियाई देशों के द्वीपों ने भी कुछ ऐसा ही कदम उठाया है, इसलिए आने वाले हफ्तों में नुकसान कई गुना बढ़ने की संभावना है।
निष्कर्ष
कोविड-19 न केवल एलएसी क्षेत्र बल्कि दुनिया भर के सभी राष्ट्रों के स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों की एक बड़ी परीक्षा है। महामारी ने विश्व स्तर पर 196 देशों, अंचलों और क्षेत्रों को प्रभावित किया है और इसका प्रसार जारी है। दुनिया भर के राष्ट्र परिस्थिति को समझने, सीखने और उन कदमों को लागू करने के लिए एक-दूसरे की ओर देख रहे हैं जो वायरस के प्रसार को सबसे प्रभावी ढंग से रोकने में कारगर साबित हो सके।
“लैटिन अमेरिका दुनिया का सबसे अधिक असमान क्षेत्र है, जहां इसकी एक तिहाई से अधिक आबादी गरीबी में रहती है। उदाहरण के लिए, मेक्सिको के अस्पतालों में प्रत्येक 1,000 लोगों के लिए 1.4 से कम बेड हैं। यह आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के सभी सदस्य देशों के मध्य सबसे निम्न आंकड़ा है। वेनेजुएला में, डॉक्टरों और अस्पतालों में अक्सर धोने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं होता है। क्षेत्र भर के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि एक बार यह वायरस गरीब समुदायों में स्वतंत्र रूप से फैलने लगे, तो यह मानवीय संकट को जन्म दे सकता है।”13
प्रतिबन्ध और क्यूबा की प्रतिक्रिया
वेनेजुएला और क्यूबा ने संकट की इस स्थिति में प्रतिबंधों में ढील देने की संयुक्त राष्ट्र की अपील का समर्थन किया है। प्रतिबंधों के बावजूद क्यूबा इस क्षेत्र में अग्रणी है और इसने संकट के प्रति एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। इस क्षेत्र में क्यूबा के पास सबसे अधिक प्रभावी और सुस्थापित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली है और इटली के अनुरोध पर इसने डॉक्टरों की एक टीम इटली भेजी है। “मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कोविड-19 के इलाज के लिए क्यूबा द्वारा विकसित दवा को चीन, इटली, ब्राजील, वेनेजुएला और अन्य देशों के विशेषज्ञों को भेजने के बाद इसका परीक्षण किया जा रहा है। सबसे आशाजनक दवाओं में से एक इंटरफेरॉन अल्फा 2बी है और क्यूबा पहले ही टीका बनाने पर काम कर रहा है”।14 फिर भी क्यूबा को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है जिसने दवाओं की खरीद में बाधा उत्पन्न की है। जबकि एलएसी राष्ट्रों ने व्यक्तिगत रूप से वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं, हालांकि, मध्य अमेरिकी राष्ट्रों के अलावा कोई क्षेत्रीय प्रतिक्रिया नहीं है। दक्षिण एशिया में सार्क प्रयासों के समान एक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया की तलाश की जा सकती है। यह एलएसी क्षेत्र के देशों को इस वैश्विक स्वास्थ्य खतरे का एक-साथ मिलकर मुकाबला करने में सहयोग बनाने और संसाधन जुटाने की अनुमति देगा। यह क्षेत्र प्रकोप के शुरुआती चरण में है और इसे रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है।
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*डॉ. स्तुति बैनर्जी, विश्व मामलों की भारतीय परिषद की शोधकर्ता |
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
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