परिचय
चीनी सरकार ने शिनजियांग पर छह महीने के अंतराल में तीन श्वेत पत्र जारी किए हैं। 2019 तक शिनजियांग पर श्वेत पत्र जारी करने की सामान्य आवृत्ति वर्ष में एक बार होती है। श्वेत पत्र आम तौर पर वह माध्यम है जिसके द्वारा चीनी सरकार अपनी नीतियों और भविष्य के कार्यों को बाहरी दुनिया हेतु चीनी प्रणाली की अपारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए बनाती है। तीन श्वेत पत्रों को त्वरित रुप से जारी करना इस बात को दर्शाता है कि चीनी सरकार अपनी झिंजियांग नीति की समझ को बढ़ाने हेतु उत्सुक और केन्द्रित है तथा विदेशी मीडिया व वैश्विक आख्यानों का मुकाबला करने हेतु किसी प्रकार के आउटलेट की तलाश कर रही है।
शी जिनपिंग के नेतृत्व में शिनजियांग में मुस्लिम समुदायों के नियंत्रण और निगरानी में वृद्धि हुई है। सरकार ने ‘आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद’ की तीन बुरी ताकतों का मुकाबला करने के लिए नई नीतियों को अपनाया है। राष्ट्रपति के रूप में 2014 में अपनी पहली यात्रा के दौरान शी की नीति की दिशा स्पष्ट हो गई थी। इस यात्रा के दौरान, शी ने काशगर में तैनात पुलिस दस्ते तथा सैन्य इकाई से कहा कि, "आपके पास हिंसक आतंकवादियों से निपटने का सबसे प्रभावी साधन होना चाहिए।"iअपने सुरक्षा बलों को बेहतर साधन उपलब्ध कराने के प्रयास में चीन सरकार ने क्षेत्र में सख्त नियंत्रण तथा निगरानी के तरीके अपनाए हैं।
ऐसी कई रिपोर्टें हैं कि चीन सरकार ने उइगर के लिए कई 'नज़रबंदी केंद्र' स्थापित किए हैं।चीनी सरकार द्वारा 'नज़रबंदी केंद्रों'के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला आधिकारिक शब्द शिनजियांग के लोगों के लिए 'व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र' है। ऐसी रिपोर्टों से पता चलता है कि इन केंद्रों में लगभग 1 मिलियन उइगर मुसलमान हिरासत में हैं।ii'नज़रबंदी केंद्रों' का उदय शिनजियांग की ‘पुलिसिंग’ की पूर्व सरकार की नीति से एक ‘लंबी’ छलांग है।
झिंजियांग पर चीनी श्वेत पत्र
चीनी सरकार ने 2019 में शिनजियांग पर तीन श्वेत पत्र जारी किए हैं। श्वेत पत्र के शीर्षकद फाइट इन टेररिज्म एंड एक्सट्रीमिज्म एंड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन इन शिनजियांग (18 मार्च 2019 को जारी), हिस्टोरिकल मैटर्स कॉन्सेर शिनजियांग (21 जुलाई 2019 को जारी)वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इनहिस्टोरिकल(16 अगस्त 2019 को जारी) हैं। श्वेत पत्र को जारी करने के बीच का कम अंतर यह सवाल खड़ा करता है कि चीनी सरकार ने लगातार तीन श्वेत पत्र क्यों प्रकाशित किए हैं? चीनीसरकार द्वारा जारी किए गए श्वेत पत्र इसकी कार्यप्रणाली और नीति बनाने के साथ-साथ प्रांत में भविष्य के दिशा-निर्देश हैं। छह महीनों में तीन श्वेत पत्र जारी करना इंगित करता है कि आज शिनजियांग निश्चित रूप से चीनी सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है। शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में झिंजियांग की केंद्रीय स्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
तीनों श्वेत पत्रों में चीन सरकार द्वारा उइगरों के बेहतर जीवन के लिए मंदारिन सीखने की आवश्यकता का विचार दिया गया है। वे जानते हैं कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा मंदारिन बोलने या लिखने में असमर्थ है और उन्हें मौजूदा चीनी कानूनों की भी जानकारी नहीं है। वे यह भी तर्क देते हैं कि "इस्लाम उइगर और अन्य जातीय समूहों का स्वदेशी में विश्वास नहीं है, न ही उइगर लोगों का एकमात्र विश्वास ही है।"iii जुलाई में जारी किए गए श्वेत पत्र में धार्मिक पहलू पर प्रकाश डाला गया है और तर्क दिया गया है कि अरब साम्राज्य के उदय तथा इस्लाम के पूर्व की ओर फैलने के कारण इस्लाम शिनजियांग में आया। इसमें यह दावा किया गया है कि उइगर को बलपूर्वक इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था और यह एक टॉप डाउन प्रक्रिया थी।iv इन विचारों से संकेत मिलता है कि चीन के भीतर सम्मिलन करने की नीति में वृद्धि हुई है और इसे ‘आम भाषा’ के लिए जोर देकर तेज किया जा रहा है। आम भाषा हमेशा सांस्कृतिक अस्मिता पर जोर देने और सरकार के प्रति वफादारी को बढ़ावा देने का अच्छा साधन रही है। यह इस तर्क को मजबूत करता है कि चीनी सरकार यह पुष्टि कर रही है कि शिनजियांग के लोगों को जबरदस्ती इस्लाम कबूलनेके लिए मजबुर किया गया था।
श्वेत पत्र शिनजियांग के भीतर भेदभाव और जातीय नियंत्रण की वर्तमान वैश्विक स्थिति का मुकाबला करने हेतु चीनी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी दिखाता है। ये सभी पत्र चीनी सरकार द्वारा शिनजियांग के लोगों के जीवन को बेहतर और अच्छा बनाने के लिए किए गए कार्यों पर केंद्रित हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मार्च 2019 में जारी किए गए द फाइट इन टेररिज्म एंड एक्सट्रीमिज्म एंड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन इन शिनजियांग नामक शीर्षक के श्वेत में तर्क दिया गया है कि, “अवैध धार्मिक गतिविधियों, अवैध धार्मिक प्रचार सामग्री, और इंटरनेट के माध्यम से धर्मों के अवैध प्रसार से निपटने हेतु शिनजियांग में कानून-आधारित डी-रेडिकलाइजेशन (आतंकवाद का मुकाबला) शुरू किया गया है,जिसने प्रभावी रूप से धार्मिक अतिवाद के विकास और प्रसार पर अंकुश लगा दिया है।"v
जुलाई 2019 में जारी किए गए दूसरे श्वेत पत्र, हिस्टोरिकल मैटर्स कॉन्सेरिंग शिनजियांग में तर्क दिया गया है कि शिनजियांग की संस्कृति चीनी पारंपरिक संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है और समय के साथ-साथ इस्लामी प्रभाव के साथ विकसित हुई है। इसमें आगे यह तर्क है कि, “झिंजियांग में जातीय संस्कृतियों को समृद्ध और विकसित करने हेतु उन्हें समय के साथ तालमेल रखना चाहिए, खुला व समावेशी होना चाहिए, चीन में अन्य जातीय संस्कृतियों के साथ आदान-प्रदान और एकीकरण में संलग्न होना चाहिए और दुनिया भर में अन्य जातीय संस्कृतियों के साथ मिलकर एक-दूसरे से सीखना चाहिए, और सभी चीन के जातीय समूहों के लिए साझा आध्यात्मिक आवास को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”vi यह आगे तर्क देता है कि चीनी सरकार [धार्मिक] विश्वासियों और गैर-विश्वासियों के बीच भेदभाव नहीं करती है और किसी भी संघर्ष या विवाद के संबंध में धर्म का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ "शून्य सहिष्णुता" की नीति रखती है।vii यह पत्र आगे बताता है कि ‘पूर्वी तुर्किस्तान’की अवधारणा उन लोगों द्वारा विकसित की गई है जो चीन में समस्याएं पैदा करना चाहते हैं और देश के भीतर तथा बाहर रहने वाले चीन विरोधी बलों द्वारा संचालित है।viiiसरकार के तर्क बहुत स्पष्ट हैं और वे शिनजियांग की समग्र शांति और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित हैं। श्वेत पत् पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के लंबे नियंत्रण के पक्ष में तर्क देता है, जबकि यह बताते हुए कि शिनजियांग ऐतिहासिक रूप से चीन का हिस्सा है, इसे 1949 में स्वतंत्र किया गया था और झिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र (एक्सएआर) 1955में स्थापित किया गया था।
16 अगस्त, 2019 को जारी किया गया तीसरा श्वेत पत्र, शिनजियांग में बढ़ते नज़रबंदी केंद्रों या व्यावसायिक प्रशिक्षण आवासों के मुद्दे पर आधारित है। चीनी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का पालन कर रही है और झिंजियांग में दो नए कानूनों 'चीन जनवादी गणराज्य के आतंकवाद विरोधी कानून को लागू करने पर झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के लिए उपाय', और 'शिनजियांग में 'व्यावसायिक केंद्रों की स्थापना' के लिए शिनजियांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र के 'डी-रेडिकलाइजेशन' का व्यवस्थापन' को संशोधित और अपनाया गया है।ixश्वेत पत्र के अनुसार, इन केंद्रों के प्रशिक्षु लोगों की तीन विशिष्ट श्रेणियों से आते हैं। सबसे पहले, वे जिन्हें आतंकवादी या चरमपंथी गतिविधियों में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया, जहांवो अन्य लोगों के लिए कोई वास्तविक खतरा नहीं थे। दूसरे, ऐसे लोग जिन्होंने इस तरह की गतिविधियों में भाग लिया और बड़ी आबादी के लिए वास्तविक खतरा पैदा किया।तीसरे, वो लोग जिन्हें हिंसक और चरमपंथी गतिविधियों में भाग लेने का दोषी पाया गया। जो लोग ‘व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों’ में शामिल हुए हैं, वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इन प्रशिक्षणों में अपनी रुचि दिखाई और भाग लेने के इच्छुक थे।इन प्रशिक्षण केंद्रों का मूल उद्देश्य इन लोगों को बेहतर रोजगार खोजने में मदद करना तथा उनके कौशल में सुधार करना है।xश्वेत पत्र दावा करता है कि जो लोग व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों में शामिल हुए हैं वे ऐसे लोग हैं जो किसी न किसी रूप में हिंसा में शामिल रहे हैं।xi
श्वेत पत्र में विदेशी पत्रकारों की कई रिपोर्टें भी शामिल हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र का दौरा किया और झिंजियांग के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में'व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों' के लाभों को भी स्वीकार किया। श्वेत पत्र का तर्क है, "क्षेत्र की यात्राओं के माध्यम से, कई लोगों ने सच्चाई को महसूस किया है और शिक्षा तथा प्रशिक्षण को लागू करने की तात्कालिकता, आवश्यकता, वैधता तथा तर्कसंगतता को समझा है।"xiiश्वेत पत्र इस विषय का पालन करते हैं कि ‘व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों’की स्थापना में चीनी सरकार उचित कानून का पालन करती है और शिनजियांग की आबादी के किसी भी विशिष्ट वर्ग को लक्षित नहीं कर रही है।xiii
सभी श्वेत पत्रों का तर्क है कि चीनी सरकार कभी भी धर्म तथा जातीयता के आधार पर भेदभाव नहीं करती है और शांति तथा स्थिरता बनाए रखने व विकास सुनिश्चित करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ ये सभी उपाय चीनी कानून के दायरे में किए गए हैं। वे ये भी तर्क देते हैं कि 'व्यावसायिक केंद्रों' में बोर्डिंग स्कूलों जैसी ही समानस्थितियां हैं।
आकलन:
पिछले पांच वर्षों से, चीन सरकार ने उइगर लोगों की निगरानी के लिए दिन-प्रतिदिन अपने नियंत्रण के एजेंडे को बढ़ाया है। इन कार्रवाईयों को सही ठहराने के लिए मुख्य तर्क क्षेत्र में शांति और स्थिरता का रखरखाव है। सरकार अब शिनजियांग में मुसलमानों के आचरण की निगरानी और रिकॉर्ड करने हेतु बहुत परिष्कृत सुरक्षा उपकरण नियुक्त कर रही है। राज्य द्वारा विकसित रक्षा निर्माता, चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी निगम की एक प्रणाली, “मुखबिरों के नेटवर्क में टैप करती है; व्यक्तियों को ट्रैक करती है और संभावित अपराध, विरोध या हिंसा की आशंका जाहिर करता है; और फिर सुरक्षा बलों को तैनात करने की सिफारिश करता है।”xiv2017 में, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के दौरान शी ने नियंत्रण को और अधिक तीव्र करने के लिए चीनी सुरक्षा बलों को शिनजियांग में "ग्रेट वॉल ऑफ स्टील"xvका निर्माण करने की इच्छा व्यक्त की। उसी वर्ष, चीनी सरकार ने शिनजियांग के लोगों को अपने फोन पर एक ऐप डाउनलोड करने का आदेश दिया, ताकि सरकार उनकी गतिविधियों पर नज़र रख सके। सरकार ने विभिन्न श्रेणियों में लोगों को "सामान्य", "सुरक्षित" या "असुरक्षित" के रूप में भी चिन्हित और विभाजित किया है, जो कि संबंधित व्यक्ति की उम्र, धार्मिक मान्यताओं, विदेशियों के साथ संपर्क और यह भी तय करता है कि वे कितनी बार विदेशों की यात्रा करते हैं।xvi
चीनी सरकार द्वारा नियोजित नियंत्रण की तीव्रता भी इस तथ्य से उपजी है कि 2013 में शी जिनपिंग द्वारा प्रस्तावित बीआरआई में झिंजियांग को एक बहुत ही विशेष स्थान दिया गया है।
झिंजियांग भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और मंगोलिया की सीमाओं पर स्थित है। एक बढ़ती हुई संभावना यह है कि क्योंकि झिंजियांग बीआरआई के लिए महत्वपूर्ण है, इस योजना के लिए इसे और अधिक अनुकूल बनाने के उद्देश्य से टॉप डाउन नियंत्रण में वृद्धि हुई है।xviiजेम्स लीबॉल्ड ने तर्क दिया है कि,“पार्टी को एक सुस्त हान पब्लिक और विदेशी सरकारों को समझाने की ज़रूरत है कि एंटीट्रेरर अभियान सफल हो गया है, और झिंजियांग की कहानी को नए सिल्क रोड के प्रवेश द्वार के रूप में स्थानांतरित कर देना चाहिए और अनगिनत अवसर (जो] उन लोगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन क्षेत्रों में निवेश करें।”xviii कोई आश्चर्य नहीं कि ये श्वेत पत्र भी तर्क देते हैं और सरकार की योजना को बढ़ावा देते हैं कि प्राचीन सिल्क रोड के लिए झिंजियांग केंद्रीय भूमिका में है।
पिछले वर्ष में शिनजियांग में चीनी सरकार की नीतियों पर बाहरी आलोचना में वृद्धि हुई है। रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 15 विदेशी राजदूतों ने शिनजियांग में सीसीपी के शीर्ष अधिकारी चेन क्वुआंगो को इस उम्मीद के साथ पत्र लिखा था, कि वे झिंजियांग में स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करेंगे, हालांकि, उन्होंने राजदूतों को कोई जवाब नहीं दिया।xix जुलाई 2019 में, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, जापान, न्यूजीलैंड आदि सहित 22 देशों ने एक बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार के उच्चाधिकारी मिशेल बाचेलेट को एक पत्र भेजकर चीन से शिनजियांग में बड़े पैमाने पर नजरबंदी केंद्रों को बंद करने के लिए कहा।xxसितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्रीय महासभा की बैठक में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था। इस पर चर्चा करते हुए, राज्य के उप सचिव जॉन सुलिवन ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र पर इसके सदस्य राष्ट्रों सहित, शिनजियांग में मुसलमानों सहित हर जगह लोगों के मानवाधिकारों के लिए खड़े होने की जिम्मेदारी है।”xxiनज़रबंदी केंद्रों की वजह से, जुलाई 2019 में वाशिंगटन में एक सम्मेलन के दौरान, माइक पोम्पेओ ने चीन को “हमारे समय के सबसे खराब मानव अधिकारों में से एक का घर” बताया था।xxiiअमेरिकी विदेश विभाग के आतंकवाद निरोधक समन्वयक, नाथन सेल्स के शब्दों में, शिनजियांग में चीन सरकार की नीतियां आतंकवाद से संबंधित में नहीं हैं, बल्कि वह “धर्म पर युद्ध” की तरह प्रतीत होती है।xxiii अल जज़ीरा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ सैटेलाइट रिपोर्टों के अनुसार, शिनजियांग और उसके आसपास की कई मस्जिदों को या तो ध्वस्त कर दिया गया है या उनके गुंबदों को हटा दिया गया है।xxivयह इंगित करता है कि नीतियां क्षेत्र की मुस्लिम आबादी के खिलाफ हैं।
इस प्रकार यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चीनी सरकार इस वैश्विक कहानी का हर स्तर पर मुकाबला करने की कोशिश कर रही है। शिनजियांग डेली के लिए लिखते हुए क्षेत्र के उप विदेशी प्रचार निदेशक, आलीति सालियेव ने तर्क दिया कि, “झिंजियांग में रहने वाले मुस्लिम दुनिया में सबसे खुश हैं।”xxv एक अन्य कड़ी में, सिन्हुआ ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र कार्यालय जिनेवा (यूएनओजी) में लगभग 50 देशों के राजदूतों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएटआरसी) और मानवाधिकार उच्चायुक्त को शिनजियांग में बीजिंग की नीतियों के समर्थन के लिए एक पत्र भेजा था।xxvi
सरकार द्वारा अपनाया गया रास्ता एक ऐसा रास्ता प्रतीत होता है जहां उइगर पूरी तरह से अपनी जातीय विशिष्टता खो देते हैं और हान आबादी के साथ लगभग मिल जाते हैं। उइगर को केंद्र सरकार से लगातार आघात का सामना करना पड़ा है जो अपनी विशिष्टता का मुकाबला करने के तरीकों की तलाश में है। अधिक से अधिक हान लोग शिनजियांग की ओर पलायन कर रहे हैं और मंदारिन को पढ़ाने की मुहिम ने उइगर को अपने ही क्षेत्र में हाशिए पर डाल दिया है। 1949 में, हान आबादी शिनजियांग में लगभग 6 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 तक यह बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई थी। इसके अलावा, चीनी सरकार ने हंस को शिनजियांग की ओर पलायन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नई 'हुकू' (घरेलू पंजीकरण प्रणाली) नीति भी लागू की है।xxvii इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए इस तरह के टॉप डाउन नियंत्रण कब तक काम करेगा, इस पर सवाल उठाने की जरूरत है। उइगर को जितना अधिक धक्का दिया जाएगा, वे उतनी ही पीछे धकेल सकते हैं, पिछली हिंसक घटनाएं इसी दिशा में इशारा करती हैं।
श्वेत पत्र के विपरीत, उन लोगों द्वारा प्रदान किए गए विवरण के आधार पर रिपोर्ट जो नजरबंदी शिविरों से बाहर निकलने में कामयाब रहे हैं, स्थिति को बहुत मुश्किल बनाते हैं। बंदियों को सीसीपी के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करने और लगभग ‘जेल’ जैसी परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जाता है।xxviiiलोगों से उम्मीद की जाती है कि वे सीसीपी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाएंगे और सुअर का मांस (एक ऐसा कार्य जिसे इस्लाम निषिद्ध करता है) खाने के लिए भी मजबूर किया जाता है। इस केंद्र में नजरबंद किए गए कुछ लोगों ने तर्क दिया है कि प्राथमिक ध्यान “उनके धार्मिक विश्वास को बंदी” बनाने पर था।xxix
शिनजियांग पर चीनी आख्यानों तथा रिपोर्टिंग और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के बीच की बहुत अंतर है। हालांकि यह उल्लेखनीय है कि शिनजियांग में चीनी नीतियों के पक्ष में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने बयान जारी किए हैं।xxxजैसा कि चीन बीआरआई के तहत दुनिया भर में भारी निवेश करना जारी रखता है, वह अपने क्षेत्र के भीतर बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के बारे में किसी भी आलोचना को सफलतापूर्वक चुप करने का प्रबंधन करेगा। चीन ने हमेशा यह तर्क दिया है कि शिनजियांग की स्थिति इसका आंतरिक मुद्दा है और यह हमेशा क्षेत्र में विकास पर चर्चा करने के प्रयास करने वाले राष्ट्रों के प्रति विरोधी है।
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*डॉ. गुंजन सिंह विश्व मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली में शोध अध्येता हैं।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं, परिषद के नहीं।
iHong, Zhang (2014), “President Xi Jinping delivers tough message to „frontline of terror‟ on visit to Xinjiang”, South China Morning Post, China, 29 April 2014,https://www.scmp.com/news/china/article/1499803/xi-makes-rare-visit-xinjiangs-restive-south-bolster-anti-terror-campaign(accessed 16 August 2019).
IiMaizland, Lindsay, “China‟s Crackdown on Uighurs in Xinjiang”, Council on Foreign Relations, 11 April 2019, https://www.cfr.org/backgrounder/chinas-crackdown-uighurs-xinjiang (accessed 16 August 2019).
iiiThe State Council, “Full text: The Fight against Terrorism and Extremism and Human Rights Protection in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 18 March 2019 http://english.www.gov.cn/archive/white_paper/2019/03/18/content_281476567813306.htm(accessed 21 August 2019).
ivThe State Council “Full text: Historical Matters Concerning Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 21 July 2019 http://www.china.org.cn/e-white/(accessed 21 2019).
vThe State Council (2019), “Full text: The Fight Against Terrorism and Extremism and Human Rights Protection in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 18 March 2019,
http://english.www.gov.cn/archive/white_paper/2019/03/18/content_281476567813306.htm(accessed 16 August 2019).
viThe State Council (2019), “Full text: Historical Matters Concerning Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 21 July 2019, http://www.china.org.cn/e-white/(accessed 16 August 2019).
viiThe State Council (2019), “Full text: Historical Matters Concerning Xinjiang” The State Council, The People‟s Republic of China, 21 July 2019, http://www.china.org.cn/e-white/(accessed 22 August 2019).
viiiThe State Council (2019), “Full text: Historical Matters Concerning Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 21 July2019, http://www.china.org.cn/e-white/(accessed 23 August 2019).
ixThe State Council (2019), “Full Text: Vocational Education and Training in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 16 August 2019, http://www.xinhuanet.com/english/2019-08/16/c_138313359.htm(accessed 23 August 2019).
xThe State Council (2019), “Full Text: Vocational Education and Training in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 16 August 2019, http://www.xinhuanet.com/english/2019-08/16/c_138313359.htm(accessed 16 August 2019).
xiThe State Council (2019), “Full Text: Vocational Education and Training in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 16 August 2019, http://www.xinhuanet.com/english/2019-08/16/c_138313359.htm(accessed 21 August 2019).
xii“Int'l community makes positive comments on Xinjiang's education efforts: White paper” China Daily, 16, August 2019, http://www.chinadaily.com.cn/a/201908/16/WS5d5625fca310cf3e355662a7.html(accessed 16 August 2019).
xiiiThe State Council (2019), “Full Text: Vocational Education and Training in Xinjiang”, The People‟s Republic of China, 16 August 2019, http://www.xinhuanet.com/english/2019-08/16/c_138313359.htm(accessed 23 August 2019).
xivBuckley, Chris and Paul Mozur “How China uses high-tech surveillance to subdue minorities”, The New York Times, 22 May 2019,https://www.nytimes.com/2019/05/22/world/asia/china-surveillance-xinjiang.html(accessed 16 August 2019).
xvPhilips, Tom (2017), “China: Xi Jinping wants „Great Wall of Steel‟ in violence-hit Xinjiang” The Guardian, Beijing, 11 March, 2017, https://www.theguardian.com/world/2017/mar/11/china-xi-jinping-wants-great-wall-of-steel-in-violence-hit-xinjiang(accessed 19 August 2019).
xviFernando, Gavin (2019), “How China‟s trillion-dollar trade initiative helped forge a humanitarian crisis in Xinjiang” , News.com.au, https://www.news.com.au/world/asia/how-chinas-trilliondollar-trade-initiative-helped-forge-a-humanitarian-crisis-in-xinjiang/news-story/6625849b1d2b948df3645fede5b8b64d(accessed 19 August 2019).
xvii Fernando, Gavin (2019), “How China‟s trillion-dollar trade initiative helped forge a humanitarian crisis in Xinjiang”, News.com.au, https://www.news.com.au/world/asia/how-chinas-trilliondollar-trade-initiative-helped-forge-a-humanitarian-crisis-in-xinjiang/news-story/6625849b1d2b948df3645fede5b8b64d(accessed 19 August 2019).
XviiiMitchell, Tom (2015), “China‟s Great Game: New frontier, old foes”, Financial Times, 13 October 2015, https://www.ft.com/content/60f33cf8-6dae-11e5-8171-ba1968cf791a(accessed 23 August 2019).
XixBlanchard, Ben (2019), “China says pace of Xinjiang 'education' will slow, but defends camps”, Reuters, 6 January 2019, https://www.reuters.com/article/us-china-xinjiang-insight/china-says-pace-of-xinjiang-education-will-slow-but-defends-camps-idUSKCN1P007W(accessed 6 September 2019).
XxCumming-Bruce, Nick (2019), “China Rebuked by 22 Nations Over Xinjiang Repression”, The New York Times, 10 July 2019, https://www.nytimes.com/2019/07/10/world/asia/china-xinjiang-rights.html(accessed 6 September 2019).
xxi“”Deputy Secretary John J. Sullivan Remarks at the Human Rights Crisis in Xinjiang Event” US Department of States, 24 September 2019 at https://www.state.gov/deputy-secretary-john-j-sullivan-remarks-at-the-human-rights-crisis-in-xinjiang-event/(accessed 10 October 2019).
xxii“US to raise Uygur issue at UN as China‟s influence grows” South China Morning Post, 18 September 2019 at https://www.scmp.com/news/china/diplomacy/article/3027930/us-raise-uygur-issue-un-chinas-influence-grows(accessed 20 September 2019).
xxiii“China claims most people in Xinjiang camps reintegrated to society”, The Telegraph, 31 July 2019, https://www.telegraph.co.uk/news/2019/07/31/china-claims-people-xinjiang-camps-reintegrated-society/(accessed 19 August 2019).
xxiv“Repression stalks China's Uighurs, 10 years after Urumqi riots”, Al Jazeera, 5 July 2019, https://www.aljazeera.com/news/2019/07/repression-stalks-china-uighurs-10-years-urumqi-riots-190705045804805.html(accessed 23 August 2019).
xxv“China official says Xinjiang's Muslims are 'happiest in world'” The New York Times, 25 August, 2017 https://www.reuters.com/article/us-china-xinjiang/china-official-says-xinjiangs-muslims-are-happiest-in-world-idUSKCN1B50ID(accessed 23 August 2019).
xxvi“Fight against terrorism, extremism in Xinjiang should be supported, respected: Chinese FM” Xinhua, 30 July 2019, http://www.xinhuanet.com/english/2019-07/30/c_138268002.htm(accessed 23 August 2019).
Xxvii“China‟s drive to settle new wave of migrants in restive Xinjiang” South China Morning Post, 8 May 2015, https://www.scmp.com/news/china/society/article/1789160/chinas-drive-settle-new-wave-migrants-restive-xinjiang(accessed 23 August 2019).
xxviiiMaizland, Lindsay (2019), “China‟s Crackdown on Uighurs in Xinjiang”, Council on Foreign Relations, 11 April 2019, https://www.cfr.org/backgrounder/chinas-crackdown-uighurs-xinjiang(accessed 22 August 2019).
xxix“Repression stalks China's Uighurs, 10 years after Urumqi riots” Aljazeera, 5 July 2019, https://www.aljazeera.com/news/2019/07/repression-stalks-china-uighurs-10-years-urumqi-riots-190705045804805.html(accessed 23 August 2019).
XxxMaizland, Lindsay (2019), “China‟s Crackdown on Uighurs in Xinjiang”, Council on Foreign Relations, 11 April 2019, https://www.cfr.org/backgrounder/chinas-crackdown-uighurs-xinjiang,(accessed 22 August 2019).