भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने 17 से 22 अगस्त 2019 तक बाल्टिक देशों (लातविया, लिथुआनिया और ईस्टोनिया) का दौरा किया। 1990 के दशक की शुरुआत में यूएसएसआर के विघटन के बाद राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से यह इस क्षेत्र का पहला भारतीय उच्च-स्तरीय दौरा था। इस लेख में दौरे के दौरान हुई चर्चा के प्रमुख मुद्दों और इस दौरे के इन देशों के साथ संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति की यात्रा का विश्लेषण किया गया है।
दौरे की मुख्य विशेषताएं
उपराष्ट्रपति नायडू की इस क्षेत्र की यह यात्रा महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें भारत और बाल्टिक देशों के राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच के संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया। इस यात्रा से भारत को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू और कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के अपने फैसले के बारे में इन देशों को खुलासा करने का अवसर मिला। उपराष्ट्रपति ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के इस रुख को दोहराया कि यह मुद्दा आंतरिक मामला है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की किसी प्रकार की मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है।1
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1Lithuania backs India’s bid for the permanent membership in an expanded and reformed UNSC. (Press Statement by Vice President during his visit to Lithuania, Ministry of External Affairs, Government of India, 17 August 2019, https://mea.gov.in/outoging-visit-detail.htm?31735/Press+Statement+by+Vice+President+during+his+Visit+to+Lithuania+August+17+2019); Vice President expressed gratitude to Latvia for endorsing India’s claim for the permanent membership of the UNSC (India will not allow outside interference in its internal affairs: Vice President, Yahoo news, 21 August
बहुपक्षीय परिप्रेक्ष्य में बाल्टिक देशों ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों के लिए भारत द्वारा की जा रही कोशिश के प्रति समर्थन व्यक्त किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावों का समर्थन किया।
उन्होंने भारत द्वारा व्यापक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद संधि अंगीकार करने के आह्वान का समर्थन भी किया। अपनी लिथुआनिया की यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग के लिए कई क्षेत्र रेखांकित किये, जैसे एग्रो-फूड प्रोसेसिंग, फार्मास्यूटिकल्स आदि। उन्होंने कहा कि लिथुआनिया की उन्नत डेयरी और पनीर उत्पादन तकनीक भारत द्वारा मेगा फूड पार्क के निर्माण की पहल में सहयोग का एक अन्य क्षेत्र हो सकता है। उन्होंने सौर भंडारण प्रणालियों में लिथुआनियाई तकनीकी विशेषज्ञता को निमंत्रण दिया और भविष्य में भारतीय कंपनियों को इनके संभावित हस्तांतरण पर विचार करने को भी कहा।“1 भारत ने 2019-21 के लिए कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम से जुड़े दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत ने लिथुआनियाई नागरिकों को ई-वीज़ा सुविधा भी प्रदान की।2
लातविया में उपराष्ट्रपति और लातवियाई राष्ट्रपति एगिलस लेविट्स ने शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्रों में और उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर सहमति प्रकट की। एसोचैम और सीआईआई के नेतृत्व में भारतीय और लातवियाई व्यापार प्रतिनिधिमंडल और लातवियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने व्यापार सहयोग को मजबूत करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए और लातवियाई-भारतीय व्यापार परिषद की स्थापना की योजना पर चर्चा की। लातवियाई राष्ट्रपति लेविट्स ने आर्थिक और राजनीतिक साझेदारी को प्रोत्साहन देकर बनाकर भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के घनिष्ठ सहयोग को और आगे बढ़ाने में लातविया को समर्थन का आश्वासन दिया। उपराष्ट्रपति ने भारत के प्रमुख कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने में लातविया से समर्थन का अनुरोध किया। उपराष्ट्रपति लातविया में 2019-213 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान से जुड़े समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के समय उपस्थित रहे।
ईस्टोनिया के दौरे के दौरान भारत में ईस्टोनियाई कंपनियों के लिए उपलब्ध मौकों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने ईस्टोनियाई कारोबारियों को न केवल भारतीय बाजार के लिए, बल्कि बड़े एशियाई बाजार के लिए भी अपने प्रवेश द्वार के रूप में भारत को अपना विनिर्माण आधार बनाने पर विचार करने का आह्वान किया।4 उन्होंने आईटी, साइबर सुरक्षा और संबंधित क्षेत्रों में तकनीकी साझेदारी को प्रोत्साहित करने हेतु ईस्टोनियाई कंपनियों को भारत के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे - मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया आदि का लाभ उठाने को आमंत्रित किया। उन्होंने ईस्टोनिया की ई-रेज़ीडेंसी पहल की भी सराहना की, जिसके तहत भारतीय लोग ईस्टोनिया के ई-रेज़ीडेंट बन सकते हैं और यह भी कहा कि इससे “भारतीय कंपनियों और उद्यमियों को बाल्टिक, नॉर्डिक और बड़े यूरोपीय बाजारों में प्रवेश करने के लिए ईस्टोनिया को लॉन्च-पैड बनाने में मदद मिलेगी।"5 उपराष्ट्रपति ने ईस्टोनियाई सरकार को नवंबर 2019 में नई दिल्ली में होने वाले आगामी भारत-यूरोप29 बिजनेस फोरम 2 में भाग लेने और आईएसए6 में शामिल होने को भी आमंत्रित किया। भारत ने ईस्टोनिया के साथ ई-गवर्नेंस, उभरती हुई डिजिटल प्रौद्योगिकियों, और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय और ईस्टोनियाई सूचना प्रणाली प्राधिकरण के बीच साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने से जुड़े तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।7 अन्य समझौता ज्ञापनों में राजनयिक पासपोर्ट के मामलों में वीज़ा से छूट और ईस्टोनियाई आर्थिक मामले और संचार मंत्रालय के साथ ई-गवर्नेंस ज्ञापन शामिल रहे।
2019, https://in.news.yahoo.com/india-not-allow-outside-interference-internal-affairs-vice-111110451.html, Accessed on 28 August 2019); Prime Minister of Estonia pledged to support India’s claim for permanent membership of the United Nation’s Security Council (UNSC) (Vice President decries attempts to internationalize restructuring of Jammu and Kashmir state, Press Information Bureau, 21 August 2019, https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192759)
2India-Europe29 Business Forum is focused on strengthening cooperation between India and 29 European nations. They are- Albania, Austria, Bosnia and Herzegovina, Bulgaria, Croatia, Cyprus, Czech Republic, Denmark, Estonia, Finland, Greece, Hungary, Iceland, Latvia, Liechtenstein, Lithuania, Macedonia, Malta, Moldova, Montenegro, Norway, Poland, Romania, Serbia, Slovak Republic, Slovenia, Sweden, Switzerland, Turkey
इस यात्रा के दौरान बाल्टिक देशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों पर भी ध्यान केंद्रित रहा। उपराष्ट्रपति ने हर देश में रह रहे प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर उनसे भारत और संबंधित देश के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। "सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन"8 को नए भारत का मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी भारत की संस्कृति को बाल्टिक देशों के साथ एकीकृत करने में सेतु का काम कर सकते हैं।"9
मूल्यांकन
एक ख़बरिया चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की विदेश नीति को इस तरह परिभाषित किया - "... हमें यह भी समझने की ज़रूरत है कि हमें छोटे देशों को हल्के में नहीं लेना चाहिए ... दुनिया में छोटे देश उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि बड़े देश हैं।”10 बाल्टिक देशों (ईस्टोनिया, लिथुआनिया और लातविया) के साथ भारत का जुड़ाव इसकी विदेश नीति के बदलते आयामों के अनुसार प्रतीत होती है। बाल्टिक देश न केवल तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं, बल्कि ये तकनीकी रूप से भी उन्नत हैं। यूरोपीय संघ और नाटो से परे वे आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और डिजिटल गवर्नेंस क्षेत्रों में अपनी शक्ति पर आधारित विशेष पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस यात्रा से भारत और बाल्टिक क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ाने हेतु भविष्य में सहयोग के क्षेत्र तलाशने के लिए आधारशिला रखी गई है। ये देश भारत को असंतृप्त बाजार के रूप में देखते हैं और भारत उन्नत तकनीकों और ई-गवर्नेंस के लिए इस क्षेत्र की ओर देखता है।
उपराष्ट्रपति नायडू की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को यूरोपीय संघ से इतर आगे ले जाने को गति मिली है। ऐसा करने के लिए भारत को कई कदम उठाने की आवश्यकता है - पहला, भारत को इस क्षेत्र में अपने राजनयिक मिशन खोलकर अपनी उपस्थिति बढ़ाने की ज़रूरत है। भारत में तीनों बाल्टिक देशों के दूतावास हैं, जबकि इनसे भारत के संबंध वारसॉ (लिथुआनिया), स्टॉकहोम (लातविया) और हेलसिंकी (ईस्टोनिया) में स्थित इसके मिशनों द्वारा संचालित होते हैं, जिसके कारण इस क्षेत्र के प्रति भारतीय दृष्टिकोण में सामंजस्य नहीं है।
दूसरा, बाल्टिक देश विरली तकनीकों, डिजिटल नवाचार और गवर्नेंस विकसित करने में सबसे आगे हैं, जिनमें भारत पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। उदाहरण के लिए ईस्टोनिया दुनिया के अग्रणी डिजिटल देशों में शामिल है और इसने डेटा की गोपनीयता और साइबर-सुरक्षा के यूरोपीय मानक स्थापित करने में मदद की है। साइबर स्पेस को विनियमित करने में भारत अपनी पहलें करने की कोशिश में इससे बातचीत बढ़ाकर और इस क्षेत्र की सर्वोत्तम परिपाटियां सीखकर लाभ उठा सकता है।
तीसरा, भारत और बाल्टिक देश संयुक्त रूप से लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा देकर अपने ऐतिहासिक जुड़ाव और साझा भाषाई जड़ें तलाश सकते हैं।11 कई लिथुआनियाई लोग मानते हैं कि उनकी भाषा की जड़ें संस्कृत में हैं।11 और तो और, इस क्षेत्र में भारतीय भाषायें (मुख्य रूप से हिंदी और संस्कृत), आयुर्वेद, इस्कॉन आंदोलन, योग आदि का अध्ययन लोकप्रिय है। लिथुआनिया के माइकोलास रोमेरिस विश्वविद्यालय और विनियस विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठों; लातविया विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन और संस्कृति केंद्र; हरिद्वार12, में देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के पहले बाल्टिक संस्कृति और अध्ययन केंद्र की स्थापना भारत और इस क्षेत्र के सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करने के लिए उठाए गए कुछ कदमों में शामिल हैं। लोगों के आपसी संबंधों को मज़बूत बनाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने साथ शैक्षणिक सहयोग की बढ़ोतरी से भारत-बाल्टिक संबंधों को मज़बूत और अधिक स्थिर बनाने का आधार तैयार होगा।
लोकतंत्र, कानून के शासन और शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रति साझा प्रतिबद्धता भारतीय और बाल्टिक देशों के रणनीतिक हितों के मिलाप को मज़बूत बनाती है। इस मेलमिलाप को और मज़बूत करने के लिए दोनों पक्षों को रणनीतिक मुद्दों पर घनिष्ठ संवाद करने और राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्तरों पर अपने संबंधों को और गहरा करने की ज़रूरत है। चूंकि इनमें से हर देश की अनूठी विशेषताएं हैं, जो इनके रिश्ते को और आगे ले जाने में योगदान दे सकती हैं, सहयोग के कई नए क्षेत्रों में संभावनाओं की तलाश कर भारत इन बाल्टिक देशों के साथ द्विपक्षीय आधार पर मज़बूत संबंध बना सकता है।
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*डॉ. अंकिता दत्ता, शोधार्थी, वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद
अस्वीकरण: यहां व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं, परिषद के नहीं हैं।
Endnotes
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1Press Release, Press Information Bureau, 19 August 2019, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1582368, Accessed on 26 August 2019
2Press Statement by Vice President during his visit to Lithuania, Ministry of External Affairs, Government of India, 17 August 2019, https://mea.gov.in/outoging-visit-detail.htm?31735/Press+Statement+by+Vice+President+during+his+Visit+to+Lithuania+August+17+2019, Accessed on 26 August 2019
3Press Relations, Press Information Bureau, 20 August 2019, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1582474, Accessed on 28 August 2019
4Press Statement by Vice President during his Official Visit to Tallinn, Ministry of External Affairs, Government of India, 21 August 2019, https://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/31748/Press_Statement_by_Vice_President_during_his_official_visit_to_Tallinn_Au gust_21_2019, Accessed on 6 September 2019
5Vice President decries attempts to internationalize restructuring of Jammu and Kashmir state, Press Information Bureau, 21 August 2019, https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192759, Accessed on 6 September 2019
6Ibid.
7First high-level official visit from India brings vice president to Tallinn, err.ee, 16 August 2019, https://news.err.ee/971410/first-high-level-official-visit-from-india-brings-vice-president-to-tallinn, Accessed on 5 September 2019
8Vice President asks Indian community in Lithuania to strengthen economic and cultural ties between the two nations, Press Information Bureau, 19 August 2019, https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192698, Accessed on 27 August 2019
9Naidu bats for India-Latvia partnership, Sify, 20 August 2019, https://www.sify.com/news/naidu-bats-for-india-latvia-partnership-news-international-tiueHLdgjeidb.htm, Accessed on 5 September 2019
10 Development is my conviction, it's my commitment: PM Narendra Modi, 27 June 2016, https://www.narendramodi.in/pm-modi-s-exclusive-interview-with-times-now-full-transcript-arnab-goswami-497175, Accessed on 9 September 2019
11The worldwide web of the Indo-European language family, Livemint, 25 March 2018, https://www.livemint.com/Sundayapp/qfGCnRp9kuJrEVEVOmJLiL/The-worldwide-web-of-the- IndoEuropean-language-family.html, Accessed on 23 September 2019
12Centre for Baltic Culture and Studies opens in Haridwar, first of its kind in South & South East Asia, Embassy of the Republic of Lithuania, 8 August 2016, https://in.mfa.lt/in/en/news/centre-for-baltic-culture-and-studies-opens-in-haridwar-first-of-its-kind-in-southsouth-east-asia, Accessed on 23 September 2019