सारांश
प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2019 में फ्रांस में जी 71 शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात की। यह बैठक उनके सितंबर के अंत में होनी वाली अमेरिकी यात्रा के लिए पूर्ववर्ती है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत तथा पाकिस्तान के बीच बातचीत की आवश्यकता को स्पष्ट किया और भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच वृहद आर्थिक संबंधों के निर्माण पर भी कार्य किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 26 अगस्त 2019 को फ्रांस में बिआरित्ज़ में जी71 शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की। यह इस वर्ष में उनकी दूसरी बैठक थी।2 हालांकि, भारत जी7 का सदस्य नहीं है, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के विशेष अतिथि के रूप में शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। ईरान परमाणु समझौते और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भारत और फ्रांस की चिंताएं एक हैं।
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1The countries that are part of the G7 are the United Kingdom, Canada, France, Germany, Italy, Japan, and the United States.
2The two leaders meet at the sidelines of the G20 summit in Japan 28 June 2019.
जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच हुई इस मुलाकात को दोनों राष्ट्रों द्वारा हालिया तनाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है जिसकी वजह व्यापार और आर्थिक मुद्दों तथा भारत-पाकिस्तान संबंधों पर राष्ट्रपति ट्रम्प के कुछ हालिया ट्वीट्स हैं। व्यापार द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन हाल के महीनों में बाजार पहुंच और शुल्कों में अंतर बढ़ गया है, जिससे विवाद बढ़ने की आशंका है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि नई दिल्ली विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा दिए गए 'विकासशील राष्ट्र' के टैग का लाभ उठा रही है और संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्पादों पर उच्च शुल्क लागू करना जारी रखा है। इस कथित पूर्वाग्रह का मुकाबला करने हेतु ट्रम्प प्रशासन ने भारत से इस्पात आयात पर शुल्क लगाया है और भारतीय उत्पादों के अधिमान्य पहुंच को समाप्त कर दिया है। जून 2019 में प्रतिशोध दर्शाते हुए भारत ने संयुक्त राज्य से आयातित 28 उत्पादों पर प्रतिशोधी शुल्क लगाया।
बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैरिफ और बाजार पहुंच पर अपने मतभेदों को दूर करने का प्रयास करते हुए भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने आयात को और बढ़ाने की योजना कर रहा है। यह भी सहमति व्यक्त की गई कि, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने हेतु प्रधानमंत्री मोदी की सितंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा से पहले, दोनों पक्षों के व्यापार मंत्रियों के बीच बातचीत होगी। विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में अधिक सहयोग करना सुनिश्चित किया गया है। वर्ष के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित करने और ऊर्जा क्षेत्र में व्यापारिक नेताओं के साथ बैठक करने हेतु टेक्सास के ह्यूस्टन की यात्रा करने वाले हैं। इसके दो उद्देश्य हैं, एक यह है कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक ऊर्जा (तेल) का आयात कैसे कर सकता है और दूसरा, यह संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊर्जा क्षेत्र में कैसे निवेश कर सकता है।3 व्हाइट हाउस द्वारा यह घोषणा की गई है कि राष्ट्रपति ट्रम्प उपरोक्त आयोजन में भाग लेंगे। प्रेस के बयान में कहा गया है कि, “यह संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर जोर देने, दुनिया के सबसे प्राचीन तथा सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और अपनी ऊर्जा तथा व्यापार संबंध को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का एक शानदार अवसर होगा।”4
जी7 शिखर सम्मेलन में हुई बैठक भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति के निरसन के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी। पाकिस्तान के दावा करने के बाद कि क्षेत्र की स्थिति गंभीर हो गई है, राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की। जवाब में, भारत ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय उसका आंतरिक मामला है और
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3PTI, “India to import more from US, commerce ministers to talk to reduce bilateral trade differences,” https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/foreign-trade/india-to-import-more-from-us-commerce-ministers-to-talk-to-reduce-bilateral-trade-differences/articleshow/70846129.cms, accessed on 27 August 2019.
4 Office of the Press Secretary, The White House, “Statement from the Press Secretary Announcing President Donald J. Trump’s Upcoming Travel to Texas and Ohio”, Accessed on 16 September 2019.
जिसे पाकिस्तान द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। इस बात की पुष्टि करते हुए कि जम्मू और कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया। बैठक के बाद, राष्ट्रपति ट्रम्प ने टिप्पणी की कि स्थिति भारत के नियंत्रण में है और कहा कि, "भारत पाकिस्तान के साथ बात करता है.....मुझे लगता है कि वे खुद ऐसा बहुत अच्छे तरीके से कर सकते हैं। वे लंबे समय से ऐसा करते आ रहे हैं।”5
दोनों सरकारों के प्रमुखों के बीच बैठक भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अगस्त 2019 में कैलिफोर्निया में द्विपक्षीय 2 + 2 अंतर-व्यावसायिक के रुप में आयोजित की गई। दोनों पक्षों ने सितंबर 2018 की 2 + 2 मंत्रिस्तरीय बैठक की शुरुआत के बाद से रक्षा, सुरक्षा और विदेश नीति के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति व विकास की समीक्षा की। इस बैठक में इन क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई। उन्होंने क्षेत्रीय विकासों पर भी चर्चा की, और स्वतंत्र, खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी चर्चा को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।6 इसके बाद अगस्त 2019 में कैलिफोर्निया में भारत-अमेरिकी समुद्री सुरक्षा संवाद का चौथा दौर शुरू हुआ। संवाद के दौरान, दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की और द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।7 यह दोनों राष्ट्रों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने के दृष्टिकोण के साथ जुड़ाव है। रक्षा साझेदारी भारत-अमेरिका संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है और भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका से विविधतापूर्ण और अधिक रक्षा उपकरणों की खरीद की है।
निष्कर्ष
भारत-अमेरिकी रणनीतिक संबंधों की गहराई दोनों राष्ट्रों को आमतौर पर मतभेदों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने तथा चुनौतियों को दूर करने की सुविधा प्रदान करती है। यह संबंध भूस्थिर वास्तविकताओं और राजनीतिक अभिसरणों से भरा हुआ है। जैसा कि दोनों पक्ष रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं, नीति निर्माताओं को अगले दशक तक ठोस लक्ष्य हासिल करने हेतु एक कार्यप्रणाली तैयार करनी होगी। यह इंडो-पैसिफिक की अवधारणा को संचालित करने, अफगानिस्तान में विश्वसनीय शांति हेतु रोडमैप बनाने, क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण, व्यापार और वाणिज्य का विस्तार करने और कृषि, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल व्यापार आदि में उभरते अवसरों का लाभ उठाकर प्राप्त किया जा सकता है। दोनों नेताओं के बीच की बैठक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विवादास्पद मुद्दों पर एक साथ काम करने की उनकी प्रतिबद्धता को इंगित करती है।
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*डॉ. स्तुति बनर्जी, शोध अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं, परिषद के नहीं।
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5The White House, “Remarks by President Trump and Prime Minister Modi of India Before Bilateral Meeting | Biarritz, France,” https://www.whitehouse.gov/briefings-statements/remarks-president-trump-prime-minister-modi-india-bilateral-meeting-biarritz-france/, Accessed on 27 August 2019.
6Press Release, Ministry of External Affairs, Government of India, “India-US hold a round of bilateral 2+2 intersessional meeting,” https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/31759/IndiaUS_hold_a_round_of_bilateral_2432_intersessional_meeting, Accessed on 28 August 2019.
7Press Release, Ministry of External Affairs, Government of India, “Fourth Round of the India-US Maritime Security Dialogue,” https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/31770/Fourth_Round_of_the_IndiaUS_Maritime_Security_Dialogue, Accessed on 28 August 2019.