सारांश: लेबनान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में जोसेफ औन के चुने जाने और नई सरकार के गठन के साथ, भूमध्यसागरीय राष्ट्र को क्षेत्र में जारी भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पुनर्निर्माण एवं आर्थिक सुधार के कार्य का सामना करना पड़ रहा है।
प्रस्तावना
9 जनवरी 2025 को, लेबनान ने अपने 14वें राष्ट्रपति, लेबनानी सशस्त्र बलों (एलएएफ) के पूर्व कमांडर जोसेफ औन को चुना। इसके साथ ही देश में वर्षों से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध और राष्ट्रपति पद के रिक्त रहने का अंत है।[i] पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन का कार्यकाल 2022 में समाप्त होने के बाद विगत दो वर्षों में राष्ट्रपति चुनने के बारह असफल प्रयास किए गए। उनके उत्तराधिकारी को लेकर बातचीत असफल रही, जिससे देश के पश्चिमी और ईरान समर्थक खेमों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया।[ii]
राष्ट्रपति पद हेतु चार प्रमुख उम्मीदवार बचे थे, जब हिजबुल्लाह समर्थित मार्दा पार्टी के नेता स्लीमन फ्रांगी ने जोसेफ औन के पक्ष में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि पूर्व प्रधानमंत्री नजीब मिकाती को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। इनमें लेबनानी सशस्त्र बलों के पूर्व सेना कमांडर जोसेफ औन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मध्य पूर्व एवं मध्य एशिया विभाग के निदेशक के रूप में कार्यरत जिहाद अज़ूर, लेबनान में जनरल सिक्योरिटी के कार्यवाहक निदेशक के रूप में कार्यरत एलियास बेसारी और संसद में सबसे अधिक सदस्यों वाले एक मजबूत गणतंत्र संसदीय ब्लॉक लेबनानी बलों के प्रमुख समीर गेगेआ शामिल थे। वे हिज़्बुल्लाह के मुखर आलोचकों में से एक थे।
यह चुनाव लेबनान के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव लाने वाला रहा, क्योंकि राष्ट्रपति जोसेफ औन को पश्चिम, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देशों से काफी समर्थन मिला, जबकि पिछली सरकारों को हिज़्बुल्लाह[iii] और ईरान से समर्थन था। सीरिया में असद शासन के पतन के बाद से, जो हिज़्बुल्लाह के प्रमुख सहयोगियों में से एक है, और समूह के प्रमुख गढ़ों पर इज़राइल की ओर से लगातार बमबारी के बाद, समूह का रुख बाहरी व आंतरिक दोनों तरह से कमज़ोर हुआ है, मुख्यतः हिज़्बुल्लाह के लंबे समय के नेता हसन नसरल्लाह[iv] की हत्या की वजह से और अन्य नुकसान के कारण। इस संदर्भ में, यह दृष्टिकोण लेबनानी चुनावों का आकलन करता है, इसकी संक्षिप्त पृष्ठभूमि और लेबनानी राजनीति पर उनके प्रभाव के बारे में जानकारी देता है। यह बदलती क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में चुनावों के परिणामों का भी विश्लेषण करता है।
राष्ट्रपति चुनाव 2025 की पृष्ठभूमि
लेबनान में "कन्फेशनल सिस्टम"[v] है, जो एक तरह का सह-संघवाद है, जो देशों के विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के बीच सत्ता का आनुपातिक बंटवारा है। देश का धार्मिक परिदृश्य विविधतापूर्ण है, जिसमें विभिन्न संप्रदाय हैं, जिनमें मैरोनाइट ईसाई, ड्रूज़ (जातीय-धार्मिक एकेश्वरवादी समुदाय), शिया, सुन्नी, यूनानी और एक छोटा यहूदी समुदाय शामिल है। 1975-90 के गृहयुद्ध[vi] के बाद, जिसने देश को तबाह कर दिया, लेबनान की राजनीतिक संरचना को 1989 में "तैफ़ समझौते" के ज़रिए सुधारा गया। इस समझौते ने मारोनाइट्स के पक्ष में पिछले फ्रांसीसी जनादेश के विपरीत सत्ता-साझाकरण की प्रणाली के ज़रिए सभी विभिन्न लेबनानी संप्रदायों (प्रत्येक संप्रदाय की आबादी के अनुसार) के निष्पक्ष राजनीतिक प्रतिनिधित्व हेतु एक संरचना स्थापित की। इस प्रणाली के अनुसार, राष्ट्रपति को मैरोनाइट ईसाई, प्रधानमंत्री को सुन्नी मुस्लिम और संसद का अध्यक्ष कोई शिया होना चाहिए।
इस संदर्भ में, लेबनान ने मई 2022 में अपने अंतिम आम चुनाव आयोजित किए।[vii] हालाँकि, नवगठित राष्ट्रीय सभा ऊपर बताए अनुसार बारह बार राष्ट्रपति का चुनाव करने में विफल रही, और परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री नजीब मिकाती की कार्यवाहक सरकार देश चला रही थी।[viii] इस तरह जनवरी 2025 में हुए चुनावों ने देश के राजनीतिक परिदृश्य में स्थिरता तथा अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की संभावनाओं में प्रगति को चिह्नित किया। यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है चूंकि यह इज़राइल-गाजा संघर्ष के दौरान हुआ था। अक्टूबर 2023 में इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच गोलीबारी के बाद से देश ने भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। हालांकि, 27 नवंबर 2024 से युद्धविराम लागू है।[ix]
युद्ध विराम की वजह से चुनाव काफी हद तक आसान बन गया है क्योंकि इसने विनाश व शत्रुता को रोक दिया है जिसके कारण चुनावी प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सकी। युद्ध विराम के बाद, लेबनान की कार्यवाहक सरकार पर देश के सुधारों और पुनर्निर्माण की पहल करने हेतु राष्ट्रपति पद को भरने का बाहरी दबाव काफी अधिक था।[x]
जोसेफ़ औन के राष्ट्रपति बनने का रास्ता
मतदान के पहले दौर में हिजबुल्लाह समर्थक गुट के सांसदों ने विरोध में वोट दिया था, जिससे जोसेफ औन को सीधे जीत हेतु आवश्यक दो-तिहाई बहुमत से वंचित रहना पड़ा। हालांकि, दूसरे दौर के मतदान में औन ने 128 सीटों वाली संसद से 99 वोट हासिल कर राष्ट्रपति पद हासिल कर लिया। 60 वर्षीय औन ने शपथ लेने के बाद चैंबर से कहा, "लेबनान के इतिहास में आज एक नया अध्याय शुरू हो रहा है, जो देश के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जिसकी हिजबुल्लाह ने उम्मीद नहीं की थी।"
जनरल जोसेफ औन, जिन्होंने चुनाव जीता और इस पद के सबसे लोकप्रिय उम्मीदवारों में से एक थे, उन्हें यूएई, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे खाड़ी देशों से काफी समर्थन मिला।[xi] डेमोक्रेटिक गैदरिंग ब्लॉक और संसद के अन्य स्वतंत्र सदस्यों ने मुखर रूप से उनको अपना समर्थन दिया, जिसमें ईसाई विपक्ष, विशेष रूप से सबसे बड़ा ईसाई ब्लॉक - समीर फ़रीद गेगेआ के नेतृत्व वाली लेबनानी सेना, सैमी गेमेल के नेतृत्व वाली फ़लांगे पार्टी और स्लीमन फ़्रैंगीह के नेतृत्व वाला माराडा मूवमेंट शामिल हैं। वह 2021 के वित्तीय संकट के दौरान लेबनानी राजनेताओं की नीतियों के मुखर आलोचक भी रहे हैं। उनकी लोकप्रियता और उल्लेखनीय योगदान, जिसकी वजह से उन्हें वाशिंगटन और रियाद का समर्थन मिला, उनकी जीत का मुख्य कारण थी। ऐसा दूसरे सबसे बड़े ईसाई ब्लॉक - द फ़्री पैट्रियटिक मूवमेंट द्वारा उनकी उम्मीदवारी का विरोध किए जाने के बावजूद हुआ था, जिसका नेतृत्व गेब्रान बेसिल कर रहे हैं। जोसेफ औन के संभावित राष्ट्रपति पद को लेकर बेसिल का विरोध औन की 17 अक्टूबर के प्रदर्शनकारियों[xii] का डटकर सामना करने की अनिच्छा और रक्षा मंत्री की मांगों को मानने से इनकार करने की वजह से था, जो बेसिल के साथ गठबंधन में थे। नतीजतन, फ्री पैट्रियटिक मूवमेंट चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने में राजनीतिक समर्थन जुटाने में असमर्थ रहा। इसके अलावा, ईसाई आबादी की भावनाएँ राष्ट्रपति पद के गतिरोध को समाप्त करने और स्थिरता की भावना लाने में थीं।[xiii]
चुनावों के निहितार्थ
घरेलू निहितार्थ
अपने सफल चुनाव के बाद, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने लेबनान की नेशनल असेंबली के परामर्श से नए प्रधानमंत्री नवाफ सलाम को नियुक्त किया।[xiv] वह उस पैनल में भी थे जिसने दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाने के मामले की सुनवाई की थी। 8 फरवरी को, सलाम ने अपने 24 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नाम घोषित किया, जिसमें ईसाई और मुस्लिम संप्रदायों की समान भागीदारी है। युद्ध के कारण लेबनान ने जो नुकसान झेला है, उसके बीच, प्रधानमंत्री सलाम ने अपनी हालिया टिप्पणियों में वचन दिया है कि नई सरकार "मुक्ति एवं सुधार" वाली होगी।[xv] यह दर्शाता है कि नई सरकार का उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष और भ्रष्टाचार व कुप्रबंधन के कारण वर्षों के आर्थिक संकट के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ विश्वास का पुनः सृजन करना है।
यह ध्यान देना ज़रुरी है कि गाजा युद्ध ने हिजबुल्लाह को कमजोर कर दिया है, इसके प्रमुख नेता के न होने से चुनाव में हिजबुल्लाह समर्थित उम्मीदवारों को कोई समर्थन नहीं मिला। समूह ने जोसेफ औन के चुनाव का समर्थन इस उम्मीद में किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मिकाती को राष्ट्रपति तथा नेशनल असेंबली द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के लिए नवफ सलाम की नियुक्ति पर निराशा व्यक्त करते हुए, वरिष्ठ हिजबुल्लाह सांसद मोहम्मद राद ने अपने विरोधियों पर बंटवारा तथा बहिष्कार का काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि उनके समूह ने औन के चुनाव का समर्थन करके “अपना हाथ बढ़ाया” और बाद में पता चला कि उनका “हाथ कट चुका है”, और चेतावनी दी कि “सह-अस्तित्व के खिलाफ़ लड़ने वाली किसी भी सरकार की कोई वैधता नहीं है।” [xvi] ऐसा कहना दर्शाता है कि नए नेतृत्व को विरोध का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उनके और हिजबुल्लाह के बीच हितों का काफी टकराव है।
सरकार के हालिया गठन में, हिजबुल्लाह के करीबी सहयोगी अमल मूवमेंट को वित्त मंत्री यासीन जाबेर सहित चार मंत्रियों को चुनने की अनुमति दी गई थी। हैरानी की बात है कि, सरकार का यह गठन हिजबुल्लाह और उसके सहयोगियों को “तीसरे पक्ष को रोकने” का वीटो पावर नहीं देता है,[xvii] जिससे सरकारी निर्णयों को एकतरफा बाधित करने की उनकी क्षमता सीमित हो जाती है। लेकिन समूह अन्य तरीके तलाश सकता है, जैसे कि नए नेतृत्व के प्रमुख निर्णयों में हस्तक्षेप करना।[xviii] वाशिंगटन के उप मध्य पूर्व दूत मॉर्गन ऑर्टागस ने लेबनान के राष्ट्रपति के साथ उनके चुनाव के बाद एक बैठक में कहा था कि अमेरिका नई सरकार में हिजबुल्लाह की भूमिका नहीं चाहता है, जिससे लेबनान की चुनाव प्रक्रिया में उसके हस्तक्षेप पर बहस और आक्रोश भड़क उठा।[xix]
26 फरवरी 2025 को लेबनान की संसद ने सरकार के प्रति विश्वास मत प्रस्ताव पारित किया, जिसके पक्ष में 95 वोट पड़े, 12 वोट विरोध में पड़े और 4 लोग मतदान से दूर रहे; यह नई सरकार में विश्वास का संकेत है।[xx] प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित नए नेतृत्व ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 के अनुसार सीमाओं पर केवल लेबनानी सेना को तैनात करने और दक्षिण से हिजबुल्लाह बलों को हटाने पर जोर दिया है। यह प्रस्ताव सशस्त्र समूहों के निरस्त्रीकरण को अनिवार्य करता है और सरकार की सहमति के बिना देश के अंदर विदेशी बलों को प्रतिबंधित करता है।[xxi] 11 फरवरी 2025 को अपने पहले संबोधन में, प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने 18 फरवरी तक लेबनान से इजरायली सेना की वापसी की मांग दोहराई।
क्षेत्रीय और वैश्विक समर्थन
चुनावों ने न केवल राजनीतिक परिदृश्य को नया रूप दिया है बल्कि लेबनान के पुनर्निर्माण और आर्थिक पुनरुद्धार में क्षेत्रीय तथा वैश्विक शक्तियों की भूमिका को भी प्रभावित किया है। चूंकि अमेरिका और सऊदी अरब औन को स्थिर स्वभाव का व्यक्ति मानते हैं जो लेबनान के संस्थानों[xxii] में विश्वास बहाल कर सकते हैं, इसलिए नए नेतृत्व को उनसे समर्थन मिल रहा है। इसलिए नए नेतृत्व के कार्यों में पश्चिमी समर्थक दृष्टिकोण दिखाई दे सकता है। वे किस हद तक लेबनान की जरूरतों व हितों को संबोधित करते हैं और ट्रम्प प्रशासन तथा नए लेबनानी नेतृत्व के बीच संबंध किस तरह का होता है, यह देखा जाना बाकी है। हाल ही में, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने लेबनान का दौरा किया,[xxiii] जिससे नए नेतृत्व और इसके सुधार के उद्देश्यों के लिए समर्थन का संकेत मिलता है। इसके अलावा, यूएई के राष्ट्रपति ने समर्थन की पेशकश की और लेबनान में यूएई दूतावास को पुनः खोलने पर चर्चा की, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का संकेत मिलता है।[xxiv]
लेबनान के वित्त मंत्री यासीन जबार, जो नवगठित मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, के अनुसार देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से वित्तीय पैकेज चाहता है।[xxv] इसके अलावा, पड़ोसी देश सीरिया में एक नए प्रशासन के साथ, उन्होंने कहा कि लेबनानी सरकार का मानना है कि उसके पास सीमाओं को नियंत्रित करने और सीमांकन करने तथा लेबनान में विस्थापित सीरियाई लोगों के मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से बातचीत शुरू करने का अवसर है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का संकेत देता है।
औन ने 17 जनवरी 2025 को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से भी मुलाकात की और देश में तेल भंडार की खोज को फिर से शुरू करने पर चर्चा की, जो युद्धग्रस्त लेबनान हेतु आय का एक बड़ा स्रोत हो सकता है।[xxvi] यह नए नेतृत्व के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक समर्थन तथा लेबनानी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए विश्व नेताओं के साथ इसके निरंतर जुड़ाव को दर्शाता है। इस घटनाक्रम की वजह से बड़ी सहायता मिल सकती है, जो देश के पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक है।
निष्कर्ष
2025 के लेबनानी राष्ट्रपति चुनाव देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, जिसमें जोसेफ औन राष्ट्रपति और नवाफ सलाम प्रधानमंत्री होंगे। पश्चिमी तथा खाड़ी सहयोगियों द्वारा समर्थित उनका नेतृत्व हिजबुल्लाह के प्रभाव से बचे रहने का संकेत देता है, जो लेबनान के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर दोनों पेश करता है। संयुक्त राष्ट्र संकल्प 1701 के तहत सुधारों, आर्थिक सुधार व सीमा सुरक्षा हेतु सरकार की प्रतिबद्धता इसे दर्शाती है। नए मंत्रिमंडल का गठन और उसके बाद संसद में विश्वास मत ने लेबनान के पुनर्निर्माण तथा आर्थिक पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त किया। हालाँकि, इज़राइली रक्षा बलों को लेबनान के उन क्षेत्रों से हटना बाकी है जो तय युद्धविराम का उल्लंघन कर रहे हैं। इसलिए, जैसे-जैसे लेबनान अपने संकट के बाद के सुधार और भविष्य के प्रशासन में आगे बढ़ता है, हिजबुल्लाह से संभावित प्रतिरोध को देखते हुए घरेलू स्थिरता को संतुलित करने और भू-राजनीतिक दबावों से निपटने की नेतृत्व की क्षमता महत्वपूर्ण होगी।
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*सुगंधी, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली में शोध प्रशिक्षु हैं।
अस्वीकरण : यहां व्यक्त किए गए विचार निजी हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i]Qiblawi, Tamara. 2025. “US-Backed Army Chief Elected Lebanon’s President, Ending Years-Long Stalemate.” CNN. January 9, 2025. https://edition.cnn.com/2025/01/09/middleeast/joseph-aoun-elected-lebanon-president-intl/index.html.
[ii]Qiblawi, Tamara. 2025. “US-Backed Army Chief Elected Lebanon’s President, Ending Years-Long Stalemate.” CNN. January 9, 2025. https://edition.cnn.com/2025/01/09/middleeast/joseph-aoun-elected-lebanon-president-intl/index.html.
[iii]BBC. 2023. “What Is Hezbollah in Lebanon and Will It Go to War with Israel?” Www.bbc.com, November 3, 2023. https://www.bbc.com/news/world-middle-east-67307858.
[iv]Al Jazeera Staff. 2024. “Hassan Nasrallah, Hezbollah Leader, Killed in Beirut in Israeli Strike.” Al Jazeera. September 28, 2024. https://www.aljazeera.com/news/2024/9/28/hassan-nasrallah-hezbollah-leader-killed-in-beirut-in-israeli-strike.
[v]Confessionalism is a system of consociational government which distributes political and institutional power proportionally among religious sub-communities. Lebanon is a confessional state where, for example, positions in cabinet, parliament, the civil service and other institutions are apportioned according to the relative religious populations. “Understanding Lebanese Confessionalism.” 2007. CJPME - English. May 21, 2007. https://www.cjpme.org/fs_026.
[vi] Beyer, Greg. 2024. “The Lebanese Civil War: A Complex & Devastating Conflict.” TheCollector. July 11, 2024. https://www.thecollector.com/lebanese-civil-war-conflict/.
[vii]Ayman Halawi. 2024. “Political System and Authorities.” Lebanese Ministry of Information. 2024. https://www.ministryinfo.gov.lb/en/2658.
[viii]Reuters Staff. 2022. “Lebanon Fails to Elect President for Third Time amid Financial Meltdown.” Reuters, October 20, 2022. https://www.reuters.com/world/middle-east/lebanon-fails-elect-president-third-time-amid-financial-meltdown-2022-10-20/.
[ix]Marx, Willem. 2024. “Israel and Hezbollah Have a Ceasefire Agreement. Here’s What It Says.” NPR. November 28, 2024. https://www.npr.org/2024/11/28/g-s1-36146/israel-hezbollah-lebanon-ceasefire-middle-east-crisis.
[x]SAKHRI Mohamed. 2025. “Joseph Aoun’s Victory: Why Did the Election of a New President for Lebanon Succeed?” World Policy Hub. January 13, 2025. https://worldpolicyhub.com/joseph-aouns-victory-why-did-the-election-of-a-new-president-for-lebanon-succeed/.
[xi]Jazeera, Al. 2025a. “Lebanon Parliament Elects Army Chief Joseph Aoun as President.” Al Jazeera. January 9, 2025. https://www.aljazeera.com/news/2025/1/9/lebanon-parliament-elects-army-chief-joseph-aoun-as-president.
[xii]Nashed, Justin Salhani,Mat. 2023. “‘Can’t Stay Silent Any More’: Rage in Lebanon over War on Gaza.” Www.aljazeera.com. July 19, 2023. https://www.aljazeera.com/news/2023/10/19/cant-stay-silent-any-more-rage-in-lebanon-over-war-on-gaza.
[xiii]SAKHRI Mohamed. 2025. “Joseph Aoun’s Victory: Why Did the Election of a New President for Lebanon Succeed?” World Policy Hub. January 13, 2025. https://worldpolicyhub.com/joseph-aouns-victory-why-did-the-election-of-a-new-president-for-lebanon-succeed/.
[xiv]Gritten, David. 2025. “Nawaf Salam: ICJ President Named Lebanon’s New Prime Minister.” Bbc.com, january 13, 2025. https://www.bbc.com/news/articles/c2eg7ge72j2o.
[xv]Agence France-Presse. 2025. “‘Govt of Reform and Salvation’: Lebanon Announces New Administration.” Firstpost. February 8, 2025. https://www.firstpost.com/world/govt-of-reform-and-salvation-lebanon-announces-new-administration-13861232.html.
[xvi]Jazeera, Al. 2025. “Lebanon’s President Names ICJ Judge Nawaf Salam as PM-Designate.” Al Jazeera. January 13, 2025. https://www.aljazeera.com/news/2025/1/13/nawaf-salam-wins-enough-backing-to-become-lebanons-prime-minister.
[xvii]In the Lebanese political system, the blocking third or one-third plus one rule allows a political group to prevent government decision-making and potentially topple the government.
[xviii]Ghaddar, Hanin. 2025. “Lebanon’s New Government May Walk a Thin Line between Promises and Compromises.” The Washington Institute. 2025. https://www.washingtoninstitute.org/policy-analysis/lebanons-new-government-may-walk-thin-line-between-promises-and-compromises?
[xix]2025b. “US Demands Hezbollah Be Omitted from Lebanon Government.” Al Jazeera. February 7, 2025. https://www.aljazeera.com/news/2025/2/7/us-demands-hezbollah-be-omitted-from-lebanon-government.
[xx]“Lebanese Parliament Grants Confidence to PM Nawaf Salam’s Government with 95 Votes.” 2025. Al-Manar TV Lebanon. 2025. https://english.almanar.com.lb/2349943.
[xxi]Explained Desk. 2024. “What Is the UNSC Resolution 1701 upon Which the Israel-Lebanon Ceasefire Is Based?” The Indian Express. November 27, 2024. https://indianexpress.com/article/explained/explained-global/resolution-1701-israel-lebanon-ceasefire-9693450.
[xxii]“President Joseph Aoun’s Vision for Lebanon: Engaging Hezbollah and Iran amid Regional Shifts - Robert Lansing Institute.” 2025. Robert Lansing Institute. January 20, 2025. https://lansinginstitute.org/2025/01/20/president-joseph-aouns-vision-for-lebanon-engaging-hezbollah-and-iran-amid-regional-shifts/.
[xxiii]English, Al Arabiya. 2025. “Saudi Arabia Is Optimistic about Lebanon under Reforms, Saudi FM Says in Beirut.” Al Arabiya English. January 23, 2025. https://english.alarabiya.net/News/middle-east/2025/01/23/saudi-foreign-minister-arrives-in-lebanon-for-first-visit-in-almost-15-years.
[xxiv]Desk, Web. 2025. “‘UAE Embassy in Beirut to Reopen’: President Sheikh Mohamed, Lebanon’s Joseph Aoun Reach Agreement.” Khaleej Times. January 9, 2025. https://www.khaleejtimes.com/uae/uae-sheikh-mohamed-congratulates-joseph-aoun-on-becoming-president-of-lebanon?_refresh=true.
[xxv]Bassam, Laila, and Tom Perry. 2025. “Exclusive: Lebanese Government to Seek New IMF Programme, Policy Statement Says.” Reuters, February 18, 2025. https://www.reuters.com/world/middle-east/lebanese-government-seek-new-imf-programme-policy-statement-says-2025-02-18/.
[xxvi]F, Dominic. 2025. “Bloomsbury Intelligence & Security Institute (BISI).” Bloomsbury Intelligence & Security Institute (BISI). February 13, 2025. https://bisi.org.uk/reports/lebanese-presidential-election.