कजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री कासिम-जुमरत तोकायेव, प्रोफेसर डुकेन मासिमखानुली,
महानिदेशक, आर.बी. सुलेइमानोव इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज, और प्रतिभागियों को कजाकिस्तान की स्वतंत्रता की 30 वीं वर्षगांठ के महत्वपूर्ण अवसर पर बधाई। इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज, अल्माटी, कजाकिस्तान की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर भी हार्दिक शुभकामनाएं।
2. भारतीय वैश्विक परिषद, इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज का समझौता ज्ञापन भागीदार है और हमारा सहयोग लाभदायक रहा है।
3. कजाकिस्तान विश्व के हमारे भाग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसने सीअईसीए सहित नवोन्मेषी विचारों और पहलों विश्व और पारंपरिक धर्मों के नेताओं की कांग्रेस; और यूरेशियन संघ को सामने रखा है। इन सभी पहलों का उद्देश्य क्षेत्र के भीतर और उसके बाहर जुड़ाव और सहयोग बढ़ाना है।
4. इस संदर्भ में, मैं जुलाई 2015 में नज़रबायेव विश्वविद्यालय में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की याद दिलाऊंगा, जहां उन्होंने कहा था: "कजाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिम्मेदारी और परिपक्वता की आवाज है।"
5. जैसे-जैसे वैश्विक धुरी पूर्व की ओर बढ़ रही है, यूरेशियन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यहां, कजाकिस्तान न केवल पूर्व में एक संपर्क सूत्र हो सकता है, बल्कि यह पूर्व और पश्चिम का संमिलन करने के लिए उचित स्थान पर स्थित है।
6. अपनी ओर से, भारत, एक प्राचीन और समृद्ध सभ्यता के रूप में, पूर्व के पुनरुत्थान में योगदान देगा।
7. भारत और कजाकिस्तान के गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं। एक महान कज़ाख पुत्र और 16वीं शताब्दी के उत्कृष्ट व्यक्तित्व मिर्जा हैदर दुगलत को भारत में दफनाया गया है।
8. आज, भारत और कजाकिस्तान रणनीतिक साझेदार हैं और कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करते हैं, और हमारा सहयोग उन आम चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण हो सकता है, जिनका सामना हमारा साझा क्षेत्र करता रहा है।
9. इन शब्दों के साथ, मैं सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए और कजाकिस्तान के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं देते हुए अपने शब्दों को विराम देता हूं।
धन्यवाद।
*****