"राजनय की विरासत" राजदूतों और वरिष्ठ राजनयिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का एक गुलदस्ता है। यह विशेष संग्रह विश्व मामलों की भारतीय परिषद के पुस्तकालय में उपलब्ध है। इस संग्रह में हमारे राजदूतों द्वारा भारत के अन्य देशों के साथ अनुभवजन्य किस्से, संस्मरण, लघु कथाएँ, आत्मकथात्मक लेख और भारत के अन्य देशों के साथ संबंधों का छिद्रान्वेषण हैं।
अभिलेखागार तक पहुँच के लिए कृपया "+91 11 23359159" पर आईसीडब्ल्यूए पुस्तकालय से संपर्क करें अथवा "librarian[at]icwa[dot]in को लिखें".
|

द इंडिया वे स्ट्रैटेजीस फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड
-एस. जयशंकर
(2020)
|

द साउथ काकेशस ट्रांजीशन फ्रॉम सबजुगेसन टू इंडिपेंडेंस (ट्रेसिंग इंडिया'स फूटप्रिंट्स)
-अचल मल्होत्रा
(2020)
|
|
द ब्लूम्सबरी अन्थोलॉजी ऑफ़ ग्रेट इंडियन पोयम्स
-अभय के.
(2020)
|
हिस्ट्री मेन, जदुनाथ सर्कार, जी. एस. सरदेसाई, रघुबीर सिंह एंड देयर क्वेस्ट फॉर इंडियाज़ पास्ट
-टी. सी. ए. राघवन
(2020)
|
वैल्यूज इन फॉरेन पालिसी: इंवेस्टिगेटिंग आइडल्स एंड इंटरेस्ट -कृष्णन श्रीनिवासन
(2019)
|
कश्मीरस अनटोल्ड स्टोरी: डीक्लासिफईड
-इकबाल चाँद मल्होत्रा
(2019)
|

अटेंडेंट लॉर्ड्स
-टी. सी. ए. राघवन
(2019)
|

100 मोर ग्रेट इंडियन पोयम्स
-अभय के.
(2019)
|

गाँधी दि सोल फोर्स वारियर: रिवोल्यूशनलाईज्ड रिवोल्यूशन एंड स्पिरिचुअलाईज्ड इट
-पी. ए. नाज़ारेथ
(2019)
|
इंडिया एंड ईयू: एन इनसाइडर’स व्यू
-भासवती मुख़र्जी
(2018)
|

दि एट-आइड लार्ड ऑफ़ काठमांडू - अभय के. (2018)
|
आदि शंकराचार्य: हिंदूइज्म’स ग्रेटेस्ट थिंकर -पवन के. वर्मा (2018)
|

दि स्कोप ऑफ़ हैप्पीनेस: ए पर्सनल मेमॉयर - विजय लक्ष्मी पंडित (2018)
|
दि पीपल नेक्स्ट डोर: दि क्यूरियस हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया-पाकिस्तान रिलेशंस - टी. सी. ए. राघवन (2017)
|

कैपिटल्स: ए पोएट्री एंथोलोजी
- अभय के. (2017)
|

हाउ इंडिया सीज दि वर्ल्ड
- श्याम सरन
(2017)
|

थ्री हंड्रेड वर्सेज : म्यूजिंग्स ऑन लाइफ, लव एंड रिननसिएशन
- ए. एन. डी. हक्सर द्वारा अनुवादित
(2017)
|

डिप्लोमेसी एट दि कटिंग एज
- किशन एस. राना
(2016)
|
चोइसिस : इनसाइड दि मेकिंग ऑफ़ इंडियाज़ फॉरेन पोलिसीज़
-शिवशंकर मेनन
(2016)
|

पेरिलियस इंटरवेन्शन्स: दि सिक्यूरिटी कौंसिल एंड दि पॉलिटिक्स ऑफ़ केओस
- हरदीप सिंह पुरी
(2016)
|

व्हाट विल लीपफ्रोग इंडिया इन दि ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी
-सुरेंद्र कुमार
(2016)
|
गांधीज़ आउटस्टैंडिंग लीडरशिप
- पी. ए. नाज़ारेथ
(2016)
|

डिप्लोमेसी इन पीस एंड वार: रिकलेक्शन्स एंड रिफ्लेक्शन्स
- टी एन कॉल
(2016)
|

डिप्लोमेटिक डायमेंशन ऑफ़ मेरीटाइम चैलेंजेस फॉर इंडिया इन दि ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी
- योगेन्द्र कुमार
(2015)
|
जिन्ना: ओफन केम टू आवर हाउस
- किरण दोषी
(2015)
|

बिल्डिंग ए जस्ट वर्ल्ड : एसेज़ इन ऑनर ऑफ मुचकुंद दुबे
-विनोद सी. खन्ना द्वारा संपादित
(2015)
|