सारांश (Abstract)
उज़्बेकिस्तान मध्य एशिया में भौगोलिक रूप से मध्य में होने के कारण और विशाल ऊर्जा भंडार के कारण विश्व में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है| उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव की मृत्यु (1938-2016) के बाद शौक़त मिर्ज़ियोयेव नए राष्ट्रपति बने है| करीमोव के काल में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच आर्थिक, राजनयिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सम्बन्ध बढे, लेकिन बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य में यह देखना जरुरी होगा कि भारत और उज़्बेकिस्तान अपने द्विपक्षीय संबंधो को किस प्रकार आगे बढ़ाते है तथा यह भी देखना होगा कि भारत और उज़्बेकिस्तान की द्विपक्षीय रणनीतियो और सहयोग में किसप्रकार परिवर्तन हो सकता है|
1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद, मध्य एशिया अपनी भौगोलिक स्थिति और समृद्ध खनिज और हाइड्रो कार्बन संसाधनों के कारण महाशक्तियो के लिए आकर्षण का केंद्र बन कर उभरा है| वहीं उज़्बेकिस्तान, मध्य एशिया के मध्य में स्थित होने के कारण उसकी सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है| विश्व की महाशक्तियो के लिए दो कारणों से उज़्बेकिस्तान एक महत्वपूर्ण देश रहा है| पहला, उज़्बेकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान में शांति और स्थिरता को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है| दूसरा, कच्चे माल विशेषकर सोना, कपास (cotton) और प्राकृतिक गैस की उपलब्धता|
भारत के मध्य एशिया के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे है| मध्य काल में मध्य एशिया के विद्वानो ने भारत की यात्रा की तथा मुग़लो के समय में घोड़ो का आयात मध्य एशिया से किया जाता था| उज़्बेकिस्तान में फर्गाना, समरकंद, बुखारा आदि महत्वपूर्ण व्यापार के मार्ग थे, जो भारत के साथ- साथ यूरोप और चीन को जोड़ते थे|1 यही नहीं, भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान ये क्षेत्र भारतीय स्वतंत्रता सेनानियो का केंद्र हुआ करता था|
भारत का उज़्बेकिस्तान के साथ रणनीतिक भागीदारी के तीन कारण है| पहला, इससे अन्य मध्य एशियाई देशो के साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित होने में आसानी होगी तथा कट्टरवाद के विस्तार को रोकने मे मदद मिलेगी| दूसरा, मध्य एशिया के साथ अच्छे सम्बन्ध से ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित रखने में मदद मिलेगी और भारत की घरेलू ऊर्जा की मांग को पूरा किया जा सकेगा| तीसरा, यह आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद होगा जिसके कारण गहरे व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित हो सकेगे |2
Political Map of Uzbekistan
Source: http://www.uzbekembassy.in/about-uzbekistan/maps/
यदि उज़्बेकिस्तान की भौगोलिक स्थिति का वर्णन किया जाए तो, उज़्बेकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान से 137 किमी, कज़ाखस्तान से 2,203 किमी, किर्गिज़स्तान से 1,099 किमी ताजिकिस्तान से 1,161 किमी तथा तुर्कमेनिस्तान से 1,621 किमी लम्बी सीमा से जुड़ा हुआ है|3 उज़्बेकिस्तान एक बहु-भाषी ओर बहु-संस्कृति देश है इसकी कुल आबादी 25,755,519 है और उज़बेक (80%), रुसी (5.5 %), कराक्ल्पक (2.5 %), ततार (1.5 %), निवास करते है| उज़्बेकिस्तान गैस, तेल और कोयले के भंडार से सम्पन्न देश है ओर सोने, चांदी, सीसा, जस्ता, युरेनियम और टंगस्टन आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है|4 उज़्बेकिस्तान की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत कृषि क्षेत्र रहा है, लेकिन स्वंतत्रता के तुरंत बाद उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक तथा अन्य क्षेत्रो में बड़े पैमाने पर सुधार लाने के लिए दीर्घकालीन विकास की रणनीति पर आधारित उज़बेक मॉडल का निर्माण किया गया|5 उज़्बेकिस्तान में एक निरंतर और स्थिर आर्थिक विकास इस बात का प्रमाण है कि उज़्बेकिस्तान वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट के नकारात्मक प्रभाव के बावजूद भी विकास की गति को स्थिर बनाए हुए है|6
इसके परिणामस्वरूप, उज़्बेकिस्तान की सकल घरेलू उत्पाद 2015 में विकास दर कम से कम 8 प्रतिशत रही थी |7 2015 में उज़्बेकिस्तान का कुल निर्यात 5.85 बिलियन अमरीकी डॉलर दर्ज किया गया|8 अत: यह अनुमान लगया जा सकता है कि उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा आर्थिक व्यवस्था में विविधता की नीति के माध्यम से अंतर्राष्टीय व्यापार को तेज़ किया गया है| उज्बेकिस्तान के मुख्य व्यापारिक देश रूस, दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी, चीन, कज़ख्स्तान, उक्रेन, तुर्की, ताजिकिस्तान, बांग्लादेश तथा भारत है|
Coal: |
Reserves at end-2011 (million tonnes)
|
Oil
|
Reserves at end 2015/14 Per year (mt) |
Natural gas
|
Reserves at end-2015/14 (bcm)/(bcf) |
Uranium: |
Reserves at end-2015/14 (tU) |
Proved amount in place |
3 000 |
Proved recoverable reserves (crude oil and NGLs, |
81.4
|
Proved recoverable reserves
|
1085.9/38347.2 |
Proved recoverable reserves
|
(tU) 59400 |
Production |
3.1
|
production (crude oil and NGLs)
|
3 |
Production
|
57.7/2039.2 |
Production |
2400 |
Major Energy Statistics of Uzbekistan
उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव का स्वर्गवास 2 सितम्बर 2016 को हुआ| राष्ट्रपति की सत्ता का हस्तांतरण पूर्व प्रधानमंत्री शौक़त मिर्ज़ियोयेव को 4 दिसम्बर 2016 में चुनाव द्वारा हुआ| केन्द्रीय चुनाव आयोग के अनुसार शौक़त मिर्ज़ियोयेव को 87.73% वोट से विजय प्राप्त हुई|9 शौक़त द्वारा राष्ट्रपति के पद के लिए 9 दिसम्बर 2016 को शपथ ग्रहण के बाद, उज़्बेकिस्तान के नए राष्ट्रपति से यह आशा बंधी है कि उज़्बेकिस्तान क्षेत्रीय और बाहरी समस्यों का समाधान करने तथा आर्थिक विकास के लिए अधिक सक्रियता दिखायेगा10| उज़्बेकिस्तान आन्तरिक व बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे भ्रष्टाचार, ISIS आतंकवाद, अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिरता, पडोसी देशो के साथ सीमा विवाद, फर्गाना वैली का विवाद व पानी का विवाद1 और उज़्बेकिस्तान इस्लामी मिलिटेंट आन्दोलन, मानवाधिकार का उल्लंघन, कपास के क्षेत्र में बाल मजदूरी और अंदिजन नरसंहार 2005 2आदि| इन सब के बावजूद उज़्बेकिस्तान अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा के बल पर अपनी स्थिति को मजबूत करने में भी सफल रहा है|11
राजनयिक सम्बन्ध:
भारत और उज़्बेकिस्तान के राजनयिक सम्बन्ध की शुरुआत सोवियत संघ के विघटन के बाद से हुई है| भारतीय उच्च स्तर यात्रा 1993 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा की गयी| उस दौरान, दोनों देशो के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग पर हस्तक्षार हुए साथ ही ताशकंद के विश्व आर्थिक और कूटनीति विश्वविद्यालय में इंडियन चेयर की घोषणा और ताशकंद में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की गयी|12 इसी प्रकार भारत और उज़्बेकिस्तान के रिश्तो को मजबूती प्रदान करने के लिए 2006 में भारतीय प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा 8 समझौतों पर हस्ताक्षार किया गया|13 उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति करीमोव द्वारा 1994, 2000, 2005 व 2011 में भारत की यात्रा की गयी | उनकी 2011 की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सामरिक साझेदारी पर हस्ताक्षर हुए जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को बढाना तथा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आपसी विचारो का आदान प्रदान करना था|14 भारत द्वारा कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति की घोषणा राज्य मंत्री इ अहमद द्वारा 2012 घोषणा की गई थी| उनके अनुसार, “भारत की 'कनेक्ट सेंट्रल एशिया' नीति यूरेशियाई क्षेत्र के साथ संबंधों को गहन बनाने की हमारी समग्र नीति, चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों को सुदृढ़ बनाने की हमारी नीति तथा रूस के साथ हमारे पारंपरिक संबंधों को और विकसित करने की हमारी नीति के अनुसरण में होगी।”15
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में उज़्बेकिस्तान की यात्रा की तथा इस दौरान उन्होंने कहा कि, “हाल के वर्षों में, भारत और उज़्बेकिस्तान ने आपसी सम्मान और साझा हितों की नींव के आधार पर एक सामरिक भागीदारी बनाई है। इसमें आर्थिक सहयोग का विस्तार करना, आतंकवाद का मुकाबला करना, क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना शामिल है"|16 भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच तीन प्रकार के समझौते पर आम सहमति हुई, ये समझौते है; पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर अंतरसरकारी समझौता, दूसरा; Protocol on Cooperation तीसरा; Intergovernmental Programme of Cultural Cooperation for 2015-17|17 भारत और उजबेकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25 वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने की योजनाओ और दोनों के बीच द्विपक्षीय राजनयिक सम्बन्धो को गति प्रदान करने के लिए भारत-उजबेकिस्तान विदेश कार्यालय परामर्श की 13 वें दौर का आयोजन 23 मार्च, 2017 को किया गया|18भारत की SCO में पूर्ण सदस्यता का उज़्बेकिस्तान समर्थन करता है| उज़्बेकिस्तान भारत के लिए सयुंक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता का समर्थक देश रहा है|19
आर्थिक सम्बन्ध
सोवियत संघ के विघटन के बाद, भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच 1993 में व्यापारिक और आर्थिक सहयोग पर समझौता हुआ| इस समझौते के अंतर्गत (MFN) Most Favoured Nation Treatment को मानते हुए20, आर्थिक, वैज्ञानिक, और व्यापारिक सहयोग को बढावा देने पर विचार किया गया था, जिसके तहत भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार व सहयोग में बढोत्तरी हुई है| भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच Avoidance of Double Taxation पर 1993 में और द्विपक्षीय निवेश संवर्धन पर हस्ताक्षर 1999 में किया गया|21 इस प्रकार, भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन की ताशकंद यात्रा के दौरान 2006 में भारत की और Uzbekneftegaz के बीच चल रहे पश्चिमी उज़्बेकिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों के संयुक्त अन्वेषण और निवेश करने के लिए परियोजना का निर्माण हुआ| दोनो कंपनियों के बीच Memorandum of Cooperation पर हस्ताक्षर हुए| इस परियोजना के माध्यम से पश्चिमी भाग में एलजीपी बहुप्लांट का निर्माण पर कार्य किया जा रहा है| इस परियोजना की अनुमानित निवेश 50-60 मिलियन डॉलर तय की गयी|22
उज़्बेकिस्तान के पूर्व- राष्ट्रपति करीमोव की 2011 में भारत यात्रा के दौरान भारतीय तेल व प्राकृतिक निगम (ONGC) विदेश लिमिटेड (OVL) का उज़्बेकिस्तान की उज्बेनेफ्त्गाज़ के बीच द्विपक्षीय सम्बन्ध को आगे बढने के लिए “Long Term Strategic Partnership” पर समझौता हुआ|23 भारत उज़्बेकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बड़े निवेशकों में से एक है| 2011 में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच दो परियोजनाओं को किर्यान्वित किए जाने का प्रावधान रखा गया| पहली परियोजना143.7 मिलियन डॉलर के मूल्य से स्पैटेक्स इंडस्ट्रीज़ द्वारा वस्त्र उद्योग में कार्यान्वित है| दूसरी, मिंडा ग्रुप (Minda Group) द्वारा 25 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक अन्य परियोजना शुरू की गई जो ऑटोमोबाइल घटक उत्पादन में काम कर रही है।24
समग्र रूप से द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत रूप प्रदान करने के लिए दोनों देशो की वार्षिक बैठके आयोजित की जाती रही है, जैसे, भारत की वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा फोकस: सी आई एस प्रोग्राम की शुरुआत 2003- 2004 मे की गई| इस प्रोग्राम का उद्देश्य मध्य एशिया में भारत के निर्यात की क्षमता को बढाना और सीआईएस क्षेत्र के देशों के साथ भारत के व्यापार का दायरा बढ़ाने के लिए विभिन्न विकल्पों और परिकल्पनाओ का निर्माण करना है| इस कार्यक्रम में भारत सरकार और विभिन्न एजेंसियों के एकीकृत प्रयासों के माध्यम से सीआईएस क्षेत्र में भारत के निर्यात को बढ़ाने की परिकल्पना की गई है|
S.No. |
Year |
2011-2012 |
2012-2013 |
2013-2014 |
2014-2015 |
2015-2016 |
2016-2017 |
1. |
(निर्यात) |
89.39 |
124.90 |
114.07 |
170.44 |
94.64 |
109.22 |
2. |
(आयात) |
37.04 |
31.85 |
31.50 |
55.86 |
45.26 |
46.54 |
3. |
(कुल व्यापार) |
126.43 |
156.75 |
145.56 |
226.31 |
139.89 |
155.76 |
Import and export between India and Uzbekistan, (US $ Million)
source: http://commerce.nic.in/eidb/iecnt.asp
भारतीय उद्यमिता संस्था द्वारा 2015 में उज़बेक विदेश मंत्रालय के साथ मिल कर रोजगार केंद्र स्थापित किया गया |25 भारत के प्रधान मंत्री मोदी के अनुसार, "दोनों पक्षों में आर्थिक संबंधों के स्तर को बढ़ाने, उज़्बेकिस्तान में निवेश करने में भारतीय बिजनेस की अत्यधिक रुचि, भारतीय निवेश के लिए प्रक्रिया और नीतियों को और अधिक सुचारू बनाया जाए आदि पर राष्ट्रपति करीमोव द्वारा मेरे सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की|"26
भारत और उजबेकिस्तान के बीच निवेश सहयोग को बढ़ावा देने तथा उज़्बेकिस्तान में भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बनाने के लिए एसईजेड नवोई (SEZs Navoi), एंजरेन (Angren) और जिजाक (Jizzakh) को भी शामिल किया गया है| भारत का मध्य एशिया से सम्पर्क स्थापित करने का सब से अच्छा विकल्प बैंकिंग, बीमा, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और दवा उद्योग में संयुक्त उद्यम आदि हो सकते है| भारत द्वारा उज़्बेकिस्तान के साथ व्यापार सम्बन्ध बढने के लिए Principle of Inter Cooperation, पर आम सहमति से समझौता किया गया, भारत द्वारा प्रत्येक मध्य एशिया देशो के साथ Bilateral Investment Promotion Protection Agreement (BIPA) समझौता किया गया है|27
भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच मेडिकल टूरिज्म की मांग में वृद्धि हुई है| उज़्बेकिस्तान के मरीज की वरीयता का पहला विकल्प भारत है|28 भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच कम दूरी के कारण से भारत उज़्बेकिस्तान के मरीजों के लिए एक व्यवहार्य चिकित्सा पर्यटन स्थल बनता जा रहा है|29 फार्मास्युटिकल प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया, CIS क्षेत्रो में निर्यात को बढावा देने के लिए विभन्न गतिविधिओ, फार्मास्युटिकल खरीददार -विक्रेता सम्मेलनों का आयोजन आदि कर रही है| लेकिन CIS अभी तक भारत की कुल निर्यात में केवल 1.2% का हिस्सा रखता है| इस क्षेत्र में अधिक निवेश करने, आर्थिक और द्विपक्षीय व्यापार को तेज़ करने में सहयोग मिल सकता है|
सुरक्षा
अस्थिरता और असुरक्षा दो ऐसे घटक है जो किसी भी देश की विदेश नीति और राष्ट्रीय हित को प्रभावित करते है| इसी प्रकार मध्य एशिया में अशांति और अस्थिरता भारत की राष्ट्रीय हितो को प्रभावित करती है| अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और शांति की स्थापना के लिए भारत द्वारा पुनर्निर्माण अभियान के लिए आर्थिक सहायता और अफगान प्रशासनिक और सैन्य अधिकारिओ को ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 की यात्रा के दौरान, कहा कि, "दोनों पक्षों (भारत-उज़बेक) ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने का, इस क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए शांतिपूर्ण पुनर्निर्माण एवं पुनरूद्धार के लिए अफगानिस्तान के नेतृत्व में एक असली प्रक्रिया का समर्थन किया।"30
ड्रग्स व अफीम की तस्करी भारत और मध्य एशिया की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है जैसे फर्गाना घाटी ड्रग्स तस्करी के वितरण का केंद्र बन गया है|31 जिसको कई मार्गों से रूस और पश्चिमी दुनिया को किर्गिज़, उज्बेक और कजाखस्तान के माध्यम से पुनवितरित किया जाता है| इसने भारत के लिए एक गंभीर चिंता पैदा की है| भारत में इसका विस्तार उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान (north-west) तो दूसरी तरफ, म्यांमार,थाईलैंड, और मलेशिया (north-eastern) देशो के रास्तो से होता है|32
कनेक्टिविटी के स्तर
भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सीधी ज़मीनी कनेक्टिविटी का अभाव है| दोनों देशो के द्वारा इस समस्या का हल निकालने के लिए विभिन्न प्रकार के पारगमन (Transit corridors) परियोजनाओ के निर्माण करने की इच्छा व्यक्त की गई जैसे; International North-South Transport Corridor (INSTC) है| यह परियोजना मुंबई के साथ सेंट पीटर्सबर्ग और मास्को को ईरान के माध्यम से जोड़ेगा| इस परियोजना में South Caucasus ओर मध्य एशिया का भी एकीकरण किया गया है| भारत द्वारा 2000 में सामुद्रिक, रेल, और सड़क मार्ग की इस बड़ी परियोजना को रूस और ईरान के साथ मिल कर शुरू किया गया था| अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारा बनाने के लिए भारत, ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान और कजाखस्तान के साथ मल्टीमॉडल परिवहन समझौता करना चाहेगा जो कि मध्य एशिया और फारस की खाड़ी के बीच माल परिवाहन को सुविधा प्रदान करता है| INSTC के अंतर्गत कज़ख्स्तान –तुर्कमेनिस्तान-ईरान रेल लिंक और आर्मेनिया-ईरान रेलवे लिंक शामिल है|33
International North South Transport Corridor
source: http://www.idsa.in/system/files/issuebrief/instc.msroy180815.jpg
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी 2015 की यात्रा के दौरान INSTC प्रोजेक्ट को कार्यकारी रूप देने के लिए ज़ोर दिया गया था साथ ही, 2011 अश्गाबात समझौता जो कि उज़्बेकिस्तान-ईरान-तुर्कमेनिस्तान और ओमान के बीच हुआ था, में भारत को सम्मिलित करने की इच्छा जताई गई है|34
भारत के लिए जरुरी है कि मध्य एशिया से जुड़ने के लिए नये रास्तो का निर्माण किया जाए जैसे कि अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान पारगमन व्यापार समझौता (APTTA 2010) के साथ जुड़ने से इस क्षेत्र के साथ व्यापार बढानें में सहायता मिल सकती है| यदि भारत इस पारगमन समझौता से जुड़ जाता है तो भारत अपने व्यापारिक क्षेत्र का दायरा अफ़ग़ानिस्तान से बढा सकता है| भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में 5th Ministerial Conference of the Heart of Asia Istanbul Process 2015 की बैठक के दौरान कहा कि “हमने अफ़ग़ानिस्तान- पाकिस्तान व्यापार एवं पारगमन समझौते में शामिल होने की इच्छा को औपचारिक रूप से अभिव्यक्त किया है|”35 इस संधि से जुड़ने से भारत को सहज़ व निरंतरतायुक्त कनेक्टिविटी के माध्यम से अफ़ग़ानिस्तान व मध्य एशियाई देशो के साथ व्यापारिक संबंधो का विस्तार करने में मदद मिल सकती है|36 भारतीय उत्पादों को अफ़ग़ानिस्तान ट्रक के ज़रिए मध्य एशिया के बाजारों तक पहुचाया जा सकेगा| जिससे भारत अपने माल का आदान- प्रदान काफी सुगम रूप से कर पाएगा|37 यह भारत के लिए व्यवहार्य ढंग से माल पहुंचाने का एक प्रभावी मार्ग बन सकता है| लेकिन भारत की इस इच्छा पर पाकिस्तान द्वारा अभी तक स्वीकृति नहीं दी गयी है|
अफगानिस्तान एक ऐसा देश है जो भारत को मध्य एशिया से जोड़ने में एक वैकल्पिक मार्ग मुहैया कराता है| भारत ने अफ़ग़ान सड़क का निर्माण ज़रांज से देलाराम तक किया है इसकी मदद से अफगानिस्तान को अनुपलब्ध इलाकों में एक परिवहन गलियारे के लिए सक्षम बनाया जा सकेगा दूसरी ओर ईरान है जो भारत को मध्य एशिया से जोड़ने के लिए मार्ग मुहैया करता है जैसे; तुर्कमेनिस्तान रेल लिंक के जरिये ईरान भारत को मध्य एशिया के साथ व्यापार के लिए मार्ग प्रशस्त करता है|38
सांस्कृतिक आदान- प्रदान
भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सांस्कृतिक सम्बन्ध काफी समृद्ध रहे है| दोनों देशो के बीच सांस्कृतिक आदान- प्रदान, लोगो का लोगो से सम्पर्क (people to people contact) के माध्यम से द्विपक्षीय सम्बन्धो को मजबूती मिली की है| ताशकंद में 1995 भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की गई, 2005 में इसका नाम बदल कर लालबहादुर शास्त्री भारतीय सांस्कृतिक केंद्र रखा गया| इसके माध्यम से दोनों देशो के बीच सांस्कृतिक , भाषा, व्याख्यान आदि का आदान प्रदान करना, भारत सरकार के छात्रवृत्ति कार्यक्रमों का प्रबंध भारत की जीवन और सांस्कृतिक के बारे में जानकारी का प्रसार करना है|39 दोनों पक्षों ने 2015 की प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान 2015-2017 की अवधि के लिए एक नए सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर होने का स्वागत किया तथा सांस्कृतिक आदान- प्रदान को बढ़ाने के लिए इसके पूर्ण एवं समय पर कार्यान्वयन का आह्वान किया| उज़्बेकिस्तान 1993 में ITEC का सदस्य बना था, इसके इसके जरिये, उज़्बेकिस्तान के छात्रों को अपना कौशल बढाने के लिए भारत सरकार द्वारा ICCR की छात्रवृत्ति दी जाती है जो उन्हें उच्च शिक्षा के भारतीय संस्थानों में अध्ययन करने की सुविधा देता है|40
2006 में Jawaharlal Nehru India Uzbekistan Centre for Information Technology (JNUUICIT) को ताशकंद में स्थापित किया गया| 2011 में भारत और उज़्बेकिस्तान की संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच समझौता हुआ| जनवरी 2016 में भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In), भारत और सूचना- सुरक्षा केंद्र (India and Information Security Center) (ISC) का उज़्बेकिस्तान के साथ सहयोग करके साइबर सुरक्षा को ध्यान में रख कर समझौता किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य सहयोग की संभावना तलाशने और इंटरनेट पर सुरक्षा संबंधी घटनाओं की पहचान, रिज़ॉल्यूशन और निवारण में ज्ञान और अनुभव के क्षेत्र में आदान-प्रदान को बढना है|41दोनों देशो के पर्यटन के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है एवं भारतीय प्रधान मंत्री की 2015 की यात्रा के दौरान पर्यटन को द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटक माना गया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "मैं संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में किए गए समझौतों को लेकर खुश हूँ क्योंकि ये हमारे लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाएंगे" इस प्रकार यह कहा जा सकता है, की भारत और उज़्बेकिस्तान में सांस्कृतिक सहयोग के माध्यम से द्विपक्षीय सम्बन्धो मजबूत किया जा रहा है|
बहुपक्षीय स्तर
भारत और उज़्बेकिस्तान बहुपक्षीय क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे है, जैसे SCO (शंघाई सहयोग संगठन) CICA (Conference on interaction and confidence building measurement in Asia)| शंघाई सहयोग संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा तथा आर्थिक सहयोग के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है| भारत 2005 से ही इस समूह का पर्यवेक्षक सदस्य रहा है अब भारत का SCO, 2017 में कजाखस्तान (अस्ताना) बैठक में पूर्ण सदस्य बन गया है| SCO एक प्रकार से भारत और मध्य एशिया के बीच एक सेतू का कार्य करेगा| SCO में भारत को शामिल करने से एशियाई सदी की अपेक्षाओ को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढने में मदद मिलेगी|42 2016 SCO सम्मेलन में भारतीय प्रधान मंत्री मोदी के अनुसार भारत की एससीओ (SCO) मे सदस्यता, SCO को एक ऐसा क्षेत्र बनाने में मददगार सिद्ध होगी जो कि विश्व के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, आंतरिक रूप से सुरक्षित और स्थिर होगा और जो पूरे विश्व से मजबूती से जुड़ा होगा।43
अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और शांति से मध्य एशिया और भारत के बीच आर्थिक और राजनीति विकास अधिक तेज़ हो सकेगा | यह पहल SCO के माध्यम से की जा सकती है| दूसरी तरफ, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद में वृद्धि से चिंतित है, SCO इस समस्या को ख़त्म करने में सहायक हो सकता है जैसे RATS (शंघाई सहयोग संगठन का क्षेत्रीय आतंक- विरोधी ढांचा) इस क्षेत्र में साझी समस्या से निपटने के लिए सूचना साझा करने में मंच प्रदान कर सकता है|44
उज़्बेकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में एक प्रभावी योगदान दिया जा रहा है, जैसे, उज़बेक-अफ़ग़ान सीमा पुल का निर्माण, उज़्बेकिस्तान से काबुल को नई बिजली लाइन शुरू करना आदि|45 भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार अफ़ग़ानिस्तान में भी है| अफ़ग़ानिस्तान में बिज़ली की आपूर्ति के लिए भारत द्वारा निर्मित पारेषण नेटवर्क और उज़्बेकिस्तान के पॉवर प्लांट (बिजली) को अंतिम रूप दिया गया है|46
मध्य एशिया क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (CAREC) भारत के लिए एक अच्छा विकल्प बन सकता है| यादि भारत इस संगठन से जुड़ने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त करता है तो भारत इसके ग्यारह सदस्यों देशो (अफगानिस्तान, अज़रबैजान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, चीन, जॉर्जिया, कजाखस्तान, मोंगोलिया और किर्गिस्तान) के साथ मिल बहुपक्षीय व द्विपक्षीय स्तर पर आर्थिक विकास और ऊर्जा की आपूर्ति की मांग को पूरी करने साथ- साथ विभिन्न क्षेत्रो में विकास कर सकेगा, जिससे मध्य एशिया के साथ जुड़ने का भी मार्ग प्रशस्त हो सकेगा|
निष्कर्ष
प्राचीन रेशम मार्ग तथा मुग़ल सम्राज्य के समय से ही भारत और उज़्बेकिस्तान द्विपक्षीय संबंधो का आंनंद उठाते आए है| उज़्बेकिस्तान भारत का मित्र रहा है इसलिए इस क्षेत्र के साथ भारत के सम्पर्क और भारत की मध्य एशिया सम्पर्क नीति में इस देश को प्रथमिकता दी जाती है| दोनों देश आपसी सहयोग से राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधो को मजबूत कर रहे है| भारत को उज़्बेकिस्तान के साथ उच्च स्तरीय राजनीतिक दौरे नियमित अन्तराल पर किए जाने चाहिए| भारत की मध्य एशिया सम्पर्क नीति को कारगर बनाने के लिए आधिकारिक चर्चा और द्विपक्षीय समझौतों के अंतर्गत व्यापार के नए विकल्पों, लोगों से लोगों के संबंधों का विस्तार पर पारस्परिक सहयोग किया जाना चाहिए| दोनों देश अफ़ग़ानिस्तान में शांति, आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग्स तस्करी, व साइबर क्राइम जैसी चुनौतियो का मिल कर सामना करने के लिए सहयोग बढा सकते है| दोनों देशो के लिए अनिवार्य है कि वह अपने परिप्रेक्ष्य व आपसी समझ को बढायें तथा अपने परिचालन क्षेत्र को व्यापक बनाये|
उज़्बेकिस्तान तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार के कारण विश्व को अपनी और आकर्षित करता है और ऊर्जा भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू बनता जा रहा है| उज़्बेकिस्तान भारत की ऊर्जा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा सकता है| ऐसे में भारत को तेल और गैस भण्डारो वाले देशो के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संबंधो को मजबूती प्रदान करने की आवश्कता है| ऊर्जा के क्षेत्र में नए स्रोत और निवेश को बढावा दिया जाना चाहिए| भारत के समक्ष चुनौतिया तो है पर भारत इन सब से निबटने के लिए अच्छी स्थिति में है|
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* लेखिका इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स, नई दिल्ली में शोध प्रशिक्षु हैं।
डिस्क्लेमर: आलेख में दिये गए विचार लेखिका के मौलिक विचार हैं और काउंसिल के विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करते।
End Notes
1 किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में हाइड्रोकार्बन संसाधन का अभाव है| और वे ऊर्जा की आपूर्ति के लिए उज़्बेकिस्तान और कज़ाख़्स्तान पर निर्भर रहे है| साथ ही अपस्ट्रीम देश होने के कारण वे जल संसाधनों से समृद्ध है| और डाउनस्ट्रीम देशो उज़्बेकिस्तान और कज़ाख़्स्तान की जल सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करते है| ये जल दो नदी सिर दरया और अमु दरया से आता है| ऊर्जा और जल के मामले में मध्य एशिया में क्षेत्रीय सहयोग में कमी के कारण, खासकर ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के बीच, इसने संघर्षो को
कुछ बढावा दिया है| अपस्ट्रीम उज्बेकिस्तान को पानी नहीं मिलने से उसकी कृषि को प्रभावित कर रहे है| तथा साथ ही मौको पर जल संकट खड़ा कर रहे है| see also Khan, N (2016), India and Central Asia: Geopolitics, economic and culture", Delhi: Primus Books.
2 अंदिजन नरसंहार (2005) उज़्बेकिस्तान के अंदिजन शहर में राष्ट्रपति के खिलाफ अदोंलन चला था जिसका उदेश्य करीमोव की सत्ता चुनौती देना था| लेकिन बदले में करीमोव द्वारा निहत्थे लोगो पर अंधाधुन्द गोलिया बरसाई गयी थी जिसमे हजारो लोगो, महिलांए, बच्चे, आदि मरे गये थे| उज़्बेकिस्तान सरकार द्वारा इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की गयी थी| see also Online: Web, accessed on 28 February 2017, http://www|aljazeera|com/indepth/features/2015/05/150511123115026|html.
1Embassy of India Tashkent, Uzbekistan, " India-Uzbekistan Relations", Online: Web, Accessed on 28 February 2017, http://eoi|gov|in/tashkent/?2615?000
2 Khan, N. (2014), “India Uzbekistan Relation: Past History And Present Relation”, International Journal of Multidisciplinary Research and Development, Studies Jamia Millia Islamia (Central University) New Delhi-110025 1(1): 56-59.
3 Embassy of Uzbekistan in New Delhi, “Demographic Details”, Online: Web, 26 February 2017 URL: http://www.uzbekembassy.in/about-uzbekistan/demographic-details/
4 Embassy of Uzbekistan in New Delhi, “Demographic Details”, Online: Web, 26 February 2017 URL: http://www.uzbekembassy.in/about-uzbekistan/demographic-details/
5ibid
6 The Government portal of the Republic of Uzbekistan, “History of Uzbekistan”, Online: Web, 28 February 2017, https://www.gov.uz/en/pages/historical_heritage
7 Asian Development Bank , Uzbekistan economy , Online web , accessed on 28 February 2017, URL: https://www.adb.org/countries/uzbekistan/economy
8The Observatory of Economic Complexity (OEC), Economic Complexity of Uzbekistan, Online: Web, 28 February 2017, http://atlas.media.mit.edu/en/profile/country/uzb/#Exports
9 The Central Election Commission of Republic of Uzbekistan, "Presidential Election Results Announced on 9 December 2016", Online: Web, accessed on 1 March 2017, http://www|elections|uz/en/events/news/45267/
10 International Crisis Group (2016), “Uzbekistan: In Transition” : Bishkek
11 Safranchuk, I (2016), " Challenges for Uzbekistan's New president: Border conflicts and the Islam's underground", Valadai: discussion club, Uzbekistan, Online: Web, 28 February 2017, http://valdaiclub|com/a/highlights/challenges-for-uzbekistan-s-new-president/
12Embassy of India, Tashkent, “India-Uzbekistan Relations”, Online: Web, accessed on 3 March 2017, URL: http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Uzbekistan_July_2016.pdf
13 Ministry of External Affairs Government of India, "Remarks by Prime Minister Dr| Manmohan Singh at the inauguration of Jawaharlal Nehru India-Uzbekistan Centre for Information Technology, April 26, 2006", online: web, accessed on 2 February 2017, https://www|mea|gov|in/Speeches-Statements|htm?dtl/2177/remarks+by+prime+minister+dr+manmohan+singh+at+the+inauguration+of+jawaharlal+nehru+indiauzbekistan+centre+for+information+technology
14 Embassy of India, Tashkent, “Visit of Uzbek President H.E. Mr. Islam Karimov to India May 2011”, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://eoi.gov.in/tashkent/?2385?001
15 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, “प्रथम भारत-मध्य एशिया संवाद में विदेश राज्य मंत्री श्री ई-अहमद का बीज व्याख्यान, जून 12,2012”,http://www.mea.gov.in/SpeechesStatementshi.htm?dtl/19791/Keynote+address+by+MOS+Shri+E+Ahamed+at+First+IndiaCentral+Asia+Dialogue
16 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, “उजबेकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया वक्तव्य, जुलाई 06, 2015, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements-hi.htm?dtl/25430/media+statement+by+the+prime+minister+during+his+visit+to+uzbekistan
17 Ministry of External Affairs, Government of India," List of Agreements signed during the Visit of Prime Minister to Uzbekistan (6-7 July, 2015), https://www.mea.gov.in/bilateraldocuments.htm?dtl/25433/list+of+agreements+signed+during+the+visit+of+prime+minister+to+uzbekistan+67+july+2015
18 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, भारत-उजबेकिस्तान विदेश कार्यालय परामर्श, मार्च 23, 2017, Online: Web, accessed on 20 मार्च 2017 http://www.mea.gov.in/press-releases-hi.htm?dtl/28210/indiauzbekistan+foreign+office+consultations
19 ICWA (2015) Year End Review 2015 , “Annual Report on the Developments in the Field of Foreign Affairs, Internal Security, Economic Policy, Defence, Commerce and Finance” :New Delhi.
20 Ministry of External Affairs, Government of India, "India –Uzbekistan Bilateral Relations", 7 March 2017, http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Uzbekistan_July_2016.pdf
21 Ministry of External Affairs, Government of India, "India –Uzbekistan Bilateral Relations", 7 March 2017, http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Uzbekistan_July_2016.pdf
22 Richa Mishra, “GAIL to set up LPG plants in Uzbekistan”, Business Line May 2, 2006, , Online: Web, accessed on 8 March 2017, http://www.thehindubusinessline.com/todays-paper/tp-corporate/gail-to-set-up-lpg-plants-in-uzbekistan/article1732491.ece
23 Embassy of India Tashkent, Uzbekistan, “Visit of Uzbek President H.E. Mr. Islam Karimov to India May 2011”, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://eoi.gov.in/tashkent/?2385?004
24 Inagmov, S. (2012)," Uzbekistan-India: 20 Yrs of Diplomatic Relations", March 12, 2012, New Delhi, Online: Web, accessed on 8 March 2017, http://www.thesundayindian.com/en/story/uzbekistan-india-20-yrs-of-diplomatic-relations/117/31427/
25 Kuchins, A & al. (2015), "Central Asia in a Reconnecting Eurasia: Uzbekistan's Evolving Foreign Economic and Security Interest", CSIS, Rowman & Littlefeld, New York: Landon.
26 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, “उजबेकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया वक्तव्य, जुलाई 06, 2015, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements-hi.htm?dtl/25430/media+statement+by+the+prime+minister+during+his+visit+to+uzbekistan
27 Attri, A. (2010), "India and Central Asia Republics", Regal Publications: New Delhi.
28 Siddiqui, O. (2014), "Fostering stronger ties with Uzbekistan through medical tourism India", Online: web accessed on 27 March 2017 http://medicureassist.com/fostering-stronger-ties-uzbekistan-medical-tourism-india/
29Ibid
30 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, “उजबेकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया वक्तव्य, जुलाई 06, 2015, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements-hi.htm?dtl/25430/media+statement+by+the+prime+minister+during+his+visit+to+uzbekistan
31 Santhanam, K. & Dwivedi, B (2004), “India and Central Asia: Advancing Common Interest”, Anamata Publisher: New Delhi.
32 Roy, M. (2010), Afghanistan and Regional Strategy: the India Factor, in book of Larlene, M & al, (eds.) (2010) China and India In central Asia: Anew Great Game, Palgrave Macmillan: US
33 Roy, M (2012), North-South Corridor:Prospects And Challenges For India, in the book Warikoo (ed.), Central Asia and South Asia: Energy Cooperation and Transport Linkages, Pentagon Press: New Delhi.
34 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, “उजबेकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मीडिया वक्तव्य, जुलाई 06, 2015, Online: Web, accessed on 3 March 2017, http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements-hi.htm?dtl/25430/media+statement+by+the+prime+minister+during+his+visit+to+uzbekistan
35 हार्ट आफ एशिया – इस्तांबुल प्रक्रिया के पांचवें मंत्री स्तरीय सम्मेलन में विदेश मंत्री द्वारा वक्तव्य (09 दिसंबर, 2015), Online: Web, 26 February 2017 URL: http://mea.gov.in/Speeches-Statements-hi.htm?dtl/26131
36 Nayanima Basu (2015), India wants to be included inAfghanistan-Pakistan trade pact, Business Line, December 21, 2015, Accessed on 7 March 2017, http://www.thehindubusinessline.com/economy/macro-economy/india-wants-to-be-included-inafghanistanpakistan-trade-pact/article8014712.ece
37 अतहर जफ़र, (2014), "भारत और शंघाई सहयोग संगठन : सांझी सम्पनता हेतु बढता सहयोग", इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स: नई देल्ली.
38 Patnaik, A (2011), "Framing Indo- Central Asian Relations, 1990s-2000s", in Mapping Central Asia: Indian Perceptions and Strategies, Laruelle, M & Peyrouse, S. (eds.) England: Ashgate Publishing Limited.
39 Ministry of External Affairs, Government of India, "India –Uzbekistan Bilateral Relations", 7 March 2017, http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Uzbekistan_July_2016.pdf
40 Embassy of Uzbekistan in New Delhi, About Uzbekistan, Online: Web, 26 February 2017 URL: http://www.uzbekembassy.in/about_uzbekistan/indo_uzbek_relation/indo_uzbekrelation.htm
41 Ministry of Electronics & Information Technology, Government of India, Online: Web, 26 February 2017 URL http://meity.gov.in/content/country-wise-status
42 अतहर जफ़र, (2014), "भारत और शंघाई सहयोग संगठन : सांझी सम्पनता हेतु बढता सहयोग", इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स: नई देल्ली.
43 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन मे प्रधानमंत्री का भाषण ,जून 24, 2016,Online: Web, accessed on 15 March 2017, http://www.mea.gov.in/outoging-visit-detail-hi.htm?26948/Speech+by+Prime+Minister+at+SCO+Summit+June+24+2016
44 अतहर जफ़र (2014 ), भारत और शंघाई सहयोग संगठन: सांझी सम्पनता हेतु बढता सहयोग", इंडिया काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स, नई दिल्ली
45 Ministry of Foreign Affairs of the Republic of the Uzbekistan, "Cooperation of Uzbekistan with the UN",Online: Web, Accessed on 14 March 2017, http://www.mfa.uz/en/cooperation/international/1170/
46 Joshi, N. (2010), Reconnecting India and Central Asia: Emerging Security and Economic Dimensions, Central Asia-Caucasus Institute & Silk Road Studies Program: Singapore.