हिंदी में मूल मोनोग्राफ पर आईसीडब्ल्यूए की योजना
(परिशोधित/संशोधित दिशा निर्देश)
- आईसीडब्ल्यूए के बाहर सम्पूर्ण भारत में निष्पादित किये जाने वाले कार्यक्रम के भाग के रूप में, यह योजना साधारणतः विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति तथा विशेषतः भारत की विदेश नीति के विभिन्न विषयों पर हिंदी में गुणवत्ता पूर्ण शोध तथा प्रकाशन को प्रोत्साहित एवं उन्नत करने के लिए प्रारंभ की गयी. यद्यपि अन्य महत्वपूर्ण विषय भी अनुमोदित किये जा सकते है.
- इस योजना का उद्देश्य युवा शोधार्थियों तथा संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित करना है कि वे अपनी भाषा में लिखे जिससे कि साहित्य सम्रद्ध होगा एवं विषय को मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सकेगा | इन मोनोग्राफों का प्रकाशन एक लेखक या दो लेखकों द्वारा किया जा सकता है. क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के युवा शोधार्थी (एम् ए, एम् फिल, पीएचडी), सहायक प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर मूलतः लेखक होंगे तथा वरिष्ठ प्रोफेसर/शोधार्थी इसके समीक्षा समूह में शामिल होंगे. मोनोग्राफ का विमोचन विदेश नीति जागरूकता योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रम के दौरान होगा.
- इस प्रबंध/मोनोग्राफ में कम से कम ३०,००० शब्द स्पष्ट रूप से टंकित रूप में होने चाहिए (इसमें प्रस्तावना, आभार, संदर्भ सूची, फुटनोट तह एंडनोट शामिल नहीं है) और यह एक वर्ष की समयावधि में पूरा होना चाहिए, शुरुआत में यह केवल हिंदी भाषा में होगा.
- वरीयता के तौर पर दक्षिण एशिया क्षेत्र या इकाई देशों के रूप में पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्री लंका, मालदीव, भूटान इत्यादि पडोसी देशो के सम्बन्ध शामिल होंगे. मोनोग्राफ का प्रस्ताव पुस्तक प्रस्ताव के समान ही होगा, यह आईसीडब्ल्यूए की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
- उपयुक्त प्रस्ताव के स्वीकार होने के बाद वित्तीय सहायता के तौर पर मूल लेखक को अधिकतम एक लाख रूपये की धनराशि दी जाएगी, एक से अधिक लेखक होने पर इसी अनुपात में यह राशि उनमे बंट जायेगी. ग्रन्थ की समीक्षा के लिए वरिष्ठ प्रोफेसर को १०, ००० रूपये की धनराशि दी जायेगी.
- जारी की गयी धनराशि का एक हिस्सा सम्पूर्ण प्रबंध/मोनोग्राफ के जमा करने पर दी जायेगी तथा शेष राशि मोनोग्राफ के प्रकाशित होने के बाद दी जायेगी. दो लेखक होने पर धनराशि समान रूप से बांटी जायेगी. मोनोग्राफ के प्रकाशन पर होने वाले व्यय का वहन आईसीडब्ल्यूए करेगी.
- मोनोग्राफ के कोपिराइट/सर्वाधिकार परिषद् के पास रहेंगे. लेखक/कों को परिषद् के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे. इसके तहत प्रस्ताव के लिए एक बार अनुदान स्वीकृत होने के बाद प्रस्तावित मोनोग्राफ की संलग्नता अन्य संस्थान/विश्वविद्यालय/थिंक टेंक के साथ नहीं मानी जाएगी, यह लेखक का मौलिक कार्य होगा तथा यह अन्य किसी भाषा में किसी भी मोनोग्राफ/पुस्तक का अनुवाद नहीं होगा.
- इस योजना के अनुरूप रूचि जो रखते है वे आमंत्रित है तथा स्वलिखित प्रस्ताव निम्नलिखित पर भेज सकते है:
उपमहानिदेशक कार्यालय,
विश्व मामलों की भारतीय परिषद्,
सप्रू हाउस, बाराखम्बा रोड,
नई दिल्ली – ११०००१
दूरभाष नं – २३३१०६३६
ईमेल आईडी- ddgoffice[at]icwa[dot]in
ICWA Scheme on original monographs in Hindi
(Revised Guidelines)
- As a part of ICWA’s outreach programme across India, the scheme has been started to promote quality research and publications in Hindi on various themes of foreign policy and international politics in general and India’s foreign policy in particular. However, other topics of importance can be considered.
- The objective is to encourage bright young scholars and faculty members to write in their language to enrich the literature and join the mainstream discourse on the subjects. These monographs will be single or co-authored publications. A young scholar (MA/M.Phil/PhD), Assistant Professors or Associate Professors from regional universities or colleges will be the principal author and a senior Professor/ scholar will be associated to do the peer review. The monograph will be released at an event organised under Foreign Policy Awareness Scheme.
- The script is expected to be at least 30,000 neatly typed words (excluding acknowledgements, bibliography and footnotes/endnotes) and be completed in one year time. Initially the languages to be covered would be only Hindi.
- The priority areas include South Asia as region or relations with individual countries from the neighbours like, Pakistan, Nepal, Sri Lanka, Bangladesh, Bhutan etc. The template for the Monograph proposal should be similar to Book Proposal listed at ICWA website.
- On acceptance of a suitable proposal, financial support up to maximum of Rs. One Lakh will be given to the principal author or divided equally between two or more authors , and up to Rs. 10,000/- to the Senior Professor for anonymous peer review.
- A part of the sanctioned amount will be given on submission of the complete manuscript and the remaining amount will be released on publication of the Monograph. In case of two authors the amount would be divided equally .The expenditure on publication of monographs will be met by ICWA.
- The copyright of the Monograph would rest with the Council. The author/s would have to sign an agreement with ICWA, once approval is granted for the proposal that the proposed Monograph is not under consideration with any other institute/university /think tank. It is an original work undertaken by the author/s and is not a translated version of any other book/monograph in any other language.
- Those interested in availing themselves of the Scheme are invited to send a self contained proposal to the following:
DDG Office,
Indian Council of World Affairs,
Sapru House, Barakhamba Road,
New Delhi- 110001,
Telephone No. 23310636,
E-mail ID: ddgoffice[at]icwa[dot]in